गर्भावस्था में दिमाग और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए करें ये सरल योगासन
गर्भावस्था जीवन का एक अनमोल समय होता है, जो एक महिला के शरीर और मन में बड़े बदलाव लाता है। इस दौरान मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक होता है। योग एक ऐसा माध्यम है, जो न केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
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Toggleअगर आप गर्भवती हैं और अपने शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहती हैं, तो कुछ सरल योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। ये आसन गर्भावस्था के दौरान न केवल आपकी सहनशक्ति बढ़ाएंगे बल्कि डिलीवरी को भी आसान बनाएंगे।
इस लेख में, हम गर्भावस्था के दौरान किए जाने वाले कुछ बेहतरीन योगासनों की जानकारी देंगे, जो आपको और आपके शिशु को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे।
गर्भावस्था में योग क्यों महत्वपूर्ण है?
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन होते हैं। इस समय मानसिक तनाव, थकान, पीठ दर्द, पैरों में सूजन और अन्य कई समस्याएँ हो सकती हैं। योग इन सभी परेशानियों को कम करने में मदद करता है।
योग के फायदे:
1. तनाव और चिंता को कम करता है: प्रेग्नेंसी के दौरान मूड स्विंग और चिंता सामान्य होती है। योग से दिमाग शांत रहता है और सकारात्मकता बनी रहती है।
2. शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है: यह प्रसव के दौरान सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
3. रक्त संचार बेहतर करता है: जिससे शरीर में ऑक्सीजन का संचार सही तरह से होता है।
4. नींद में सुधार: गर्भावस्था के दौरान अच्छी नींद मिलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन योग करने से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
5. डिलीवरी को आसान बनाता है: योग करने से पेल्विक एरिया मजबूत होता है, जिससे नार्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है।
6. पीठ दर्द और जोड़ों के दर्द को कम करता है: यह समस्या अधिकतर महिलाओं को होती है, लेकिन योग से यह नियंत्रित की जा सकती है।

अब जानते हैं कुछ ऐसे सरल योगासन जो गर्भावस्था के दौरान किए जा सकते हैं।
1. ताड़ासन (Mountain Pose)
कैसे करें:
सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को जोड़ लें।
दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और अंगुलियों को आपस में फँसा लें।
अब धीरे-धीरे पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें और एड़ी उठाएं।
कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
लाभ:
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
रक्त संचार में सुधार करता है।
मानसिक शांति प्रदान करता है।
2. वज्रासन (Thunderbolt Pose)
कैसे करें:
जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
पैर पीछे की ओर मोड़े और एड़ियों को आपस में जोड़ लें।
अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें और पीठ सीधी रखें।
इस अवस्था में 5-10 मिनट तक रहें।
लाभ:
पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
गैस और एसिडिटी की समस्या कम करता है।
मानसिक स्थिरता बढ़ाता है।
3. भद्रासन (Butterfly Pose)
कैसे करें:
सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं और दोनों पैरों को मोड़कर तलवों को आपस में जोड़ लें।
धीरे-धीरे घुटनों को ऊपर-नीचे करें, जैसे तितली अपने पंख फड़फड़ाती है।
ऐसा कम से कम 10-15 बार करें।
लाभ:
पेल्विक क्षेत्र को मजबूत करता है।
डिलीवरी को आसान बनाता है।
पैरों की सूजन को कम करता है।
4. बालासन (Child’s Pose)
कैसे करें:
वज्रासन में बैठें और धीरे-धीरे आगे झुकें।
अपनी बाहों को आगे की ओर फैलाएं और माथा जमीन पर टिकाएं।
इस अवस्था में 10-15 सेकंड तक रहें।
लाभ:
पीठ दर्द को कम करता है।
तनाव और थकान से राहत देता है।
मन को शांत करता है।
5. मरजारी आसन (Cat-Cow Pose)
कैसे करें:
अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाएं।
पहले सिर को ऊपर उठाएं और रीढ़ की हड्डी को नीचे करें (Cow Pose)।
फिर सिर को नीचे झुकाएं और पीठ को ऊपर उठाएं (Cat Pose)।
यह प्रक्रिया 10-15 बार दोहराएं।
लाभ:
पीठ और कमर दर्द से राहत देता है।
रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
डिलीवरी को आसान बनाता है।
6. श्वास-प्रश्वास व्यायाम (Breathing Exercise)
कैसे करें:
आरामदायक मुद्रा में बैठें और आँखें बंद करें।
धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें।
इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं।
लाभ:
मानसिक शांति देता है।
ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
तनाव और चिंता को कम करता है।
गर्भावस्था: सावधानियां जो ध्यान में रखनी चाहिए
गर्भावस्था के दौरान योग करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है:
- बहुत अधिक कठिन या तेज़ गति से योगासन न करें।
- पहले तिमाही में गहरी सांस लेने वाले प्राणायाम अधिक न करें।
पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले योगासन से बचें।
ज़रूरत से ज़्यादा खिंचाव न करें।
हमेशा प्रशिक्षित योग शिक्षक से सलाह लें।
गर्भावस्था में योग को लेकर कुछ और महत्वपूर्ण बातें
गर्भावस्था के दौरान योगासन करना केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण जीवनशैली का हिस्सा है। यह माँ और बच्चे के बीच गहरे संबंध को बढ़ाने, आंतरिक शांति प्राप्त करने और प्रसव को आसान बनाने में मदद करता है।
इस भाग में, हम गर्भावस्था के दौरान योग से जुड़ी कुछ और गहरी और महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करेंगे, जिनमें डाइट, दिनचर्या, ध्यान और योग निद्रा का महत्व शामिल है।

गर्भवती महिलाओं के लिए सही दिनचर्या और डाइट
योगासन के साथ-साथ सही खान-पान और दिनचर्या को बनाए रखना भी आवश्यक होता है। अगर आप सही डाइट और स्वस्थ दिनचर्या अपनाती हैं, तो यह आपके योगाभ्यास को और अधिक प्रभावी बना सकता है।
सुबह की दिनचर्या:
सुबह जल्दी उठें और खुली हवा में हल्का टहलें।
ताजे पानी में नींबू डालकर पिएं, यह पाचन को बेहतर बनाएगा।
ध्यान (मेडिटेशन) करें, ताकि दिनभर मन शांत रहे।
हल्का योगाभ्यास करें और प्राणायाम करें।
खान-पान में ध्यान देने योग्य बातें:
संतुलित और पौष्टिक आहार लें, जिसमें हरी सब्जियाँ, फल, दूध, दही और सूखे मेवे शामिल हों।
फास्ट फूड और तली-भुनी चीज़ों से बचें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
दिन में 5-6 छोटे भोजन करें, जिससे पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करता रहे।
आयरन और कैल्शियम युक्त आहार लें, जैसे कि पालक, बादाम, अखरोट, और अंजीर।
शाम की दिनचर्या:
हल्की सैर करें, ताकि शरीर में रक्त संचार अच्छा बना रहे।
हल्का भोजन करें और खाने के तुरंत बाद न सोएं।
सोने से पहले कुछ मिनट ध्यान करें या योग निद्रा का अभ्यास करें।
ध्यान (Meditation) और मानसिक शांति का महत्व
गर्भावस्था के दौरान ध्यान (Meditation) मानसिक शांति बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा साधन है। यह तनाव को कम करता है, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है और माँ एवं शिशु के बीच एक अनोखा संबंध स्थापित करता है।
ध्यान करने की सरल विधि:
एक शांत स्थान चुनें और आरामदायक मुद्रा में बैठें।
धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें।
अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और किसी भी प्रकार की चिंता को मन से निकाल दें।
रोज़ाना 10-15 मिनट तक ध्यान करने से मानसिक शांति बनी रहती है।
ध्यान के लाभ:
दिमाग को शांत और सकारात्मक बनाए रखता है।
प्रसव के समय दर्द सहने की क्षमता बढ़ाता है।
शिशु के मानसिक विकास को भी प्रभावित करता है
योग निद्रा (Yoga Nidra) – गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान
गर्भावस्था के दौरान नींद की समस्या एक आम बात है। इस दौरान शरीर और मन को गहरी शांति देने के लिए योग निद्रा बहुत फायदेमंद होती है।
योग निद्रा कैसे करें?
शांत और आरामदायक जगह पर पीठ के बल लेट जाएं।
आँखें बंद करें और शरीर को ढीला छोड़ दें।
अपनी सांसों पर ध्यान दें और धीरे-धीरे शरीर के सभी अंगों को महसूस करें।
इस प्रक्रिया को 15-20 मिनट तक करें।
योग निद्रा के लाभ:
अच्छी नींद दिलाने में मदद करता है।
तनाव और चिंता को कम करता है।
शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है।
गर्भावस्था में योग से जुड़े कुछ सामान्य सवाल और उनके जवाब
1. क्या गर्भावस्था के पहले महीने में योग किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन हल्के योगासन और प्राणायाम करने चाहिए। पहले तिमाही में कठिन योगासन करने से बचें।
2. क्या योग करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है?
बिल्कुल! योग से शरीर लचीला बनता है और पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है।
3. क्या गर्भावस्था के आखिरी महीनों में योग करना सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन केवल हल्के स्ट्रेचिंग और सांस से जुड़े अभ्यास करें। झुकने या ज्यादा खिंचाव वाले योगासन करने से बचें।
4. किन योगासनों से बचना चाहिए?
गर्भावस्था में कठिन या संतुलन से जुड़े योगासन जैसे कि शीर्षासन, भुजंगासन, और धनुरासन करने से बचना चाहिए।
5. क्या योग करने से शिशु पर कोई प्रभाव पड़ता है?
हाँ, सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। योग करने से माँ के शरीर में ऑक्सीजन का संचार बढ़ता है, जो शिशु के विकास के लिए लाभदायक होता है।
निष्कर्ष
गर्भावस्था में योग केवल एक व्यायाम नहीं बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। यह न केवल माँ के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि शिशु के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योगासन, ध्यान, सही खान-पान और योग निद्रा का सही संतुलन अपनाकर गर्भावस्था को सुखद और स्वस्थ बनाया जा सकता है।
अगर आप गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहना चाहती हैं और अपनी डिलीवरी को सहज बनाना चाहती हैं, तो आज ही इन योगासनों और ध्यान की आदत डालें। यह न केवल आपके शरीर को ताकत देगा बल्कि मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन भी प्रदान करेगा।
इस खूबसूरत सफर में खुद को और अपने शिशु को स्वस्थ और खुशहाल बनाए रखें!
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