एशिया का सबसे बड़ा संतरा प्रोसेसिंग प्लांट- से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: भारत के नागपुर में स्थित ‘पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क’ एशिया का सबसे बड़ा संतरा प्रोसेसिंग प्लांट है। यह प्लांट संतरा किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने, रोजगार सृजन करने और फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। आइए इस प्लांट से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं:
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Toggleएशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: उद्घाटन और स्थान
➤उद्घाटन: यह प्लांट 9 मार्च 2025 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा उद्घाटित किया गया।
➤ स्थान: यह प्लांट महाराष्ट्र के नागपुर के मिहान (MIHAN) क्षेत्र में स्थित है, जो एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: क्षमता और उत्पादन क्षमता
➤ इस प्लांट में प्रतिदिन लगभग 800 टन संतरे प्रोसेस करने की क्षमता है।
* यह संयंत्र संतरे से जूस, अर्क, तेल, और अन्य उत्पाद बनाने में सक्षम है।
संतरे की ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग
यह प्लांट अलग-अलग गुणवत्ता (ग्रेड) के संतरे प्रोसेस करता है:
* A-ग्रेड – ताजा और उच्च गुणवत्ता के संतरे।
* B-ग्रेड – सामान्य गुणवत्ता के संतरे, जिनका जूस और अन्य उत्पादों में उपयोग किया जाता है।
• C-ग्रेड – आंधी से टूटे हुए या कम गुणवत्ता के संतरे, जिनका अर्क और अन्य उपयोगी उत्पाद बनाने में उपयोग होता है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: जीरो वेस्टेज सिस्टम
यह प्लांट “Zero Waste” (शून्य कचरा) तकनीक पर काम करता है।
- संतरे के छिलके से वोलाटाइल ऑयल और खुशबूदार तेल निकाला जाता है।
बचा हुआ भाग खाद्य उत्पादों, दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग किया जाता है।
अत्याधुनिक तकनीक और अनुसंधान
- इस प्लांट में आधुनिक मशीनें और विदेशी तकनीक का उपयोग किया गया है।
पतंजलि ने इस प्लांट को एक अनुसंधान केंद्र (R&D) के रूप में भी विकसित किया है, ताकि कृषि और फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी नई तकनीकों को विकसित किया जा सके।
कोरोना काल में चुनौतियाँ और सफलता
- यह प्लांट 2020-2022 के दौरान बनना शुरू हुआ था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण निर्माण में देरी हुई।
कठिनाइयों के बावजूद, इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया और यह आज विदर्भ क्षेत्र की सबसे बड़ी फूड प्रोसेसिंग यूनिट बन गया है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट किसानों के लिए वरदान
इस प्लांट से विशेष रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के संतरा किसानों को फायदा मिलेगा।
किसान अपनी फसल को बेहतर दामों पर बेच सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर
- इस संयंत्र में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग और डिलीवरी इंडस्ट्री में भी नई नौकरियां पैदा होंगी।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: स्किल डेवलपमेंट और प्रशिक्षण केंद्र
- इस प्लांट को प्रधानमंत्री स्किल इंडिया मिशन के तहत युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए एक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।
- यहाँ फूड प्रोसेसिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: बाय-प्रोडक्ट्स (उत्पादों का विस्तारीकरण)
- यह प्लांट सिर्फ संतरा जूस बनाने तक ही सीमित नहीं है।
यहाँ संतरा पाउडर, खुशबूदार तेल, सौंदर्य प्रसाधन, दवाएँ, और स्वास्थ्य पेय भी बनाए जाते हैं।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: स्थानीय उद्योगों के लिए बढ़ावा
- नागपुर में इस प्लांट के कारण अन्य खाद्य और कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
छोटे पैमाने पर फार्मिंग, ट्रांसपोर्ट और पैकेजिंग यूनिट्स को फायदा होगा।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: आर्थिक निवेश और उद्योग विस्तार
- इस संयंत्र की स्थापना में करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
यह नागपुर और उसके आसपास के क्षेत्र के आर्थिक विकास को तेज करने में मदद करेगा।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: पर्यावरणीय प्रभाव और हरित तकनीक
- यह प्लांट पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग करता है।
संयंत्र में पुनर्नवीनीकरण ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) और जल संरक्षण प्रणाली को प्राथमिकता दी गई है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: नागपुर: संतरा उत्पादन का केंद्र
- नागपुर को पहले से ही “संतरा नगरी” कहा जाता है।
इस प्लांट की स्थापना से नागपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संतरा प्रोसेसिंग का हब बनाने की योजना है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: भविष्य की योजनाएँ
- पतंजलि इस प्लांट के जरिए और नए फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स शुरू करने की योजना बना रहा है।
आने वाले वर्षों में भारत के अन्य राज्यों में भी इसी तरह के संतरा और अन्य फलों के प्रोसेसिंग प्लांट खोलने की योजना बनाई जा रही है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: वैश्विक बाजार में भारत की पहचान
- यह प्लांट भारत को संतरा प्रोसेसिंग उद्योग में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाएगा।
इससे भारत के कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा और विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: निर्यात को बढ़ावा
- इस प्लांट में उत्पादित संतरा जूस और अन्य बाय-प्रोडक्ट्स को विदेशों में भी निर्यात किया जाएगा।
मध्य-पूर्व, यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में भारतीय संतरे और उनके उत्पादों की भारी मांग है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: किसानों के लिए फिक्स्ड प्राइस मॉडल
- पतंजलि ने किसानों को निश्चित दाम (Fixed Price Model) देने की योजना बनाई है।
इससे किसान बिचौलियों के शोषण से बचेंगे और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: जैविक खेती को बढ़ावा
- इस प्लांट के जरिए किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
जैविक संतरा अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है और इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक मांग रहती है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: छोटे किसानों के लिए सहकारी समितियाँ
- पतंजलि इस प्लांट से जुड़े छोटे किसानों को सहकारी समितियों में संगठित करने की योजना बना रहा है।
इससे किसानों को बेहतर संसाधन, तकनीकी जानकारी और वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: भारत सरकार की खाद्य प्रसंस्करण योजना से जुड़ाव
- यह प्लांट भारत सरकार की “प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना” के तहत कार्य कर रहा है।
इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय दोगुनी करना और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूत बनाना है।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: फूड सेफ्टी और क्वालिटी कंट्रोल
- इस संयंत्र में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है।
इसके उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control) के उच्चतम मानकों पर आधारित होते हैं, जिससे भारतीय और विदेशी बाजार में भरोसा बढ़ेगा।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: भविष्य में अन्य फलों की प्रोसेसिंग का विस्तार
- भविष्य में इस प्लांट को केवल संतरा तक सीमित नहीं रखा जाएगा।
• यहाँ अमरूद, अनार, सेब और अन्य फलों की प्रोसेसिंग की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे भारत में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को और मजबूती मिलेगी।
एशिया का सबसे बड़ा ऑरेंज प्लांट: ऑटोमेटेड प्लांट और डिजिटल तकनीक का उपयोग
- यह प्लांट पूरी तरह से ऑटोमेटेड मशीनों और डिजिटल तकनीक से लैस है।
संतरे की सफाई, छंटाई, जूस निकालने और पैकेजिंग तक की सभी प्रक्रियाएँ कंप्यूटराइज्ड और न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ की जाती हैं, जिससे गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में सुधार होता है।
संतरा आधारित हेल्थ और वेलनेस प्रोडक्ट्स
- इस प्लांट में संतरा सिर्फ जूस के रूप में नहीं बल्कि आयुर्वेदिक और वेलनेस उत्पादों में भी उपयोग किया जाएगा।
संतरे के छिलके, बीज और अर्क का उपयोग कर विटामिन C से भरपूर इम्यूनिटी बूस्टर, स्किन केयर प्रोडक्ट्स और हर्बल सप्लीमेंट्स बनाए जाएंगे।

स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और कोल्ड स्टोरेज सुविधा
- इस प्लांट के पास आधुनिक कोल्ड स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क उपलब्ध है, जिससे संतरों को लंबे समय तक ताजा रखा जा सकता है।
इससे फूड वेस्टेज (भोजन की बर्बादी) कम होगी और दूर-दराज के इलाकों तक संतरा आधारित उत्पादों की डिलीवरी सुगम होगी।
भारत के आत्मनिर्भरता अभियान में योगदान
- यह प्लांट “आत्मनिर्भर भारत” अभियान का एक प्रमुख हिस्सा है, जिससे भारत को फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
विदेशी ब्रांड्स पर निर्भरता कम होगी और भारत में ही हाई-क्वालिटी फूड प्रोडक्ट्स का उत्पादन और निर्यात बढ़ेगा।
पर्यावरण के अनुकूल (Eco-Friendly) प्रोसेसिंग तकनीक
- इस प्लांट में ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जिससे ऊर्जा की खपत कम होगी और कार्बन फुटप्रिंट घटेगा।
संतरा प्रोसेसिंग के दौरान निकलने वाले कचरे का बायोगैस, खाद और अन्य उपयोगी उत्पादों में पुनर्चक्रण किया जाता है।
अनुसंधान और विकास (R&D) केंद्र की स्थापना
- इस प्लांट में एक आधुनिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र (R&D Lab) भी बनाया गया है।
यहाँ पर नए संतरा उत्पादों, पैकेजिंग तकनीकों और संरक्षण विधियों पर रिसर्च की जाएगी, जिससे लंबे समय तक उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
- यह प्लांट एक औद्योगिक पर्यटन केंद्र (Industrial Tourism Spot) के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।
इससे देशभर के कृषि और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े छात्र, शोधकर्ता और उद्योगपति यहां आकर सीख सकते हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान
- इस प्लांट के माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती, संतरा उत्पादन तकनीकों और प्रोसेसिंग विधियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इससे संतरा उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा, जिससे किसान अधिक लाभ कमा सकेंगे।
निष्कर्ष
‘पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क’ न केवल एशिया का सबसे बड़ा संतरा प्रोसेसिंग प्लांट है, बल्कि यह किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने, स्थानीय रोजगार बढ़ाने और भारतीय फूड प्रोसेसिंग उद्योग को एक नई ऊँचाई देने में मदद करेगा। यह प्लांट भारतीय कृषि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह परियोजना किसानों, युवाओं और स्थानीय उद्योगों के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है।