योगी आदित्यनाथ का औद्योगिक मास्टरप्लान: 27 लॉजिस्टिक्स क्लस्टर से बदलेगा उत्तर प्रदेश का भविष्य!
प्रस्तावना: उत्तर प्रदेश का औद्योगिक पुनर्जागरण
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Toggleउत्तर प्रदेश, जो कभी मुख्यतः कृषि-प्रधान राज्य के रूप में जाना जाता था, आज भारत के सबसे तेजी से बढ़ते औद्योगिक राज्यों में शुमार हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने हाल ही में 27 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक्स क्लस्टर (IMLC) की नींव रखी है।
यह निर्णय सिर्फ एक बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं, बल्कि एक ‘औद्योगिक पुनर्जागरण’ की शुरुआत है, जिसमें एक्सप्रेसवे जैसे गंगा, यमुना, पूर्वांचल, आगरा-लखनऊ और बुंदेलखंड को विकास की रीढ़ बनाया गया है।
इन क्लस्टरों का उद्देश्य है—
निवेश आकर्षित करना
स्थानीय रोजगार सृजन
क्षेत्रीय संतुलित विकास
उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना
क्या है IMLC योजना?
IMLC का फुल फॉर्म और उद्देश्य
IMLC यानी Integrated Manufacturing & Logistics Cluster। इसका उद्देश्य है एक ऐसा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना जहाँ—
उत्पाद निर्माण (Manufacturing)
भंडारण (Warehousing)
वितरण (Distribution)
निर्यात (Export)
— सभी एकीकृत ढंग से हो सकें।
योजना की विशेषताएँ
प्रत्येक क्लस्टर एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ा होगा
आधुनिक सुविधाओं से युक्त – जैसे वॉटर ट्रीटमेंट, ग्रीन एनर्जी, ड्राइ पोर्ट, फ्लैटेड फैक्ट्री आदि
MSME से लेकर बड़े उद्योगों तक के लिए जगह
किन-किन ज़िलों में बनेंगे ये 27 IMLC क्लस्टर?
उत्तर प्रदेश के 26 ज़िलों में ये 27 क्लस्टर बनाए जाएंगे, जो कि 5 प्रमुख एक्सप्रेसवे से जुड़े होंगे। ये हैं:
एक्सप्रेसवे ज़िलों की संख्या प्रमुख ज़िले
यमुना एक्सप्रेसवे 7 ग्रेटर नोएडा, मथुरा, अलीगढ़
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 5 आजमगढ़, सुल्तानपुर
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 4 उन्नाव, कन्नौज
गंगा एक्सप्रेसवे 6 शाहजहांपुर, प्रयागराज
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 4 चित्रकूट, महोबा
कुल भूमि और अधिग्रहण की स्थिति
कुल ज़मीन: 13,240 एकड़
अब तक अधिग्रहित: 9,864 एकड़
शेष अधिग्रहण: 3,376 एकड़ (प्रक्रिया में)
एक्सप्रेसवे आधारित विकास की रणनीति
‘एक्सप्रेसवे इकोनॉमी’ क्या है?
एक्सप्रेसवे केवल सड़क नहीं, बल्कि आर्थिक जीवनरेखा बन चुके हैं। इन सड़कों के किनारे लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउसिंग जोन और फैक्ट्रियाँ स्थापित होती हैं जो स्थानीय स्तर पर विकास को तेज करती हैं।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: सुरक्षा और तकनीक का संगम
हाल ही में उद्घाटित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ATMS, CCTV निगरानी, और सेफ्टी स्क्वाड जैसी सुविधाएँ दर्शाती हैं कि यूपी अब केवल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है।
फोकस क्षेत्रों का चयन
बुंदेलखंड: खनिज संसाधनों के लिए
पूर्वांचल: जनसंख्या और श्रमबल के लिए
पश्चिमी यूपी: दिल्ली-एनसीआर कनेक्टिविटी के लिए
निवेश और रोजगार: आंकड़ों में भविष्य
अनुमानित निवेश
₹2 लाख करोड़ से अधिक का अनुमानित निवेश
विदेशी निवेशकों की भी रुचि – अमेरिका, जर्मनी, जापान से प्रस्ताव प्राप्त
4.2 रोजगार की संभावना
लगभग 15 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार
MSME सेक्टर के लिए विशेष स्पेस
फ्लैटेड फैक्ट्रियाँ छोटे उद्यमियों के लिए वरदान
उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर से क्लस्टर का तालमेल
उत्तर प्रदेश में 6 डिफेंस नोड्स बनाए जा रहे हैं:
- लखनऊ
- झांसी
- कानपुर
- चित्रकूट
- अलीगढ़
- आगरा
इन डिफेंस नोड्स के पास स्थित IMLC क्लस्टर रक्षा उपकरण निर्माण और सप्लाई चैन को भी मज़बूत करेंगे।
पर्यावरण और सतत विकास की दिशा में प्रयास
ग्रीन क्लस्टर की अवधारणा
सौर ऊर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट्स
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट
ग्रीन बेल्ट जोन
EIA (Environmental Impact Assessment)
प्रत्येक क्लस्टर में पर्यावरणीय मूल्यांकन अनिवार्य
भूजल स्तर पर निगरानी
कचरा प्रबंधन प्रणाली
IMLC से कैसे बदलेगा उत्तर प्रदेश का भविष्य?
उत्तर प्रदेश भारत के टॉप 3 निवेश आकर्षक राज्यों में शामिल होगा
यूपी का GSDP (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) में 15% की संभावित वृद्धि
निर्यात में दोगुनी वृद्धि संभव
क्लस्टर-वार विशेषताएं: किस क्लस्टर में क्या खास?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 क्लस्टरों की योजना को केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि उद्योग-विशिष्ट दृष्टिकोण से तैयार किया है। हर क्लस्टर की अपनी विशिष्टता, संसाधन और औद्योगिक क्षमता है।
यमुना एक्सप्रेसवे क्लस्टर
ग्रेटर नोएडा, जेवर, अलीगढ़: इलेक्ट्रॉनिक्स, EV, डिफेंस
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से निकटता इसे वैश्विक निवेश का केंद्र बना रही है
यहाँ पर टाटा, हीरो, हिटाची जैसी कंपनियों की रुचि
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे क्लस्टर
सुल्तानपुर, आज़मगढ़, मऊ: टेक्सटाइल, हैंडीक्राफ्ट, फूड प्रोसेसिंग
पारंपरिक कारीगरों की शिल्पकला को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने की पहल
गंगा एक्सप्रेसवे क्लस्टर
प्रयागराज, शाहजहांपुर: फार्मा, आईटी पार्क, मेडिकल इक्विपमेंट
रेलवे, रोड और एक्सप्रेसवे से त्रिस्तरीय कनेक्टिविटी
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे क्लस्टर
चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर: माइनिंग, स्टोन क्रशिंग, डिफेंस
पिछड़े क्षेत्र में पहली बार ऐसा निवेश, जिससे युवाओं को गांव में ही रोजगार
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे क्लस्टर
कन्नौज, उन्नाव, एटा: परफ्यूम इंडस्ट्री, चमड़ा उद्योग
लखनऊ के एयर कनेक्टिविटी से निर्यात को बढ़ावा
रोजगार निर्माण: स्थानीय युवाओं को मिलेगा लाभ
क्लस्टर आधारित स्किल डेवेलपमेंट
हर क्लस्टर के आसपास आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं ताकि उद्योगों को स्किल्ड वर्कफोर्स मिल सके और युवा बाहर पलायन न करें।
उदाहरण:
बुंदेलखंड में “डिफेंस टेक्नोलॉजी स्किल सेंटर”
सुल्तानपुर में “फूड प्रोसेसिंग स्किल हब”
महिला सशक्तिकरण पर विशेष ज़ोर
छोटे यूनिट्स में महिलाओं के लिए रोजगार आरक्षित
स्वयं सहायता समूहों को फैक्ट्री आउटसोर्सिंग के माध्यम से जोड़ा जाएगा
निवेशकों के लिए आकर्षण: एक क्लिक पर मंज़ूरी
सिंगल विंडो सिस्टम
UP सरकार का Nivesh Mitra पोर्टल – जहां 20+ विभागों की मंज़ूरी एक ही जगह मिलती है
निवेशक समिट और ग्राउंडिंग
2023 के Global Investors Summit में ₹35 लाख करोड़ से अधिक MoU
2024 में इनके 50% प्रोजेक्ट ग्राउंडिंग पर हैं
Ease of Doing Business Ranking
2021 में यूपी देश में दूसरे स्थान पर
2025 तक प्रथम स्थान प्राप्त करने का लक्ष्य
डिजिटल और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का मेल
फाइबर से जुड़े क्लस्टर
हर IMLC क्लस्टर को ऑप्टिकल फाइबर, 5G कनेक्टिविटी, और डिजिटल लॉजिस्टिक्स मैपिंग से जोड़ा जा रहा है
फ्लैटेड फैक्ट्री मॉडल
1000–2000 स्क्वायर फीट के फैक्ट्री शेड्स
स्टार्टअप्स, MSMEs, और महिला उद्यमियों के लिए सस्ता किराया
अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने की रणनीति
विदेशों में रोड शो
जापान, अमेरिका, यूएई, जर्मनी में CM योगी द्वारा रोड शो
300 से अधिक विदेशी निवेशकों ने यूपी में रुचि दिखाई
विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) प्रस्ताव
यमुना एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल में SEZs का प्रस्ताव
निर्यात आधारित इकाइयों को टैक्स छूट
हरित (Green) विकास की ओर उत्तर प्रदेश
कार्बन न्यूट्रल क्लस्टर का लक्ष्य
हर क्लस्टर में सोलर पैनल, वॉटर हार्वेस्टिंग, ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन
हर क्लस्टर एक जंगल’ योजना
10% क्षेत्र में हरियाली
पर्यावरण संरक्षण के लिए CSR से वृक्षारोपण
क्लस्टर और रेल/एयर नेटवर्क का तालमेल
रेलवे फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ाव
पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्लस्टर को ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा
मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब
जेवर और प्रयागराज में लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण
एयर कार्गो सुविधा, ड्राइ पोर्ट, वेयरहाउस शामिल
आगे की राह: उत्तर प्रदेश की औद्योगिक क्रांति का अगला चरण
नीति में निरंतरता और गति की आवश्यकता
IMLC जैसी योजनाओं की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि—
नीति कितनी स्थिर और स्पष्ट है
योजना समयबद्ध तरीके से लागू होती है
जमीन अधिग्रहण और निवेश के बीच कोई विलंब नहीं होता
आगे की राह में ज़रूरी है कि सरकार:
क्लस्टर-वार ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट’ बनाए
हर महीने प्रगति रिपोर्ट प्रकाशित करे
पारदर्शी पोर्टल पर जमीन, निवेश, रोजगार की जानकारी दे
स्मार्ट और सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल हब
अब समय है पारंपरिक औद्योगिक पार्कों से आगे बढ़कर स्मार्ट क्लस्टर्स की ओर जाने का:
AI और IoT आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम
सोलर और रिन्यूएबल एनर्जी पर आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर
स्मार्ट ट्रैफिक, वेस्ट मैनेजमेंट, डिजिटल लॉजिस्टिक्स
ये क्लस्टर केवल इंडस्ट्री नहीं, ‘इंडस्ट्रियल सिटीज़’ बनने की क्षमता रखते हैं।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए ब्रांड ‘UP’
उत्तर प्रदेश को अगर:
चीन के वैकल्पिक उत्पादन केंद्र के रूप में
ईस्टर्न इंडिया के ‘जर्मनी’ के रूप में
और भारत के ‘सप्लाई चेन कैपिटल’ के रूप में स्थापित करना है—
तो ब्रांड यूपी को वैश्विक मंच पर लाना होगा।
इसके लिए चाहिए:
एक्सपोर्ट पॉलिसी का विस्तार
विदेशी निवेशकों के लिए मार्केटिंग किट्स
इंडस्ट्रियल ब्रांडिंग: जैसे “Make in UP”, “Export from UP”
क्लस्टर-शिक्षा-स्टार्टअप तालमेल
भविष्य में औद्योगिक क्लस्टर तभी प्रभावी होंगे जब वे स्थानीय शिक्षा संस्थानों और स्टार्टअप्स से जुड़ें।
ज़रूरी है कि:
IITs, IIITs, पॉलिटेक्निक संस्थान क्लस्टर से इनोवेशन जोड़ें
क्लस्टर में इनोवेशन सेंटर, स्टार्टअप हब बनें
MSMEs को Incubation और Mentorship मिले
उदाहरण: बुंदेलखंड में रक्षा क्लस्टर + इंजीनियरिंग कॉलेज + स्टार्टअप्स = नया रक्षा उत्पाद
डाटा-ड्रिवन गवर्नेंस और निगरानी
आगे की राह में राज्य को चाहिए एक डिजिटल डैशबोर्ड, जिसमें:
हर क्लस्टर की निवेश स्थिति
रोजगार आंकड़े
MSME एक्टिविटी
पर्यावरणीय असर
इससे जनता को जवाबदेही और सरकार को निगरानी में मदद मिलेगी।
क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक समावेशन
एक बहुत बड़ा लक्ष्य यह भी होगा कि—
पिछड़े ज़िले जैसे सोनभद्र, चंदौली, श्रावस्ती, महोबा भी उद्योगिक रूप से सक्रिय हों
दलित, पिछड़े, महिला उद्यमी इस विकास यात्रा में भागीदार बनें
इसके लिए:
विशेष प्रोत्साहन नीति (Incentive Policy)
सामाजिक विविधता वाले उद्यमिता क्लस्टर
लॉन्ग टर्म विज़न – उत्तर भारत का ‘सिलिकॉन वैली’
उत्तर प्रदेश के पास:
जनशक्ति है
ज़मीन है
एक्सप्रेसवे और एयर कनेक्टिविटी है
अगर नीति में पारदर्शिता, तकनीक, पर्यावरण और मानव संसाधन को प्राथमिकता दी जाए— तो आने वाले 10 वर्षों में यूपी देश नहीं, दुनिया के टॉप 10 औद्योगिक हब में आ सकता है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक उत्कर्ष की नई गाथा
उत्तर प्रदेश आज विकास के हाईवे पर दौड़ता भारत का इंजन बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित 27 Integrated Manufacturing & Logistics Clusters (IMLC) केवल बुनियादी ढांचा परियोजनाएं नहीं, बल्कि एक नीति-संचालित, भविष्य-केंद्रित, जन-संलग्न औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हैं।
इन क्लस्टरों के माध्यम से राज्य ने एक साथ कई मोर्चों पर प्रहार किया है:
रोजगार सृजन: 15 लाख से अधिक रोजगार अवसर
निवेश आकर्षण: ₹2 लाख करोड़ से अधिक निवेश की संभावना
क्षेत्रीय विकास: बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे उपेक्षित क्षेत्रों को प्राथमिकता
ग्लोबल कनेक्टिविटी: एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे, फ्रेट कॉरिडोर के जरिए निर्यात का विस्तार
इन सबके मूल में है एक मजबूत दृष्टिकोण:
“सिर्फ सड़क नहीं, उद्योगिक सभ्यता का निर्माण।”
उत्तर प्रदेश अब न केवल भारत के औद्योगिक मानचित्र पर चमक रहा है, बल्कि ‘एक्सप्रेसवे-आधारित इकोनॉमिक मॉडल’ के ज़रिए वह अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल बन रहा है।
आगे की राह में यदि नीति में निरंतरता, तकनीकी समावेशन, और सामाजिक सहभागिता बनी रहती है—
तो कोई शक नहीं कि आने वाले 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश एशिया का लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है।
यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को ‘मेक इन यूपी’ के रूप में साकार करने की एक ठोस, ठहरी हुई लेकिन तेज़ यात्रा है।
“उत्तर प्रदेश अब सिर्फ भारत का राज्य नहीं, बल्कि भारत के औद्योगिक भविष्य की राजधानी है।“