दार्जिलिंग - इसको "पहाड़ों की रानी" कहा जाता है। यहां की ठंडी जलवायु, चाय के बागान, टाइगर हिल से सूर्योदय और दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे इसे आदर्श स्थान बनाते हैं।
संदाकफू - ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यह एक स्वर्ग है। यह वेस्ट बंगाल का सबसे ऊंचा स्थान है, जहाँ से माउंट एवरेस्ट और कंचनजंगा जैसे पहाड़ों का नज़ारा दिखता है।
लावा और लोलेगाँव - दार्जिलिंग जिले में स्थित ये छोटे हिल स्टेशन प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगल और पक्षियों की चहचहाहट के लिए प्रसिद्ध हैं। लोलेगाँव का कैनोपी वॉक काफी रोमांचक होता है।
सुंदरबन - आप जंगल सफारी और प्राकृतिक जीव-जंतुओं में रुचि रखते हैं, तो सुंदरबन आपके लिए आदर्श जगह है। यहाँ आप रॉयल बंगाल टाइगर, मगरमच्छ और दुर्लभ पक्षियों को देख सकते हैं।
शांतिनिकेतन - रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित यह स्थान कला, संस्कृति और शिक्षा का केंद्र है। यहाँ शांत वातावरण के साथ और लोक संस्कृति का अनुभव किया जा सकता है।
मिर्क - दार्जिलिंग के पास स्थित यह शांत और सुंदर झील वाला स्थान पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए बढ़िया है। सुमेन्दु झील के आसपास की हरियाली दिल को छू जाती है।
बिश्नुपुर - ये अपनी ऐतिहासिक टेराकोटा मंदिरों और शास्त्रीय संगीत के लिए जाना जाता है। इसलिए इसे भी घूमने के लिए चुना जा सकता है।
मांउटेनर्स हॉस्टल, सिलीगुड़ - आप पहाड़ियों का आनंद लेना चाहते हैं लेकिन ज्यादा दूर नहीं जाना चाहते, तो सिलीगुड़ी और उसके आस-पास के इलाकों में कई सुंदर और ठंडी जगहें हैं जहाँ आप आराम कर सकते हैं।
दिघा - अगर आप समुद्र तट का मजा लेना चाहते हैं, तो दिघा एक उत्तम स्थान है। यहाँ की समुद्री हवा और साफ समुद्र तट राहत देने का काम करते हैं।