Donald Trump का नया कदम: हाल मे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एशिया की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने के उद्देश्य से अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के निर्यात को बढ़ावा देने की रणनीति नई अपनाई है।
अमेरिका द्वारा चलाई गयी इस पहल का मुख्य उद्देश्य एशियाई देशों की मध्य पूर्व और रूस पर ऊर्जा निर्भरता को कम करना और अमेरिकी ऊर्जा उत्पादों के लिए नए बाजारों का सृजन करना है।
Donald Trump का मिशन: एशिया की ऊर्जा जरूरतों को अमेरिकी गैस से पूरा करने की योजना!
जापान के साथ ऊर्जा सहयोग
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने अलास्का LNG परियोजना में जापान की संभावित भागीदारी पर चर्चा की।
दोनों देशों की इस बैठक में, ट्रंप और उनके ऊर्जा सलाहकार डग बर्गम ने अलास्का से जापान के मध्य गैस परिवहन के रणनीतिक लाभों पर जोर दिया, विशेष रूप से यह बताते हुए कि यह मार्ग जोखिमपूर्ण समुद्री मार्गों से बचाता है।
हालांकि जापान ने इस प्रस्ताव के प्रति सावधानीपूर्ण समर्थन व्यक्त किया है, लेकिन टैरिफ से संबंधित चिंताओं के कारण वे अभी भी विचाराधीन हैं।
फिर भी, जापान अमेरिकी LNG आयात में वृद्धि की संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है, जो इस क्षेत्र में चीन और रूस के प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है। Read more…

अन्य एशियाई देशों की रुचि
जापान के अलावा इसमें दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे अन्य एशियाई देश भी अमेरिकी LNG खरीद में वृद्धि पर विचार कर रहे हैं।
इससे उनकी ऊर्जा सुरक्षा में सुधार की संभावना बताई जा रही हैं और इस क्षेत्र में ऊर्जा आपूर्ति के विविधीकरण में मदद मिल सकती है।
अमेरिकी LNG की बढ़ती आपूर्ति एशियाई बाजारों के लिए एक विश्वसनीय और स्थिर ऊर्जा स्रोत प्रदान कर सकती है, जिससे उनकी पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम होने की संभावना हैं।
भारत-अमेरिका ऊर्जा साझेदारी
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी तेल और प्राकृतिक गैस के निर्यात को भारत में बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया है।
भारत वर्तमान में अपने कच्चे तेल और LNG आपूर्ति के लिए पूर्ण रूप से रूस और कतर पर निर्भर है। हालांकि, भारत की योजना 2030 तक अपने ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6% से बढ़ाकर 15% करने की है, जिसके लिए उसे अमेरिकी आपूर्ति की आवश्यकता होगी।
अमेरिका के साथ यह समझौता न केवल भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को भी सुधार सकता है।
वैश्विक ऊर्जा बाजार पर प्रभाव
इस संदर्भ मे स्पेन की तेल कंपनी रेपसोल के सीईओ, जोसु जोन इमाज़, का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ऊर्जा नीतियों से गैस उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
LNG निर्यात लाइसेंसों के पुनः प्राधिकरण से मांग में वृद्धि होगी, आपूर्ति बढ़ेगी, और वैश्विक स्तर पर गैस की कीमतों में कमी आएगी, जिससे यूरोपीय देशों को भारी उद्योगों मे लाभ प्राप्त होगा।
इसके अलावा, सस्ती गैस की उपलब्धता से विकासशील देशों को कोयले से गैस-आधारित ऊर्जा उत्पादन की ओर स्थानांतरित होने में मदद मिलेगी, जिससे कार्बन के उत्सर्जन में कमी की संभावना बताई जा रही हैं।
कीमतों में कमी: यदि अमेरिका बड़े पैमाने पर LNG का उत्पादन और निर्यात करता है, तो वैश्विक गैस कीमतों पर दबाव पड़ेगा और उपभोक्ताओं को सस्ती ऊर्जा मिलेगी।
नवीकरणीय ऊर्जा पर प्रभाव: सस्ती प्राकृतिक गैस से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रभावित हो सकता है, क्योंकि गैस संयंत्रों को कोयले की तुलना में सस्ता और विश्वसनीय विकल्प माना जाता है।
ऊर्जा सुरक्षा: अमेरिकी LNG से उन देशों को फायदा होगा जो अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए एक ही आपूर्तिकर्ता पर निर्भर नहीं रहना चाहते।
अमेरिकी ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने अपने प्रशासन के दौरान अमेरिका को दुनिया का सबसे बड़ा तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादक बनाने पर जोर दिया है।
इस संदर्भ मे उन्होंने कहा है कि अमेरिका अब ऊर्जा के क्षेत्र में पूर्णतः आत्मनिर्भर है और उसे मध्य पूर्व के देशों के तेल या गैस की आवश्यकता नहीं है।
यह आत्मनिर्भरता अमेरिका को अपने सहयोगी देशों को ऊर्जा आपूर्ति में मदद करने की क्षमता प्रदान करती है, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता आने की संभावना है।
यूरोप को LNG आपूर्ति की गारंटी
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को बैठक के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप को अमेरिकी LNG की निरंतर आपूर्ति की गारंटी दी हैं |
इसको लेकर उन्होंने LNG परियोजनाओं के लिए परमिट प्रक्रिया में तेजी लाने की योजना बनाई है, जिससे यूरोप की रूसी गैस पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा।
इस संदर्भ मे अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump का मानना है कि LNG परियोजनाओं में वृद्धि से कीमतों में कमी आएगी और वैश्विक ऊर्जा बाजार में संतुलन स्थापित होगा।
भारत के लिए संभावित लाभ
Donald Trump के दूसरी बार चुने जाने के बाद पुनः व्हाइट हाउस में आने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा आपूर्ति बढ़ने की संभावना होगी, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ेगा और भारत को लाभ होगा।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस संदर्भ मे कहा है कि अमेरिकी उत्पादन और निर्यात बढ़ने से भविष्य मे तेल की कीमतों में कमी आ सकती है, जो भारत के लिए बहुत फायदेमंद होगा।
इसके अलावा, भारत-अमेरिका के बीच संबंधों में सुधार से रूस पर कई स्तरों पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि होगी।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा आयातक देश है और उसने रूस के साथ ऊर्जा साझेदारी को मजबूत किया है। हालांकि, अमेरिकी LNG चीन के लिए एक बेहतर विकल्प बन सकता है, खासकर अगर वह अपनी ऊर्जा आपूर्ति में विविधता लाना चाहे। Click here
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के कारण चीन ने अमेरिकी LNG पर टैरिफ नामक tax लगाए थे, लेकिन अगर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बेहतर होते हैं, तो चीन अमेरिकी LNG का बड़ा खरीदार बन सकता है।
निष्कर्ष
Donald Trump की अमेरिकी LNG निर्यात बढ़ाने की रणनीति एशिया और यूरोप की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकती है। इससे न केवल अमेरिकी ऊर्जा उत्पादों के लिए नए बाजारों का सृजन होगा, बल्कि सहयोगी देशों की ऊर्जा सुरक्षा में भी सुधार होगा। इसके अलावा, वैश्विक ऊर्जा बाजार में संतुलन स्थापित होगा और पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम होगी।