सोलर प्रोब

नासा का Best पार्कर सोलर प्रोब 6.1 लाख किलोमीटर सूरज की गोद में जा बैठा

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नासा के पार्कर सोलर प्रोब रचा इतिहास

नासा का पार्कर सोलर प्रोब सूरज की गोद में जा बैठा, इतिहास से पहली बार ऐसा हुआ की नासा का पार्कर सोलर प्रोब अपनी यात्रा को बरकार रखते हुए सूरज के सबसे करीब पहुंचने का प्रयास कर रहा है|

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नासा का यह अंतरिक्ष यान सूरज की सतह से महज 6.1 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरा उसके दौरान इस अंतरिक्ष यान की गति 6.9 लाख किलोमीटर प्रति घंटा की गई थी.

यह इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब कोई अंतरिक्ष यान अर्थात मानव निर्मित अंतरिक्ष यान सूरज कितने करीब से गुजर रही है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब कोई मानव निर्मित वस्तु सूरज कितने करीब से गुजरी हो |  और जाने

 सोलर प्रोब
सोलर प्रोब

क्या है पार्कर सोलर प्रोब 

नासा का आया अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब सबसे पहले 12 अगस्त 2018 को केप कैनावरेल एयर फोर्स स्टेशन के स्पेस कंपलेक्स 37 से यू एल ए डेल्टा IV हैवी रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था |

मिशन का उद्देश्य 

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य को स्पर्श करना यह वैश्विक स्तर पर पहला सेमीशन होगा जो सूर्य के सबसे नजदीक से गुजरेगा और सूरज को स्पर्श करने की कोशिश करेगा |

यह अंतरिक्ष हमारे तारों की तरह लगभग 4 मिलियन दूरी सूर्य के वायुमंडल में सीधे यात्रा करेगा उसके बाद यह है मिशन सूर्य के ऐतिहासिक तापमान को कंट्रोलिंग करके उसमें प्रवेश करने कोशिश करेगा

जैसे जैसे स्थिति बदलती होगी वैसे-वैसे यह अपनी परिस्थितियों में फेर बदल करेगा जिससे पृथ्वी और अन्य ग्रह प्रभावित हो सकते हैं |

इससे पहले भी कई अंतरिक्ष जानू ने सूर्य की दूरी को तय करने की कोशिश की लेकिन मैं असफल रहे नासा के पार्कर सोलर प्रोब की खासियत यह है कि यह अंतरिक्ष यान की तुलना में सूर्य की सतह के अधिक निकट तक जाएगा

वहां सूर्य की भीषण गर्मी और विकिरण की स्थितियों का सामना करने की कोशिश करेगा |

मिशन की गतिविधियां 

वर्ष 9 जून 2020 को नासा के पार्कर सोलर फ्लोर ने सबसे पहले रेडियो बीटन फोन के जरिए सूर्य के पास से कई बार गुजरने की कोशिश की .

लेकिन पूरी तरीके से सफलता हासिल नहीं हुई आखिर अंतिम पांचवीं बार सफलता के संकेत मिले उनकी सफलता को ही पेरिहिलियन कहा जाता है |

मिशन की खासियत 

यह अंतरिक्ष यान सूर्य की सतह से लगभग 11.6 मिलियन दूरी प्रौदान भरते हुए पेरिहिलियन को पूरा कर सकता है जो की 244225 मील प्रति घंटे की गति तक पहुंचेगा और मानव निर्मित ऐसा पहला यंत्र होगा जो इतनी गति को रिकॉर्ड करेगा |

सोलर प्रोब
सोलर प्रोब

क्या है इसरो का स्पेडेक्स मिशन?

30 दिसंबर 2024 को इसरो अपने स्पेडेक्स मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में है इसरो का स्पेडेक्स मिशन अंतरिक्ष डॉकिंग टेक्नोलॉजी को एक नया रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है .

इस मिशन के अंतर्गत दो उपग्रहो, चेंजर और टारगेट को प्रक्षेपित करना शामिल है |

इस मिशन के लॉन्च हो जाने के बाद यह मिशन अपनी तरह का ऐसा पहला मिशन होगा जो अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा

जो कि चंद्रयान-4 और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना जैसे मिशनों पर सफलता हासिल करेगा और उसकी लॉन्च हो जाने से भारत जैसे विकासशील देश के लिए अंतरिक्ष किस दुनिया में एक नया क्रितिमान होगा |

स्पेडेक्स मिशन की विशेषताएं

• स्पेडेक्स मिशन में अत्यधिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है इसके अंतर्गत नेविगेशन सिस्टम को पूरी तरीके से हाई लेवल टेक्नोलॉजी जैसे उन्नत डॉकिंग तंत्र और सेंसर इस्तेमाल करके बनाया गया है जो इसे अंतरिक्ष की दुनिया में और भी ज्यादा उन्नत बनता है |

• इस मिशन के अंदर दो उपग्रहों वैज्ञानिक पेलोड ले जाएंगे जिसमें एक उच्च रेजोल्यूशन कैमरे का इस्तेमाल किया गया है जिससे प्राकृतिक संसाधनों के निगरानी करना तथा बहू स्पेक्ट्रेल पेलोड और विकिरण को मॉनिटर करना है | Click Here

• इस मिशन के लॉन्च हो जाने से यह अंतरिक्ष में विकिरण और अंतरिक्ष जीव विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा और आने वाले समय में वैज्ञानिक अनुसंधान में भी योगदान देगा |


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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