शाहकोट आकांक्षी ब्लॉक बना भारत का नंबर 1 – नीति आयोग की ताज़ा रैंकिंग में अव्वल!
परिचय
नीति आयोग के आकांक्षी प्रखंड (Aspirational Blocks Programme – ABP) के अंतर्गत पंजाब के जालंधर जिले के शाहकोट ब्लॉक को ज़ोन‑2 (उत्तर भारत) के लिए प्रथम पुरस्कार देकर देश में “सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला आकांक्षी ब्लॉक” घोषित किया गया। इसे जालंधर प्रशासन के प्रयासों की सराहना बताकर पंजाब सरकार और स्थानीय टीम को बधाई दी गई। आइए, इस उपलब्धि के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें:
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आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम – एक परिचय और उद्देश्य
क्या है NITI आयोग का आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम?
आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम (ABP) (Aspirational Blocks Programme) को 7 जनवरी 2023 को लॉन्च किया गया था। यह कार्यक्रम उस सफलता पर आधारित है जो आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) ने जनवरी 2018 में हासिल की थी ।
ABP का उद्देश्य 500 चयनित प्रखंडों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन, बुनियादी ढांचा, पोषण आदि क्षेत्रों में सुधार लाना है। यह मुख्यतः ‘डेल्टा‑रैंकिंग’ के माध्यम से प्रत्येक तिमाही/मास में उनकी प्रगति को मापता है ।
ज़ोन अनुसार विभाजन
देश को छह ज़ोन में बांटा गया है:
ज़ोन‑1: पहाड़ी, उत्तर पूर्व, द्वीप
ज़ोन‑2: उत्तरी भारत (शाहकोट इसी में शामिल) ।
शाहकोट ब्लॉक की उपलब्धि – विस्तृत विवरण
पुरस्कार और अनुदान
प्रथम पुरस्कार: ज़ोन‑2 (उत्तर भारत) में।
विकास अनुदान: ₹1.5 करोड़ ।
दिनांक: 4 जुलाई 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस उपायुक्त (DC) डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने यह घोषणा की ।
उपलब्धि की विशेषताएँ
DC के अनुसार यह पुरस्कार निम्नलिखित पहलुओं के कारण प्राप्त हुआ:
उच्च रक्तचाप और मधुमेह स्क्रीनिंग
पोषण उद्यान (nutrition gardens) का निर्माण
एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम
मृदा स्वास्थ्य कार्ड का 100% संकलन
किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) का सशक्तीकरण
हेल्थ सर्विसेस का सुधार व सुधार के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग
नागरिक भागीदारी और समावेशी योजना क्रियान्वयन ।
देशव्यापी परिप्रेक्ष्य में तुलना
हर क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ब्लॉक
ज़ोन‑2 (उत्तर भारत):
- शाहकोट (जालंधर) – प्रथम
- औरई (संता रविदास नगर, उत्तर प्रदेश) – द्वितीय
अन्य ज़ोन के शीर्ष ब्लॉक्स (माह मार्च 2025 डेल्टा रैंकिंग अनुसार) :
ज़ोन‑1: चालकपिकरॉन्ग, चांदेल, मणिपुर
ज़ोन‑3: तिरियानी, तेलंगाना
… अन्य भी क्रमशः उल्लेखित।
शाहकोट ब्लॉक के सुधारात्मक मॉडल – आधारभूत स्तंभ
स्वास्थ्य और पोषण
नियमित BP, Sugar स्क्रीनिंग
एनीमिया उन्मूलन हेतु परीक्षण व दवाइयों का वितरण
पोषण उद्यान: स्कूलों व स्वास्थ्य केंद्रों में विटामिन और पोषक तत्व युक्त सब्जियाँ ।
कृषि और किसान सशक्तीकरण
मृदा स्वास्थ्य कार्ड: किसानों की ज़मीन का पोषण स्तर समझना और उपयुक्त सुझाव ।
FPOs: छोटे किसानों को संगठित कर उन्हें बाज़ार तक पहुँचाना।
शिक्षा एवं बुनियादी ढांचा
स्कूलों में उपस्थिति, गुणवत्ता और बुनियादी सुविधा सुधार।
डिजिटल मॉनिटरिंग: अभियान संबंधी गतिविधियों की निगरानी एवं डेटा संचालित निर्णय।
समुदाय सहभागिता
जागरूकता अभियानों के माध्यम से नागरिकों की सक्रिय भागीदारी।
स्थानीय हितधारकों को योजना निर्माण और कार्यान्वयन में शामिल करना।
जिला प्रशासन का दृष्टिकोण
डॉ. हिमांशु अग्रवाल का दृष्टिकोण
DC ने कहा:
जिला प्रशासन शाहकोट को “Aspirational” से “Inspirational” ब्लॉक बनाने की दिशा में काम कर रहा है ।
अब एलोकेटेड अनुदान को स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पोषण और आधारभूत ढांचे के सुधार में लगाया जाएगा।
पंजाब सरकार का योगदान
पंजाब सरकार की लगातार पैरामीटर मॉनिटरिंग और तकनीकी समर्थन से मध्य-स्थरण हुआ।
टीम वर्क: वन‑स्टॉप को‑ऑर्डिनेशन के कारण तेज सुधार संभव हुआ।
कार्यक्रम का ऐतिहासिक संदर्भ एवं महत्व
आकांक्षी जिलों से प्रेरणा
जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ADP में 112 जिलों को विकसित करने पर ध्यान दिया गया था, जिसके सफल परिणामों को देखते हुए अब यह ब्लॉक स्तर पर उठाया गया ।
तिमाही ‘डेल्टा‑रैंकिंग’
हर तिमाही पर Champions of Change पोर्टल पर प्रदर्शन का आकलन होता है। मार्च 2025 की रैंकिंग में शाहकोट प्रथम स्थान पर रहा ।
इस उपलब्धि के लाभ – स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर
स्थानीय सुधार
स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोत्तरी, स्कूलों एवं कृषि प्रदर्शन में सुधार।
बेहतर स्थानीय आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी।
राष्ट्रीय मंच पर गौरव
पूरे देश के 500 ब्लॉक्स में से शीर्ष 10% में श्रेष्ठता।
ज़ोन‑2 में पहला स्थान, उच्च विकास दर का संकेत।
प्रेरणास्रोत बनना
अन्य ब्लॉकों के लिए शाहकोट ‘बेंचमार्क’ बन गया।
टेक्नोलॉजी और नागरिक भागीदारी मॉडल को अपनाने की दिशा।
आगे की दिशा – कार्य योजना एवं रणनीति
₹1.5 करोड़ का सदुपयोग
स्वास्थ्य: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरण, कैंप।
शिक्षा: डिजिटल क्लासरूम, स्टडी मैटेरियल।
कृषि: वॉटर मैनेजमेंट, FPOs को तकनीकी समर्थन।
पोषण: नए पोषण उद्यान और जागरूकता अभियान।
ढांचा: सड़क, पानी, बिजली, स्वच्छता जैसी कार्यशील परियोजनाएँ।
निरंतर मॉनिटरिंग
हर महीने डेल्टा डेटा की समीक्षा।
कमी क्षेत्रों में त्वरित कार्य योजना।
टेक्नॉलॉजी आधारित रिपोर्टिंग।
साझेदारी मॉडल
केंद्रीय, राज्य, और जिला स्तरीय इंटरवेंटर्स की भागीदारी।
विकास पार्टनर्स, NGOs, CSR पहल का समन्वय।
शाहकोट ब्लॉक का उदाहरण – क्यों है एक आदर्श मॉडल?
जमीनी सच्चाई से जुड़ा विकास
शाहकोट की सफलता इस बात का प्रमाण है कि विकास तभी प्रभावी होता है जब वह स्थानीय ज़रूरतों के अनुसार हो। यहाँ की योजनाएँ केवल कागज़ पर नहीं, बल्कि गांव-गांव में दिखने लगीं।
सरकारी सेवाएँ मोबाइल ऐप्स के माध्यम से पहुँचीं।
ब्लॉक स्तर पर मॉनिटरिंग टीमों का गठन हुआ।
पंचायतें एवं SHG (स्वयं सहायता समूह) सक्रिय भूमिका में आईं।
डेटा आधारित गवर्नेंस
शाहकोट में “e-Governance Dashboard” पर लाइव ट्रैकिंग शुरू की गई।
योजनाओं की सफलता को आंकड़ों के आधार पर आंका गया।
स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और कृषि से जुड़े KPI पर फोकस किया गया।
टेक्नोलॉजी का क्रांतिकारी उपयोग
डिजिटल हेल्थ मिशन से जुड़ाव
Health ID कार्ड के ज़रिये सभी ग्रामीणों की मेडिकल हिस्ट्री रिकॉर्ड की गई।
टेलीमेडिसिन सेवा चालू की गई ताकि विशेषज्ञ डॉक्टरों तक सस्ती पहुंच हो सके।
स्कूलों में स्मार्ट शिक्षा
डिजिटल क्लासरूम, ऑनलाइन क्विज़ और प्रोजेक्टर आधारित पढ़ाई ने स्कूली बच्चों में रुचि बढ़ाई।
हर शिक्षक को टैबलेट दिया गया जिससे real-time attendance, performance ट्रैक हो सका।
सामाजिक समावेशन – महिलाओं और युवाओं की भागीदारी
महिला सशक्तिकरण की दिशा में पहल
महिला किसान दिवस, पोषण माह, और वित्तीय साक्षरता अभियान का आयोजन किया गया।
ग्रामीण महिलाओं को एफ.पी.ओ., दुग्ध उत्पादन, और किचन गार्डनिंग में जोड़ा गया।
युवाओं की भागीदारी
युवा स्वयंसेवकों ने स्वच्छता, पर्यावरण एवं पोषण पर नुक्कड़ नाटक और जागरूकता रैली चलाई।
आईटीआई और स्किल डेवेलपमेंट सेंटर के माध्यम से उन्हें स्वरोज़गार से जोड़ा गया।
अन्य जिलों के लिए सीख और अपनाने योग्य पहल
एकीकृत दृष्टिकोण
शाहकोट की योजनाएँ एकीकृत ढंग से क्रियान्वित की गईं – यानी स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और कृषि को अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ जोड़ा गया।
जवाबदेही और पारदर्शिता
योजनाओं की समीक्षा खुले मंच पर हुई जहां नागरिक अपनी बात रख सकते थे।
शिकायतों के लिए 24×7 हेल्पलाइन और WhatsApp Grievance Monitoring शुरू हुआ।
भविष्य की योजनाएं – शाहकोट की नई उड़ान
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
सभी सरकारी स्कूलों में स्टेम लैब (STEM Lab) की स्थापना।
AI आधारित एजुकेशन मॉडल को प्रायोगिक रूप से लागू करना।
कृषि में नवाचार
ड्रिप इरिगेशन, मृदा स्वास्थ्य, और क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर।
किसानों के लिए “Mobile Krishi Mitra App” की योजना।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
Mobile Health Vans और पोर्टेबल Diagnostic Kits।
स्वास्थ्य कर्मियों को AI-पावर्ड Decision Support Tools की सुविधा।

आकांक्षी प्रखंडों का भविष्य – नीति आयोग की दृष्टि
शासन का उद्देश्य
नीति आयोग चाहता है कि देश के हर पिछड़े प्रखंड को ‘Growth Engine’ बनाया जाए, जहाँ ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे को धरातल पर उतारा जा सके।
रणनीतिक लक्ष्य
2026 तक आकांक्षी ब्लॉकों को राज्य के औसत के बराबर लाना।
Public-Private Partnership (PPP) मॉडल को ग्रामीण स्तर तक उतारना।
FAQs on Aspirational Blocks Programme & Shahkot Block
1. नीति आयोग का आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम (ABP) क्या है?
उत्तर:
आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम (Aspirational Blocks Programme – ABP) नीति आयोग की एक पहल है, जिसे जनवरी 2023 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश के 500 पिछड़े ब्लॉकों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, जल, वित्तीय समावेशन आदि के क्षेत्र में समग्र और संतुलित विकास करना है।
2. शाहकोट ब्लॉक को कौन-सा पुरस्कार मिला है?
उत्तर:
पंजाब के जालंधर जिले का शाहकोट ब्लॉक को नीति आयोग के आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम में ज़ोन-2 (उत्तर भारत) के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार मिला है। इसे देश का सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला ब्लॉक घोषित किया गया है।
3. शाहकोट ब्लॉक को यह पुरस्कार क्यों मिला?
उत्तर:
शाहकोट ब्लॉक को यह पुरस्कार निम्नलिखित कारणों से मिला:
BP और डायबिटीज की व्यापक स्क्रीनिंग
पोषण उद्यान (Nutrition Gardens) की स्थापना
मृदा स्वास्थ्य कार्ड 100% वितरण
किसानों के FPO को सक्रिय करना
एनीमिया और बच्चों के पोषण में सुधार
टेक्नोलॉजी आधारित गवर्नेंस और जनभागीदारी
4. शाहकोट ब्लॉक को पुरस्कार के साथ कितनी राशि दी गई?
उत्तर:
शाहकोट ब्लॉक को ₹1.5 करोड़ की अनुदान राशि दी गई है, जिसका उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पोषण और बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा।
5. आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत देश को कितने ज़ोन में बांटा गया है?
उत्तर:
देश को इस कार्यक्रम के अंतर्गत 6 ज़ोन में बांटा गया है:
1. ज़ोन-1: पहाड़ी, उत्तर-पूर्व, द्वीप क्षेत्र
- ज़ोन-2: उत्तर भारत
- ज़ोन-3: पूर्व और पश्चिम भारत
- ज़ोन-4: दक्षिण भारत
- ज़ोन-5: आदिवासी क्षेत्र
- ज़ोन-6: अन्य पिछड़े क्षेत्र
6. शाहकोट ब्लॉक की सफलता के पीछे कौन-से अधिकारी का मुख्य योगदान रहा?
उत्तर:
जालंधर के पुलिस उपायुक्त (DC) डॉ. हिमांशु अग्रवाल के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने समर्पण और योजनाबद्ध ढंग से यह सफलता पाई।
7. आकांक्षी प्रखंडों की प्रगति की मॉनिटरिंग कैसे होती है?
उत्तर:
नीति आयोग द्वारा डेल्टा रैंकिंग (Delta Ranking) के आधार पर हर तिमाही इन ब्लॉकों की प्रगति की निगरानी की जाती है। इस रैंकिंग में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पोषण आदि मापदंडों को प्राथमिकता दी जाती है।
8. क्या यह पुरस्कार केवल एक बार दिया गया है या यह एक नियमित प्रक्रिया है?
उत्तर:
यह एक तिमाही आधारित मूल्यांकन है, जो नियमित रूप से होता है। हर ज़ोन में प्रदर्शन के आधार पर ब्लॉकों को पुरस्कृत किया जाता है। शाहकोट को मार्च 2025 की तिमाही में सर्वोत्तम घोषित किया गया।
9. शाहकोट ब्लॉक की उपलब्धि का राष्ट्रीय महत्व क्या है?
उत्तर:
शाहकोट ने यह दिखा दिया कि जब स्थानीय प्रशासन, टेक्नोलॉजी और जनता मिलकर कार्य करें तो पिछड़ा ब्लॉक भी अग्रणी बन सकता है। यह मॉडल पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।
10. इस उपलब्धि से स्थानीय लोगों को क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
स्थानीय लोगों को निम्नलिखित लाभ मिले:
स्वास्थ्य सुविधाएं गाँव-गाँव पहुँचीं
शिक्षा में डिजिटल नवाचार आया
किसानों को बाजार, बीज और अनुदान की मदद मिली
महिलाओं और युवाओं को स्वरोज़गार के अवसर मिले
11. इस कार्यक्रम के तहत भविष्य में क्या योजना है?
उत्तर:
भविष्य में शाहकोट और अन्य ब्लॉकों में:
डिजिटल एजुकेशन विस्तार
स्मार्ट हेल्थ क्लिनिक
जल संरक्षण और टिकाऊ कृषि
पोषण मिशन 2.0
युवाओं के लिए स्किल डेवेलपमेंट हब जैसे कार्य शामिल हैं।
2. क्या शाहकोट ब्लॉक अब “Inspirational Block” बनने की ओर अग्रसर है?
उत्तर:
जी हाँ! जिला प्रशासन और नीति आयोग की ओर से शाहकोट को “Aspirational से Inspirational Block” बनाने की दिशा में योजनाएँ सक्रिय हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
पंजाब के जालंधर जिले के शाहकोट ब्लॉक ने नीति आयोग के आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के अंतर्गत ज़ोन-2 में प्रथम स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति, जनभागीदारी और डेटा-आधारित निर्णय सही दिशा में हों, तो कोई भी क्षेत्र विकास की नई ऊँचाइयों को छू सकता है।
यह सफलता केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि गवर्नेंस की गुणवत्ता, योजनाओं की ज़मीनी पहुंच और समुदाय के सक्रिय सहयोग का प्रमाण है।
शाहकोट की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने यह भी साबित किया कि छोटे स्तर पर किए गए बड़े प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला सकते हैं।
पोषण से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर कृषि, और तकनीकी हस्तक्षेप से लेकर महिला सशक्तिकरण तक – इस ब्लॉक ने हर क्षेत्र में बेहतरीन समन्वय प्रस्तुत किया है।
यह मॉडल अब पूरे भारत के अन्य आकांक्षी प्रखंडों के लिए एक ‘रोल मॉडल’ के रूप में स्थापित हो चुका है। “Aspirational से Inspirational” की दिशा में शाहकोट का सफर न केवल पंजाब बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए एक प्रेरक उदाहरण बन गया है।
अब आवश्यकता है कि इस प्रकार की पहलों को देश के हर कोने तक पहुँचाया जाए, जिससे “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास” का सपना साकार हो सके।
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