मामि गंगे मिशन

नमामि गंगे Project क्या है भारत सरकार का बड़ा कदम: नमामि गंगे मिशन से बदलेगी निरंजना नदी की सूरत

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नव वर्ष पर नई उम्मीद के साथ भारत सरकार का एक और कदम: नमामि गंगे मिशन के तहत निरंजना नदी का भी होगा कायाकल्प

नमामि गंगे Project ,क्या है

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नमामि गंगे Project ,क्या है भारत सरकार का बड़ा कदम: नमामि गंगे मिशन से बदलेगी निरंजना नदी की सूरत
नमामि गंगे Project ,क्या है भारत सरकार का बड़ा कदम: नमामि गंगे मिशन से बदलेगी निरंजना नदी की सूरत

निरंजना नदी के संबंध में कुछ मुख्य बातें : निरंजना नदी जिसे हम फल्गु नदी के नाम से भी जानते हैं यह नदी भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के रूप में विशेष महत्व रखती है.

निरंजना नदी का प्रवाह क्षेत्र : निरंजना नदी झारखंड के चतरा से उदगमित होकर बिहार के गया से होकर बहने वाली यह एक विशेष प्रकार की धार्मिक धरोहर के रूप में विख्यात है निरंजना नदी का धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक रूप में भी काफी महत्व है यह नदी हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक आस्था का प्रतीक है.

नमामि गंगे मिशन के तहत निरंजना नदी का कायाकल्प करने का मुख्य कारण

•समय के साथ बढ़ रहे प्रदूषण और लगातार घट रहा जल प्रवाह को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है जिसमें नमामि गंगे मिशन के तहत निरंजना नदी का कायाकल्प किया जाएगा.
• बढ़ते जल प्रदूषण और गाद की बढ़ती मात्रा से से यह नदी दिन प्रतिदिन प्रदूषित हो रही है निरंजना नदी के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक धरोहर होने के रूप में इस नदी का कायाकल्प किया जाएगा.

* इस नदी के प्रदूषित होने से इसके आसपास बसे इलाके प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं जो पर्यावरणीय दृष्टि से भी बहुत संवेदनशील है.

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निरंजना नदी के कायाकल्प को लेकर सरकार का बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने निरंजना नदी के कायाकल्प के तहत इसके संरक्षण और उसके पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री राजीव कुमार मित्तल के नेतृत्व में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया |

इस बैठक में इस परियोजना के कार्यकारी निदेशक श्री बृजेंद्र स्वरूप भी उपस्थित रहे. इस बैठक के दौरान महानिदेशक श्री राजीव कुमार मित्तल के द्वारा नदी के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए विज्ञान, सामुदायिक भागीदारी और टिकाऊ विकास पर विशेष जोर दिया गया.

• बैठक में यह भी बताया गया है कि निरंजना नदी का कायाकल्प आने वाले समय में एक अच्छा भविष्य सुनिश्चित करेगा तथा निरंजना नदी के पुनर्जीवन लिए सभी रणनीति कार्यवाहियां पूरी हो चुकी है यह सभी रणनीतियां जैसे विज्ञान, सामुदायिक भागीदारी और टिकाऊ विकास पर मुख्य रूप से आधारित है.

 

• इस परियोजना के तहत इस नदी की भौगोलिक, जल विज्ञान और सामाजिक आर्थिक स्थितियों का गहन अध्ययन किया जाएगा जिससे भविष्य के लिए अच्छी कार्यवाहियां और रणनीतियां सुनिश्चित की जा सके,

इसके लिए आईआईटी रुड़की, आईआईटी बीएचयू , नाबार्ड कंसलटेंसी सर्विसेज और साउथ बिहार यूनिवर्सिटी के साथ एक मजबूत गठबंधन हुआ है जो इस परियोजना को अंतिम परिणाम तक पहुंचने में अहम योगदान देंगे. नमामि गंगे Project

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• इस परियोजना का पहला चरण बिहार के गया और झारखंड के चतरा जिले तक इस नदी के बेस फलों को बहाल किया जाएगा जिसके अंतर्गत 21 जल निकायों का पुनरुद्धार और पुनर्भरण खाईयो का निर्माण होगा जो इस परियोजना का अहम पहलू होगा.

• इस परियोजना को सफल बनाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम इसके लिए नियुक्त की गई है जिससे स्थानीय समुदाय के साथ अच्छी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी जिससे मुद्दा अति संवेदनशील न बने.

नदी के कायाकल्प में गोकुल फाउंडेशन का योगदान

निरंजना नदी के पुनरुद्धार को स्थाई रूप से सफल बनाने के लिए गोकुल फाउंडेशन ने बहुत अहम योगदान दिया है जिसके लिए हरित क्रांति प्रोजेक्ट को लाने की तैयारी है जिसके साथ इस नदी का पुनरुद्धार करने के साथ-साथ इसके पास बिछी सड़कों को हरित रोड बनाया जाएगा.

• इस हरित क्रांति पहल के तहत बड़ी मात्रा में वनरोपण और पारिस्थितिक पुनर्स्थापन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे कि हरित क्रांति परियोजना को सफल बनाया जाएगा.

हरित क्रांति प्रोजेक्ट को लाने का उद्देश्य नदी के कायाकल्प को करने के साथ-साथ प्रकृति से आदमी को जोड़ना जिससे कि इंसान को एक अलग पहचान मिले तथा वह अपने आसपास के पर्यावरण को जान पहचान सके.

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निरंजना नदी के कायाकल्प में आने वाले मुख्य चुनौतियां: निरंजना नदी के कार्यकाल में आने वाली मुख्य चुनौतियां जैसे लगातार घट रहा भू जलस्तर, अनियोजित प्रकार से शहरीकरण की व्यवस्था,अनौपचारिक कचरे से बढ़ रहे|

प्रदूषण यह सभी नदी में आने वाली बाढ़ में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं नदी के कायाकल्प को सुनियोजित करने के लिए एक सतत पहल के साथ इसको सफल बनाने की आवश्यकता है.

निरंजना नदी के कार्यकाल में नमामि गंगे मिशन का योगदान: निरंजना नदी का कार्यकाल नमामि गंगे मिशन के तहत किया जाएगा यह लगभग पूरी तरीके से तय हो चुका है |

नमामि गंगे मिशन की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई जिसको केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा संचालित किया जाता है. नदी के कायाकल्प को लेकर नमामि गंगे एक अनूठी पहल है जो पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है |

इससे पहले नमामि गंगे मिशन के तहत भारत की राष्ट्रीय नदी अथवा भारत की पवित्र नदी कहे जाने वाली गंगा नदी का कायाकल्प इसी नमामि गंगे मिशन के तहत किया गया था.


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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