क्रूज़ भारत मिशन: भारत को ग्लोबल टूरिज्म का सुपरपावर बनाने की शानदार शुरुआत

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क्रूज़ भारत मिशन: भारत के समुद्री पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली क्रांति

परिचय: समुद्र से जुड़ी भारत की विरासत और भविष्य

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भारत एक प्राचीन समुद्री राष्ट्र रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही भारत समुद्री व्यापार और नौवहन का केंद्र रहा है। हमारे तटीय शहर न केवल व्यापारिक केंद्र थे, बल्कि सांस्कृतिक और कूटनीतिक आदान-प्रदान के प्रमुख माध्यम भी रहे हैं।

समय के साथ जैसे-जैसे समुद्री गतिविधियाँ सीमित होती गईं, भारत की इस पारंपरिक शक्ति को नया जीवन देने की आवश्यकता महसूस हुई। इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है – क्रूज़ भारत मिशन।

भारत सरकार ने जलमार्गों को पुनर्जीवित करने और क्रूज़ पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के उद्देश्य से क्रूज़ भारत मिशन की शुरुआत की है।

क्रूज़ भारत मिशन का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि इससे देश के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास को भी नया आयाम देना है।

क्रूज़ भारत मिशन: उद्देश्य और महत्त्व

भारत सरकार का यह मिशन भारत के समुद्री संसाधनों और जलमार्गों का सतत और रणनीतिक उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

क्रूज़ भारत मिशन मुख्य उद्देश्य भारत को एक वैश्विक क्रूज़ पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इसके अंतर्गत तीन चरणों में देशभर के क्रूज़ टर्मिनल, मरीना और समुद्री गंतव्यों का आधुनिकीकरण और विकास किया जाएगा।

चरण 1: (1 अक्टूबर 2024 – 30 सितंबर 2025)

मुख्य उद्देश्य: अध्ययन, साझेदारी और आधारभूत संरचना का आधुनिकीकरण

1. क्रूज़ साइडेरियरीज़ पर अध्ययन और साझेदारी: चरण 1 में ध्यान केंद्रित किया जाएगा मास्टर प्लानिंग, अध्ययन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूज़ साइडेरियरीज़ की समझ विकसित करने पर। इसमें पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, मालदीव, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि के साथ समझौते और अध्ययन साझेदारियाँ की जाएंगी।

2. मौजूदा अवसंरचना का आधुनिकीकरण: भारत में जो वर्तमान में क्रूज़ टर्मिनल, मरीना और समुद्री गंतव्य हैं – जैसे मुंबई, कोचीन, गोवा आदि – उन्हें आधुनिक तकनीकों और सेवाओं से लैस किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि क्रूज़ सर्किट की क्षमता को बढ़ाया जा सके और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को उच्च स्तर की सेवाएं मिल सकें।

3. स्थानीय रोजगार सृजन और सामुदायिक भागीदारी: इस चरण में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्थानीय समुदायों को इस पहल में शामिल किया जाए, ताकि पर्यटन का लाभ सभी तक पहुंचे। प्रशिक्षण कार्यक्रम और रोजगार सृजन की योजनाएं चलाई जाएंगी।

चरण 2: (1 अक्टूबर 2025 – 31 मार्च 2027)

मुख्य उद्देश्य: नई सर्किट और गंतव्यों का निर्माण

1. उच्च-संभावित क्रूज़ स्थलों की पहचान और विकास: दूसरे चरण में सरकार नए क्रूज़ टर्मिनल, मरीना और गंतव्यों को विकसित करेगी। भारत के पूर्वी और पश्चिमी समुद्री तटों के अलावा आंतरिक जलमार्गों को भी इसमें शामिल किया जाएगा, जैसे गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली।

2. सक्रियता और संचालन: पहचाने गए स्थलों पर क्रूज़ संचालन को सक्रिय किया जाएगा। इसके लिए निजी भागीदारी, PPP मॉडल और अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित किया जाएगा।

3. पर्यटन सर्किट का विविधीकरण: भारत में धार्मिक, ऐतिहासिक, प्रकृति आधारित और साहसिक (adventure) पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। इन विविध पहलुओं को जोड़कर विशेष थीम आधारित क्रूज़ सर्किट तैयार किए जाएंगे – जैसे “स्पिरिचुअल क्रूज़”, “सांस्कृतिक यात्रा”, “रीवर क्रूज़”, “फूड क्रूज़” आदि।

क्रूज़ भारत मिशन: भारत को ग्लोबल टूरिज्म का सुपरपावर बनाने की शानदार शुरुआत
क्रूज़ भारत मिशन: भारत को ग्लोबल टूरिज्म का सुपरपावर बनाने की शानदार शुरुआत

चरण 3: (1 अप्रैल 2027 – 31 मार्च 2029)

मुख्य उद्देश्य: भारत को एकीकृत क्रूज़ नेटवर्क बनाना

1. सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में सर्किट्स को जोड़ना: इस चरण में सभी विकसित क्रूज़ सर्किट्स को एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र में जोड़ दिया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत को दक्षिण एशिया के एक प्रमुख क्रूज़ हब के रूप में स्थापित करना है।

2. वैश्विक स्तर की सुविधा और ब्रांडिंग: इस चरण में ब्रांडिंग और अंतरराष्ट्रीय प्रमोशन पर भी जोर होगा। भारत को वैश्विक क्रूज़ मैप पर लाना, विश्व स्तरीय सुविधाएं देना, और क्रूज़ ऑपरेटरों को आकर्षित करना – यह प्राथमिकताएँ होंगी।

3. पर्यावरण और सतत विकास: क्रूज़ पर्यटन को पर्यावरणीय रूप से स्थायी बनाना इस मिशन का मूल उद्देश्य है। इसके लिए ग्रीन टर्मिनल्स, इलेक्ट्रिक बोट्स, और स्वच्छता प्रबंधन पर विशेष ध्यान होगा।

प्रमुख पहलें और रणनीतियाँ

1. Sagarmala और Gati Shakti से तालमेल:

क्रूज़ भारत मिशन को भारत की अन्य प्रमुख परियोजनाओं जैसे सागरमाला और गति शक्ति से जोड़ा जाएगा, ताकि लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे में समन्वय सुनिश्चित किया जा सके।

2. निजी क्षेत्र की भागीदारी:

भारत सरकार क्रूज़ भारत मिशन को PPP मॉडल के तहत बढ़ावा दे रही है ताकि निजी क्षेत्र की दक्षता और निवेश क्षमता का पूरा उपयोग हो सके।

3. डिजिटल और AI आधारित संचालन:

टर्मिनल्स पर डिजिटल टच-प्वाइंट्स, फेशियल रिकॉग्निशन, मोबाइल-ऐप आधारित बुकिंग और AI आधारितक्रूज़ भारत मिशन ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किए जाएंगे।

संभावनाएँ और लाभ

1. आर्थिक विकास:

क्रूज़ भारत मिशन पर्यटन से अरबों डॉलर का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है। इससे पर्यटन, आतिथ्य, खाद्य उद्योग, और हैंडीक्राफ्ट जैसे क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष रोजगार भी बढ़ेगा।

2. संस्कृति का प्रसार:

देश के विभिन्न क्षेत्रों की कला, संस्कृति, संगीत, खानपान और पहनावे को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का यह एक सशक्त माध्यम होगा।

3. पूर्वोत्तर और छोटे तटीय राज्यों को नया जीवन:

असम, बंगाल, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, पुदुचेरी जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि वहाँ पर्यटन को प्रोत्साहन मिले।

चुनौतियाँ और समाधान

1. पर्यावरणीय प्रभाव:

समुद्री पर्यटन का पर्यावरण पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके समाधान के लिए ग्रीन एनर्जी, वेस्ट मैनेजमेंट और ईको-फ्रेंडली शिप्स का उपयोग किया जाएगा।

2. सुरक्षा:

समुद्री आतंकवाद, चोरी और तस्करी जैसे खतरों से निपटने के लिए समर्पित तटरक्षक बल और उच्च तकनीकी निगरानी तंत्र विकसित किए जाएंगे।

3. स्थानीय विरोध और विस्थापन:

टर्मिनल निर्माण के कारण स्थानीय समुदायों की आपत्ति हो सकती है। इसके समाधान के लिए जन संवाद, मुआवजा और पुनर्वास योजनाएं बनाई जाएंगी।

भारत की सांस्कृतिक विरासत और क्रूज़ पर्यटन का संगम

भारत एक प्राचीन समुद्री राष्ट्र रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर कोलंबस के समय तक भारत के समुद्री व्यापार की ख्याति रही है। अब “क्रूज़ भारत मिशन” भारत को उसी वैभव की ओर लौटाने का प्रयास कर रहा है।

प्रमुख सांस्कृतिक अवसर जिन्हें क्रूज़ से जोड़ा जा सकता है:

  1. केरल का बोट फेस्टिवल (नीहरू ट्रॉफी बोट रेस)
  2. गोवा का कार्निवाल और समुद्री उत्सव
  3. गंगा यात्रा और काशी क्रूज़ डेस्टिनेशन
  4. ओडिशा का चिल्का झील पर्यटन
  5. दुर्गा पूजा के दौरान हुगली नदी पर विशेष क्रूज़ अनुभव

इनके माध्यम से विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति, खान-पान और संगीत से जोड़ा जा सकता है।

स्थानीय समुदायों को लाभ: समावेशी विकास का मॉडल

“क्रूज़ भारत मिशन” में विशेष फोकस है स्थानीय समुदायों को मुख्यधारा में लाने पर:

1. मछुआरा समुदाय:

गाइड, सिक्योरिटी, स्थानीय फूड प्रोवाइडर के रूप में अवसर

उनके उत्पादों की बिक्री क्रूज़ स्टॉप्स पर संभव

2. हस्तशिल्प उद्योग:

प्रत्येक टर्मिनल पर “लोकल क्राफ्ट मार्केट” विकसित किए जाएँगे

3. महिला सशक्तिकरण:

हॉस्पिटैलिटी, कुकिंग, टूर गाइड जैसी भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी

पर्यावरणीय दृष्टिकोण: हरित क्रूज़ की ओर भारत

क्रूज़ भारत मिशन को सतत और हरित मिशन बनाने हेतु निम्न कदम उठाए जा रहे हैं:

ईंधन के रूप में LNG (Liquefied Natural Gas) का प्रयोग

शिप पर वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट

प्लास्टिक-मुक्त क्रूज़ अनुभव

सौर ऊर्जा से पोर्ट ऑपरेशन

मैंग्रोव संरक्षण और टूर गाइडिंग के माध्यम से इको-टूरिज़्म को बढ़ावा

क्रूज़ भारत मिशन: भारत को ग्लोबल टूरिज्म का सुपरपावर बनाने की शानदार शुरुआत
क्रूज़ भारत मिशन: भारत को ग्लोबल टूरिज्म का सुपरपावर बनाने की शानदार शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संभावनाएँ

भारत विभिन्न देशों के साथ साझेदारी कर रहा है ताकि क्रूज़ नेटवर्क को और व्यापक बनाया जा सके:

प्रमुख साझेदार देश:

सिंगापुर: क्रूज़ डिजाइन और स्मार्ट पोर्ट प्रबंधन में सहायता

इटली: शिप निर्माण और डिजाइन तकनीक

यूएई: टूरिज़्म और निवेश

श्रीलंका-बांग्लादेश: अंतरराष्ट्रीय क्रूज़ लिंक विस्तार

इन साझेदारियों से भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में मदद मिलेगी।

‘क्रूज़ टूरिज्म हब’ के रूप में विकसित हो रहे भारतीय शहर

1. मुंबई:

भारत का सबसे बड़ा क्रूज़ टर्मिनल

टूरिस्ट सर्किट: मुंबई – गोवा – लक्षद्वीप – कोचीन

2. कोचीन:

हरित क्रूज़ टर्मिनल और ‘इको-क्रूज़ टूरिज्म’ का केंद्र

3. विशाखापत्तनम:

पूर्वी भारत का प्रमुख गेटवे

“अराकू वैली” से समुद्र यात्रा को जोड़ा जाएगा

4. चेन्नई:

दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों से जोड़ने की योजना

5. कोलकाता:

गंगा क्रूज़ टूरिज्म के लिए प्रमुख केंद्र

6. पोर्ट ब्लेयर:

अंडमान के द्वीपों को क्रूज़ हब के रूप में विकसित किया जा रहा

सफलता की कहानियाँ और प्रोटोटाइप प्रयोग

1. ‘Cordelia Cruises’ (भारत की पहली घरेलू क्रूज़ सेवा):

मुंबई से गोवा और लक्षद्वीप तक सेवा

लाखों पर्यटकों ने अनुभव किया है

2. ‘Ganga Vilas Cruise’:

दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज़ यात्रा (वाराणसी से डिब्रूगढ़)

51 दिनों की यात्रा, 27 नदियाँ, 5 राज्य, 2 देश (भारत-बांग्लादेश)

3. ‘Antara Cruises’:

लक्ज़री रिवर क्रूज़, जो गंगा, ब्रह्मपुत्र और यमुना को कवर करता है

भविष्य की दिशा: क्रूज़ भारत मिशन के अगले कदम

1. भारत-आधारित क्रूज़ लाइनें:

भारत में अब तक ज़्यादातर क्रूज़ सेवाएँ विदेशी कंपनियों द्वारा चलाई जाती हैं। लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि भारतीय कंपनियाँ भी अपनी क्रूज़ सेवाएँ शुरू करें – इससे आत्मनिर्भरता और रोजगार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।

2. AI और Smart Port विकास:

सभी क्रूज़ टर्मिनल को “Smart Ports” के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ डिजिटलीकरण, तेज़ क्लियरेंस, और स्मार्ट टूर गाइडिंग सिस्टम होंगे।

3. पानी के नीचे पर्यटन (Underwater Tourism):

लक्षद्वीप, अंडमान जैसे क्षेत्रों में स्कूबा डाइविंग, सेमी-सबमरीन अनुभव जैसे एडवेंचर टूरिज़्म को जोड़ा जाएगा।

4. क्रूज़ यूनिवर्सिटीज़ और ट्रेनिंग हब:

भारत में नौवहन और समुद्री पर्यटन से जुड़े पेशेवरों की आवश्यकता को देखते हुए विशेष ट्रेनिंग संस्थान और क्रूज़ अकादमियाँ स्थापित की जाएँगी।

नवाचार (Innovation): क्रूज़ का भविष्य और डिजिटलीकरण

क्रूज़ ऐप्स:

यात्री अब ऐप से टिकेट बुकिंग, ऑनबोर्ड सेवाओं, टूर गाइडिंग, और लाइव लोकेशन पा सकते हैं

वर्चुअल टूर:

पोर्ट्स और गंतव्यों का वर्चुअल अनुभव उपलब्ध कराना

AI-समर्थित पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम:

तेज़ क्लियरेंस, सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन

अंतिम निष्कर्ष: भारत का समुद्री पुनर्जागरण

“क्रूज़ भारत मिशन” न केवल एक सरकारी योजना है, बल्कि यह भारत के समुद्री अतीत की गौरवशाली वापसी है। यह मिशन ग्रामीण से लेकर तटीय क्षेत्रों तक विकास, रोजगार, संस्कृति और पर्यावरण संतुलन का प्रतीक है।

भारत अब विश्व को न केवल अपनी संस्कृति दिखाएगा, बल्कि समुद्री पर्यटन का सस्टेनेबल लीडर भी बनेगा।


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Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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