काशी तमिल संगमाम 3.0

काशी तमिल संगमम 3.0: भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को बनाये रखने में क्यों है जरूरी , जानिए प्रमुख कारण

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काशी तमिल संगमम 3.0: सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक एकता का उत्सव

परिचय- भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता की भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 15 जनवरी 2025 से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के द्वारा काशी तमिल संगमाम 3.0 के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल को लांच किया गया.

काशी तमिल संगमाम 3.0
काशी तमिल संगमाम 3.0

काशी तमिल संगमाम 3.0 का आयोजन 15 फरवरी 2025 से 24 फरवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी (काशी) में आयोजित होगा जिसमें काशी और तमिलनाडु के बीच प्राचीन सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों का उत्सव मनाया जाएगा.

पंजीकरण प्रक्रिया

काशी तमिल संगमम 3.0 पंजीकरण के लिए केंद्र सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है जिसको आईआईटी मद्रास के द्वारा विकसित किया गया है यह पोर्टल Kashitamil.iitm.ac.in है.

इस पोर्टल के माध्यम से इच्छुक प्रतिभागी 15 जनवरी 2025 से 1 फरवरी 2025 तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं इस पहल का उद्देश्य काशी और तमिल के बीच प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है.

काशी तमिल संगमम 3.0 की थीम

काशी तमिल संगम 3.0 की थीम है- ऋषि अगस्त्य.
इस थीम का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक रूपरेखा को गहराई के साथ समझना यही इस वर्ष के काशी तमिल संगमाम 3.0 की थीम का केंद्र बिंदु है.

ऋषि अगस्त्य तमिल संस्कृति के एक महान संत हुए हैं जिन्होंने हमेशा भारत की प्राचीन विरासत को बनाए रखने की कोशिश की है ऋषि अगस्त्य का योगदान तमिल परंपरा में साहित्य के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है.

महाकुंभ और अयोध्या दौरा

महाकुंभ 2025 और अयोध्या में स्थित रामलला मंदिर की महत्वता काशी तमिल संगमाम 3.0 को और भी ज्यादा महत्वपूर्ण को बनाती है.

जैसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ 2025 और अयोध्या स्थित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला संगम है जिस कारण इन दोनों के संयोग से काशी तमिल संगम 3.0 की खूबसूरती और ज्यादा हो जाती है. Click here

प्रतिभागियों की श्रेणियां और संख्या

इस साल सरकार ने तमिलनाडु से पांच श्रेणियाों के अंतर्गत लगभग 1000 प्रतिभागियों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया है जो कि अपने आप में एक बड़ी संख्या है. इसमें प्रतिभागी करने वाली श्रेणियां जैसे-

1. छात्र, शिक्षक, लेखक

2. किसान और कारीगर

3. पेशेवर और छोटे उद्यमी

4. महिलाएं ( स्वयं सहायता समूह, मुद्रा ऋण लाभार्थी, DBHPS प्रचारक )

5. शिक्षा- प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्टार्टअप और अनुसंधान

काशी तमिल संगमाम 3.0
काशी तमिल संगमाम 3.0

इसके अलावा विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालय के अध्यनरत तमिल मूल के लगभग 200 छात्रों का समूह भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेगा जिसमें वे अपना प्रदर्शन करके काशी और तमिल के बीच प्राचीन संबंधों को मजबूत करने का प्रयास करेंगे.

कार्यक्रम की अवधि और यात्रा विवरण का लेखा-जोखा

काशी तमिल संगमम 3.0 का आयोजन 8 दिनों के लिए होगा जिसमें चार दिन यात्रा के लिए होंगे और शेष चार दिन स्थल पर कार्यक्रमों के लिए निर्धारित किए गए हैं.

इस कार्यक्रम का पहला समूह 13 फरवरी 2025 को तमिलनाडु से उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी (काशी) के लिए रवाना होगा और कार्यक्रम का अंतिम समूह 26 फरवरी 2025 को वापस लौटेगा.

काशी तमिल संगमम 3.0 की मुख्य विशेषताएं

काशी तमिल संगमम 3.0 के दौरान उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी (काशी ) में ऋषि अगस्त्य के विभिन्न पहलुओं और उनके स्वास्थ्य, दर्शन विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, कला आदि विशेष रूप से तमिलनाडु और तमिल प्राचीन विरासत को बनाए रखा जाएगा.

इस अवसर पर ऋषि अगस्त्य के तमिल साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए विभिन्न प्रदर्शनी, संगोष्ठियां, कार्यशाला और पुस्तक विमोचन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. Read more..

एक भारत श्रेष्ठ भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल

काशी तमिल संगमम 3.0 का उद्देश्य काशी और तमिलनाडु के प्राचीन संबंधों को मजबूत करना है जिससे भारत के दो सबसे प्राचीनतम सांस्कृतिक शहरो विरासत को कायम रखने का प्रयास किया जाएगा .

सदियों से चली आ रही इन दोनों शहरों की अलग-अलग विविधता कों साथ मिलकर भारत की प्राचीनतम विरासत को बढ़ावा देना है.

इस पहल को ज्यादा खूबसूरत बनाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत नामक पहल का शुभारंभ किया जिसका उद्देश्य भारत की श्रेष्ठ विरासत को साथ में लेकर आगे बढ़ाना है. जो देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को प्रोत्साहित करता है.

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