एनीमिया: हर व्यक्ति को क्यों होना चाहिए सतर्क? जानें कारण और समाधान
परिचय- एनीमिया एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो न केवल महिलाओं को प्रभावित करता है बल्कि पुरुषो को भी प्रभावित करता है.
सामान्य भाषा में इस रोग को आमतौर पर खून की कमी कहा जाता है. आइए एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी को गहराई से समझ कर इसके निदान पर विस्तार से चर्चा करते हैं.
एनीमिया क्या है?
एनीमिया एक गंभीर बीमारी है जो हमारे शरीर में एक ऐसी स्थिति पैदा कर देती है जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) या हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिस कारण हमारे शरीर में एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी के लक्षण पैदा होने लगते हैं.

* हमारे शरीर में लाल कोशिकाओं का काम- हमारे शरीर के अंदर लाल रक्त कोशिकाओं का मुख्य काम ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाना होता हैं. Read more…
* हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का महत्व- हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन है जो ऑक्सीजन को फेफड़े से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ले जाने में मदद करता है.
जब हमारे शरीर के अंदर हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है तो शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है जिस कारण व्यक्ति कमजोर और थका हुआ महसूस करता है.
एनीमिया के प्रकार
एनीमिया के प्रकार के होते हैं जो उनके कारणों के आधार पर अलग-अलग प्रकार के होते हैं.
1. आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया- यह एनीमिया का सबसे सामान्य प्रकार है जो हमारे शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है.
2. विटामिन की कमी से होने वाला एनीमिया- फोलेट और विटामिन B -12 की कमी से यह एनीमिया होता है.
3. सिकल सेल एनीमिया– यह एक अनुवांशिक रोग है इसमें लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs) असामान्य आकर के हो जाते हैं.
4. एप्लास्टिक एनीमिया- इस रोग की स्थिति हमारे शरीर में तब पैदा होती है जब हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का उत्पादन नहीं कर पाता.
5. थैलेसीमिया- थैलेसीमिया भी एक अनुवांशिक रोग है जो हमारे शरीर में मुख्य रूप से हीमोग्लोबिन निर्माण की प्रक्रिया को बाधित करता है.
कारण
ऐसी बीमारी होने के कई कारण हो सकते हैं.
1. पर्याप्त पोषण की कमी-
• जब हमारे शरीर में आयरन की कमी (मांस, पालक, दालें से मिलने वाले पोषक तत्व) हो जाती है.
* जब हमारे शरीर में पोषक तत्वों जैसे-फोलेट तथा विटामिन B 12 की कमी हो जाती है तो इस गंभीर बीमारी के पैदा होने के लक्षण पैदा हो जाते हैं.
2 ब्लीडिंग-
* महिलाओं के मासिक धर्म में अधिक रक्त स्राव होना.
* चोट या सर्जरी के दौरान अत्यधिक खून बहना.
3. आंतरिक रोग-
* शरीर के अंदर लीवर या किडनी की समस्या पैदा हो जाती है.
* पेट के अंदर अल्सर या कैंसर जैसी बीमारी का पैदा होना.
4. आनुवांशिक कारण
* इससे हमारे शरीर में थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी पैदा हो जाती है अगर इन बीमारियों को कंट्रोल नहीं किया जाता हैं तो ये भविष्य में गंभीर रूप ले लेती है.Click here…
एनीमिया के लक्षण
इस गंभीर बीमारी के लक्षण हमारे शरीर में धीरे-धीरे विकसित होते हैं. अक्सर लोग इस बीमारी को नजर अंदाज कर देते हैं.
1. शारीरिक लक्षण
* शारीरिक थकान का पैदा होना तथा शरीर में कमजोरी का होना
* त्वचा और नाखूनों का पीला होना
* सिर दर्द की समस्या बनना और अक्सर चक्कर आना.
* हृदय की गति बढ़ना यह सांस फूल जाना.
2. अन्य लक्षण-
* ठंड लगना
* हाथ पैरों सहित पूरा शरीर ठंडा होना.
* बालों का झड़ना
* एकाग्रता में कमी आना
एनीमिया का निदान
जब हमारे शरीर में ऐसी बीमारी पैदा हो जाती है तो उसके निदान के लिए कुछ जांचे की जाती है जैसे-
1. सामान्य शारीरिक जांच– इस जांच में सामान्य रूप से त्वचा और आंखों की रंगत देखी जाती है.
2. ब्लड टेस्ट-
* इसमें CBC ( Complete Blood Count ) का उपयोग हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का स्तर मापने के लिए किया जाता है.
* आयरन स्टडी के द्वारा हमारे शरीर में आयरन की मात्रा का पता लगाया जाता है.
•फोलेट और विटामिन बी12 का लेवल टेस्ट किया जाता है.
एनीमिया का उपचार
इसके उपचार इसके विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है.
1. आहार में सुधार-
* हमें आयरन से युक्त खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जैसे : पालक, मांस, मूंगफली, किशमिश और दाले.
* हमें विटामिन C का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए जैसे: नींबू, संतरा, टमाटर ताकि आयरन अवशोषण बेहतर हो सके.
* हमें अपने शरीर के अंदर फोलेट और विटामिन B-12 की पूर्ति करनी चाहिए जैसे अंड्डे डेयरी से बने उत्पाद और हरी सब्जियां.
2. दवाई और सप्लीमेंट्स–
• हम दवाई और सप्लीमेंट का उपयोग करके इस बीमारी से निदान का सकते हैं.
3. गंभीर मामलों में-
* ब्लड ट्रांसफ्यूजन में
* बोन मैरो का इलाज में
एनीमिया की रोकथाम
1. संतुलित आहार- हमें प्रतिदिन आयरन, फोलेट विटामिन B12 से युक्त भोजन लेना चाहिए.
2. नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच- बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को समय-समय पर इसकी जांच करवानी चाहिए.
3. आवश्यक सप्लीमेंट्स- यदि आप गर्भवती महिला है या आपको एनीमिया से खतरा है तो आपको इसके निदान के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
एनीमिया संबंधित महत्वपूर्ण बातें
1. जागरूकता का महत्व
• ऐसी बीमारी को अन देखा करना खतरनाक हो सकता है. क्योंकि इस बीमारी से हृदय और फेफड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है.
2. लंबे समय तक अनदेखी के परिणाम
* बच्चों के विकास में रुकावट पैदा होना
* प्रजनन क्षमता में कमी आना
* थकावट और कार्य क्षमता में कमी आना