डीप फेक: लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी से डीप फेक के खतरों को लेकर के पीएम मोदी ने चिंता
जाहिर की |
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Toggleपीएम मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी और साइबर अपराध से बढ़ रहे खतरों को देखते हुए चिंता व्यक्त की |
पीएम मोदी ने पुलिस सहायता से साइबर अपराध डिजिटल धोखाधड़ी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंटस से बढ़ रहे खतरों से निपटने के लिए भारत की प्रौद्योगिकी क्षमता को दो गुनी करके इस संकट से बहाल करने की अपील की है | Read more…

ओडिशा के भुवनेश्वर में चल रहे 59वे अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक सम्मेलन के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने पुलिस के भार को काम करने के लिए पुलिस थानो में नई प्रोद्योगिकियों के लागू करने पर बल दिया
जिससे की लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंटस के खतरों से निपटा जा सके |
2 दिसंबर 2024 आज के दिन भारत और मलेशिया के बीच सयुक्त सैन्य अभ्यास हरीमाउ शक्ति का चौथा संस्करण मलेशिया के बेंटोंग शिविर में शुरू हुआ
इस अभ्यास में भारत की ओर से 78 कर्मियों वाली एक टुकड़ी के द्वारा इसका प्रतिनिधित्व किया जा रहा है जो की महार रेजिमेंट से संबंधित है तथा इसमें मलेशिया की ओर से मलेशियाई दल के 123 कर्मियों के द्वारा इसका प्रतिनिधित्व किया जा रहा है
जो कि मलेशिया के रॉयल मलेशियाई रेजिमेंट को सम्बोधित कर रही है |
भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मलेशिया में चल रहे इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य जंगली इलाकों में बढ़ रहे आतंकवाद को खत्म करने हेतु आतंकवाद विरोधी अभियान दोनों पक्षाे के द्वारा चलाया जा रहा है |
यह अभियान 15 दिसंबर 2024 तक जारी रहेगा इसका एक उद्देश्य दोनों देशों की संयुक्त सैन्य शक्ति को भी मजबूत बनाया जा सके |
इसमें रक्षा मंत्रालय ने बयान दिया कि हरिमाऊ शक्ति एक्सरसाइज दोनों देशों के बीच एक नई रणनीति, तकनीकी और प्रोधोगिकी को और मजबूत बनाना है.
डीपफ़ेक के बारे में ज़रूरी बातें
• डीपफ़ेक, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित होता है
• इसको बनाने के लिए, हमें डीप लर्निंग से आधारित मशीन लर्निंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है.
* इससे हम किसी भी व्यक्ति की शक्ल या आवाज़ को बदलकर बनाया जाता है.
• शरीर के कुछ अंगों को धोखा देने के लिए बनाया जाता है. जैसे – नज़र और कान को
• इसका इस्तेमाल फ़िल्मों में भी किया जाता है. Click here…
डीपफ़ेक से जुड़ी कुछ चिंताएं
* इस डीपफ़ेक से हम गलत सूचना भी फैला सकते है.
* डीपफ़ेक से राजनीतिक हेरफेर किया जा सकता है.
* इसके आने से हमे डिजिटल मीडिया में विश्वास कम सा हो गया है.
* डीपफ़ेक से गोपनीयता, लोकतंत्र ओर सुरक्षा नुकसान पहुंच सकता है.
डिपफेक का मतलब क्या होता है ?
डीप फेक एक छवि यह वीडियो है जो की एक विशेष प्रकार की मशीन लर्निंग द्वारा बनाई जाती है इसलिए इसका नाम रखा गया जिसे हम डीपफेक लर्निंग कहते हैं
डीप फेक वीडियो की पहचान कैसे करें ?
डीप फेक वीडियो की पहचान करने के लिए हमें एक डिफेक्ट फोटो मे स्थान और वहां का अदृश्य असंगत होता है और संपादित और असंपादित भागों के बीच में रंग का अलग होना और उसके भाषण और मुंह कि हरकतों का अलग होना डीप फेक
किसी भी वीडियो का ओरिजिनल वीडियो कैसे पता करें ?
अगर हमारी वीडियो कहीं और भी पोस्टेड है तो उसकी जानकारी देखे तथा और उसकी डेट या लोकेशन के बारे में पता करें ऐसे में एक बार आपको अपनी वीडियो के स्थान के बारे में पता लग जाए
तो फिर बाद में Google Keyword का उपयोग करें और मीडिया रिपोर्ट के जांच करें जोकि स्थान की पुष्टि करती है
डिपफेक का पता कैसे चलता है ?
डीप फेक का पता लगाने के लिए शरीर और चेहरे का अनुपात यह चेहरे के हाव-भाव तथा शरीर की हरकतों और उसका स्टाइल के बीच असंगतियों की पहचान करना है
डीप फेक से जुड़ी प्राथमिक चिंता क्या है ?
डीप फेक हमारे लिए महत्वपूर्ण चिंताएं को पैदा करता है जैसे गलत सूचना देना , राजनीतिक हेर फेर करना तथा फर्जी खबरें बनाना ओर सामग्री में समझौता करना और धोखाधड़ी भी शामिल है यह ऐसे डिजिटल मीडिया मे विश्वास को काम करते