महात्मा गांधी की हत्या: क्या ये साजिश थी या कुछ और?
परिचय – महात्मा गांधी, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के रूप जाना जाता है, महात्मा गाँधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उनका पूरा जीवन सत्य, अहिंसा और मानवता की सेवा को समर्पित था।
लेकिन वर्ष 1948 मे 30 जनवरी के दिन नई दिल्ली के बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे के द्वारा उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
उनकी हत्या की घटना पूरे भारत देश मे केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं थी, बल्कि यह भारत जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर भी गहरा आघात था।

महात्मा गांधी का संक्षिप्त जीवन परिचय
* महात्मा गाँधी का जन्म और प्रारंभिक जीवन
भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मे फादर ऑफ़ नेशन के रूप जाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
उनके पिता करमचंद गांधी पोरबंदर के पास राजकोट के दीवान थे और उनकी माता पुतलीबाई धार्मिक प्रवृत्ति की गृहणी महिला थीं. Read more…
* दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी के द्वारा चलाये प्रमुख सत्याग्रहो पर एक झलक
गांधी जी साल 1893 में एक वकील के रूप में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका गए। वहां उन्होंने रंगभेद (Apartheid) के खिलाफ संघर्ष किया और सत्याग्रह की नीति अपनाई और उसका प्रचार-प्रसार किया.
* भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गाँधी जी की अहम भूमिका
महात्मा गांधी जी साल 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और भारत मे चल रहे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भूमिका निभाई। उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से कई आंदोलन चलाए तथा जो सफल भी हुए.
महात्मा गांधी जी के द्वारा चलाये गए प्रमुख सक्रिय आंदोलन
1. चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह (1917-1918)
2. असहयोग आंदोलन (1920-1922)
3. नमक सत्याग्रह (1930)
4. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
महात्मा गांधी जी की हत्या की घटना
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में शाम 5:17 बजे हुई।
* हत्या कैसे हुई?
नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी जी को तीन गोलियाँ मारीं जब वे प्रार्थना सभा में जा रहे थे। गोली लगते ही गांधी जी गिर पड़े और और उनके मुख से अंतिम शब्द “हे राम” निकला.
महात्मा गाँधी की हत्या के प्रमुख कारण और हत्यारे की मानसिकता
* महात्मा गाँधी का हत्यारा नाथूराम गोडसे कौन था?
नाथूराम गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी व्यक्ति था जो हिंदू महासभा से जुड़ा हुआ था। वह गांधी जी के द्वारा चलाई गयी नीतियों का घोर विरोधी था। Click here
गाँधी जी की हत्या के पीछे के प्रमुख कारण
1. भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद की स्थिति – गांधी जी ने हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया जिससे कट्टरपंथी हिंदू उनसे नाराज हो गए थे तथा उनकी इन नीतियों का विरोध कर रहे थे.
2. पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये देने का मुद्दा – गांधी जी के दबाव से भारत सरकार ने पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये दिए, जिससे नाथूराम गोडसे बहुत ज्यादा नाराज था।
3. अहिंसा और मुस्लिम समुदाय के प्रति सहिष्णुता – नाथूराम गोडसे और उसके समर्थकों को लगा कि गांधी जी मुसलमानों का पक्ष ले रहे हैं जिस कारण भारत के कटटरपंथी हिन्दू उनकी सभी नीतियों के खिलाफ थे.
नाथूराम गोडसे की विचारधारा और प्रमुख दलीलें
गोडसे का मानना था कि गांधी जी की नीतियों से हिंदू समुदाय की आत्मा को ठेस पहुंची है औरगाँधी जी की इन से पाकिस्तान को भरपूर फायदा मिला है। उसने अदालत में खुद को सही साबित करने की कोशिश की.
गाँधी जी की हत्या की कानूनी कार्यवाही और गोडसे को मिली सजा
* न्यायिक प्रक्रिया
गोडसे को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर हत्या आरोप का मुकदमा चलाया गया।
* गोडसे का बचाव पक्ष
गोडसे ने अदालत में खुद को सही ठहराने की कोशिश की और कहा कि उसने “हिंदू समाज के लिए” यह कदम उठाया।
अदालत का अंतिम फैसला और फांसी की सजा
कटटर हिन्दू नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई।