शरणार्थी यात्रा प्रतिबंध नीति: अमेरिका में मंजूरी के बावजूद शरणार्थियों की यात्रा रद्द, ट्रंप प्रशासन की नई नीति
परिचय- 20 जनवरी 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद ट्रंप प्रशासन ने शरणार्थी नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिनका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना था.
ट्रंप सरकार द्वारा इन परिवर्तनों में उन शरणार्थियों की यात्रा योजनाओ को रद्द करना शामिल था. जिनकाे पहले से ही अमेरिका में पुनर्वास की मंजूरी मिल चुकी थी. Read more…

सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम प्रशासन की व्यापक यात्रा प्रतिबंध नीति का हिस्सा था. अमेरिकी सर कार की यह नीति मुख्य रूप से 6 मुस्लिम आबादी वाले देशो – ईरान, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान और यमन से आने वाले नागरिकों पर केंद्रित थी.
अमेरिका में शरणार्थी यात्रा प्रतिबंध नीति क्या होती हैं
जनवरी 2017 में जब डोनाल्ड ट्रंप पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बने थे तब उन्होंने राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के तुरंत बाद एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश जारी किया था.
जिसमें मुख्य रूप से 6 मुस्लिम आबादी वाले देशो – ईरान, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिको और सभी शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश करने पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया गया था.
इस आदेश का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को संबोधित करना था, लेकिन इसे व्यापक तौर पर आलोचना और क़ानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
अमेरिका की निचली अदालतो ने इस आदेश पर प्रतिबंध लगाया और इसे धार्मिक भेदभाव के रूप में देखा. हालांकि दिसंबर 2017 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प प्रशासन की यात्रा शरणार्थी प्रतिबंध नीति को पूरी तरह लागू करने की अनुमति दी जिससे प्रशासन को अपनी नीतियों को और आगे बढ़ाने क़ानूनी अवसर मिल गया.
अमेरिका में शरणार्थियों की यात्रा योजनाओं का रद्द होना
ट्रंप प्रशासन ने उन शरणार्थियों की यात्रा योजनाओं को भी रद्द कर दिया है जिनकाे पहले से ही अमेरिका में पुनर्वास की अनुमति मिल चुकी थी.
ट्रंप सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय का प्रभाव उन हजारों शरणार्थियों पर पड़ा है जिन्होंने सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली थी और केवल यात्रा की तारीख का इंतजार कर रहे थे.
इस महत्वपूर्ण निर्णय पर ट्रंप सरकार का कहना है कि ट्रम्प सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना और शरणार्थी कार्यक्रम की समीक्षा के लिए आवश्यक था.
कानूनी चुनौतियां और न्यायिक प्रतिक्रियाएं
शरणार्थी प्रतिबंधों के खिलाफ कई कई कानूनी चुनौतियां पेश की गई सबसे पहले सितंबर 2017 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के उस महत्वपूर्ण फैसले पर अंतरिम रोक लगाई,
यह रोक एक अस्थाई रूप में थी क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला नहीं सुनाया था जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने शरणार्थियों पर लगे प्रतिबंध मे कुछ छूट प्रदान की थी इससे प्रशासन को अपनी नीतियों को लागू करने में काफी मदद मिली थी.
प्रभाव और आलोचना
शरणार्थी यात्रा प्रतिबंध और पहले से स्वीकृत शरणार्थियों की यात्रा योजनाओं के रद्द होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी सरकार की काफी आलोचना हुई .
अमेरिका सरकार ने इस आलोचना का जवाब देते हुए अपने बयान में कहा कि उनके द्वारा चलाई गई इस शरणार्थी यात्रा प्रतिबंध नीति का उद्देश्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित और सुदृढ़ बनाना था.
अमेरिका की इस शरणार्थी यात्रा प्रतिबंध नीति पर मानवधिकार संगठनों ने इसे अमानवीय तथा अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के खिलाफ बताया तथा इसके अलावा अमेरिकी सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम शरणार्थी स्वागत नीति से अलग रूप में देखा गया.
निष्कर्ष
20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण की डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने के रूप में अपने पहले आधिकारिक भाषण में कोई महत्वपूर्ण दावे की इन महत्वपूर्ण दावे मुख्य रूप से शरणार्थी यात्रा प्रतिबंध नीति का दावा सबसे महत्वपूर्ण था.
इस दावे में उनका कहना है कि 6 मुस्लिम जनसंख्या वाले देशो – ईरान, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान और यमन से आने वाले नागरिकों के प्रतिबंध को लेकर शरणार्थी यात्रा प्रतिबंध नीति लागू की जाएगी. Click here…
ट्रंप सरकार ने अपने बयान में कहा कि उनके द्वारा लागू की जाने वाली इस नीति का मुख्य उद्देश्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ और मजबूत बनाना है.