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उत्तर भारत में दिन प्रतिदिन बढ़ रहा शीत लहर का कहर – 6.4 डिग्री सेल्सियस (Cold Wave ) तक पहुंचा तापमान, जाने मुख्य कारण

क्या है कोल्ड वेव (Cold Wave)?

शीत लहर के कारण उत्तर प्रदेश में इतनी ठंड क्यों, पहाड़ों के बरस रहा बर्फ का कहर  कोल्ड वेव अर्थात शीतलहर यह असामान्य मौसम की अवधि होती है जो एक बड़े क्षेत्र में सतह के तापमान में गिरावट को प्रदर्शित करती है |

तथा इसके अंतर्गत ठंड के मौसम में कम से कम दो लगातार दिनों तक मौसम के तापमान में तेज़ी से गिरावट दर्ज की जाती है यह गिरावट माइनस डिग्री सेल्सियस तक भी हो जाती है |

जैसे भारत के केंद्र शासित प्रदेश लेह लद्दाख हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड के जो पहाड़ी इलाके हैं उन कोल्ड वेव का कर इतना ज्यादा होता है कि वहां प्रतिदिन का तापमान माइंस में दर्ज किया जाता है |  और जाने

Cold wave
उत्तर भारत में दिन प्रतिदिन बढ़ रहा शीत लहर (Cold Wave ) का कहर. जाने मुख्य कारण

वेव अर्थात शीत लहर चलने का मुख्य कारण

उत्तरी गोलार्ध के अंदर शीत लहरों तब आती है जब सत्य के पास बहुत ठंडी सघन हवा उतरी कनाडा या उत्तरी एशिया में अपने स्रोत क्षेत्र से बाहर निकलती है ऐसी स्थिति तब पैदा होती है |

जब केंद्र पर एक मजबूत उच्च दवाब की स्थिति बनती है जो मुख्य रूप से उच्च अक्षांशों में सर्दियों के दौरान बनती है.|

शीत लहर अर्थात कोल्ड वेव से मुख्य खतरे

कोल्ड वेव से अक्सर सर्दी खांसी निमोनिया डायरिया जैसी गंभीर बीमारियां पैदा हो जाती है और एक गंभीर बीमारियां शीतलहर के चलते लंबे समय तक बनी रहती है जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है.

कोल्ड वेव से मुख्य चेतावनी: भारत के उत्तरी इलाकों में जब शीतलहर चलती है तभी नहीं इलाकों में प्रतिदिन का तापमान लगभग -4.5 डिग्री सेल्सियस से – 6.4 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है जब यह कोल्ड वेव अपना कहर ढाती है तब प्रतिदिन का तापमान – 6.4 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है.

उत्तर भारत में दिन प्रतिदिन बढ़ रहा शीत लहर (Cold Wave ) का कहर. जाने मुख्य कारण

शीत लहर इतनी ठंडी क्यों : शीत लहर का औसत उच्च तापमान 20 डिग्री फारेनहाइट तक होता है और -7 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिरता है |

शीत लहर से बचने के लिए उपाय : सर्दियों में शीत लहर से बचने के लिए ऊनी वस्त्र पहने, और ऊनी वस्त्र की कई परतें सर्दियों में अधिक सहायक होती है और आपातकालीन सर्दी में पूर्ति करने के लिए जैसे भोजन, पानी, ईंधन, बैटरी, चार्जर और दवाइयां तैयार रखें और अपने घर में शीत लहर को प्रवेश होने से रोके और अपने खिड़कियां दरवाजे को बंद रखें |

शरीर में ज्यादा ठंड लगने पर क्या करें 

1. इन दिनों पूरे भारत में जमकर सर्दी हो रही है और ठंड का प्रकोप भी काफी बढ़ रहा है और कहीं जगहो पर तो कड़ी बर्फबारी भी हो रही है |

2. ठंड में अपने आप का ज्यादा से ज्यादा बचाव करें

3. ठंड में ज्यादा से ज्यादा भाप का सहारा भी ले और इससे आपको सर्दी भी कम लगेगी |

4. ऐसी सर्दियों में आप कई लेयर में कपड़े पहने |

5. ज्यादा ठंडी शीत लहर चलती है तो आप अपने घर पर ही रहे. ऐसे में घर से बाहर मत निकले |

6. ऐसी सर्दी में आप गुड का ज्यादा प्रयोग करें इससे आपको सर्दी कम लगेगी.|

7. ऐसी सर्दी में मुलेठी का ज्यादा प्रयोग करें आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा |

भूगोल में शीत लहर क्या होती है 

 इन शीत लहरों को कभी-कभी डीप फ्रीज या कोल्ड स्नैप के रूप में भी जाना जाता है यह मौसम की एक ऐसी घटना है जिसमें हवा का बहुत ज्यादा ठंडा होना यह उसे क्षेत्र का तापमान काफी नीचे होता है.

शीत लहर का मतलब क्या होता है : शीत लहर का मतलब शीत लहर बहुत कम तापमान की हवाए होती है  हवाओ का तपमान     18 डिग्री फारेनहाइट से -8 डिग्री सेल्सियस तक का होता है.

ठंड से कैसे बचे:  ज्यादा ठंड में आप कहीं पर न जाकर आराम करें और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिए, तो गर्म पानी पिए, और सर्दियों में सीखते समय अपने मुंह को अपने हाथो से या एक कपड़े से ढक ले और ऐसी सर्दी में सर्दी जुकाम वाले लोगों से उचित दूरी बनाकर रखें ,

और पूरे दिन व्यायाम करें और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए आपको सहायता मिलती है. Click Here

पृथ्वी पर तूफान क्यों आते हैं :  पृथ्वी पर तूफान इसलिए आते हैं जब बारिश एक गरज के साथ होती है और वातावरण में ऊर्जा छोड़ने का एक शानदार तरीका होता है और ऐसे में जब गर्म हवा से ठंडी हवा आपस में मिलती है |

तो इस प्रक्रिया में गर्म हवा ऊपर उठती है और हवा में जल वाष्प संघनित होता है तो इस प्रक्रिया में बादल बन जाते हैं और जैसे ही जलवाष्प संघनित होता है तो यह गर्मी को छोड़ने लगते हैं और यह ऊर्जा का एक रूप होता है

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