अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: क्यों पूरा विश्व भारत की इस परंपरा को अपना रहा है?
प्रस्तावना: जीवन की सरल राह — योग
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Toggleमनुष्य के जीवन में जब प्रश्न बढ़ते हैं, समाधान घटते हैं और भीतर एक शून्यता जन्म लेती है — तब कोई रास्ता होता है जो आत्मा को फिर से जोड़ता है, शरीर को स्थिरता देता है और मन को शांति। वह रास्ता है — योग।
आज के इस भागदौड़ भरे युग में जहाँ तनाव, रोग और असंतुलन आम हो चले हैं, वहाँ योग न केवल एक विकल्प है, बल्कि एक आवश्यकता बन चुका है। इसी सोच को समर्पित है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, जिसे हर वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मूल अर्थ और भारतीय दर्शन
योग, संस्कृत शब्द “युज” से आया है, जिसका अर्थ है — जोड़ना, संयोजन करना या एकता स्थापित करना। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केवल शारीरिक व्यायाम या आसनों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जीवन शैली, एक आध्यात्मिक विज्ञान है जो शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करता है।
पतंजलि योगसूत्र, जो योग दर्शन का मूल ग्रंथ है, उसमें योग को परिभाषित किया गया है:
>”योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः”
अर्थात् – योग चित्त की वृत्तियों का निरोध है।
इसका तात्पर्य है कि योग हमें अपने भीतर की उथल-पुथल, तनाव, भय और भ्रम से बाहर निकालकर शांति, स्पष्टता और आत्मचिंतन की ओर ले जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का जन्म: भारत से विश्व तक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्ताव
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने ऐतिहासिक भाषण में यह प्रस्ताव रखा कि विश्व को योग जैसा अमूल्य उपहार देना चाहिए। उन्होंने कहा:
> “योग भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति के बीच एकता का प्रतीक है। यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक संपूर्ण दृष्टिकोण है।”
संयुक्त राष्ट्र की स्वीकृति
मोदी जी के इस प्रस्ताव को वैश्विक समर्थन मिला और 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने केवल 75 दिनों में 177 देशों के समर्थन के साथ इसे स्वीकृति दे दी। यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक कीर्तिमान था।
इसके परिणामस्वरूप, पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया — पूरे विश्व में।
21 जून को ही क्यों चुना गया?
21 जून को ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) होती है, यानी यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह दिन योगिक परंपरा में बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह अंतरतम ऊर्जा की जागरूकता के लिए उपयुक्त समय होता है।
भारत की योग परंपरा में 21 जून को आदियोगी शिव द्वारा प्रथम योगी को पहला योग ज्ञान देने का दिन माना जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम: “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य”
हर वर्ष योग दिवस की एक थीम होती है जो उस समय की वैश्विक मानसिकता और आवश्यकता को दर्शाती है।
2025 की थीम है: “One Earth, One Health” यानी “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य।”
इसका संदेश साफ है —
हमारा स्वास्थ्य केवल हमारे शरीर तक सीमित नहीं है। जब तक पृथ्वी, पर्यावरण, जल, वायु और समाज स्वस्थ नहीं होंगे, तब तक
हमारा स्वास्थ्य भी अधूरा रहेगा।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इस संपूर्ण स्वास्थ्य का मार्ग है।

2025 के प्रमुख आयोजन: भारत और विश्व स्तर पर
1. भारत में विशेष आयोजन
भारत सरकार और राज्य सरकारें मिलकर योग दिवस को एक जनांदोलन के रूप में मना रही हैं। लाखों लोग, स्कूलों से लेकर आईटी पार्क, जेलों से लेकर संसद तक, योग में भाग लेंगे।
विशेष स्थान जैसे हिमालय, लाल किला, वाराणसी घाट, समुद्र तट, रेगिस्तान आदि पर योग शिविर होंगे।
महा योग सत्र जिसमें 50 लाख लोग एक साथ योग करेंगे।
‘हर गांव, हर गली में योग’ अभियान चलाया जा रहा है।
2. वैश्विक आयोजन
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में विशेष योग सत्र।
पेरिस, लंदन, टोक्यो, केपटाउन, जैसे शहरों में भारतीय दूतावासों द्वारा योग आयोजन।
ऑनलाइन वैश्विक योग सम्मेलन, जिसमें 100 से अधिक देशों से योग गुरुओं का जुड़ाव।
योग के प्रकार: केवल आसन नहीं, विज्ञान है
1. हठ योग
शरीर और ऊर्जा पर केंद्रित योग। इसमें शारीरिक आसन, प्राणायाम और बंध प्रमुख हैं।
2. राज योग
पतंजलि योग सूत्र पर आधारित। इसमें ध्यान, धारणा और समाधि शामिल हैं।
3. कर्म योग
स्वार्थरहित सेवा के माध्यम से योग की प्राप्ति।
4. भक्ति योग
ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण द्वारा आत्मा का विस्तार।
5. ज्ञान योग
बुद्धि और विवेक के माध्यम से आत्मा की खोज।
योग का वैज्ञानिक महत्व
1. शारीरिक लाभ
रक्तचाप को नियंत्रित करता है
पाचन तंत्र को सुधारता है
रीढ़ और जोड़ों की लचीलापन बढ़ाता है
मोटापा कम करता है
2. मानसिक लाभ
तनाव और चिंता को कम करता है
अनिद्रा से राहत देता है
याददाश्त और ध्यान शक्ति बढ़ाता है
3. आत्मिक लाभ
आत्म-चिंतन की क्षमता बढ़ती है
मन को शांति और संतुलन प्राप्त होता है
जीवन में उद्देश्य का बोध होता है
स्कूलों और युवाओं के लिए योग
आज की युवा पीढ़ी तकनीक में तो आगे है, लेकिन मानसिक असंतुलन, डिप्रेशन और थकावट से जूझ रही है। ऐसे में योग उन्हें एक संतुलित जीवनशैली और आत्मविश्वास देता है।
शिक्षा मंत्रालय ने योग को स्कूल पाठ्यक्रम में भी शामिल किया है। 2025 में भी लाखों विद्यार्थी स्कूलों में योग अभ्यास करेंगे।
समाज में योग की भूमिका
योग ने धार्मिक सीमाओं को तोड़ा है।
यह सामाजिक समरसता का माध्यम बन रहा है।
योग शिविरों में हर वर्ग, हर जाति, हर उम्र के लोग एक साथ आकर योग करते हैं — यही है भारत की आत्मा।
भविष्य की राह: केवल एक दिन नहीं, हर दिन योग
योग केवल 21 जून का पर्व नहीं होना चाहिए। यह तो हर सुबह का सूर्योदय बनना चाहिए। यदि हम इसे जीवन का अंग बना लें — तो मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और सामाजिक सौहार्द्र, अपने आप हमारे पास आ जाएंगे।
2025 का यह योग दिवस, हमें फिर से याद दिलाता है कि:
> “योग केवल व्यायाम नहीं, यह आत्मा और ब्रह्मांड के बीच संबंध की एक यात्रा है।”
योग और पर्यावरण: प्रकृति से जुड़ने की साधना
योग केवल शरीर से नहीं, प्रकृति से भी जुड़ाव है। जब हम “वृक्षासन” करते हैं, तो हम एक पेड़ की तरह स्थिर होना सीखते हैं। जब हम “सूर्य नमस्कार” करते हैं, तो हम उस ऊर्जा स्रोत के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं, जो हमें जीवन देता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम “One Earth, One Health” हमें इस ओर जागरूक करती है कि जब तक पृथ्वी स्वस्थ नहीं होगी, हम भी नहीं हो सकते।
योग हमें प्रकृति के साथ समरस होकर जीना सिखाता है, न कि उसे जीतने या शोषण करने का मार्ग देता है।
योग और आधुनिक चिकित्सा: एक पूरक प्रणाली
आज जब विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा अपने चरम पर है, तब भी डॉक्टर और वैज्ञानिक यह स्वीकार कर रहे हैं कि केवल दवाइयों से मनुष्य पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो सकता।
योग एक पूरक चिकित्सा पद्धति है, जो दवाओं के दुष्प्रभाव को कम करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और मरीज की मानसिक स्थिति को सुदृढ़ करता है।
> AIIMS और ICMR जैसे संस्थानों ने अपने शोधों में पाया है कि:
डायबिटीज, हाई बीपी, थायरॉइड, माइग्रेन, डिप्रेशन, पीठ दर्द, और अनिद्रा जैसी बीमारियों में योग के नियमित अभ्यास से स्थायी लाभ होता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग की स्वीकार्यता
1. अमेरिका
हजारों योग स्टूडियो
हॉलीवुड हस्तियों की योग में गहरी रुचि
स्कूलों में ‘माइंडफुलनेस’ के साथ योग का समावेश
2. यूरोप
जर्मनी, फ्रांस, इटली में मेडिकल थेरेपी के साथ योग को शामिल किया गया
योग टीचर को प्रोफेशनल ट्रेन्डिंग दी जाती है
3. खाड़ी देश और मध्य-एशिया
मुस्लिम बहुल देशों में भी योग को स्वास्थ्य के लिए अपनाया जा रहा है
योग को धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, स्वास्थ्य विज्ञान के रूप में देखा जा रहा है
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और तकनीक: डिजिटल युग में योग
2025 में जब मोबाइल, सोशल मीडिया, और स्क्रीन टाइम ने हमारी मानसिकता को चूर-चूर कर दिया है, तब डिजिटल योग एक नया अध्याय लिख रहा है।
मोबाइल एप्स: Daily Yoga, Sadhguru, Patanjali YogPeeth जैसे एप्स लोगों को घर बैठे योग सिखा रहे हैं।
YouTube चैनल्स: भारत से लेकर अमेरिका तक लाखों दर्शक रोज़ योग सीख रहे हैं।
ऑनलाइन लाइव योग सत्र: कोविड-19 के बाद से ऑनलाइन योग की मांग और पहुंच बहुत बढ़ गई है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 में भारत की भूमिका
भारत इस आयोजन का मूल स्रोत है, इसलिए उसकी भूमिका केवल आयोजक की नहीं, मार्गदर्शक की है। भारत की कोशिश है कि:
हर आयु वर्ग तक योग पहुंचे
योग को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में स्थायी रूप से जोड़ा जाए
सभी धर्म, पंथ, जातियों में इसकी स्वीकार्यता सुनिश्चित हो
मेडिकल साइंस और योग का संयुक्त शोध हो
योग पर्यटन (Yoga Tourism) को बढ़ावा मिले

योग और भारतीय संस्कृति का पुनर्जागरण
योग केवल एक व्यायाम पद्धति नहीं, वह भारतीय संस्कृति का जीवंत दर्शन है।
जिस तरह वेदों, उपनिषदों, और गीता में योग का व्यापक वर्णन है, उसी तरह आज के संदर्भ में योग:
संस्कृति को जोड़ता है
प्राचीन भारत को आधुनिक भारत से जोड़ता है
वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को साकार करता है
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और रोजगार
2025 में योग एक आर्थिक अवसर भी बन चुका है:
योग ट्रेनर, डिजिटल योग कोच, योग एप डेवलपर, योग थेरेपिस्ट, योग परिधान व उपकरण आदि क्षेत्रों में लाखों नौकरियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
भारत सरकार Skill India के तहत योग प्रशिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित कर रही है।
जन-जन तक योग: ग्राम भारत से ग्लोबल भारत
भारत का लक्ष्य है कि 2025 के योग दिवस पर:
हर पंचायत में योग शिविर हो
हर स्कूल में योग सत्र हो
हर रेल स्टेशन, हर पार्क, हर जेल, हर पुलिस लाइन में योग दिवस मनाया जाए
और यह अभियान केवल एक दिन का नहीं — नित्य जीवन का हिस्सा बने
कुछ प्रेरणादायक बातें योग के बारे में
>स्वामी विवेकानंद ने कहा था —
“हमारी सबसे बड़ी विजय है – अपने ऊपर विजय। योग यही सिखाता है।”
>सद्गुरु कहते हैं —
“योग आपको वो नहीं बनाता जो आप बनना चाहते हैं, योग आपको वो बनाता है जो आप पहले से हैं।”
> महात्मा गांधी ने भी योग को आत्मसंयम, आहार और सेवा का स्रोत माना।
2025 और आगे की दृष्टि: “हर दिन योग, हर मन योगमय”
आइए कल्पना करें एक भारत की —
जहाँ सुबह की शुरुआत प्राणायाम से होती है
जहाँ हर बच्चा ध्यान और संतुलन में पलता है
जहाँ बुजुर्गों को स्वास्थ्य और सम्मान मिलता है
जहाँ विश्व भारत की ओर देखता है, केवल तकनीक के लिए नहीं — आध्यात्मिक पथप्रदर्शक के रूप में
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन (Summer Solstice) होता है।
Q2. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कब और किसके द्वारा हुई थी?
उत्तर:
इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए गए प्रस्ताव से हुई।
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को 21 जून को योग दिवस के रूप में घोषित किया। पहला योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था।
Q3. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम क्या है?
उत्तर:
2025 की संभावित थीम है — “One Earth, One Health”
(एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य), जो योग के माध्यम से संपूर्ण स्वास्थ्य और वैश्विक एकता पर बल देती है।
Q4. योग का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?
उत्तर:
योग का संस्कृत में अर्थ है “जुड़ना”। यह आत्मा और परमात्मा के बीच, शरीर और मन के बीच, और व्यक्ति और ब्रह्मांड के बीच संतुलन बनाने की प्रक्रिया है।
Q5. योग के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:
मुख्य रूप से योग के 4 प्रमुख प्रकार माने जाते हैं:
1. राज योग – ध्यान और आत्म-संयम
2. ज्ञान योग – ज्ञान और विवेक का मार्ग
3. भक्ति योग – प्रेम और भक्ति द्वारा ईश्वर से जुड़ाव
4. कर्म योग – सेवा और निष्काम कर्म का मार्ग
Q6. योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता कैसे मिली?
उत्तर:
भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दिया था। यह अब तक के इतिहास में सबसे तेज़ और व्यापक रूप से स्वीकार किया गया प्रस्ताव है।
Q7. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
यह भारत की प्राचीन परंपरा और ज्ञान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है।
यह स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन, और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है।
यह वैश्विक शांति और एकता का प्रतीक बन चुका है।
Q8. 2025 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कहाँ मुख्य रूप से मनाया जाएगा?
उत्तर:
हर वर्ष किसी न किसी शहर या देश में इसका मुख्य आयोजन होता है। 2025 में इसका मुख्य आयोजन भारत के किसी प्रमुख ऐतिहासिक या प्राकृतिक स्थल पर होने की संभावना है, जैसे: वाराणसी, ऋषिकेश या किसी अंतरराष्ट्रीय स्थान पर।
Q9. क्या योग केवल हिंदू धर्म से जुड़ा है?
उत्तर:
नहीं, योग धर्म-निरपेक्ष है। यह मानवता की भलाई के लिए है और इसका उद्देश्य शारीरिक, मानसिक व आत्मिक संतुलन प्राप्त करना है। सभी धर्मों के लोग योग को स्वास्थ्य लाभ हेतु अपनाते हैं।
Q10. योग दिवस पर कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं?
उत्तर:
सामूहिक योग प्रदर्शन
योग प्रशिक्षण सत्र
प्रतियोगिताएँ और संगोष्ठियाँ
डिजिटल योग वेबिनार
चिकित्सा शिविर और स्वास्थ्य परीक्षण
स्कूलों व कॉलेजों में पोस्टर व भाषण प्रतियोगिता
Q11. क्या योग से बीमारियों का इलाज संभव है?
उत्तर:
योग इलाज नहीं, बल्कि रोकथाम का माध्यम है। यह डायबिटीज, हाई बीपी, थकान, चिंता, अवसाद, अनिद्रा जैसी समस्याओं में अत्यंत लाभकारी है। कई रोगों के इलाज में भी यह पूरक चिकित्सा प्रणाली के रूप में काम करता है।
Q12. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केवल भारत तक सीमित है क्या?
उत्तर:
नहीं, अब यह 190 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है, जिनमें अमेरिका, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, UAE, और अफ्रीकी देश भी शामिल हैं।
Q13. क्या योग को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है?
उत्तर:
जी हाँ, भारत सरकार ने योग को कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों के लिए शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य विज्ञान का हिस्सा बनाया है।
Q14. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सीखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
उत्तर:
योग प्रशिक्षकों से प्रत्यक्ष सीखना सर्वोत्तम है। साथ ही आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, YouTube, और मोबाइल एप्स (जैसे Sadhguru, Patanjali, Daily Yoga) के माध्यम से भी सीख सकते हैं।
Q15. क्या अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और ध्यान (Meditation) अलग-अलग हैं?
उत्तर:
योग एक व्यापक पद्धति है जिसमें ध्यान भी शामिल है। ध्यान योग का एक अभिन्न भाग है जो मस्तिष्क की एकाग्रता और मानसिक शांति प्रदान करता है।
निष्कर्ष:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह उस प्राचीन भारतीय जीवनदर्शन का उत्सव है जो “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है” की अवधारणा पर आधारित है।
योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मनुष्य को आत्म-अनुशासन, जागरूकता और आंतरिक संतुलन की ओर प्रेरित करता है।
21 जून को जब पूरा विश्व सूर्य की सबसे लंबी किरणों का स्वागत करता है, उसी दिन योग के माध्यम से आत्मा और प्रकृति के बीच की दूरी भी कम हो जाती है।
यह दिवस न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत का वैश्विक स्वीकार है, बल्कि एक ऐसा मंच है जहाँ से विश्वभर में शांति, स्वास्थ्य और समरसता का संदेश दिया जाता है।
आज की तेज़-तर्रार और तनावपूर्ण दुनिया में योग हमें थमने, स्वयं से जुड़ने और भीतर झाँकने का अवसर देता है।
यह न केवल शरीर को लचीलापन देता है, बल्कि हमारे विचारों को भी स्पष्ट करता है और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करता है।
अतः, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर, आइए हम सभी यह संकल्प लें कि योग को केवल एक दिवस की गतिविधि नहीं, बल्कि अपने जीवन की दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाएं — ताकि हम व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ वैश्विक स्वास्थ्य और शांति की दिशा में भी योगदान दे सकें।
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