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Latest Current Affairs 2025: पहला लोकपाल स्थापना दिवस समारोह, स्वामित्व योजना की बड़ी उपलब्धि, केंद्रीय मंत्री मंडल से ISRO के तीसरे लांच पैड को मिली मंजूरी.

लोकपाल का पहला स्थापना दिवस समारोह

परिचय: भारत के लोकपाल का पहला स्थापना दिवस समारोह का आयोजन 16 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में हुआ.

मुख्य अतिथि: इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री संजीव खन्ना

उद्देश्य: इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोकपाल संस्था की स्थापना और उसके उद्देश्यों का उत्सव मनाना था.

लोकपाल
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समारोह का उद्देश्य: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 का उद्देश्य सार्वजनिक पदाधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार की जांच करना और भ्रष्टाचार की जांच के लिए पारदर्शिता को सुनिश्चित करना. Click here…

लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 का परिचय: यह अधिनियम 16 जनवरी 2014 को लागू हुआ था

मुख्य प्रावधान: लोकपाल एक उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार विरोधी संस्था है जो केंद्र सरकार के लोक सेवकों के खिलाफ शिकायत की जांच करता है
इस संस्था में एक अध्यक्ष और अधिकतम 8 सदस्य होते हैं जिनमें से आधे न्यायिक पृष्ठभूमि से होते हैं.

स्वामित्व योजना के तहत 2025 में क्या होने वाला है खास?

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 18 जनवरी 2025 को कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवो में लगभग 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे.

भारत सरकार का यह कदम ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा

स्वामित्व योजना की प्रमुख उपलब्धियां

1. ड्रोन सर्वेक्षण की प्रगति- स्वामित्व योजना के तहत देशभर के 3.17 लाख गांवो में ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है जिसमें मुख्य रूप से हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य ने 100% प्रतिशत ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा किया है.

2. संपत्ति कार्डों का वितरण- स्वामित्व योजना के तहत कुल 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं जिनमें से एक ही दिन में लगभग 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए गए जोकि एक बहुत बड़ी संख्या है.

3. आर्थिक मूल्यांकन- कुल 67,000 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण आबादी की भूमि का सर्वेक्षण किया जाएगा जिसका मूल्यांकन 132 लाख करोड रुपए हैं.

इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा में तीसरे लांच पैड (TLP) की स्थापना

परिचय-
* इसकी घोषणा- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा में तीसरे लॉन्च पैड ( TLP ) की स्थापना को मंजूरी दी है.

* महत्व- यह लॉन्च पैड नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकलs (NGLV) और भविष्य में होने वाले मानव अंतरिक्ष मिशनों को समर्थन देगा इसी के साथ यह लॉन्च पैड LVM-3 लॉन्च को भी बढ़ावा देगा. Read more…

इसके लिए आवंटित धनराशि

* कुल बजट राशि- 3,984.86 करोड रुपए

•समय अवधि- 48 महीने अर्थात 4 वर्ष

मुख्य बिंदु

1. तीसरे लॉन्च पैड की आवश्यकता

• लगातार बढ़ रही लॉन्च मांग- इसरो की बढ़ती लॉन्च आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक अतिरिक्त लॉन्च पैड की आवश्यकता है.

* लॉन्च विफलताओं की संभावनाओं को कम करना- तीसरे लॉन्च पैड की स्थापना होने से काफी हद तक लॉन्च विफलताएं कम होने की संभावना है.

* नए मिशनों का समर्थन- भविष्य के जटिल मिशनों जैसे मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक अलग और विशेष लॉन्च सुविधाओं की आवश्यकता है.

2. लॉन्च पैड की विशेषताएं

* अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी- नए लांच पैड में नवीनतम तकनीकी सुविधाएं होगी जो लिफ्ट ऑफ और लॉन्च प्रक्रिया को सुगम बनाएगी-.

• उन्नत सुरक्षा उपाय- तीसरे लॉन्च पैड (TLP) पर सुरक्षा के उन्नत उपाय होंगे जो लॉन्चिंग के दौरान जोखिमों को कम करने का काम करेंगे.

* पर्यावरण संरक्षण-तीसरे लॉन्च पैड (TLP) की डिजाइन में पर्यावरण संरक्षण मानकों को फॉलो किया जाएगा जिससे इसके लांच होने पर पर्यावरण की क्षति न हो.

3. लॉन्च व्हीकल्स

•LVM-3 (GSLV Mk-III) – LVM-3 (GSLV Mk-III) इसरो का वर्तमान में सबसे शक्तिशाली लॉन्च व्हीकल है जिसको उपयोग भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने में किया जाता है.

* नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV) – भविष्य में होने वाले मिशन के लिए डिजाइन किए गए ये व्हीकल्स अधिक उन्नत और उच्च भार वहन क्षमता वाले होंगे.

4. मानव अंतरिक्ष उड़ाने

* गगनयान मिशन– गगनयान मिशन भारत का ऐसा पहला अंतरिक्ष मिशन होगा जिसमें पहली बार तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा.

•तीसरे लॉन्च पैड (TLP) की भूमिका- गगनयान और अन्य अंतरिक्ष उड़ानों के लिए,TLP एक बहुत महत्वपूर्ण साइट होगी जो मानव युक्त अंतरिक्ष मिशनों को अनुकूल बनाएगी.

5. आर्थिक एवं तकनीकी लाभ

* आत्मनिर्भरता- TLP के साथ भारत अंतरिक्ष प्रक्षेपण के अधिक आत्मनिर्भर बनेगा जिसे वर्तमान में हो रही विदेशी लॉन्च निर्भरता को कम किया जाएगा.

* राजस्व सर्जन- बढ़ती लॉन्च क्षमताओं से भारत अधिक विदेशी उपग्रहo को प्रक्षेपित कर सकेगा जिससे राजस्व में अच्छी खासी वृद्धि होगी.

* तकनीकी उन्नति- लांच पैड के निर्माण एवं संचालन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जिसे तकनीकी क्षमताओं में सुधार होगा.

6. वैज्ञानिक और सामरिक महत्व

* अंतरिक्ष अनुसंधान- तीसरे लॉन्च पैड (TLP) से अधिक मिशनों के प्रक्षेपण से भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में नई दिशा मिलेगी.

* राष्ट्रीय सुरक्षा- उन्नत लॉन्च क्षमताएं भारत की रक्षा और सुरक्षा को सुदृढ़ बनाएगी.

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