पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना – भारत की सबसे बड़ी रूफटॉप सौर पहल
भारत तेजी से स्वच्छ और हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर हो रहा है। इस दिशा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई “पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSGMY)” एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रही है।
इस योजना का उद्देश्य देश के 1 करोड़ आवासीय घरों को रूफटॉप सोलर सिस्टम के माध्यम से मुफ्त बिजली प्रदान करना है, जिससे न केवल आम नागरिकों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा बल्कि पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता भी कम होगी।
यह योजना 13 फरवरी 2024 को शुरू की गई थी और 10 मार्च 2025 तक 10.09 लाख घरों में रूफटॉप सोलर इंस्टॉल हो चुके हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू सौर ऊर्जा पहल है, जो भारत को स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पीएम सूर्य घर योजना का उद्देश्य और महत्व
पीएम सूर्य घर योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना और लोगों को बिजली उत्पादक बनने के लिए सशक्त बनाना है। इस पहल से पर्यावरण को भी जबरदस्त लाभ मिलेगा, क्योंकि यह प्रत्येक घर के लिए 100 पेड़ लगाने के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है।
पीएम सूर्य घर की योजना के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं, जैसे:
1. निःशुल्क या कम लागत में बिजली उत्पादन – रूफटॉप सोलर से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचा भी जा सकता है।
2. बिजली बिलों में कटौती – एक बार सिस्टम इंस्टॉल करने के बाद, बिजली की लागत काफी हद तक कम हो जाती है।
3. पर्यावरणीय लाभ – कार्बन उत्सर्जन कम होने से जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद मिलेगी।
4. रोजगार सृजन – सौर ऊर्जा से जुड़े कार्यों में कुशल श्रमिकों की मांग बढ़ेगी, जिससे नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

पीएम सूर्य घर की योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी और प्रोत्साहन
इस योजना को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। अब तक 47.3 लाख आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 6.13 लाख लाभार्थियों को सब्सिडी मिल चुकी है। इस पर सरकार ने ₹4,770 करोड़ की सब्सिडी जारी की है।
सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित और ऑनलाइन है, जो www.pmsuryaghar.gov.in पर उपलब्ध है। आवेदन करने से लेकर विक्रेता चयन और सब्सिडी प्राप्ति तक का पूरा प्रोसेस डिजिटल है।
पीएम सूर्य घर सब्सिडी की मुख्य विशेषताएं
3 किलोवाट तक की रूफटॉप सोलर प्रणाली के लिए ₹78,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है।
सब्सिडी रशि 15 दिनों के भीतर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा कर दी जाती है।
इसके अलावा, 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) 6.75% की रियायती ब्याज दर पर ₹2 लाख तक का बिना जमानत का लोन भी प्रदान कर रहे हैं।
3 किलोवाट क्षमता की रूफटॉप सोलर प्रणाली को केवल ₹15,000 के निवेश से स्थापित किया जा सकता है, जिससे अगले 25 वर्षों में ₹15 लाख तक का रिटर्न मिल सकता है।
लोन आवेदन प्रक्रिया भी पूरी तरह से ऑनलाइन और ऑटोमैटेड है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
अब तक 3.10 लाख लोन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1.58 लाख लोन स्वीकृत और 1.28 लाख लोन वितरित किए जा चुके हैं। यह बताता है कि सरकार इस योजना के क्रियान्वयन में कितनी सक्रिय है।
योजना की प्रगति और राज्यों में सफलता
देशभर में यह योजना तेजी से लागू की जा रही है। चंडीगढ़ और दमन और दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने सरकारी भवनों में 100% रूफटॉप सोलर इंस्टॉल कर लिया है।
इसके अलावा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और कुल इंस्टॉलेशन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सरकार 2026-27 तक इस योजना के तहत 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर लगाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
भारत के रूफटॉप सोलर सेक्टर को आगे बढ़ाने की योजना
इस योजना का कुल बजट ₹75,021 करोड़ है। सरकार इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर रही है ताकि बिना किसी परेशानी के ऋण उपलब्ध कराया जा सके।
हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शीर्ष बैंकरों के साथ बैठक की, जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा हुई:
निम्न ब्याज दरों पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
नवाचार आधारित वित्तपोषण मॉडल तैयार करना।
वैश्विक जलवायु निधियों तक पहुंच को आसान बनाना।
नई तकनीकों के लिए बेहतर जोखिम-साझाकरण तंत्र विकसित करना।
इस बैठक में सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करने और हरित वित्तीय उपकरणों के विस्तार पर भी बल दिया।
सरकारी भवनों और उद्योगों में रूफटॉप सोलर का विस्तार
सरकार इस योजना को सार्वजनिक भवनों और वाणिज्यिक-औद्योगिक क्षेत्रों तक भी विस्तारित कर रही है। इससे सरकारी दफ्तरों की ऊर्जा लागत घटेगी और यह बाकी सेक्टरों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा।
“मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह योजना “मेक इन इंडिया” पहल को भी बढ़ावा दे रही है। इसमें केवल भारत में निर्मित सौर मॉड्यूल और सेल के उपयोग को अनिवार्य किया गया है।
अब तक, इस योजना ने 3 गीगावॉट से अधिक सौर क्षमता स्थापित करने में मदद की है, और सरकार का लक्ष्य मार्च 2027 तक 27 गीगावॉट अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का है।
यह पहल न केवल सौर ऊर्जा उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगी बल्कि नवीन तकनीकों के विकास को भी प्रोत्साहित करेगी।
योजना के त्वरित कार्यान्वयन की दिशा में प्रयास
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के मार्गदर्शन में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) इस योजना के तेजी से क्रियान्वयन और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रयास कर रहा है।
बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास
सब्सिडी वितरण की सुगम प्रक्रिया
लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान
पीएम सूर्य घर योजना जनता और सरकार दोनों से अपार समर्थन प्राप्त कर रही है, जिससे यह भारत को एक स्वच्छ, हरित और ऊर्जा-सुरक्षित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
निष्कर्ष
“पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना” भारत के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। यह न केवल सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर रही है बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर बना रही है।
सरकार की यह पहल पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक लाभ और ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यदि यह योजना अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होती है, तो भारत दुनिया में रूफटॉप सौर ऊर्जा क्रांति का अगुआ बन सकता है।