Aastha Poonia: भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं | Indian Navy में नया इतिहास!
भूमिका: एक ऐतिहासिक क्षण
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Toggle3 जुलाई 2025 को भारतीय नौसेना ने इतिहास रच दिया। इस दिन Sub Lieutenant Aastha Poonia को नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट के रूप में “Wings of Gold” से सम्मानित किया गया। यह केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं थी, बल्कि भारतीय सैन्य इतिहास में महिला शक्ति की बुलंदी का प्रतीक बन गया।

बचपन के सपनों से युद्धक विमान तक
“जब भी कोई बच्चा उड़ते हुए जहाज़ को आसमान में देखता है, तो वह सोचता है — काश मैं वहाँ होता। लेकिन कुछ लोग उस सपने को असलियत में बदल देते हैं।”
Sub Lt Aastha Poonia का बचपन एक सामान्य ग्रामीण पृष्ठभूमि में बीता। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली Aastha Poonia का पालन-पोषण अनुशासन, मेहनत और शिक्षा के वातावरण में हुआ। उनके पिता एक शिक्षक हैं, जिन्होंने हमेशा अपनी बेटी को ‘सीमा के पार सोचने’ के लिए प्रोत्साहित किया।
छोटी उम्र से ही Aastha Poonia को विमान और उड़ानों में गहरी रुचि थी। उन्होंने कभी अपने सपनों को ‘लड़कियों के लिए नहीं है’ जैसी सोच से बांधने नहीं दिया। यही मानसिकता उन्हें आगे चलकर उन ऊंचाइयों पर ले गई जहाँ तक पहुँचना आसान नहीं होता।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से उड़ान की शुरुआत
Aastha Poonia ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में चयन पाकर अपने सपनों की पहली सीढ़ी पर कदम रखा। वहाँ से उन्होंने तीन वर्षों तक सैद्धांतिक और शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके NDA में चयन से यह स्पष्ट हो गया था कि वो न केवल शारीरिक रूप से सक्षम हैं बल्कि मानसिक दृढ़ता और नेतृत्व कौशल में भी अव्वल हैं।
NDA के बाद उन्हें भारतीय नौसेना की एविएशन ब्रांच में कमीशन मिला। यहाँ से उन्होंने फाइटर पायलट बनने के लिए विशेष प्रशिक्षण के लिए नामांकन कराया।
हॉक 132 प्रशिक्षण – हिम्मत और हुनर की परीक्षा
फाइटर पायलट बनने का सफर आसान नहीं होता। Sub Lt Aastha Poonia को Hawk Mk-132 नामक एडवांस ट्रेनिंग जेट विमान पर कई महीनों तक अभ्यास करना पड़ा। यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी ज्ञान की माँग करता है, बल्कि मानसिक संतुलन, निर्णय क्षमता और अविश्वसनीय सहनशक्ति की भी आवश्यकता होती है।
हर उड़ान, हर मिशन सिम्युलेटर, हर थ्योरी टेस्ट — ये सब Aastha Poonia के लिए एक परीक्षा की तरह थे। लेकिन उन्होंने हर चुनौती को एक अवसर की तरह लिया। जब अन्य प्रशिक्षु थकान या संदेह में थे, तब Aastha Poonia के चेहरे पर एक दृढ़ मुस्कान होती थी — “मुझे यह करना ही है।”
Wings of Gold” – गौरव, सम्मान और ज़िम्मेदारी
भारतीय नौसेना में “Wings of Gold” केवल एक बैज नहीं होता — यह गर्व, कड़ी मेहनत और उड़ान के काबिलियत का प्रतीक है। यह प्रतीक देता है उस पायलट को जो नौसेना की एविएशन शाखा में योग्य घोषित किया गया हो।
Aastha Poonia को यह सम्मान कब मिला?
3 जुलाई 2025 को विशाखापट्टनम स्थित INS Dega में आयोजित एक गरिमामयी समारोह में Sub Lt Aastha Poonia को यह विंग Rear Admiral जनक बेवली द्वारा प्रदान किया गया। इसी समारोह में उनके साथ Lt Atul Kumar Dhull को भी यह सम्मान मिला।
इसका क्या मतलब है?
Wings of Gold प्राप्त करने का मतलब है कि अब Aastha Poonia भारतीय नौसेना के फाइटर जेट्स जैसे MiG‑29K और भविष्य के Rafale-M जैसे उच्च क्षमता वाले विमानों को ऑपरेट करने के लिए पूरी तरह योग्य हैं।
प्रशिक्षण के बाद क्या होता है?
अब Aastha Poonia को आगे “Carrier Qualifications” (CQs) और “Advanced Combat Training” के लिए भेजा जाएगा, जहाँ वे समुद्री जहाज़ों से उड़ान और उतरने जैसी जटिल प्रक्रियाओं का अभ्यास करेंगी।
यह सम्मान केवल उन्हें पायलट नहीं बनाता — वो अब भारतीय समुद्री ताक़त की सबसे आधुनिक और ताक़तवर शाखा का प्रतिनिधित्व करेंगी।
भविष्य की उड़ान – MiG‑29K और Rafale-M
MiG‑29K: भारतीय नौसेना का गर्व
MiG‑29K एक twin-engine, carrier-based multirole फाइटर है जो मुख्य रूप से INS Vikrant और INS Vikramaditya पर तैनात है। इसकी क्षमताओं में शामिल हैं:
Supersonic speed (2,200+ km/h)
Multi-target engagement
Beyond visual range missiles
Night operation & air-to-sea strike abilities
अब Aastha Poonia जैसे पायलट इस विमान को ऑपरेट करने की दिशा में कदम रख रही हैं — ये केवल तकनीकी प्रशिक्षण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की प्रत्यक्ष ज़िम्मेदारी है।
Rafale-M की तैयारी
भारतीय नौसेना जल्द ही फ्रांसीसी फाइटर जेट Rafale-M को अपने बेड़े में शामिल करेगी। यह विमान INS Vikrant पर आधारित होगा और Aastha Poonia जैसे नए फाइटर पायलट्स इसके पहले स्क्वाड्रन में शामिल हो सकते हैं।
Rafale-M की विशेषताएँ:
Superior dogfight capabilities
AESA radar
Carrier landing hook
Advanced stealth & survivability
यदि सब कुछ योजना अनुसार चलता है, तो Sub Lt Aastha देश की पहली महिला पायलट होंगी जो दोनों प्रकार के फाइटर जेट्स — MiG‑29K और Rafale-M — को उड़ाएँगी।
भारतीय नौसेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
पिछले एक दशक में भारतीय नौसेना ने महिलाओं को न केवल सपोर्टिंग भूमिकाओं में बल्कि अब कॉम्बैट और ऑपरेशनल स्ट्रीम में भी मौका देना शुरू कर दिया है। यह बदलाव समय की मांग थी और समाज की सोच में भी परावर्तित हो रहा है।
महिला पायनियर
Lt Shubhangi Swaroop – पहली महिला पायलट (Dornier), 2017
Lt Kumudini Tyagi & Lt Riti Singh – पहली महिला एयरबोर्न टैक्टिशियन, 2020
Lt Cdr Prerna Deosthale – पहली महिला वॉरशिप कमांडर, 2023
अब Sub Lt Aastha Poonia – पहली महिला फाइटर पायलट, 2025
नौसेना की नीति
भारतीय नौसेना की नीति अब लैंगिक समानता की ओर अग्रसर है। सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोला गया है — एविएशन, पनडुब्बी, तकनीकी, लॉजिस्टिक, यहाँ तक कि युद्धपोतों पर भी स्थायी तैनाती।
यह बदलाव न केवल सेना को अधिक दक्ष बना रहा है, बल्कि यह युवा महिलाओं को सेना में करियर चुनने के लिए प्रेरित कर रहा है।

Lt Atul Kumar Dhull – समान उपलब्धि, समान गौरव
Aastha Poonia के साथ-साथ Lt Atul Kumar Dhull ने भी “Wings of Gold” प्राप्त किए। दोनों ही प्रशिक्षु एक साथ फाइटर कोर्स का हिस्सा बने और एक साथ इस उपलब्धि को पाया।
क्या खास है Lt Dhull में?
जहाँ Aastha Poonia एक ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए जानी गईं, वहीं Atul Dhull भी उसी कठिन प्रशिक्षण प्रक्रिया से गुज़रे। वो भी भारतीय नौसेना के भविष्य के फाइटर पायलट्स में से एक हैं। उनकी उपस्थिति यह दर्शाती है कि यह सफलता व्यक्तिगत नहीं, बल्कि टीम भावना और साझा संघर्ष का फल है।
रक्षा सेवाओं में लैंगिक समावेश (Gender Inclusivity in Defence Forces)
बदलता हुआ दृष्टिकोण
एक समय था जब सशस्त्र बलों को केवल पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था। परंतु पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने महिलाओं को स्थायी कमीशन, कॉम्बैट रोल्स और अग्रिम मोर्चों में जगह देकर इस मिथक को तोड़ दिया है।
अब, Sub Lt Aastha Poonia का फाइटर स्ट्रीम में आना नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक और ठोस कदम है।
समावेशिता की रणनीति
रक्षा मंत्रालय और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने यह सुनिश्चित किया है कि:
NDA और SSB में जेंडर-न्यूट्रल चयन प्रक्रिया हो
महिला कैडेट्स को समान प्रशिक्षण और जिम्मेदारी मिले
Carrier-based एयरक्राफ्ट संचालन, फाइटर मिशन, और विशेष टास्क फोर्स में महिलाओं को भागीदारी का अवसर मिले
Sub Lt Aastha Poonia का चयन इसी रणनीति का सजीव उदाहरण है।
Aastha Poonia की कहानी से मिली प्रेरणा
सपना देखने से डरिए मत…
Aastha Poonia की कहानी सिर्फ वर्दी पहनने की नहीं है — ये कहानी है सपनों को उड़ान देने की, समाज की सीमाओं को पार करने की और हर उस लड़की को प्रेरणा देने की, जो अपने भीतर आसमान छूने की चाह रखती है।
बेटियाँ कमज़ोर नहीं होतीं
Aastha Poonia के माता-पिता ने भी सामाजिक सीमाओं की परवाह किए बिना बेटी को उड़ान भरने का हौसला दिया। उनकी माँ ने खेतों और घर का काम सँभाला और पिता ने शिक्षा और अनुशासन का मूल्य दिया।
हर माता-पिता को Aastha Poonia के माता-पिता से सीखना चाहिए — बेटी को रोकिए मत, पंख दीजिए।
छात्रों के लिए सीख
अनुशासन, समर्पण और लक्ष्य – ये तीन शब्द Aastha Poonia की सफलता का सूत्र हैं
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह संदेश है कि
यदि आप सच्चे दिल से प्रयास करें
बाधाओं से न डरें
तो एक दिन “Wings of Gold” आपकी भी हो सकती हैं
निष्कर्ष: नारी शक्ति की नई उड़ान
Sub Lieutenant Aastha Poonia की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, यह एक राष्ट्रीय प्रतीक बन गई है — उस भारत की तस्वीर, जहाँ बेटियाँ अब सीमाएँ नहीं, आसमान माप रही हैं।
भारतीय नौसेना की सोच में क्रांतिकारी बदलाव
Aastha Poonia की फाइटर स्ट्रीम में एंट्री यह दिखाती है कि भारतीय नौसेना अब परंपरा और पुरुष प्रधान सोच से आगे बढ़कर समावेशिता और सामर्थ्य के सिद्धांत पर कार्य कर रही है।
जहाँ एक समय महिलाओं को सिर्फ मेडिकल या एडमिन ब्रांच में रखा जाता था, आज वहीं वो फाइटर जेट्स उड़ा रही हैं, जो कभी सिर्फ पुरुषों के लिए आरक्षित माने जाते थे।
लड़कियों के लिए एक नई प्रेरणा
Aastha उन सभी लड़कियों की प्रतीक बन गई हैं जो छोटे कस्बों, गांवों या सीमित संसाधनों से आती हैं लेकिन उनके सपने बड़े होते हैं।
उनका यह सफर हर माँ-बाप को यह सिखाता है कि बेटी को सपनों से रोको मत, उड़ान दो।
एक नई पीढ़ी का संदेश
इस क्षण को एक प्रतीक के रूप में देखना चाहिए — यह दिखाता है कि
मेहनत लिंग नहीं देखती
जुनून कोई सीमा नहीं मानता
और एक देश तभी महान बनता है, जब उसकी बेटियाँ भी उसकी रक्षा पंक्ति में खड़ी हों
Aastha Poonia सिर्फ उड़ान नहीं भर रहीं, वो एक रास्ता खोल रही हैं
एक ऐसा रास्ता जो और भी लड़कियों को प्रेरित करेगा, जहां से अगली Aastha Poonia, अगली Bhawana, अगली Avani निकलेगी।
“वो आसमान में उड़ती है क्योंकि ज़मीन से उसने मोल तोड़ लिया है।
पंखों की ज़रूरत नहीं, क्योंकि उसके हौसले ही उसकी सबसे बड़ी ताक़त हैं।”
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