सुनीता विलियम्स की वापसी खतरे में?

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सुनीता विलियम्स की वापसी टली, क्या बढ़ा खतरा?

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी “बुच” विल्मोर की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी लगातार टल रही है। 5 जून 2024 को उन्होंने बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्षयान के जरिए ISS के लिए उड़ान भरी थी, और यह उनकी पहली मानवयुक्त मिशन उड़ान थी। हालाँकि, तकनीकी खराबियों के चलते उनकी वापसी अनिश्चितकाल के लिए टल गई। इस मिशन में हो रही देरी और उससे जुड़े संभावित खतरों पर गहराई से चर्चा करते हैं।

स्टारलाइनर मिशन: पृष्ठभूमि और उद्देश्य

कमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा

नासा (NASA) ने अपने कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत निजी कंपनियों को अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना, जिसमें स्पेसएक्स (SpaceX) और बोइंग (Boeing) दो प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं। स्पेसएक्स ने अपने क्रू ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से सफल उड़ानें भरी हैं, जबकि बोइंग ने स्टारलाइनर (CST-100 Starliner) विकसित किया।

स्टारलाइनर का मुख्य उद्देश्य था:

  1. आईएसएस तक सुरक्षित मानव मिशन को अंजाम देना।

  2. नासा के लिए एक वैकल्पिक मानवयुक्त अंतरिक्षयान विकसित करना।

  3. स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल का एक प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश करना।

पहली मानवयुक्त उड़ान

बोइंग स्टारलाइनर की यह पहली मानवयुक्त उड़ान थी, जिसमें सुनीता विलियम्स पायलट के रूप में और बैरी विल्मोर कमांडर के रूप में सवार थे। इस मिशन का उद्देश्य स्टारलाइनर की प्रणाली, सुरक्षा और प्रदर्शन का परीक्षण करना था।

तकनीकी समस्याएँ और मिशन में देरी

स्टारलाइनर के आईएसएस पर पहुँचने के बाद कई तकनीकी खामियाँ उजागर हुईं:

1. थ्रस्टर्स की खराबी

जब स्टारलाइनर ISS के करीब पहुँचा, तो उसमें लगे थ्रस्टर्स में से पाँच ने काम करना बंद कर दिया।

थ्रस्टर्स किसी भी यान को दिशा देने और कक्षा में संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

जब ये थ्रस्टर्स खराब हुए, तो अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिंग करने में समस्या आई।

यह एक गंभीर खतरा था क्योंकि यदि यान अनियंत्रित हो जाता, तो वह अंतरिक्ष स्टेशन से टकरा सकता था।

2. हीलियम रिसाव

स्टारलाइनर के प्रोपेलेंट सिस्टम में हीलियम रिसाव पाया गया।

हीलियम का उपयोग ईंधन प्रणाली में दबाव बनाए रखने के लिए किया जाता है, जिससे इंजन को सुचारू रूप से चलाया जा सके।

रिसाव के कारण यान की नियंत्रण क्षमता प्रभावित हुई और यह ISS पर आपातकालीन स्थिति बन सकती थी।

3. वापसी में देरी और सुरक्षा चिंताएँ

थ्रस्टर और हीलियम सिस्टम की समस्याओं के चलते सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को तुरंत वापस लाना संभव नहीं था।

नासा और बोइंग ने मिलकर फैसला किया कि जब तक यान की सभी खामियों को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जाता, तब तक वापसी संभव नहीं होगी।

इसके परिणामस्वरूप, उनकी वापसी की तिथि कई बार बदली गई और अब यह 2025 तक टल चुकी है।

स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन: एक वैकल्पिक समाधान

बोइंग स्टारलाइनर की तकनीकी समस्याओं के बाद, नासा ने स्पेसएक्स के जरिए सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को वापस लाने का निर्णय लिया।

क्रू-9 मिशन की विशेषताएँ

सितंबर 2024 में स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन को लॉन्च किया गया।

इस मिशन का उद्देश्य आईएसएस पर नए अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना और वहाँ मौजूद सुनीता विलियम्सऔर बैरी को वापस लाना था।

आमतौर पर स्पेसएक्स के कैप्सूल में चार यात्री जाते हैं, लेकिन इस बार दो ही भेजे गए ताकि वापसी के समय सुनीता और बैरी को अतिरिक्त जगह मिल सके।

हालाँकि, जब तक स्पेसएक्स का यह कैप्सूल आईएसएस पर पहुँचा, तब तक मिशन में कुछ बदलाव किए गए और वापसी को और टाल दिया गया।

क्रू-10 मिशन और और देरी की संभावना

स्पेसएक्स ने क्रू-10 मिशन की योजना बनाई, जिससे सुनीता विलियम्स और बैरी को 2025 की शुरुआत में वापस लाया जा सकता था। लेकिन:

तकनीकी दिक्कतें और तार्किक कारणों से इस मिशन की समय-सीमा बढ़ा दी गई।

इससे अब उनकी वापसी मार्च 2025 के अंत तक टल चुकी है।

इसका मतलब है कि ये अंतरिक्ष यात्री नौ महीने से अधिक समय से ISS पर फंसे हुए हैं।

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के प्रभाव

1. शारीरिक प्रभाव

हड्डियों का कमजोर होना: गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण अस्थि घनत्व (Bone Density) कम हो जाती है।

मांसपेशियों की कमजोरी: जीरो ग्रैविटी में मांसपेशियाँ निष्क्रिय हो जाती हैं और उनकी ताकत घटती है।

दृष्टि संबंधी समस्याएँ: माइक्रोग्रैविटी के कारण आँखों के रेटिना पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है।

2. मानसिक प्रभाव

इतने लंबे समय तक एक सीमित स्थान में रहने से तनाव और डिप्रेशन बढ़ सकता है।

पृथ्वी से दूरी और लंबे समय तक अपनों से संपर्क न होने के कारण मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ जाता है।

नासा के वैज्ञानिक नियमित तौर पर इनका मानसिक स्वास्थ्य चेकअप और बातचीत करते हैं।

सुनीता विलियम्स की वापसी खतरे में?
सुनीता विलियम्स की वापसी खतरे में?

नासा और स्पेसएक्स की संयुक्त रणनीति

अब नासा और स्पेसएक्स मिलकर एक मजबूत रणनीति बना रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके:

1. इमरजेंसी बैकअप योजना: यदि किसी यान में खराबी हो, तो तुरंत एक वैकल्पिक योजना बनाई जाए।

2. तकनीकी उन्नयन: बोइंग स्टारलाइनर की गलतियों को ठीक करके इसे भविष्य के लिए तैयार किया जाए।

3. सुरक्षित वापसी का रोडमैप: अब नासा और स्पेसएक्स सुनिश्चित कर रहे हैं कि सुनीता विलियम्स और बैरी की मार्च 2025 में सुरक्षित वापसी हो।

भविष्य की चुनौतियाँ और सीख

इस घटना से कुछ महत्वपूर्ण सीख मिली हैं:

1. तकनीकी जांच का महत्व: कोई भी नया अंतरिक्ष यान अच्छी तरह से परखा जाना चाहिए ताकि ऐसी खराबियाँ ना हों।

2. वैकल्पिक यान की जरूरत: नासा को सिर्फ एक नहीं, बल्कि कम से कम दो विश्वसनीय यान की जरूरत है।

3. लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की तैयारी: ऐसे हालात में अंतरिक्ष यात्रियों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा के लिए नई रणनीति बनानी होगी।

निष्कर्ष

क्या स्टारलाइनर मिशन सफल होगा?

बोइंग का स्टारलाइनर मिशन, जो एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा था, तकनीकी खराबियों के चलते एक चुनौती बन गया। हालाँकि, नासा और स्पेसएक्स मिलकर अब इस समस्या का हल निकाल रहे हैं।

क्या सुनीता विलियम्स विल्मोर सुरक्षित वापस आएँगे?

सुनीता विलियम्स और विल्मोर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए नासा मार्च 2025 में स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन से उनकी वापसी की योजना बना रहा है।

भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि स्पेस मिशन में 100% सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है।

अब आने वाले महीनों में देखना होगा कि सुनीता विलियम्स और बैरी की वापसी कब और कैसे होगी?

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