टीकाकरण (Immunization) स्वास्थ्य से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो बच्चों को विभिन्न संक्रामक रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए सबसे प्रभावी और वैज्ञानिक तरीका है।
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Toggleटीकाकरण (Immunization) का मुख्य उद्देश्य शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना और गंभीर बीमारियों से शरीर का बचाव करना है। यह न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि पूरे समुदाय को भी सुरक्षित रखता है।
टीकाकरण (Immunization) क्या है?
टीकाकरण (Immunization) एक जैविक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है। यें सब टीकाकरण के माध्यम से किया जाता है, यें टीके मुख्य तौर पर कमजोर या निष्क्रिय रोगाणुओं से बने होते हैं।
जब यह टीका शरीर में प्रविष्ट होता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाकर भविष्य में होने वाले संक्रमण से बचाव करती है।
इन टीकों का निर्माण वैज्ञानिक अनुसंधानों पर आधारित होता है और इन्हें सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। Read more…

टीकाकरण के प्रकार
टीकाकरण मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
(क) सक्रिय टीकाकरण (Active Immunization)
* इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को किसी विशेष रोग से बचाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
* यह टीका लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करता है और शरीर को संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करता है।
उदाहरण: बीसीजी (BCG), पोलियो (Polio), डीपीटी (DPT), हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B) आदि।
(ख) निष्क्रिय टीकाकरण (Passive Immunization)
* इसमें तैयार एंटीबॉडी टीके मे माध्यम से शरीर में प्रविष्ट कराई जाती हैं, ताकि त्वरित सुरक्षा प्रदान की जा सके।
* यह टीका आमतौर पर उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है या जिन्हें तुरंत सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
उदाहरण: टेटनस इम्यूनोग्लोबुलिन (Tetanus Immunoglobulin), रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन (Rabies Immunoglobulin) आदि।
बच्चों के लिए आवश्यक टीके
कुछ ऐसे टीके होते हैं जो बच्चों के लिए अनिवार्य होते हैं, जो उन्हें खतरनाक बीमारियों से बचाने मे सहायक होते हैं। इन टीकों को समय पर लगवाना शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है।
(क) जन्म के समय दिए जाने वाले प्रमुख टीके
बीसीजी (BCG): बच्चों को यह टीका तपेदिक (TB) से सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिया जाता है। यह टीका आमतौर पर नवजात शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B): हेपेटाइटिस बी वायरस से होने वाले लीवर संक्रमण से बचाने के लिए दिया जाता है।
पोलियो (OPV-0): पोलियो का टीका आमतौर पर वायरस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिया जाता है।
(ख) 6, 10, और 14 सप्ताह की उम्र में दिए जाने वाले प्रमुख टीके
डीपीटी (DPT): डीपीटी (DPT) का टीका नवजात शिशुओं को डिप्थीरिया, काली खाँसी और टेटनस से बचाने के लिए दिया जाता है।
हिब (Hib): हिब (Hib) नामक टीका नवजात शिशुओं को हेमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिया जाता है।
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B): हेपेटाइटिस बी का टीका नवजात शिशुओं को वायरस जनित संक्रमण से बचाव के लिए दिया जाता है।
पोलियो (IPV/OPV): पोलियो का टीका नवजात शिशुओं को पोलियो नामक वायरस से बचाने के लिए दिया जाता है।
रोटावायरस (Rotavirus): रोटावायरसका टीका नवजात शिशुओं को डायरिया से बचाने के लिए दिया जाता है।
न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (PCV): न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन का टीका नवजात शिशुओं को निमोनिया और मैनिंजाइटिस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिया जाता है।
(ग) 9 से 12 महीने की उम्र में दिए जाने वाले टीके
एमएमआर (MMR): एमएमआर (MMR) का टीका शिशुओं को खसरा, गलसुआ और रूबेला से बचाने के लिए दिया जाता है।
येलो फीवर (Yellow Fever): येलो फीवर का टीका शिशुओं को वायरस जनित बुखार से सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिया जाता है।
हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A): हेपेटाइटिस ए का टीका शिशुओं को लीवर संक्रमण से बचाने के लिए दिया जाता है।
(घ) 16 से 24 महीने की उम्र में दिए जाने वाले टीके
डीपीटी बूस्टर (DPT Booster): डीपीटी बूस्टर का टीका छोटे बच्चों के टीकाकरण को प्रभावी बनाए रखने के लिए दिया जाता है।
एमएमआर (MMR) का दूसरा डोज: एमएमआर का यह दूसरा डोज छोटे बच्चों को संक्रमण से दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करता है।
टीटी (Tetanus): Tetanus का इंजेक्शन चोट लगने पर संक्रमण से बचाने के लिए दिया जाता है।
(ङ) 5 से 6 साल की उम्र में दिए जाने वाले टीके
डीटी (DT): डीटी का टीका बच्चों को डिप्थीरिया और टेटनस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिया जाता हैं।
ओपीवी (OPV) बूस्टर: ओपीवी का टीका बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए दिया जाता हैं |
एमएमआर (MMR) का तीसरा डोज: एमएमआर (MMR) का तीसरा डोज बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए दिया जाता हैं |
(च) 10 से 16 साल की उम्र में दिए जाने वाले टीके
टीडी (TD): टीडी का टीका बच्चों को टेटनस और डिप्थीरिया से बचाने के लिए दिया जाता हैं |
एचपीवी (HPV): एचपीवी (HPV) का टीका आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से सुरक्षा के लिए दिया जाता हैं |

टीकाकरण के लाभ
टीकाकरण करवाने के अनेक लाभ होते हैं, जो न केवल बच्चों बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
(क) बीमारियों से सुरक्षा
* टीकाकरण गंभीर संक्रामक रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
* यह बच्चों को जीवनभर स्वास्थ्य लाभ देता है।
(ख) सामुदायिक प्रतिरक्षा (Herd Immunity)
* जब अधिक से अधिक लोग टीका लगवाते हैं, तो बीमारी का प्रसार कम हो जाता है।
* इससे वे लोग भी सुरक्षित रहते हैं, जो किसी कारणवश टीका नहीं लगवा सकते।
(ग) मृत्यु दर में कमी
* समय पर टीकाकरण करवाने से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर कम होती है।
* इससे माता-पिता को आर्थिक और मानसिक राहत मिलती है। Click here
(घ) आर्थिक लाभ
* बीमारियों के इलाज में खर्च होने वाली राशि की बचत होती है।
* स्वस्थ बच्चे समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और एक विकसित राष्ट्र का निर्माण करते हैं |
निष्कर्ष
टीकाकरण बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य के लिए अनिवार्य है। यह न केवल उन्हें खतरनाक बीमारियों से बचाता है, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है। प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चे का समय पर टीकाकरण करवाना चाहिए ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें।
टीकाकरण से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आपको अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से सम्पर्क करना चाहिए और टीकाकरण जरूर कराना चाहिए।
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