India Budget 2025: किसानों, युवाओं और उद्योगों के लिए कितना फायदेमंद?”
परिचय – भारत में बजट देश की आर्थिक रीढ़ होता है, जो सरकार की आय और खर्चो को नियंत्रित करता है। इसमें देश के लिए विकास योजनाओं, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और आर्थिक नीतियों की दिशा तय की जाती है।
यहाँ हम बजट के इतिहास, प्रकार, प्रक्रिया, घटकों, और प्रमुख आर्थिक संकेतकों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत कर रहे है.

बजट क्या है? (What is Budget?)
बजट भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के द्वारा तैयार की गयी एक वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट होती है जिसमें सरकार आय (Revenue) और व्यय (Expenditure) का अनुमान लगाया जाता है और देश की आर्थिक नीति को प्रस्तुत किया जाता है.
बजट से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
•भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में बजट को “वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement)” कहा गया है.
•अनुच्छेद 265: इसमें बताया गया हैं कि बिना कानून बनाए कोई कर नहीं लगाया जा सकता.
•अनुच्छेद 266: इसमें भारत सरकार की संचित निधि (Consolidated Fund of India) और सार्वजनिक खाता (Public Account of India) से संबंधित प्रावधान हैं.
•अनुच्छेद 280: इसके अंतर्गत वित्त आयोग (Finance Commission) की स्थापना का प्रावधान हैं.
भारत में बजट को प्रस्तुत करने का इतिहास
•पहला बजट (1860): ब्रिटिश भारत में सबसे पहले जेम्स विल्सन ने पहला बजट प्रस्तुत किया.
* स्वतंत्र भारत का पहला बजट (26 नवंबर 1947): स्वतंत्र भारत का पहला बजट आर.के. शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था.
•भारत का पहला पूर्ण बजट (1948-49): भारत का पहला पूर्ण बजट 28 फरवरी 1948 को पेश किया गया था.
•1991 का ऐतिहासिक बजट: 1991 के बजट को ऐतिहासिक बजट इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि इस बजट मे केंद्रीय वित्त मंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के द्वारा आर्थिक सुधारों और LPG (Liberalization, Privatization, Globalization) की शुरुआत की गयी थी.
•2017 का बड़ा बदलाव: साल 2017 के बजट मे बड़ा बदलाव देखने को मिला इस साल के बजट मे रेल बजट और आम बजट को मिलाकर 1 फरवरी को पेश करने की परंपरा शुरू हुई. Read more…
बजट पेश करने की प्रक्रिया (Budget Presentation Process)
बजट को संसद में पेश करने और पारित करने की एक निश्चित प्रक्रिया होती है:
1. तैयारी
वित्त मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों से बजट आवश्यकताओं की रिपोर्ट को एकत्र करता है.
बजट पेश होने से 1 दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) प्रस्तुत किया जाता है
2. बजट भाषण
•केंद्रीय वित्त मंत्री 1फ़रवरी को लोकसभा में बजट प्रस्तुत करते हैं.
•इसके बाद बजट पर राज्यसभा में चर्चा होती है. (लेकिन इसे वोट नहीं दिया जाता)।
3. मांगों पर चर्चा
•अनुदान मांग (Demand for Grants) पर चर्चा होती है।
•मांगो मे विभिन्न मंत्रालयों के लिए धनराशि आवंटित की जाती है।
4.कटौती प्रस्ताव (Cut Motion)
इसमें संसद के सदस्य किसी विशेष व्यय को कम करने का प्रस्ताव दे सकते हैं।
5. वित्त विधेयक (Finance Bill) और विनियोग विधेयक (Appropriation Bill)
विनियोग विधेयक: इसके अंतर्गत सरकार को खर्च करने का अधिकार होता है।
वित्त विधेयक: यह विधेयक करों और अन्य वित्तीय प्रावधानों को लागू करता है.
राष्ट्रपति की मंजूरी
संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद बजट लागू होता है.
भारत में बजट के प्रकार (Types of Budget in India)
1.केंद्रीय बजट (Union Budget)
•भारत सरकार का ऐसा वार्षिक बजट, जो केंद्रीय वित्त मंत्री के द्वारा संसद में पेश किया जाता है.
•यह बजट केंद्र सरकार की आय और व्यय को दर्शाता है.
2.राजस्व बजट (Revenue Budget)
•इसमें सरकार की सभी राजस्व प्राप्तियाँ (कर और गैर-कर राजस्व) और राजस्व व्यय (सामान्य प्रशासन, पेंशन, ब्याज भुगतान) आदि शामिल होते हैं.
•यदि राजस्व व्यय, राजस्व प्राप्तियों से अधिक हो जाए, तो इसे राजस्व घाटा (Revenue Deficit) कहा जाता हैं.
3.पूंजी बजट (Capital Budget)
•इसमें पूंजीगत व्यय (बुनियादी ढांचा, विकास परियोजनाएँ) और पूंजीगत प्राप्तियाँ (बॉन्ड, कर्ज, विनिवेश) आदि शामिल होते हैं.
•यदि पूंजीगत व्यय, पूंजीगत प्राप्तियों से अधिक हो जाएं, तो इसे राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) कहा जाता हैं.
4.अंतरिम बजट (Interim Budget)
•जब देश मे आम चुनाव होते हैं, तब सरकार एक अस्थायी बजट पेश करती है, इसे ही अंतरिम बजट कहा जाता हैं.
•इसमें केंद्र सरकार या राज्य सरकार की कोई नई योजनाएँ शामिल नहीं होतीं.
5. लेखानुदान (Vote on Account)
लेखानुदान सरकार को अगले कुछ महीनों के लिए आवश्यक वित्तीय धनराशि की स्वीकृति प्रदान करता है.
6. शून्य-आधारित बजट (Zero-Based Budget – ZBB)
इसमें हर वर्ष सभी खर्चों की पुनर्समीक्षा की जाती है और अनावश्यक खर्चों को हटा दिया जाता है.
7. लिंग आधारित बजट (Gender Budget)
महिलाओं के कल्याण एवं उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए लिंग आधारित बजट बनाया जाता हैं.
•हरित बजट (Green Budget)
यह बजट विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बनाया जाता हैं.
India Budget 2025 के प्रमुख आर्थिक संकेतक (Key Economic Indicators in Budget)
1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP): इसमें देश की समस्त घरेलू अर्थव्यवस्था का कुल मूल्य देखा जाता हैं.
2. राजस्व घाटा (Revenue Deficit): राजस्व व्यय > राजस्व प्राप्ति.
3. राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit): कुल व्यय > कुल प्राप्ति.
4. मुद्रास्फीति (Inflation): ज़ब देश मे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि जाएं.
5. पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure): इसके अंतर्गत देश के बुनियादी ढांचे और संपत्तियों पर किया गया कुल व्यय.
6. प्रत्यक्ष कर (Direct Tax): इसके अंतर्गत आयकर, कॉरपोरेट टैक्स आदि शामिल होते हैं.
7. अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax): इसके अंतर्गत जीएसटी, कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी आदि शामिल होते हैं.
India Budget 2025 पर एक नजर
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सितारमण के द्वारा 1 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया,
जिसमें मध्यम वर्ग को राहत, कृषि और ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, एमएसएमई समर्थन, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, स्टार्टअप्स, और वित्तीय समेकन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
बजट के मुख्य बिंदुओं पर विस्तार सहित चर्चा
1. आयकर में राहत
इसमें कर-मुक्त आय की सीमा को बढ़ाकर ₹12 लाख की गई है, जिससे मध्यम वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा.
नए Tax स्लैब निम्नानुसार हैं
₹12 लाख तक: शून्य कर
₹12 लाख से ₹15 लाख: 10%
₹15 लाख से ₹20 लाख: 15%
₹20 लाख से ₹25 लाख: 20%
₹25 लाख से अधिक: 25%
India Budget 2025
सैलरीड कर्मचारियों के लिए ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन प्रदान किया गया है.
2. कृषि और ग्रामीण विकास
•इसके अंतर्गत उच्च-उपज वाली फसलों के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा.
•इसमें कृषि ऋण की सीमा बढ़ाई गई है, जिससे किसानों को वित्तीय सहायता में वृद्धि होगी.
•इसके माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1 करोड़ किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
3. रोजगार और कौशल विकास
इसके अंतर्गत अगले 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है.
•इसके माध्यम से 1 करोड़ युवाओं को प्रमुख कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्राप्त होंगे.
•इसके माध्यम से 20 लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा.
4. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME)
इसके माध्यम से MSME के लिए क्रेडिट गारंटी योजना के तहत ₹100 करोड़ तक की गारंटी प्रदान की जाएगी.
* इसके द्वारा मिलने वाले मुद्रा लोन की सीमा को बढ़ाकर ₹20 लाख किया गया हैं.
•इसके माध्यम से छोटे उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए ई-कॉमर्स हब की स्थापना की जाएगी.
5. आवास
•प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के लिए ₹1,000 अरब का निवेश किया जाएगा.
•इसके माध्यम से महिलाओं को संपत्ति खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट मिलेगी.
•इसके अंतर्गत होम लोन पर लगने वाले ब्याज पर छूट की सीमा बढ़ाई जाएगी.
6. शिक्षा और स्वास्थ्य
•वित्त वर्ष 2025 -26 के लिए शिक्षा के लिए ₹1.48 लाख करोड़ और स्वास्थ्य के लिए ₹89,287 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है.
•इसमें स्वास्थ्य बीमा के लिए धारा 80D के तहत कटौती की सीमा बढ़ाने की योजना है.
7. बुनियादी ढांचा और स्टार्टअप्स
•इसके अंतर्गत पूंजीगत व्यय के लिए ₹11.11 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है.
•इसमें स्टार्टअप्स के लिए एंजेल टैक्स समाप्त किया गया है और छोटे निवेशकों के लिए छूट प्रदान की गई है.
•इसके अंतर्गत रेलवे और सड़कों के आधुनिकीकरण के लिए नई योजनाएँ शुरू की जाएंगी.
8. वित्तीय घाटा और उधारी
• इसमें वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.4% तक सीमित करने का लक्ष्य रखा गया है.
• इस घाटे को पूरा करने के लिए ₹14.82 लाख करोड़ के बॉन्ड जारी किए जाने का प्रावधान किया गया हैं.
9. India Budget 2025 की अन्य प्रमुख घोषणाएँ
•इसके अंतर्गत बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को बढ़ाकर 100% किया गया है, जिससे विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिल सकेगा.
* वित्त वर्ष 2025-26 के बजट मे 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए ‘परमाणु ऊर्जा मिशन’ की घोषणा की गई है, जिसमें निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी की जाएगी. Click here
India Budget 2025