2030 राष्ट्रमंडल खेल: भारत के लिए सुनहरा मौका या सबसे बड़ी चुनौती?
2030 राष्ट्रमंडल खेल: भारत ने औपचारिक रूप से 2030 राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2030) की मेज़बानी के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। यह कदम भारतीय खेल जगत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर हो सकता है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और गुजरात सरकार के सहयोग से यह बोली लगाई गई है, जिसमें अहमदाबाद को मुख्य आयोजन स्थल के रूप में प्रस्तावित किया गया है।
अगर भारत इस दावेदारी में सफल होता है, तो यह देश के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में एक बड़ी उपलब्धि होगी और 2010 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों के बाद दूसरी बार भारत इस प्रतिष्ठित खेल आयोजन की मेज़बानी करेगा।
राष्ट्रमंडल खेलों का महत्व
राष्ट्रमंडल खेल (Commonwealth Games) चार साल में एक बार आयोजित होने वाला बहुराष्ट्रीय खेल आयोजन है, जिसमें उन देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत आते थे।
यह खेल आयोजन न केवल खेल-कूद की प्रतिस्पर्धा का मंच प्रदान करता है, बल्कि इससे मेज़बान देश की वैश्विक पहचान भी बनती है। 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी की दावेदारी भारत को खेल शक्ति के रूप में उभरने का अवसर प्रदान कर सकती है।
भारत और राष्ट्रमंडल खेल: ऐतिहासिक दृष्टिकोण
भारत का प्रदर्शन
भारत 1934 से राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेता आ रहा है और अब तक इसमें शानदार प्रदर्शन किया है।
भारत ने अब तक कुल 564 पदक (203 स्वर्ण, 190 रजत, और 171 कांस्य) जीते हैं।
2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और कुल 101 पदक जीते।
2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता
भारत ने पहली बार 2010 में नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया था। यह आयोजन भारत के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
भारत ने इन खेलों में 101 पदक (38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य) जीते थे, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
इस आयोजन से देश में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ी और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलने लगीं।
हालांकि, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के कुछ आरोप भी लगे थे, जिससे देश को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
इन सबके बावजूद, भारत ने यह साबित कर दिया कि वह बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेज़बानी कर सकता है। अब 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी की दावेदारी इस सफलता को आगे बढ़ाने का एक और अवसर हो सकता है।
अहमदाबाद: एक आदर्श खेल आयोजन स्थल
अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचा
अहमदाबाद को इस आयोजन के लिए चुना गया है क्योंकि यह भारत के सबसे विकसित शहरों में से एक है और यहां विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव: यह भारत का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है, जिसमें विभिन्न खेलों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम: यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है, जिसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है।
मल्टी-स्पोर्ट्स एरिना: गुजरात सरकार विभिन्न खेलों के लिए अत्याधुनिक स्टेडियम और प्रशिक्षण केंद्र तैयार कर रही है।
आधुनिक परिवहन और लॉजिस्टिक्स
अहमदाबाद में मेट्रो सेवा, चौड़ी सड़कें, और सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जैसी सुविधाएं मौजूद हैं, जो खेल आयोजन को आसान बनाएंगी।
शहर में होटल, रेस्टोरेंट और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद हैं, जिससे विदेशी एथलीट और पर्यटक आसानी से यहां रुक सकते हैं।
पर्यटन और सांस्कृतिक समृद्धि
गुजरात में गिर राष्ट्रीय उद्यान, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सोमनाथ मंदिर, और कच्छ का रण जैसे पर्यटन स्थल हैं, जो इस आयोजन को और आकर्षक बनाएंगे।
यह आयोजन भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर देगा।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी की दावेदारी: रणनीतिक दृष्टिकोण
भारत की वैश्विक खेल रणनीति
2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी के लिए भारत की दावेदारी केवल इस एक आयोजन तक सीमित नहीं है। यह भारत की बड़ी खेल रणनीति का हिस्सा है।
1. 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की योजना: भारत का लक्ष्य 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करना है, और 2030 राष्ट्रमंडल खेल इसकी तैयारी का एक बड़ा कदम हो सकता है।
2. खेलों में निवेश: भारत सरकार और निजी क्षेत्र खेलों में भारी निवेश कर रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचा मिल रहा है।
3. स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा: भारत खेलों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
मेज़बानी से मिलने वाले लाभ
1. खेल संस्कृति को बढ़ावा
इस आयोजन से भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह छोटे शहरों और गांवों के एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेगा।
3. आर्थिक और व्यावसायिक लाभ
इस आयोजन से पर्यटन, होटल, ट्रांसपोर्ट, और अन्य उद्योगों में उछाल आएगा।
अनुमान है कि इस आयोजन से हजारों नई नौकरियां सृजित होंगी।
खेल आयोजन से भारत की अंतरराष्ट्रीय साख बढ़ेगी और देश को एक खेल महाशक्ति के रूप में पहचान मिलेगी।
3. अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार
भारत एक उभरती हुई खेल शक्ति है, और इस आयोजन से उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि मजबूत होगी।
यह आयोजन भारत को अन्य वैश्विक खेल आयोजनों की मेज़बानी के लिए भी तैयार करेगा।
संभावित चुनौतियाँ
1. वित्तीय प्रबंधन
2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबंधन की शिकायतें आई थीं। इस बार पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक होगा।
2. पर्यावरणीय प्रभाव
बड़े खेल आयोजन अक्सर पर्यावरण पर प्रभाव डालते हैं। इसलिए, इको-फ्रेंडली स्टेडियम, नवीकरणीय ऊर्जा, और अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा।
3. बुनियादी ढांचे की समय पर तैयारी
खेल स्थलों, परिवहन सुविधाओं और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण समय पर पूरा करना एक चुनौती होगी।
सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर कुशल योजना और क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा।
भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी: भविष्य की संभावनाएँ और तैयारियाँ
2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी के लिए भारत की रणनीति
भारत 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी के लिए एक व्यापक रणनीति के तहत काम कर रहा है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और गुजरात सरकार ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विभिन्न चरणों में अपनी योजना तैयार की है।
1. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट
अहमदाबाद को खेल हब के रूप में विकसित करने के लिए स्टेडियमों, ट्रेनिंग सेंटर और स्पोर्ट्स विलेज का निर्माण किया जाएगा।
सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव को और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
ग्रीन बिल्डिंग और सस्टेनेबल स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर कम से कम प्रभाव पड़े।
2. खेल सुविधाओं का विस्तार
अहमदाबाद के अलावा, गांधीनगर, सूरत और वडोदरा को भी सह-आयोजन स्थलों के रूप में विकसित करने की योजना है।
स्पोर्ट्स साइंस और हाई-परफॉर्मेंस सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि खिलाड़ियों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण मिल सके।
3. अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भागीदारी
भारत राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) के अधिकारियों और अन्य देशों के संगठनों के साथ मिलकर कार्य करेगा।
विदेशी प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों को भारतीय खिलाड़ियों के लिए लाया जाएगा, जिससे उनकी क्षमताओं में वृद्धि हो।

भारत को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी क्यों करनी चाहिए?
1. भारत की बढ़ती खेल क्षमताएँ
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न खेल आयोजनों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की मेडल संख्या लगातार बढ़ रही है।
2. ओलंपिक मेज़बानी की ओर पहला कदम
भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए भी तैयारी कर रहा है।
राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन भारत की खेल आयोजन क्षमता को वैश्विक स्तर पर साबित करेगा।
3. आर्थिक और सामाजिक लाभ
इस आयोजन से भारत को पर्यटन, निवेश और खेल उद्योग में व्यापक आर्थिक लाभ मिलेगा।
इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और भारत की स्पोर्ट्स इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी।
भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी की राह में चुनौतियाँ
1. वित्तीय चुनौतियाँ
इस आयोजन में अरबों रुपये का निवेश होगा।
भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि फंडिंग पारदर्शी और प्रभावी ढंग से उपयोग की जाए।
2. लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे की समय पर तैयारी
स्टेडियम, खेल गांव, और परिवहन सुविधाओं को समय पर तैयार करना एक बड़ी चुनौती होगी।
सरकार को सख्त मॉनिटरिंग सिस्टम बनाना होगा ताकि कोई भी निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सके।
3. सुरक्षा व्यवस्था
इतने बड़े आयोजन के लिए सुरक्षा व्यवस्था अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी।
भारत को साइबर सुरक्षा, आतंकी खतरों और आपदा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देना होगा।
4. पर्यावरणीय प्रभाव
इतने बड़े आयोजन के लिए स्थानीय पारिस्थितिकी पर प्रभाव पड़ सकता है।
ग्रीन इनिशिएटिव जैसे सोलर एनर्जी, कार्बन फुटप्रिंट कम करना, और वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस करना आवश्यक होगा।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी के लिए भारत का रोडमैप
1. 2025-2026: खेल सुविधाओं का विस्तार
अहमदाबाद और अन्य संभावित शहरों में नए स्टेडियम और ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएंगे।
खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय ट्रेनिंग प्रोग्राम लागू किए जाएंगे।
2. 2027-2028: अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार आयोजन स्थल तैयार करना
आयोजन स्थलों को राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया जाएगा।
तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा, ताकि खेलों का डिजिटल प्रसारण बेहतर हो।
3. 2029: ट्रायल इवेंट और टेस्ट टूर्नामेंट
2030 के खेलों से पहले नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के टेस्ट इवेंट कराए जाएंगे।
इससे भारत को आयोजन की तैयारियों को जांचने और आवश्यक सुधार करने का अवसर मिलेगा।
4. 2030: सफल आयोजन और भारत की खेल महाशक्ति के रूप में पहचान
2030 में भारत एक ऐतिहासिक आयोजन कर सकता है, जिससे उसकी वैश्विक खेल साख और मजबूत होगी।
यह आयोजन भारत को भविष्य में ओलंपिक और अन्य बड़े खेल आयोजनों की मेज़बानी के लिए मजबूत उम्मीदवार बना सकता है।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों के संभावित प्रभाव
1. भारतीय खेल संस्कृति में सुधार
भारत में खेलों को करियर विकल्प के रूप में देखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।
जमीनी स्तर पर खेल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को गति मिलेगी।
2. भारत को वैश्विक खेल मंच पर नई पहचान
भारत को दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजकों में स्थान मिलेगा।
यह आयोजन भारत को 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
3. आर्थिक और तकनीकी विकास
इस आयोजन से इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
डिजिटल इनोवेशन, स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी और ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर में भी प्रगति होगी।
भारत के लिए 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी का ऐतिहासिक महत्व
1. भारत की खेल यात्रा में नया अध्याय
भारत की खेल संस्कृति सदियों पुरानी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी पहचान पिछले कुछ दशकों में ही मजबूत हुई है। एशियन गेम्स (1951 और 1982) और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की सफल मेजबानी के बाद, 2030 राष्ट्रमंडल खेल भारत की खेल महाशक्ति बनने की यात्रा का अगला महत्वपूर्ण कदम होंगे।
2010 के राष्ट्रमंडल खेल: दिल्ली में हुए इन खेलों ने भारत के खेल आयोजन कौशल को दुनिया के सामने रखा।
2023-24 एशियाई खेलों और अन्य टूर्नामेंट: हाल के वर्षों में भारत कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में शीर्ष पदक जीतकर अपनी श्रेष्ठता साबित कर चुका है।
यदि भारत 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी सफलतापूर्वक करता है, तो यह ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनों की मेजबानी के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश करने का अवसर बनेगा।
2. भारत की वैश्विक खेल पहचान को नया आयाम
भारत की मेजबानी से राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) को एक नए बाजार और नई संभावनाओं की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा।
भारत राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाले देशों के लिए एक आकर्षक खेल स्थल बन सकता है।
भारतीय दर्शकों और खिलाड़ियों के लिए खेलों की लोकप्रियता और बढ़ेगी।
स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल मीडिया में बड़े निवेश होंगे, जिससे भारतीय खेल उद्योग को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
भारत की खेल नीति और सरकार की भूमिका
भारत सरकार और गुजरात सरकार ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक दृढ़ संकल्प और ठोस रणनीति तैयार की है।
1. खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट का लाभ
सरकार खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसी योजनाओं को और सशक्त करेगी, ताकि खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ मिल सकें।
राष्ट्रव्यापी स्तर पर खेल अधोसंरचना का विस्तार किया जाएगा।
2. सरकारी और निजी भागीदारी (PPP मॉडल)
भारत सरकार, गुजरात सरकार और विभिन्न कॉरपोरेट हाउस खेल आयोजन को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।
स्पोर्ट्स स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी कंपनियों को इस आयोजन से जोड़ा जाएगा।
3. डिजिटल और टेक्नोलॉजी इनोवेशन का उपयोग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वर्चुअल रियलिटी (VR) और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके खिलाड़ियों और दर्शकों को बेहतर अनुभव दिया जाएगा।
5G और डिजिटल ब्रॉडकास्टिंग के माध्यम से खेलों का ग्लोबल कवरेज मिलेगा।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों का भारत के विभिन्न सेक्टर्स पर प्रभाव
1. भारतीय पर्यटन और आतिथ्य उद्योग को बढ़ावा
अहमदाबाद और गुजरात में लाखों विदेशी पर्यटक आएंगे, जिससे होटल, ट्रांसपोर्ट और लोकल बिजनेस को भारी लाभ मिलेगा।
इससे भारत की अर्थव्यवस्था में अरबों रुपये का योगदान होगा।
2. युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
यह आयोजन भारत में खेलों को करियर विकल्प के रूप में अपनाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा।
स्कूलों और कॉलेजों में स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप और ट्रेनिंग प्रोग्राम बढ़ेंगे।
3. भारत की खेल अर्थव्यवस्था को मजबूती
खेल आयोजन से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री, मीडिया, ब्रॉडकास्टिंग और एडवरटाइजिंग सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी।
नए स्पोर्ट्स ब्रांड्स और स्टार्टअप्स के लिए बाजार तैयार होगा।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों की सफल मेजबानी के लिए भारत को क्या करना होगा?
1. दीर्घकालिक योजना और समयबद्ध क्रियान्वयन
खेल स्थलों के निर्माण और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया 2025 तक पूरी हो जानी चाहिए।
ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को 2027 तक पूरी तरह विकसित करना होगा।
2. खिलाड़ियों की उच्चस्तरीय तैयारी
भारतीय खिलाड़ियों को राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्याधुनिक ट्रेनिंग दी जाएगी।
इंटरनेशनल कोचिंग स्टाफ और अत्याधुनिक ट्रेनिंग फैसिलिटी को भारत में स्थापित करना होगा।
3. पर्यावरण अनुकूल आयोजन
भारत को “ग्रीन कॉमनवेल्थ गेम्स” का मॉडल अपनाना चाहिए।
सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
4. पब्लिक और मीडिया एंगेजमेंट
सोशल मीडिया कैंपेन, डिजिटल प्रमोशन और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स मीडिया पार्टनरशिप के जरिए भारत इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर प्रचारित कर सकता है।
“एक नागरिक, एक योगदान” जैसी योजनाओं से देशभर में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों से भारत को मिलने वाले दीर्घकालिक लाभ
1. भारत को ओलंपिक 2036 की मेजबानी का मजबूत दावेदार बनाएगा
यदि भारत 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की सफलतापूर्वक मेजबानी करता है, तो यह 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी को और मजबूत करेगा।
2. भारतीय खेल संस्कृति को नई ऊंचाइयाँ मिलेंगी
भारत में खेलों को सिर्फ मनोरंजन के बजाय करियर विकल्प के रूप में देखा जाने लगेगा।
3. खेल अधोसंरचना और रोजगार में वृद्धि
स्टेडियम, ट्रेनिंग सेंटर और अन्य स्पोर्ट्स फैसिलिटी बनने से स्थायी रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इससे देश में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, इवेंट प्लानिंग और स्पोर्ट्स साइंस जैसे नए क्षेत्रों में नौकरियाँ पैदा होंगी।
4. भारतीय ब्रांड्स और स्टार्टअप्स को ग्लोबल पहचान
भारतीय कंपनियों को राष्ट्रमंडल खेलों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा।
भारतीय स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स और ब्रांड्स को ग्लोबल मार्केट में एक्सपोजर मिलेगा।
निष्कर्ष: भारत के लिए 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी का क्या अर्थ है?
भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि देश की वैश्विक खेल महाशक्ति बनने की यात्रा का अहम पड़ाव है।
यह आयोजन भारत को 2036 ओलंपिक की मेजबानी का मजबूत दावेदार बनाएगा।
भारतीय खेल उद्योग, पर्यटन, अर्थव्यवस्था और डिजिटल मीडिया को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी।
युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने का मंच मिलेगा।
अब यह भारत सरकार, खेल संगठनों और जनता पर निर्भर करता है कि 2030 राष्ट्रमंडल खेलों को सिर्फ एक आयोजन न रहने देकर, इसे भारत के खेल इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनाया जाए।