खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025: युवा जोश, बीच स्पोर्ट्स और तिरंगे का गौरव साथ-साथ!
भूमिका: लहरों पर सवार भारत का नया खेल सपना
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Toggleभारत की खेल संस्कृति सदियों पुरानी है – कुश्ती के अखाड़ों से लेकर क्रिकेट के स्टेडियम तक, हमने खेलों को सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि उत्सव के रूप में देखा है।
परंतु पहली बार, भारत ने समुद्र की लहरों और सुनहरी रेत के साथ खेलों को जोड़ा है – और इसी का परिणाम है खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025।
यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि भारत की तटीय ऊर्जा और युवा उत्साह का प्रतीक है।
पहली बार भारत ने ‘बीच गेम्स’ को आधिकारिक रूप से अपने खेल कैलेंडर में शामिल किया और वह भी एक बेहद खास स्थान – दीव के खूबसूरत ‘घोघला बीच’ पर।
खेलो इंडिया बीच गेम्स की शुरुआत: एक ऐतिहासिक पहल
19 मई 2025, एक ऐसा दिन जब दीव की रेत पर इतिहास लिखा गया। भारत के केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इसका उद्घाटन किया।
यह आयोजन खेलो इंडिया योजना के तहत शुरू हुआ एक नया अध्याय है, जिसका मकसद है – खेलों को जमीनी स्तर तक ले जाना और हर प्रकार के खेल को समान अवसर देना।
क्यों जरूरी था बीच गेम्स का आयोजन?
भारत की 7,516.6 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा है, 9 तटीय राज्य और अनेक द्वीप हैं – फिर भी समुद्र तटीय खेलों (बीच स्पोर्ट्स) में भारत की भागीदारी और जागरूकता बेहद सीमित रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीच गेम्स, ओलंपिक और एशियन गेम्स का हिस्सा बन चुके हैं, और भारत का इस क्षेत्र में कदम रखना जरूरी था।
दीव – क्यों बना खेलो इंडिया बीच गेम्स का पहला मेजबान?
दीव, एक छोटा-सा द्वीप जो दमन और दादरा नगर हवेली केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा है, वह अब देशभर के लिए एक खेल प्रेरणा स्थल बन गया है।
विशेषताएं:
घोघला बीच, स्वच्छता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
यहां कमर्शियल भीड़ नहीं, जिससे खिलाड़ियों को फोकस करने का माहौल मिलता है।
सरकार दीव को ‘खेलो टूरिज्म’ के रूप में विकसित करना चाहती है – बीच गेम्स इसका पहला कदम है।
आयोजन की अवधि और कार्यक्रम
19 से 24 मई 2025 तक कुल 6 दिन का यह आयोजन रहा, जिसमें देश के 1350 से अधिक एथलीट्स ने हिस्सा लिया। ये खिलाड़ी भारत के लगभग हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश से चुने गए थे।
खेलों की सूची:
मुख्य प्रतियोगी खेल:
- बीच फुटबॉल
बीच वॉलीबॉल
ओपन वॉटर स्विमिंग
सेपक टकरॉ
बीच कबड्डी

उद्घाटन समारोह: खेल और संस्कृति का संगम
19 मई 2025 की सुबह, जब सूरज दीव के आसमान में धीरे-धीरे उग रहा था, उसी समय घोघला बीच की रेत पर एक ऐतिहासिक दृश्य उभर रहा था – खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 का उद्घाटन समारोह।
मुख्य अतिथि: डॉ. मनसुख मांडविया
खेल मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मांडविया ने समारोह का शुभारंभ किया। उनके उद्बोधन में भारतीय खेल संस्कृति, समुद्र से जुड़ा हमारा भविष्य, और युवाओं में ऊर्जा भरने का संकल्प स्पष्ट झलकता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने कहा:
> “समुद्री संस्कृति भारत की पहचान है। बीच गेम्स के माध्यम से युवा खेलों के साथ-साथ प्रकृति के और निकट आएंगे। दीव जैसे स्थलों को विश्व स्तर पर खेल पर्यटन में नई पहचान मिलेगी।”
संस्कृति और कला की झलक
उद्घाटन समारोह सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दीव और भारत की तटीय सांस्कृतिक विरासत भी दिखी:
स्थानीय लोक कलाकारों ने समुद्री गीतों और नृत्य के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
गुजरात और गोवा की तटीय लोकशैली को शानदार रूप से प्रस्तुत किया गया।
पारंपरिक वाद्य यंत्रों और रंगीन पोशाकों ने बीच पर एक रंगारंग वातावरण बना दिया।
पेनकैक सिलाट
प्रदर्शन खेल (Demonstration Sports):
मल्लखंब
रस्साकशी
खेलों की रूपरेखा और चुनौती
1. बीच फुटबॉल
रेत पर खेले जाने वाला यह खेल पारंपरिक फुटबॉल से कहीं अधिक थकान देता है।
खिलाड़ियों को नंगे पाँव खेलना होता है, जिससे संतुलन और रणनीति दोनों की परीक्षा होती है।
2. बीच वॉलीबॉल
यह खेल दिखने में भले आसान लगे, परन्तु तेज गति, गीली रेत और तेज धूप इसे अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना देती है।
3. ओपन वॉटर स्विमिंग
समुद्र की लहरों में 2 से 5 किलोमीटर की दूरी तय करना आसान नहीं होता।
भारत के कई राज्यों के तैराकों ने पहली बार यह अनुभव किया।
सुरक्षा और पर्यावरण की प्राथमिकता
सरकार और आयोजकों ने पर्यावरण संरक्षण और खिलाड़ियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया।
मुख्य उपाय:
समुद्र तट पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रतिबंधित।
रेत को साफ और संरक्षित रखने के लिए विशेष मशीनें चलाई गईं।
सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस बल ने सुरक्षा के लिए 24×7 निगरानी रखी।
खिलाड़ियों को जैविक ऊर्जा पेय और हल्का आहार दिया गया ताकि रेत और गर्मी में प्रदर्शन बना रहे।
पर्यटन को भी बढ़ावा
दीव प्रशासन और केंद्र सरकार ने इस आयोजन को खेल + पर्यटन (Sports Tourism) के रूप में विकसित करने की कोशिश की।
खास तैयारियाँ:
दीव के लगभग सभी होटलों में बुकिंग पहले ही फुल हो गई थी।
स्थानीय कारोबारियों और दुकानदारों को आयोजन से जबरदस्त लाभ हुआ।
खेल और घूमने की थीम पर आधारित वॉकिंग टूर और नाव सवारी की व्यवस्था की गई।
प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
खेलों की पारदर्शिता और लाइव कवरेज के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया:
सभी खेलों की लाइव स्ट्रीमिंग DD Sports और खेलो इंडिया ऐप पर उपलब्ध थी।
ड्रोन कैमरे और अंडरवॉटर कैमरे की मदद से तैराकी और बीच कबड्डी के खास दृश्य दिखाए गए।
एक रियल टाइम स्कोर बोर्ड भी बनाया गया, जिसे वेबसाइट और मोबाइल ऐप से देखा जा सकता था।
खिलाड़ियों के लिए विशेष सुविधाएँ
समुद्र तटीय मौसम को ध्यान में रखते हुए हाइड्रेशन स्टेशन हर कोने पर थे।
रेत में फिसलन से बचाने के लिए विशेष स्पोर्ट्स मेडिक टीम हर मैदान पर मौजूद थी।
खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था आधुनिक होस्टल्स में की गई थी, जहां एसी, डॉक्टर ऑन कॉल और योग कक्षाएं तक उपलब्ध थीं।
दीर्घकालिक योजना: खेलो इंडिया को नई दिशा
खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। भारत सरकार ने इसका विज़न तैयार किया है ताकि भारत में तटीय खेलों को विकसित किया जा सके।
1. हर साल बीच गेम्स का आयोजन
सरकार की योजना है कि:
अगले 5 वर्षों में देश के अलग-अलग तटीय राज्यों (जैसे गोवा, ओडिशा, तमिलनाडु, अंडमान-निकोबार) में बीच गेम्स का आयोजन हो।
इससे खिलाड़ियों को विविध समुद्री परिस्थितियों में अभ्यास मिलेगा।

2. तटीय एथलीट्स के लिए विशेष ट्रेनिंग सेंटर
सरकार विशेष “Beach Sports Excellence Centres” खोलेगी, खासकर गुजरात, ओडिशा और केरल में।
इन केंद्रों में सर्फिंग, बीच वालीबॉल, लाइफ सेविंग स्किल्स और समुद्री तैराकी की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
3. स्कूल स्तर पर समुद्री खेलों की शुरुआत
CBSE और अन्य बोर्ड के साथ मिलकर कुछ समुद्री क्षेत्रों में बीच खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
राज्यवार भागीदारी और प्रदर्शन
खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 में देशभर के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों से 1,400+ खिलाड़ी शामिल हुए।
प्रमुख प्रदर्शन करने वाले राज्य:
हरियाणा: बीच कुश्ती और बीच कबड्डी में अव्वल।
महाराष्ट्र: तैराकी और ओपन वाटर स्पोर्ट्स में शानदार प्रदर्शन।
केरल: बीच फुटबॉल और सैंड रेस में उत्कृष्ट।
गुजरात: मेज़बान राज्य होने के नाते हर स्पर्धा में जोश से शामिल।
पूर्वोत्तर राज्यों की भागीदारी:
त्रिपुरा और मिजोरम जैसे राज्यों से युवा खिलाड़ियों ने पहली बार तटीय खेलों में भाग लिया।
इनके लिए यह आयोजन exposure और प्रशिक्षण का सुनहरा मौका बना।
भारत को होने वाले लाभ: समग्र विश्लेषण
1. तटीय राज्यों को नई पहचान
दीव जैसे छोटे और शांत द्वीपों को खेल पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की राह मिली।
रोजगार, होटलों की मांग और लोकल बिज़नेस में बढ़ोतरी देखी गई।
2. नई खेल संस्कृति का जन्म
भारत में समुद्र तटीय खेलों को पहले ज़्यादा तवज्जो नहीं दी जाती थी।
इस आयोजन से एक नई स्पोर्ट्स कैटेगरी की नींव रखी गई।
3. वैश्विक मान्यता की संभावना
भविष्य में भारत एशियन बीच गेम्स या वर्ल्ड बीच स्पोर्ट्स चैंपियनशिप आयोजित कर सकता है।
दीव को एक इंटरनेशनल बीच स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन के रूप में प्रमोट किया जाएगा।
खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025: मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका
मीडिया कवरेज:
DD Sports, All India Radio, और प्रमुख न्यूज़ चैनलों ने पूरे आयोजन को कवर किया।
खेलो इंडिया की वेबसाइट पर हर मैच और परिणाम को लाइव ट्रैक किया गया।
स्थानीय जनता का योगदान
दीव के स्थानीय नागरिकों का उत्साह देखते ही बनता था:
कई युवाओं ने वालंटियर के रूप में आयोजन में भाग लिया।
स्थानीय स्कूलों के बच्चों ने पर्यावरण स्वच्छता और गाइडिंग में सहयोग किया।
व्यापारियों ने खिलाड़ियों और दर्शकों को स्थानीय व्यंजन परोसे, जिससे संस्कृति का आदान-प्रदान हुआ।
भविष्य की दिशा: समुद्र से खेल, खेल से विकास
खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारत सिर्फ मैदान और स्टेडियम तक सीमित नहीं है। अब समुद्र की लहरें भी हमारी खेल की ऊर्जा को आगे बढ़ाएंगी।
सरकार की योजना:
तटीय खेलों को ओलंपिक तक पहुँचाना।
खिलाड़ियों को इंटरनेशनल ट्रेनिंग के लिए भेजना।
खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 के लिए भारत की एक समर्पित टीम तैयार करना।
निष्कर्ष: खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 – दीव
भारत में पहली बार आयोजित हुआ खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी खेल क्रांति की नई शुरुआत थी।
इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि भारत की समुद्री सीमा न केवल पर्यटन के लिए, बल्कि विश्वस्तरीय खेलों के लिए भी एक उपयुक्त मंच बन सकती है।
दीव जैसे शांत, लेकिन ऐतिहासिक और सुंदर स्थल पर इस आयोजन का होना न केवल स्थानीय विकास, बल्कि राष्ट्र की खेल संस्कृति को भी विस्तार देता है।
इससे बीच स्पोर्ट्स जैसे कम लोकप्रिय लेकिन रोमांचक खेलों को राष्ट्रीय पहचान मिली, और हजारों युवा खिलाड़ियों को एक नई प्रेरणा।
खेल मंत्री मंसुख मांडविया की सक्रिय भूमिका, उत्कृष्ट व्यवस्थाएं, खिलाड़ियों का उत्साह, और स्थानीय लोगों की भागीदारी – इन सभी ने मिलकर इस आयोजन को सफलता की नई मिसाल बना दिया।
खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 ने यह संदेश दिया है कि अब भारत केवल मैदानों और स्टेडियमों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रेत और समुंदर की लहरों पर भी तिरंगा गर्व से लहराएगा।
यह आयोजन आने वाले वर्षों में भारत को एशियन और वर्ल्ड बीच गेम्स जैसे वैश्विक मंचों पर एक सशक्त दावेदार के रूप में स्थापित कर सकता है।
यह देश के युवा टैलेंट, पर्यटन, खेल संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय छवि – इन सभी क्षेत्रों को एक साथ आगे बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
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