PM मोदी Trinidad Award: भारत के प्रधानमंत्री को मिला कैरेबियाई देश का सर्वोच्च सम्मान!
भूमिका: भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा का विस्तार
Table of the Post Contents
Toggleप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वैश्विक कद बीते एक दशक में जितना ऊंचा हुआ है, वह आजादी के बाद किसी भी भारतीय नेता के लिए मिसाल बन गया है। भारत आज एक उभरती वैश्विक शक्ति नहीं बल्कि एक निर्णायक नेतृत्व देने वाला राष्ट्र बन चुका है।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2025 में त्रिनिदाद एंड टोबैगो के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो” से सम्मानित किया गया।
यह केवल एक सम्मान नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक, कूटनीतिक और वैश्विक छवि का प्रतीक है। यह लेख इसी ऐतिहासिक घटना को विस्तार से प्रस्तुत करता है।

सम्मान का परिचय: “Order of the Republic of Trinidad and Tobago” क्या है?
इस सम्मान की पृष्ठभूमि
“ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो” (ORTT) इस कैरेबियाई राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे केवल उन्हीं व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने मानवता, संस्कृति, लोकतंत्र और वैश्विक कल्याण के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो। यह सम्मान अत्यंत दुर्लभ होता है और अब तक यह बहुत सीमित व्यक्तियों को ही प्राप्त हुआ है।
क्यों विशेष है यह सम्मान?
यह सम्मान अब तक अधिकतर त्रिनिदाद और टोबैगो के ही नागरिकों को प्राप्त हुआ है।
पहली बार किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को यह सम्मान प्रदान किया गया – और वह हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
यह भारत और त्रिनिदाद के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है।
भारत-त्रिनिदाद के ऐतिहासिक रिश्ते
सांस्कृतिक संबंध
त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतवंशी समुदाय की उपस्थिति 1845 से आरंभ होती है, जब पहले गिरमिटिया मजदूर भारतीय उपमहाद्वीप से इस द्वीप राष्ट्र में पहुंचे।
आज वहाँ की कुल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा भारतीय मूल के नागरिकों का है, जो भोजपुरी, हिंदी, संस्कृत, भारतीय संगीत, रामायण, होली, दीवाली और अन्य परंपराओं को अब भी जीवित रखे हुए हैं।
राजनीतिक और कूटनीतिक सहयोग
भारत और त्रिनिदाद के बीच:
द्विपक्षीय व्यापार,
सांस्कृतिक आदान-प्रदान,
भारतीय मूल के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा,
और वैश्विक मंचों पर सहयोग (जैसे UN, Commonwealth) निरंतर मजबूत रहा है।
सम्मान समारोह: कैसे और कहाँ हुआ यह आयोजन?
स्थान: पोर्ट ऑफ स्पेन (राजधानी)
सम्मान समारोह का आयोजन त्रिनिदाद की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में स्थित राष्ट्रपति भवन में हुआ। वहाँ देश की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान औपचारिक रूप से प्रदान किया।
मोदी का अभिभाषण
सम्मान प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह हमारी साझा विरासत, लोकतांत्रिक मूल्यों और सांस्कृतिक बंधन का प्रतीक है।“
त्रिनिदाद की संसद में ऐतिहासिक संबोधन
संसद का संयुक्त सत्र
सम्मान प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।
यह भारतीय प्रधानमंत्री का पहला संबोधन था इस कैरेबियाई राष्ट्र की संसद में, जो ऐतिहासिक माना गया।
संबोधन के मुख्य बिंदु
1. लोकतंत्र की शक्ति
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र भारत की आत्मा में बसता है। यह केवल शासन प्रणाली नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता की आत्मा है।
2. डायस्पोरा का योगदान
उन्होंने भारतवंशियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि भारत के मूल्यों को जीवंत बनाए रखने में आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है।
3. भविष्य की साझेदारी
भारत और त्रिनिदाद के बीच ऊर्जा, स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक और कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया।
4. भावनात्मक जुड़ाव
मोदी जी ने अपने भाषण में कहा:
“जब मैं यहां की सड़कों पर चलता हूँ, तो मुझे बिहार और उत्तर प्रदेश की गूंज सुनाई देती है।“
डायस्पोरा को सौगात: OCI कार्ड की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने एक बहुत ही बड़ी घोषणा की — अब छठी पीढ़ी तक के भारतीय मूल के लोग भी OCI कार्ड (Overseas Citizen of India) के लिए पात्र होंगे।
यह घोषणा त्रिनिदाद जैसे देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां भारतीय मूल के लोगों की जड़ें 180 साल पुरानी हैं।
मोदी की विदेश नीति: ग्लोबल साउथ की आवाज़
ग्लोबल साउथ के लिए मोदी की रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ग्लोबल साउथ को एकजुट कर एक नई वैश्विक व्यवस्था की पैरवी कर रहे हैं जिसमें विकासशील देशों की आवाज़ को भी समान महत्व मिले।
त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों को विशेष महत्त्व देना इस नीति का हिस्सा है।
रणनीतिक दृष्टिकोण
भारत की ‘Act West Policy’ अब केवल मध्य-पूर्व तक सीमित नहीं, बल्कि कैरेबियाई क्षेत्र तक भी फैल रही है।
यह दौरा न केवल सांस्कृतिक संबंधों का बल्कि ऊर्जा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी का भी संकेत देता है।
वैश्विक स्तर पर सम्मान: 25वीं अंतरराष्ट्रीय उपाधि
प्रधानमंत्री मोदी को अब तक 25 देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिल चुका है, जिनमें शामिल हैं:
देश सम्मान का नाम
रूस ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू
सऊदी अरब किंग अब्दुलअजीज साश
फ्रांस लीजन ऑफ ऑनर
मिस्र नाइल सम्मान
त्रिनिदाद ORTT
यह भारत के कूटनीतिक कद और वैश्विक नेतृत्व को दर्शाता है।
मीडिया और जन प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय मीडिया की प्रतिक्रियाएं
अमेरिकी, ब्रिटिश और अफ्रीकी मीडिया ने इसे “India’s Soft Power Triumph” बताया।
कैरेबियन न्यूज ने लिखा — “Modi’s presence bridges history and future for Indo-Caribbeans.”
भारतीय मीडिया
भारतीय टीवी चैनलों, अखबारों और डिजिटल मीडिया में यह खबर बड़ी सुर्खियों में रही। इसे भारत की ग्लोबल कूटनीतिक जीत कहा गया।

FAQs: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ORTT सम्मान से जुड़ी सामान्य जिज्ञासाएं
Q1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कौन सा पुरस्कार मिला है?
उत्तर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान — “Order of the Republic of Trinidad and Tobago” (ORTT) — मिला है।
Q2. यह सम्मान किस दिन प्रदान किया गया?
उत्तर: प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान 4 जुलाई 2025 को त्रिनिदाद की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में प्रदान किया गया।
Q3. ORTT सम्मान क्या होता है?
उत्तर: Order of the Republic of Trinidad and Tobago (ORTT), त्रिनिदाद और टोबैगो सरकार द्वारा दिया जाने वाला सबसे ऊँचा नागरिक सम्मान है। यह उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने समाज, मानवता, संस्कृति या वैश्विक कूटनीति में असाधारण योगदान दिया हो।
Q4. क्या यह पहली बार है जब यह सम्मान किसी विदेशी को दिया गया है?
उत्तर: हाँ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मान को पाने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बने हैं।
Q5. इस सम्मान को देने के पीछे क्या कारण थे?
उत्तर: प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान निम्नलिखित कारणों से मिला:
ग्लोबल साउथ के लिए उनके नेतृत्व,
भारत और त्रिनिदाद के गहरे ऐतिहासिक संबंधों को मज़बूत करने में योगदान,
भारतीय डायस्पोरा के लिए किए गए प्रयास,
लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए।
Q6. क्या प्रधानमंत्री ने त्रिनिदाद की संसद को संबोधित किया?
उत्तर: हाँ, प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जहाँ उन्होंने लोकतंत्र, सांस्कृतिक संबंध और वैश्विक सहयोग जैसे मुद्दों पर बात की।
Q7. त्रिनिदाद और टोबैगो में कितने भारतीय मूल के लोग रहते हैं?
उत्तर: त्रिनिदाद और टोबैगो की कुल जनसंख्या में लगभग 40% से अधिक लोग भारतीय मूल के हैं, जिनकी जड़ें 19वीं सदी में गिरमिटिया प्रणाली से जुड़ी हैं।
Q8. क्या प्रधानमंत्री ने कोई खास घोषणा की वहां?
उत्तर: हाँ, प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा की कि अब छठी पीढ़ी तक के भारतीय मूल के लोग भी OCI कार्ड (Overseas Citizen of India) के लिए पात्र होंगे।
Q9. इससे भारत को क्या लाभ होगा?
उत्तर:
भारत की वैश्विक छवि और नेतृत्व को मजबूती मिलेगी।
भारतीय मूल के लोगों में गौरव और आत्मीयता का भाव बढ़ेगा।
भारत और त्रिनिदाद के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध और सशक्त होंगे।
Q10. ORTT सम्मान के अन्य प्राप्तकर्ता कौन हैं?
उत्तर: अब तक यह सम्मान अधिकांशतः त्रिनिदाद के ही नागरिकों को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले विदेशी नेता हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला।
निष्कर्ष: एक ऐतिहासिक सम्मान, भारत की वैश्विक पहचान का प्रतीक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “Order of the Republic of Trinidad and Tobago (ORTT)” से सम्मानित किया जाना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और सांस्कृतिक-कूटनीतिक प्रभाव का सशक्त प्रमाण है।
यह सम्मान दर्शाता है कि भारत अब केवल एक विकासशील राष्ट्र नहीं, बल्कि विश्व मंच पर नीति, नेतृत्व और मूल्यों का वाहक बन चुका है। मोदी का त्रिनिदाद की संसद को संबोधित करना, भारतीय मूल के नागरिकों के लिए OCI कार्ड की सुविधा बढ़ाना, और भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति – ये सभी कदम भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को मजबूत करते हैं।
भारत और त्रिनिदाद के बीच 180 वर्षों से चले आ रहे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और मानवीय रिश्ते अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल एक सम्मान की यात्रा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और रणनीतिक मिशन था – जो भविष्य में भारत को और अधिक वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगा।
यह सम्मान न केवल नरेंद्र मोदी का है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की मेहनत, विरासत और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
Related
Discover more from Aajvani
Subscribe to get the latest posts sent to your email.