डोनाल्ड ट्रंप से WHO की चुनौती: अमेरिका के बाहर होने के बाद कौन से स्वास्थ्य प्रोग्राम होंगे बंद ?
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Toggleपरिचय- हाल में अमेरिका ने WHO से अपनी वापसी की घोषणा की है जिसके चलते वैश्विक स्तर पर इसके गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) स्वास्थ्य से संबंधित वैश्विक स्तर की एक स्वास्थ्य एजेंसी है जो महामारी, बीमारियों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने में सहायता प्रदान करती हैं| Read more…

अमेरिका का निर्णय
* अमेरिका ने अपने निर्णय में WHO पर चीन समर्थक होने और COVID -19 जैसी वैश्विक महामारी को संभालने में सफलता का आरोप लगाया.
* डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने जुलाई 2020 में WHO से हटने का नोटिस दिया था, जिसे अब अंतिम रूप से मान्यता मिल गई है.
* हाल में अमेरिका राष्ट्र ने घोषणा की है कि वह 22 जनवरी 2026 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से औपचारिक रूप से अलग हो जाएगा.
WHO पर पड़ता अमेरिका का प्रभाव
* संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का विश्व में सबसे बड़ा दानदाता था.
* अमेरिका हर साल अपने बजट में लगभग 18% योगदान स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं के लिए देता था.
अमेरिका की WHO से वापसी के मुख्य कारण
1.WHO के बजट पर पड़ता प्रभाव
फंडिंग में कटौती
* अमेरिका के बाहर होने के बाद WHO को अपने वित्तीय स्रोतों का पुनर्गठन करना होगा.
• WHO के द्वारा प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों के लिए नई रणनीतियाँ आपनाई जाएगी.
अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग की चुनौती
* अमेरिका के बाहर होने के बाद WHO को अन्य सदस्य देशों से अतिरिक्त फंडिंग की आवश्यकता होगी.
* फंडिंग की कमी से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुसंधान और विकास क्षेत्र प्रभावित होगा.

2. वैश्विक स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर पड़ते प्रभाव
प्रभावित क्षेत्र
* इससे तपेदिक (TB), मलेरिया, HIV एड्स और पोलियो उन्मूलन जैसे कार्यक्रमों का प्रभावित होना.
* इससे टीकाकरण और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गति धीमी हो सकती है.
महामारी प्रबंधन
* वैश्विक महामारी COVID -19 और भविष्य में फैलने वाली खतरनाक बीमारियों से निपटने के लिए WHO की रणनीति कमजोर हो सकती है.
* इससे सदस्य देशों के बीच समन्वय की कमी पड़ सकती है.
3. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र
* विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बजट और प्रबंधन को सुधारने के सुझाव की आवश्यकता.
* इसके द्वारा वैश्विक सहयोग को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है.
अफ्रीकी देशों पर प्रभाव
* इसमें अफ्रीकी CDC ने कहा कि WHO की फंडिंग मे कटौती से अफ्रीकी देशों में स्वास्थ्य कार्यक्रम कमजोर होंगे जिसका असर मुख्य रूप से वहां की स्वास्थ्य योजनाओं पर पड़ेगा.
* इस समस्या से निकलने के लिए अफ्रीकी देशों को अतिरिक्त फंडिंग की आवश्यकता होगी. जिसके लिए अफ्रीकी देशों को फंडिंग के नए स्रोत खोजने की आवश्यकता है.
यूरोपीय देशो की भूमिका
* जर्मनी और फ्रांस जैसे अन्य यूरोपीय देशों ने WHO को समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है जिससे भविष्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को फंडिंग का सहयोग मिलने की संभावना है.
भारत का दृष्टिकोण और संभावनाएं
1.स्वास्थ्य नेतृत्व में भारत की भूमिका: भारत भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व में अपनी अच्छी खासी भूमिका को निभा सकता है तथा वैश्विक स्वास्थ्य मंच पर अपनी भूमिका बढ़ा सकता है.
* पारंपरिक चिकित्सा पहल आयुष के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में योगदान देना.
• COVID -19 टीकाकरण और डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका निभा सकता हैं.
डोनाल्ड ट्रंप से WHO पर संकट
2. वैश्विक स्वास्थ्य कूटनीति:
* भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को वित्तीय और तकनीकी सहायता देकर वैश्विक स्वास्थ्य मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है.
* भारत वासुदेव कुटुंबकम: की भावना से वैश्विक स्वास्थ्य को सहयोग मिलेगा.
3. सुधार के अवसर
* विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कामकाज को पारदर्शी और जवाब देह बनाने का प्रयास किये जाने की आवश्यकता हैं.
* विकासशील देशों की चिंताओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रणनीतियों और योजनाएं
1. खर्चों में कटौती
* यात्रा के खर्च और गैर आवश्यक भर्ती प्रक्रिया को रोकना जिससे कि स्वास्थ्य के क्षेत्र की में फंडिंग की आवश्यकता को पूरा किया सके.
* वर्चुअल बैठकों के माध्यम से डिजिटल माध्यमों को प्राथमिकता प्रदान करने की आवश्यकता. Click here…
2.वित्तीय पुनर्गठन
* सभी सदस्य देशों से अनिवार्य शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव रखने की आवश्यकता.
* स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त फंडिंग स्रोतों की तलाश में निजी कंपनियों और दानदाताओं से सहायता प्राप्त करना.
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