भारतीय किसानों के लिए क्यों जरूरी है MSP की गारंटी?
भारतीय किसानों के लिए MSP की गारंटी क्यों है जरूरी? लगातार भारतीय किसान एसपी की कॉलोनी गारंटी के लिए मांग के कर रहे हैं .
उसके लिए यह समझना जरूरी हो जाता है कि आखिर MSP अर्थात मिनिमम सपोर्ट प्राइस भारतीय किसानों के लिए क्यों जरूरी हो जाती है |

MSP को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता के बयान
इस बयान में अखिल भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता श्री जगदीश सिंह धल्लेवाल ने अपने बयान में बताया है कि भारतीय किसान लोग पिछले 1 महीने से आमरण अनशन पर बैठे हैं
जिससे उनकी और किसान संगठनों की मांग है कि भारत में किसानों के लिए MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस गारंटी कानूनी अधिकार बनना चाहिए | और जाने
क्या होता है MSP अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य यह मिनिमम सपोर्ट प्राइस?
MSP का मतलब होता है किसी भी विषय वस्तु का न्यूनतम समर्थन मूल्य जो सबसे कम समर्थन के साथ उसे वस्तु का न्यूनतम मूल्य यानी न्यूनतम समर्थन देने के लिए किसी वस्तु का ऐसा मूल्य जो कानूनी तौर पर सबसे कम मूल्य होगा |
भारत में सबसे पहले MSP की शुरुआत
भारत में MSP अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य की शुरुआत सबसे पहले 1966 -67 में हुई थी इसे सबसे पहले गेहूं के मूल्य के लिए पेश किया गया था बाद में इसका विस्तार कर कर अलग-अलग फसलों के लिए इसको लागू किया गया |
भारतीय किसानों के लिए MSP से जुड़ी कुछ बातें
• भारत में सबसे पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात MSP की सिफारिश करने के लिए एक आयोग की स्थापना की गई जिसका नाम कृषि मूल्य आयोग ( APC ) अर्थात एग्रीकल्चर प्राइस कमिशन रखा गया
जिसके लिए सबसे पहले सिफारिश 1965 में की गई लेकिन इसको साल 1985 में बदलकर कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP ) कर दिया गया |
• कृषि लागत और मूल्य आयोग साल में दो बार रबी और खरीफ की फसलों के लिए सर्दियों और गर्मियों की फसलों के लिए MSP अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करता है |
• कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP ) भारत सरकार से संबंधित कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक निकाय हैं जिसका मुख्य काम भारतीय किसानों के द्वारा उपयोग की जाने वाली MSP अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करना है |
• जब बाजार के अंदर कृषि उत्पादों की कीमतें लगातार गिरने लगती है तब सरकार का काम होता है कि किसानों से उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे |
Note: कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP ) किन बातों को ध्यान में रखकर MSP की घोषणा करता है :-
1. वस्तुओं की उत्पादन की लागत
2. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजारों की कीमतों का रुझान3. वस्तुओं की मांग और आपूर्ति
वर्तमान में कितनी फसलों के लिए MSP अनिवार्य है
* वर्तमान में सरकार के द्वारा 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात MSP को लागू किया गया है इसी के साथ गन्ने की फसल के लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP ) के द्वारा घोषणा की जाती है|
* कुल मिलाकर भारत सरकार के अंदर अभी तक 23 फसल ऐसी है जिनको न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है इनमें 22 फसलों के लिए MSP और एक गन्ने की फसल के लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP ) दिया जाता है.
22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कृषि लागत और मूल्य आयोग करता है जबकि गन्ने की फसल के लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य के द्वारा इसकी घोषणा की जाती है |
* रबी के मौसम की 14 फसलों के लिए MSP की घोषणा की जाती है |
• खरीफ के मौसम के लिए 6 फसलों के लिए MSP की घोषणा जाती है |
• दो ऐसी फैसले हैं जो व्यावसायिक फसलों के रूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषणा की जाती है |
न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने वाली सभी फसलों की सूची
• कच्चा कपास
• खोपरा
• वर्जीनिया फ्लुपचारित तंबाकू
• कच्चा जूट
• भूसी अलग हुई नारियल
• गाना
• दाले (5) – मूंग, उड़द, दाल, चना अरहर और तूर
• अनाज (7)- जौ, ज्वार, धान, गेहूं, बाजरा, मक्का और रागी
• तिलहन (8)- सूरजमुखी के बीज, तिल, कुसुम, तोरिया, सरसों, मूंगफली, राई, सोयाबीन, रामतिल |
इससे पहले किस कभी भी ऐसे बाजार पर निर्भर नहीं थे लेकिन बदलते मौसम के हालात के अनुसार उनको भी बाजार पर निर्भर होना पड़ा जिसका फायदा खास तौर पर व्यापारियों ने उठाया और किसानों का शोषण किया गया
धीरे-धीरे उत्पादन की लागत बढ़ने लगी और MSP कीमत घटने लगी इसी वजह से लो किसानों ने आत्महत्या तक कर ली | Click Here