कर्नाटक एक्सप्रेस हादसा: जानिए कितने लोग हुए प्रभावित और क्या हैं ताजा हालात
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Toggleमहाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार को हुए कर्नाटक एक्सप्रेस से इस भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या 13 से अधिक बताई जा रही है जिसमें आठ डेड बॉडी की पहचान की जा चुकी है इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है | Read more…
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!चिंगारी,धुँआ और आग लगने की अफवाह से पुष्पक एक्सप्रेस के यात्री दूसरे ट्रैक पर उतर गए, दुर्भाग्य यह रहा कि कर्नाटक एक्सप्रेस के ड्राइवर ट्रेन की स्पीड को धीमी की थी, सवाल यह उठता है कि ड्राइवर ट्रैक पर खड़े लोगों को क्यों नहीं देख पाया |

हादसे का विवरण
यह हादसा बुधवार की रात को हुआ था जब कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन ट्रैक पर खड़े लोगों से टकरा गई | इस ट्रेन हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, और कई लोग घायल भी हो गए रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया कि ट्रेन के रुकने के कारण से यह लोग दूसरे ट्रैक पर खड़े थे |
ड्राइवर ने धीमी की थी ट्रेन
ट्रेन अचानक से धीमी हुई और ट्रेन के नीचे काफी धुआं उठा। जानकारों का कहना है कि अचानक ब्रेक लगने की वजह से ब्रेक शू रगड़ाया। इससे धुआं हुआ।ट्रेन के यात्री इसी वजह से डर गए कि ट्रेन में आग लग गई है |
और कुछ यात्री ट्रेन से उतर कर देखने लगे कि क्या हुआ। इस वजह से यात्री यह देख नहीं पाए कि जिस पटरी पर हम खड़े हैं, उसी पटरी पर कोई ट्रेन आ रही है। यही हालत दूसरी ट्रेन के पायलट की भी थी।
उन्हें भी नहीं दिख रहा था कि ट्रैक पर आगे क्या है? अच्छी बात यह हुई कि अलार्म चेन पुलिंग (ACP) के बाद पुष्पक एक्सप्रेस के पायलट ने नियमानुसार ट्रेन की flasher light ON कर दी थी।
कर्नाटक एक्सप्रेस के चालक ने इसे नोटिस किया और ट्रेन ने ब्रेकिंग शुरू की थी। ट्रेन की चाल धीमी हो गई थी। यदि ट्रेन अपनी स्पीड में होती तो इस हादसे मे मरने वालों की संख्या बढ़ सकती थी।
ड्राइवर के न देख पाने का कारण
• रात का समय और खराब दृश्यता : यह भीषण हादसा रात को हुआ, और रात में अंधेरे के कारण ड्राइवर ट्रैक पर खड़े लोगों को देख नहीं पाया |
• तेज गति: कर्नाटक एक्सप्रेस अपनी सामान्य गति से चल रही थी इतनी तेज रफ्तार में अचानक से रख पाना असंभव था |
• ट्रैक पर लोगों की उपस्थिति : ट्रेन के ड्राइवर इस बात की उम्मीद नहीं करते कि लोग ट्रैक पर खड़े होंगे |
यह समस्या बार-बार क्यों होती है?
• रेलवे ट्रैक पर अनाधिकृत प्रवेश : भारत के लोग रेलवे ट्रैक को सड़क की तरह उपयोग करते हैं ज कि उनके लिए खतरनाक है |
• सुरक्षा जागरूकता की कमी : भारत देश के लोगों को कभी यह एहसास नहीं होता कि रेलवे ट्रैक पर खड़ा होना कभी जानलेवा भी हो सकता है |
• रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी : रेलवे के पास पटरी पर लोगों को रोकने के लिए कोई सुरक्षा उपाय नहीं है |

भविष्य की उम्मीद
* टेक्नोलॉजी का योगदान : रेलवे सुरक्षा आने वाले समय में ड्रोन, सेंसर, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ सकता है।
• सुरक्षित और तेज़ रेलवे : अगर रेलवे द्वारा सही कदम उठाए गए, तो भविष्य में भारतीय रेलवे न केवल सुरक्षित होगी, बल्कि लोगों का भरोसा भी मजबूत होगा।
निष्कर्ष
कर्नाटक एक्सप्रेस एक भीषण हादसा न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि यह समाज और रेलवे दोनों के लिए एक बहुत बड़ी चेतावनी है। इस घटना से स्पष्ट होता है कि सुरक्षा उपायों और जागरूकता की भारी कमी है। click here…
अगर समय के रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो इस तरह की घटनाएंप्रतिदिन होती रहेंगी।
सरकार और रेलवे को मिलकर ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिससे ट्रैक पर खड़े लोगों की पहचान समय रहते हो सके। साथ ही, हमें अपने स्तर पर भी सतर्क रहना होगा और सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा।
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