टॉप करेंट अफेयर्स: आज की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बड़ी खबरें!

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आज के करेंट अफेयर्स प्रश्न और उत्तर: सरकारी नौकरी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण फैक्ट्स!

सरकारी पहलें जो भारत के आईटी विकास को बढ़ावा दे रही हैं – करंट अफेयर्स प्रश्न एवं उत्तर

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भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत कई आईटी-सम्बंधित पहलें शुरू की हैं। इन पहलों का उद्देश्य देश में आईटी अवसंरचना को मजबूत करना, विदेशी निवेश को आकर्षित करना, डिजिटल कौशल को बढ़ावा देना, और आईटी स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करना है।

  सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) योजना

प्रश्न 1: सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) योजना क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

उत्तर:
सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य आईटी और सॉफ़्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देना है।

लाभ:

यह आईटी कंपनियों को विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा और नेटवर्किंग सुविधाएँ प्रदान करता है।

कंपनियों को टैक्स में छूट मिलती है, जिससे वे अधिक निवेश कर पाती हैं।

यह योजना विशेष रूप से स्टार्टअप्स और नई आईटी कंपनियों को लाभ पहुँचाती है।

प्रश्न 2: भारत में कुल कितने सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क हैं और वे कहाँ स्थित हैं?

उत्तर:
भारत में 67 सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए गए हैं, जो देश के विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं। ये प्रमुख रूप से आईटी हब जैसे बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, नोएडा, चेन्नई, और गुरुग्राम में स्थित हैं।

 100% FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति

प्रश्न 3: सरकार ने आईटी क्षेत्र में 100% एफडीआई (FDI) की अनुमति क्यों दी है?

उत्तर:
100% एफडीआई की अनुमति देने का मुख्य उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को भारत में आकर्षित करना है, जिससे आईटी और सॉफ़्टवेयर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिले।

इसके लाभ:

  1. विदेशी कंपनियों के लिए आसान निवेश प्रक्रिया
  2. नए आईटी स्टार्टअप्स और कंपनियों का विस्तार
  3. नई तकनीकों का आगमन और नवाचार में वृद्धि
  4. रोजगार के नए अवसर पैदा होना
  5. भारत को वैश्विक स्तर पर आईटी केंद्र बनाना

BPO प्रमोशन स्कीम

प्रश्न 4: BPO प्रमोशन स्कीम का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर:
सरकार ने यह योजना छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में आईटी सेवाओं का विस्तार करने के लिए शुरू की है, ताकि वहां भी रोजगार के अवसर बढ़ सकें।

मुख्य विशेषताएँ:

छोटे शहरों और गाँवों में बीपीओ (BPO) केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

युवाओं को आईटी और ग्राहक सेवा क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

राज्यों को अनुदान और प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

 NPSP 2019 (National Policy on Software Products 2019)

प्रश्न 5: राष्ट्रीय सॉफ़्टवेयर उत्पाद नीति (NPSP) 2019 क्या है और इसका लक्ष्य क्या है?

उत्तर:
यह नीति भारतीय सॉफ़्टवेयर उत्पाद उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए बनाई गई थी।

प्रमुख लक्ष्य:

  1. स्वदेशी सॉफ़्टवेयर उत्पादों का विकास
  2. सॉफ़्टवेयर स्टार्टअप्स को बढ़ावा
  3. निर्यात को बढ़ाने के लिए नई योजनाएँ
  4. रोजगार सृजन और आईटी उद्यमिता को बढ़ावा

 NIELIT सेंटर

प्रश्न 6: NIELIT (National Institute of Electronics & Information Technology) क्या है?

उत्तर:
NIELIT एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है, जो सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में कौशल विकास कार्यक्रम संचालित करती है।

इसके प्रमुख कार्य:

डिजिटल कौशल प्रशिक्षण

साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स

आईटी प्रोफेशनल्स के लिए अपस्किलिंग

प्रश्न 7: भारत में NIELIT के कितने केंद्र हैं?

उत्तर:
भारत में 55 NIELIT केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो देशभर में डिजिटल कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।

FutureSkills PRIME कार्यक्रम

प्रश्न 8: FutureSkills PRIME पहल का उद्देश्य क्या है?

उत्तर:
यह एक सरकारी पहल है जो आईटी पेशेवरों के पुन: कौशल विकास (reskilling) और उन्नयन (upskilling) के लिए बनाई गई है।

इस पहल के लाभ:

आईटी और डिजिटल टेक्नोलॉजी में नई स्किल्स सिखाना

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉकचेन जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना

आईटी क्षेत्र में नौकरियों के लिए अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाना

 स्टार्टअप बूस्ट योजनाएँ (TIDE 2.0, SAMRIDH, GENESIS & CoEs)

प्रश्न 9: सरकार द्वारा स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन सी योजनाएँ चलाई जा रही हैं?

उत्तर:

1. TIDE 2.0 (Technology Incubation and Development of Entrepreneurs)

आईटी आधारित स्टार्टअप को वित्तीय सहायता

डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करना

2. SAMRIDH योजना (Startup Accelerator of MeitY for Product Innovation, Development, and Growth)

आईटी स्टार्टअप को शुरुआती निवेश और मार्केटिंग सपोर्ट

3. GENESIS (Gen-Next Support for Innovative Startups)

नवाचार को बढ़ावा देना और नए आईटी समाधान विकसित करना

4. CoEs (Centres of Excellence)

विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में शोध और नवाचार को बढ़ावा देना

 India AI Mission (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन)

प्रश्न 10: भारत सरकार का ‘इंडिया एआई मिशन’ (India AI Mission) क्या है?

उत्तर:
यह मिशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया है।

प्रमुख उद्देश्य:

AI तकनीक में भारत को वैश्विक नेता बनाना

सरकारी सेवाओं में AI को एकीकृत करना

AI रिसर्च और विकास को समर्थन देना

 प्रमुख बिंदु संक्षेप में:

 67 सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क – आईटी अवसंरचना को मजबूत करना

100% FDI – वैश्विक निवेश आकर्षित करना

BPO प्रमोशन स्कीम – छोटे शहरों में आईटी सेवाओं का विस्तार
 

NPSP 2019 – सॉफ़्टवेयर उत्पादों को बढ़ावा देना
 

55 NIELIT सेंटर – डिजिटल कौशल विकसित करना

FutureSkills PRIME – आईटी पेशेवरों को अपस्किल करना

 Startup Boost योजनाएँ – स्टार्टअप्स को आर्थिक और तकनीकी सहायता

India AI Mission – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भारत को अग्रणी बनाना

टॉप करेंट अफेयर्स: आज की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बड़ी खबरें!
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Biometric SDK Benchmarking Competition से जुड़े महत्वपूर्ण करंट अफेयर्स प्रश्न-उत्तर 

यह प्रश्न-उत्तर सेट UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) द्वारा आयोजित Biometric SDK Benchmarking Competition से जुड़े समसामयिक मुद्दों को कवर करता है।

प्रश्न 1: Biometric SDK Benchmarking Competition क्या है?

उत्तर: यह एक प्रतियोगिता है जिसमें फिंगरप्रिंट आधारित प्रमाणीकरण समाधान (Fingerprint-based Authentication Solution) के लिए सर्वश्रेष्ठ बायोमेट्रिक SDK (Software Development Kit) की पहचान की जाएगी।

प्रश्न 2: इस प्रतियोगिता का आयोजन किसके द्वारा किया जा रहा है?

उत्तर: इस प्रतियोगिता का आयोजन UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) द्वारा किया जा रहा है।

प्रश्न 3: इस प्रतियोगिता में भाग लेने का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस प्रतियोगिता का उद्देश्य आधार प्रमाणीकरण को और अधिक सुरक्षित, तेज़ और कुशल बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर समाधान का चयन करना है।

प्रश्न 4: बायोमेट्रिक SDK क्या होता है?

उत्तर: बायोमेट्रिक SDK एक सॉफ्टवेयर टूलकिट होता है, जो फिंगरप्रिंट, आईरिस और चेहरे की पहचान जैसी बायोमेट्रिक तकनीकों को लागू करने और उनका उपयोग करने में सहायता करता है।

प्रश्न 5: इस प्रतियोगिता में कौन-कौन भाग ले सकता है?

उत्तर: इस प्रतियोगिता में सॉफ्टवेयर डेवलपर, बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी कंपनियां और शोधकर्ता भाग ले सकते हैं।

प्रश्न 6: प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

उत्तर: रजिस्ट्रेशन के लिए UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट https://biochallenge.uidai.gov.in/ पर जाना होगा।

प्रश्न 7: UIDAI बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए किन तकनीकों का उपयोग करता है?

उत्तर: UIDAI मुख्य रूप से तीन प्रकार की बायोमेट्रिक पहचान का उपयोग करता है:

  1. फिंगरप्रिंट स्कैन
  2. आईरिस स्कैन
  3. चेहरे की पहचान (Face Recognition)

प्रश्न 8: आधार प्रमाणीकरण के कितने प्रकार होते हैं?

उत्तर: आधार प्रमाणीकरण के चार मुख्य प्रकार होते हैं:

1. डेमोग्राफिक प्रमाणीकरण (Demographic Authentication) – नाम, पता, जन्मतिथि आदि की पुष्टि।

2. OTP आधारित प्रमाणीकरण – पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP भेजकर पुष्टि।

3. बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण – फिंगरप्रिंट, आईरिस या चेहरे की पहचान द्वारा।

4. मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण – OTP और बायोमेट्रिक्स का संयोजन।

प्रश्न 9: इस प्रतियोगिता का भारतीय डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र पर क्या प्रभाव होगा?

उत्तर: यह प्रतियोगिता आधार-आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली को और अधिक उन्नत, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाएगी, जिससे डिजिटल इंडिया पहल को भी बल मिलेगा।

प्रश्न 10: इस प्रतियोगिता से बायोमेट्रिक तकनीक में क्या बदलाव आएंगे?

उत्तर: इस प्रतियोगिता से बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर की सटीकता बढ़ेगी, प्रमाणीकरण की गति तेज़ होगी, और डेटा सुरक्षा में सुधार होगा।

प्रश्न 11: बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के क्या फायदे हैं?

उत्तर:

1. उच्च सुरक्षा – पासवर्ड की तुलना में फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन अधिक सुरक्षित हैं।

2. तेज़ प्रमाणीकरण – तुरंत पहचान की पुष्टि होती है।

3. धोखाधड़ी में कमी – फर्जी पहचान बनाना मुश्किल होता है।

प्रश्न 12: UIDAI से संपर्क करने के लिए कौन सा ईमेल आईडी है?

उत्तर: UIDAI से संपर्क करने के लिए ईमेल आईडी support-challenge@uidai.net.in है।

इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम

प्रश्न 1: इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) किस उद्देश्य से शुरू की गई है?

उत्तर: इस योजना का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और निर्यात को बढ़ाना है।

प्रश्न 2: इस योजना के तहत कितने करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश अपेक्षित है?

उत्तर: इस योजना के तहत कुल ₹59,350 करोड़ का अतिरिक्त निवेश घरेलू और वैश्विक विनिर्माण कंपनियों से आने की संभावना है।

प्रश्न 3: इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम से अनुमानित कुल टर्नओवर कितना होगा?

उत्तर: इस योजना से अनुमानित कुल टर्नओवर ₹4,56,500 करोड़ होगा।

प्रश्न 4: इस योजना से कितने लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा?

उत्तर: इस योजना से अनुमानित 91,600 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

प्रश्न 5: यह योजना किस मंत्रालय के तहत शुरू की गई है?

उत्तर: यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत शुरू की गई है।

प्रश्न 6: यह निर्णय किस तिथि को लिया गया?

उत्तर: कैबिनेट द्वारा यह निर्णय 28 मार्च 2025 को लिया गया।

प्रश्न 7: इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने कौन-कौन सी अन्य योजनाएँ शुरू की हैं?

उत्तर: भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित योजनाएँ शुरू की हैं:

  1. प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम
  2. सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग स्कीम
  3. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम
  4. मेक इन इंडिया अभियान

प्रश्न 8: इस योजना का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर: इस योजना के कारण:

  1. भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण उद्योग को मजबूती मिलेगी।
  2. निर्यात में वृद्धि होगी और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा।
  3. देश में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
  4. भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकेगा।

भारत की वन्यजीव धरोहर से जुड़े करेंट अफेयर्स आधारित प्रश्न-उत्तर

1. भारत में वन्यजीव संरक्षण से संबंधित प्रमुख पहल कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: भारत में वन्यजीव संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की गई हैं:

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972

प्रोजेक्ट टाइगर, 1973

प्रोजेक्ट एलीफेंट, 1992

राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना (NBAP)

CAMPA (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority)

2. भारत में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए कौन-कौन से प्रयास किए गए हैं?

उत्तर:

प्रोजेक्ट टाइगर (1973): यह भारत सरकार की प्रमुख पहल है, जिसमें संरक्षित टाइगर रिजर्व बनाए गए हैं।

TX2 लक्ष्य: 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में तय किया गया कि 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना किया जाएगा।

M-STrIPES एप: टाइगर मॉनिटरिंग के लिए विकसित किया गया मोबाइल एप्लिकेशन।

बाघ गणना (2018): भारत ने विश्व में सबसे अधिक 2967 बाघों की संख्या दर्ज की।

3. भारतीय गैंडा (Indian Rhinoceros) की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं?

उत्तर:

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान: असम में स्थित यह पार्क एक सींग वाले गैंडे का प्रमुख निवास स्थान है।

प्रोजेक्ट इंडियन राइनो विजन 2020: इस पहल के तहत भारत में गैंडों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया।

एन्टी-पोचिंग (Anti-Poaching) अभियान: अवैध शिकार को रोकने के लिए कई सख्त कानून बनाए गए हैं।

4. बारहसिंगा (Swamp Deer) को विलुप्त होने से बचाने के लिए कौन-कौन से प्रयास किए गए?

उत्तर:

कान्हा नेशनल पार्क: मध्य प्रदेश में स्थित इस पार्क में बारहसिंगा की विशेष सुरक्षा की जाती है।

कैप्टिव ब्रीडिंग प्रोग्राम: बारहसिंगा की संख्या बढ़ाने के लिए कैप्टिव ब्रीडिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है।

IUCN संरक्षण स्थिति: बारहसिंगा को ‘विलुप्तप्राय’ श्रेणी में रखा गया है।

5. भारतीय तेंदुए (Indian Leopard) की संख्या में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?

उत्तर:

अवैध शिकार (Poaching): तेंदुओं की खाल और अंगों की तस्करी की जाती है।

वनों की कटाई (Deforestation): जंगलों के घटने से तेंदुओं का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है।

मानव-पशु संघर्ष (Human-Wildlife Conflict): शहरीकरण के कारण तेंदुए मानव बस्तियों में आ रहे हैं, जिससे उनके जीवन को खतरा है।

6. भारत में एशियाई शेरों (Asiatic Lion) का संरक्षण कैसे किया जा रहा है?

उत्तर:

गिर वन्यजीव अभयारण्य: गुजरात में स्थित गिर जंगल ही एकमात्र स्थान है जहां एशियाई शेर पाए जाते हैं।

शेर पुनर्वास योजना: अन्य राज्यों में शेरों की आबादी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

7. भारत में हिरणों की संख्या बढ़ाने के लिए कौन-कौन से प्रयास किए गए?

उत्तर:

द्वीप संरक्षण प्रोजेक्ट: अंडमान-निकोबार द्वीपों पर हिरणों की संख्या को संरक्षित करने के लिए प्रयास किए गए हैं।

स्थानीय लोगों को जागरूक किया गया ताकि वे अवैध शिकार से बचें।

8. भारत में जैव विविधता (Biodiversity) संरक्षण के लिए कौन-कौन से अंतरराष्ट्रीय प्रयास किए जा रहे हैं?

उत्तर:

IUCN (International Union for Conservation of Nature) के तहत संरक्षण प्रयास

UNESCO विश्व धरोहर स्थल कार्यक्रम

CITES (Convention on International Trade in Endangered Species)

बायोस्फीयर रिजर्व नेटवर्क (Biosphere Reserve Network)

9. कौन-कौन से भारतीय राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं?

उत्तर:

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (उत्तराखंड) – बाघों के लिए प्रसिद्ध।

काजीरंगा नेशनल पार्क (असम) – एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध।

सुंदरबन नेशनल पार्क (पश्चिम बंगाल) – रॉयल बंगाल टाइगर का घर।

कान्हा नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश) – बारहसिंगा के लिए प्रसिद्ध।

10. भारत में वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?

उत्तर:

अवैध शिकार और तस्करी

पर्यावरणीय क्षरण और जलवायु परिवर्तन

वन्यजीवों के लिए सीमित संरक्षण क्षेत्र

मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि

पर्यटन और औद्योगिकीकरण का दबाव

भारत की GDP वृद्धि से जुड़े कठिन करंट अफेयर्स प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: भारत की GDP वृद्धि दर (105%) किस वर्ष की तुलना में मापी गई है?

उत्तर: यह वृद्धि दर 2015 की GDP ($2.1 ट्रिलियन) की तुलना में 2025 की अनुमानित GDP ($4.27 ट्रिलियन) पर आधारित है।

प्रश्न 2: विश्व में सबसे अधिक GDP वृद्धि दर किस देश की रही?

उत्तर: भारत (105%) ने 2015-2025 के बीच सबसे अधिक GDP वृद्धि दर्ज की है।

प्रश्न 3: जापान की GDP में कोई वृद्धि क्यों नहीं हुई?

उत्तर: जापान की GDP 2015 में $4.44 ट्रिलियन थी और 2025 में यह $4.39 ट्रिलियन रहने का अनुमान है। इसका मुख्य कारण अर्थव्यवस्था की धीमी गति, जनसंख्या में गिरावट, और कम निवेश दर है।

प्रश्न 4: भारत के मुकाबले अमेरिका और चीन की GDP वृद्धि कितनी कम रही?

उत्तर:

भारत की GDP वृद्धि 105% रही।

अमेरिका की GDP वृद्धि 66% रही, जो भारत से 39% कम है।

चीन की GDP वृद्धि 76% रही, जो भारत से 29% कम है।

प्रश्न 5: भारत ने GDP वृद्धि में किन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ दिया?

उत्तर: भारत ने GDP वृद्धि में अमेरिका (66%), चीन (76%), जर्मनी (44%), यूनाइटेड किंगडम (28%), फ्रांस (38%), इटली (39%), कनाडा (44%) और ब्राज़ील (28%) को पीछे छोड़ दिया।

प्रश्न 6: किस देश की GDP वृद्धि सबसे कम रही और क्यों?

उत्तर: जापान की GDP वृद्धि 0% रही, क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था स्थिर बनी रही और जनसंख्या घटने के कारण आर्थिक विकास प्रभावित हुआ।

प्रश्न 7: अमेरिका और चीन की GDP में 2025 तक कितना अंतर रहेगा?

उत्तर:

अमेरिका की अनुमानित GDP $30.34 ट्रिलियन होगी।

चीन की अनुमानित GDP $19.53 ट्रिलियन होगी।

दोनों देशों के बीच GDP का अंतर $10.81 ट्रिलियन रहेगा।

प्रश्न 8: 2025 तक भारत की GDP कितनी अधिक होगी?

उत्तर: 2025 में भारत की GDP $4.27 ट्रिलियन होगी, जो 2015 की तुलना में $2.17 ट्रिलियन अधिक है।

प्रश्न 9: कौन-से दो यूरोपीय देशों की GDP वृद्धि समान रही?

उत्तर: जर्मनी और कनाडा की GDP वृद्धि 44% रही।

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प्रश्न 10: GDP वृद्धि के मामले में भारत को यह उपलब्धि किन प्रमुख कारणों से मिली?

उत्तर: भारत की GDP वृद्धि का मुख्य कारण आर्थिक सुधार, सरकारी नीतियाँ, डिजिटलीकरण, औद्योगिक विकास, और वैश्विक परिस्थितियों में परिवर्तन हैं। 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था $3.7 ट्रिलियन को पार कर चुकी है, और इसे 2030 तक $5 ट्रिलियन तक पहुँचाने का लक्ष्य है। GDP वृद्धि में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों का विस्तृत विश्लेषण निम्नलिखित है:

1. आर्थिक सुधार और उदारीकरण (Economic Reforms & Liberalization)

1. विनिवेश और निजीकरण (Disinvestment & Privatization)

सरकार ने कई सार्वजनिक उपक्रमों में निजी निवेश को बढ़ावा दिया, जिससे दक्षता और उत्पादकता बढ़ी।

BPCL, एयर इंडिया, LIC जैसी कंपनियों का विनिवेश निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

2. FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में वृद्धि

सरकार ने रक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, और रिटेल सेक्टर में 100% FDI की अनुमति दी है।

इससे विदेशी कंपनियों ने भारत में निवेश बढ़ाया, जिससे GDP में सुधार हुआ।

3. ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल

स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है।

2024 तक भारत में 1 लाख से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें 1000+ यूनिकॉर्न हैं।

2. डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का विस्तार (Digitalization & Technology Growth)

1. UPI और डिजिटल भुगतान का बढ़ता उपयोग

भारत में UPI लेनदेन हर महीने ₹18 लाख करोड़ से अधिक हो गया है।

डिजिटल इकोनॉमी से व्यापार में तेजी आई, जिससे GDP को बढ़ावा मिला।

2. 5G नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार

5G सेवाओं की शुरुआत से टेलीकॉम, मैन्युफैक्चरिंग, और AI सेक्टर में निवेश बढ़ा।

डेटा कनेक्टिविटी में सुधार से ग्रामीण क्षेत्रों तक आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हुआ।

3. E-commerce और ऑनलाइन कारोबार

Flipkart, Amazon, और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से MSME सेक्टर का विकास हुआ।

भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर का मूल्य 2025 तक $200 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।

3. औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास (Industrial & Infrastructure Growth)

1. नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP)

भारत सरकार ने ₹111 लाख करोड़ की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाई।

इसमें रेलवे, हाईवे, एयरपोर्ट, और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शामिल हैं।

2. निर्माण और रियल एस्टेट सेक्टर का उभरना

PMAY (प्रधानमंत्री आवास योजना) के तहत लाखों लोगों को घर मिले, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिला।

मेट्रो, हाईवे, और बुलेट ट्रेन परियोजनाएँ अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जा रही हैं।

3. मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भारत का उभरना

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है।

PLI (Production-Linked Incentive) योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और टेक्सटाइल सेक्टर को मजबूती मिली।

4. कृषि और MSME क्षेत्र में सुधार (Agriculture & MSME Reforms)

1. कृषि उत्पादन और निर्यात में वृद्धि

PM-KISAN योजना और डिजिटल कृषि मिशन से किसानों को आर्थिक सहायता मिली।

भारत कृषि निर्यात में अग्रणी बना, जिसमें चावल, मसाले, और डेयरी उत्पाद शामिल हैं।

2. MSME क्षेत्र को समर्थन

भारत के GDP में MSME सेक्टर का योगदान 30% से अधिक है।

सरकार ने ₹3 लाख करोड़ की क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की, जिससे छोटे व्यवसायों को लाभ हुआ।

5. वैश्विक परिस्थितियों से लाभ (Global Economic Factors)

1. चीन+1 रणनीति का लाभ

वैश्विक कंपनियाँ चीन पर निर्भरता कम कर रही हैं और भारत को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब बना रही हैं।

Apple, Samsung, और Tesla जैसी कंपनियों ने भारत में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित कीं।

2. भारत की IT और सेवा अर्थव्यवस्था

भारत दुनिया का सबसे बड़ा IT सेवा निर्यातक है।

2024 में IT और BPO सेक्टर का योगदान $200 बिलियन से अधिक हुआ।

6. ऊर्जा और नवीकरणीय संसाधनों में निवेश (Energy & Renewable Resources Investment)

1. हरित ऊर्जा और सौर ऊर्जा परियोजनाएँ

भारत ने 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य रखा है।

सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में भारी वृद्धि हुई, जिससे ऊर्जा निर्भरता कम हुई।

  1. मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप सेक्टर में तेजी।
  2. डिजिटल क्रांति और में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तेजी से उभर रही है और इसे कई क्षेत्रों में अपनाया जा रहा है।

भाग 1: AI और भारत सरकार की पहल

प्रश्न 1: “IndiaAI Mission” क्या है और इसके मुख्य घटक क्या हैं?

उत्तर: “IndiaAI Mission” भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य AI अनुसंधान को बढ़ावा देना, स्टार्टअप्स को समर्थन देना और AI-आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना है।

मुख्य घटक:

1. AI कम्प्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: सुपरकंप्यूटर और डेटा केंद्रों का निर्माण

2. AI रिसर्च और विकास: नए स्टार्टअप्स और कंपनियों को AI-आधारित नवाचारों के लिए प्रोत्साहन

3. AI नीति और एथिक्स: नैतिक और जिम्मेदार AI उपयोग को सुनिश्चित करना

4. AI-आधारित समाधान: कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योगों में AI के उपयोग को बढ़ावा

प्रश्न 2: “Bhashini” क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

उत्तर: “Bhashini” भारत सरकार की एक AI-आधारित भाषा अनुवाद प्लेटफ़ॉर्म है, जो स्पीच-टू-टेक्स्ट और टेक्स्ट-टू-स्पीच सुविधा प्रदान करता है। इसका उद्देश्य डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) को बढ़ावा देना और भारतीय भाषाओं में डिजिटल सामग्री को अधिक सुलभ बनाना है।

मुख्य उद्देश्य:

  1. विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा प्रदान करना
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जानकारी की पहुंच बढ़ाना
  3. स्थानीय भाषा में सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना
  4. AI के माध्यम से भाषा संबंधी बाधाओं को समाप्त करना

प्रश्न 3: “Kisan e-Mitra” क्या है और यह किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है?

उत्तर: “Kisan e-Mitra” एक AI-आधारित चैटबॉट है, जो किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी देने में मदद करता है।

मुख्य विशेषताएँ:

  1. किसानों को PM-Kisan योजना से जुड़ी सहायता देता है
  2. बहुभाषी समर्थन प्रदान करता है
  3. अन्य सरकारी योजनाओं के साथ इंटीग्रेशन की क्षमता रखता है
  4. फसल प्रबंधन और कृषि उत्पादकता में सुधार करने में सहायक

प्रश्न 4: भारत सरकार AI का उपयोग कृषि क्षेत्र में कैसे कर रही है?

उत्तर: भारत सरकार AI और मशीन लर्निंग का उपयोग कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कर रही है।

मुख्य पहल:

1. National Pest Surveillance System:

यह प्रणाली फसलों में कीटों और बीमारियों का पूर्वानुमान लगाने के लिए AI का उपयोग करती है।

जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली फसल हानि को रोकने में मदद करती है।

2. AI-आधारित फसल निगरानी:

सैटेलाइट इमेजिंग और AI विश्लेषण के जरिए किसानों को बेहतर कृषि निर्णय लेने में सहायता।

3. AI-आधारित सिंचाई और खाद प्रबंधन:

पानी और खाद की सही मात्रा का सुझाव देकर कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद।

भाग 2: भारत में AI और सामाजिक परिवर्तन

प्रश्न 5: AI का उपयोग सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को संरक्षित करने में कैसे किया जा रहा है?

उत्तर: AI का उपयोग सांस्कृतिक विरासत, भाषाओं और सामाजिक कल्याण को बनाए रखने में किया जा रहा है।

1. लुप्त होती भाषाओं का संरक्षण:

AI भाषा मॉडल्स का उपयोग करके भारत की लुप्तप्राय भाषाओं को संरक्षित करने में मदद कर रहा है।

2. AI-आधारित ऐतिहासिक दस्तावेजों का डिजिटलीकरण:

पुराने ऐतिहासिक ग्रंथों और अभिलेखों को डिजिटल स्वरूप में संग्रहित किया जा रहा है।

3. AI-आधारित स्वास्थ्य सेवाएँ:

ग्रामीण क्षेत्रों में AI-आधारित टेलीमेडिसिन सेवाओं का विकास किया जा रहा है।

प्रश्न 6: भारत में AI को एक वैश्विक AI हब बनाने के लिए सरकार कौन-कौन से कदम उठा रही है?

उत्तर: भारत सरकार ने AI के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं:

1. AI स्टार्टअप्स और रिसर्च को बढ़ावा

स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया के तहत AI कंपनियों को आर्थिक सहायता।

2. IndiaAI Mission के तहत सरकारी योजनाएँ

भारत को AI नवाचार और अनुसंधान का केंद्र बनाने की रणनीति।

3. Bhashini और अन्य भाषाई AI प्रोजेक्ट्स

विभिन्न भारतीय भाषाओं में AI-आधारित सेवाओं की सुविधा।

4. AI-आधारित कृषि और स्वास्थ्य कार्यक्रम

किसानों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को AI समाधानों से जोड़ना।

5. AI नीति और एथिक्स पर ध्यान

AI के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माण।

भाग 3: AI और भविष्य की संभावनाएँ

प्रश्न 7: भारत में AI से जुड़े मुख्य संभावित खतरों और चुनौतियों को बताइए।

उत्तर:

1. डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा:

AI सिस्टम में डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।

2. रोजगार का प्रभाव:

ऑटोमेशन से पारंपरिक नौकरियों पर असर पड़ सकता है।

3. AI नैतिकता (AI Ethics):

AI के दुरुपयोग और नैतिक चिंताओं को संबोधित करना आवश्यक है।

4. तकनीकी अंतराल (Digital Divide):

ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा और AI तक पहुँच सीमित है।

भारत की बायोइकोनॉमी – संपूर्ण विवरण एवं विश्लेषण

भारत की बायोइकोनॉमी (Bioeconomy) ने पिछले दशक में असाधारण वृद्धि दर्ज की है। 2014 में इसका कुल मूल्य मात्र $10 बिलियन था, लेकिन 2024 तक यह $165.7 बिलियन तक पहुँच गया।

यह 16 गुना वृद्धि को दर्शाता है। सरकार की नीतियाँ, स्टार्टअप्स, शोध संस्थान, और नवाचार इस वृद्धि के प्रमुख कारण रहे हैं। यहाँ हम बायोइकोनॉमी के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।

1. बायोइकोनॉमी क्या होती है?

परिभाषा

बायोइकोनॉमी एक ऐसी अर्थव्यवस्था है, जो जैव-आधारित संसाधनों (Bio-based resources) पर निर्भर करती है। इसमें जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology), कृषि, फार्मास्युटिकल्स, जैव ऊर्जा (Bioenergy), और औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी शामिल हैं।

मुख्य क्षेत्र

बायोइकोनॉमी के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र आते हैं:

1. कृषि एवं खाद्य सुरक्षा – जैविक उर्वरक, जैव कीटनाशक, और GMO (जेनेटिकली मोडिफाइड ऑर्गेनिज्म) आधारित फसलें।

2. स्वास्थ्य एवं औषधीय अनुसंधान – बायोटेक दवाएँ, टीके (Vaccines), और जैविक उपचार।

3. जैव ऊर्जा एवं नवीकरणीय संसाधन – जैव ईंधन (Biofuel), बायोडीजल, और हरित हाइड्रोजन।

4. औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी – बायोप्लास्टिक, बायोकेमिकल्स, और एंजाइम आधारित उत्पाद।

5. पर्यावरण एवं सतत विकास – कचरा प्रबंधन, जैव पुनर्चक्रण (Biorecycling), और जल शुद्धिकरण।

2. भारत में बायोइकोनॉमी की ऐतिहासिक वृद्धि

2014 से 2024 तक की प्रगति

2014 – भारत की बायोइकोनॉमी $10 बिलियन थी।

2019 – यह $62.5 बिलियन हो गई।

2022 – भारत की बायोइकोनॉमी $100 बिलियन के स्तर को पार कर गई।

2024 – वर्तमान में यह $165.7 बिलियन तक पहुँच चुकी है।

2030 का लक्ष्य – भारत इसे $300 बिलियन तक ले जाने की योजना बना रहा है।

महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

कोविड-19 के दौरान वैक्सीन निर्माण – भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक बना।

जैव ईंधन उत्पादन – एथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा दिया गया, जिससे तेल आयात पर निर्भरता कम हुई।

बायोटेक स्टार्टअप्स का उभरना – भारत में 5000+ से अधिक बायोटेक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं।

नवाचार और अनुसंधान – जैविक प्लास्टिक, हरित ऊर्जा, और बायोमेडिकल तकनीक में विकास।

3. बायोइकोनॉमी को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारक

1. सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ

बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) – जैव-तकनीक स्टार्टअप्स को फंडिंग और सहायता प्रदान करता है।

राष्ट्रीय बायोटेक्नोलॉजी विकास रणनीति – जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देने की योजना।

बायो-ईंधन नीति 2018 – बायोफ्यूल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए लागू की गई।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना – बायोटेक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया।

2. बढ़ता हुआ स्टार्टअप इकोसिस्टम

भारत में 5000+ बायोटेक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं।

भारतीय बायोटेक स्टार्टअप्स को BIRAC और सरकार की अन्य योजनाओं से वित्तीय सहयोग मिल रहा है।

3. कृषि और जैव प्रौद्योगिकी में नवाचार

जैव उर्वरकों और जैव कीटनाशकों के उपयोग में बढ़ोतरी।

GMO (Genetically Modified Organisms) आधारित फसलें विकसित की गईं।

4. स्वास्थ्य और फार्मास्युटिकल सेक्टर का विकास

भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई।

बायोफार्मास्युटिकल उद्योग में तेजी – नई दवाओं और टीकों का विकास किया गया।

5. नवीकरणीय ऊर्जा और जैव ईंधन का विस्तार

2025 तक 20% एथेनॉल मिश्रण (E20 fuel) का लक्ष्य रखा गया है।

हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए भारत सरकार ने नई नीतियाँ लागू की हैं।

4. बायोइकोनॉमी के लिए वैश्विक योगदान और भारत की स्थिति

वैश्विक रुझान

अमेरिका और यूरोपीय संघ बायोइकोनॉमी में अग्रणी हैं।

चीन और जापान बायोटेक अनुसंधान और जैविक चिकित्सा में आगे हैं।

भारत बायोफार्मास्युटिकल्स और जैव ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है।

भारत की विशेषताएँ

दवा निर्माण में अग्रणी – दुनिया की 60% से अधिक वैक्सीन भारत में बनती हैं।

एथेनॉल उत्पादन में वृद्धि – भारत दुनिया के अग्रणी जैव ईंधन उत्पादकों में शामिल हो रहा है।

जैविक कृषि को बढ़ावा – भारत में जैविक उत्पादों की माँग तेजी से बढ़ रही है।

5. बायोइकोनॉमी का भविष्य और 2030 का रोडमैप

सरकारी लक्ष्‍य

2030 तक बायोइकोनॉमी को $300 बिलियन तक पहुँचाने का लक्ष्य।

बायोटेक स्टार्टअप्स की संख्या 10,000+ करने की योजना।

नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश बढ़ाना – हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन को प्रोत्साहन।

कृषि में जैव तकनीकों का बढ़ता उपयोग – अधिक जैविक खेती को अपनाना।

नवाचार और अवसर

नए जैविक उत्पादों और दवाओं का विकास।

हरित ऊर्जा में निवेश और बायोमैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विस्तार।

बायोफार्मा में वैश्विक बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना।

6. परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (One-liner Notes)

  1. 2014 में भारत की बायोइकोनॉमी $10 बिलियन थी।
  2. 2024 में यह बढ़कर $165.7 बिलियन हो गई।
  3. बायोइकोनॉमी की वृद्धि 16 गुना हुई।
  4. भारत में 5000+ बायोटेक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं।
  5. 2025 तक 20% एथेनॉल मिश्रण (E20 fuel) का लक्ष्य।
  6. भारत की बायोफार्मा कंपनियाँ दुनिया की 60% से अधिक वैक्सीन बनाती हैं।
  7. 2030 तक भारत की बायोइकोनॉमी को $300 बिलियन तक पहुँचाने की योजना।

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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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