प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: भारत के 100 पिछड़े जिलों में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा
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Toggleभारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली कृषि अब सरकार के एक महत्वाकांक्षी कदम के जरिए नई दिशा में आगे बढ़ने को तैयार है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को कैबिनेट की मंज़ूरी मिली है, जिसका उद्देश्य है — देश के 100 पिछड़े जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल चक्र की सघनता को बढ़ावा देना, और किसानों को ऋण व संसाधनों की आसान पहुँच सुनिश्चित करना।

इस योजना के माध्यम से सरकार 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का समन्वय करते हुए स्थानीय स्तर पर सिंचाई, भंडारण और विपणन प्रणाली को मज़बूत करेगी। यह योजना न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल देगी।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है?
इसके उद्देश्य, कार्यपद्धति, लाभ और कार्यान्वयन प्रक्रिया क्या हैं?
किन जिलों में इसे लागू किया जा रहा है?
और यह योजना कैसे किसानों के जीवन में बदलाव लाएगी?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना एक समग्र कृषि विकास योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा उन 100 पिछड़े जिलों में लागू किया जाएगा, जहाँ कृषि उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। इसका उद्देश्य है किसानों को एक ऐसा मजबूत इकोसिस्टम प्रदान करना, जहाँ वे सिंचाई, बीज, तकनीक, विपणन और वित्तीय सहायता तक आसानी से पहुँच सकें।
इस योजना में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शब्द केवल एक योजना नहीं है, बल्कि यह किसानों को धन (समृद्धि) और धान्य (अन्न) दोनों प्रदान करने का एक स्थायी प्रयास है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
1. कृषि उत्पादकता में वृद्धि
पिछड़े जिलों में आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रसार
मृदा स्वास्थ्य कार्ड, गुणवत्ता बीज और जैविक खेती को बढ़ावा
2. फसल चक्र सघनता में सुधार
एक वर्ष में एक से अधिक फसल लेने को प्रोत्साहन
जल-संरक्षण आधारित कृषि प्रणाली को बढ़ावा
3. ऋण वितरण में सुधार
बैंकों द्वारा कृषि ऋण की अधिक उपलब्धता
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की पहुँच को बढ़ाना
4. सिंचाई और भंडारण सुविधाओं में सुधार
स्थानीय जल स्रोतों का संरक्षण और उपयोग
फसल भंडारण के लिए आधुनिक गोदाम और कोल्ड स्टोरेज
5. संस्थागत समन्वय
11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एकीकृत करना
एक जिला-एक योजना की अवधारणा पर काम
कार्यान्वयन की संरचना
जिलों का चयन
नीति आयोग द्वारा चयनित देश के 100 पिछड़े जिले
चयन के आधार: कृषि उत्पादकता, सिंचाई की पहुँच, और किसान आय
क्रियान्वयन एजेंसियाँ
जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में योजना समिति
ग्राम पंचायत, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग और सहकारिता विभाग की सहभागिता
बजट और वित्तीय प्रबंधन
प्रत्येक जिले को मिलेगा अलग-अलग बजट
Public-Private Partnership (PPP) मॉडल को भी बढ़ावा
योजना के अंतर्गत आने वाले मंत्रालय (11 मंत्रालयों की भूमिका)
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में 11 केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी है, जिससे यह योजना बहु-आयामी और एकीकृत दृष्टिकोण को अपनाती है। इसमें निम्नलिखित मंत्रालय प्रमुख भूमिका निभाते हैं:
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
- जल शक्ति मंत्रालय
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
- वित्त मंत्रालय
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय
- सहकारिता मंत्रालय
यह सभी मिलकर सुनिश्चित करेंगे कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना न केवल फसल उत्पादन बल्कि संपूर्ण ग्रामीण विकास में सहायक हो।
किसानों के लिए संभावित लाभ
उत्पादकता में 2x से अधिक वृद्धि
वैज्ञानिक विधियों से खेती
उच्च उपज वाले बीज और उन्नत तकनीक का उपयोग
आय का स्रोत विविधीकरण
एक फसल से कई उत्पादों में प्रसंस्करण
कृषि-आधारित लघु उद्योगों का विकास
आसान ऋण व बीमा सुविधा
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत किसानों को बैंकों से कम ब्याज पर ऋण मिलेगा
फसल बीमा योजनाओं के दायरे में अधिक किसानों को लाना
डिजिटल कृषि का लाभ
मोबाइल ऐप और पोर्टल के माध्यम से मौसम, मंडी और खेती संबंधी जानकारी
e-NAM जैसी योजनाओं से जुड़ाव
योजना के तहत विकसित किए जाने वाले बुनियादी ढाँचे
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत स्थानीय स्तर पर मजबूत कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा:
सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली: ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणाली
भंडारण गोदाम और कोल्ड स्टोरेज: स्थानीय मंडियों में किसानों को भंडारण की सुविधा
मल्टी-लेयर मार्केटिंग हब: जहां पर किसान सीधे उपभोक्ता को उत्पाद बेच सकें
मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएँ: हर जिले में मृदा स्वास्थ्य केंद्र
तकनीकी हस्तक्षेप व नवाचार
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में टेक्नोलॉजी को विशेष स्थान दिया गया है। निम्नलिखित इनोवेशन इस योजना का हिस्सा होंगे:
GIS आधारित ज़मीन का विश्लेषण
AI आधारित सिंचाई समय निर्धारण
Drones द्वारा कीटनाशक और खाद का छिड़काव
IOT आधारित जल और उर्वरक प्रबंधन प्रणाली
इस तकनीक के उपयोग से कृषि का भविष्य और अधिक स्मार्ट और टिकाऊ होगा।
राज्य सरकारों की भूमिका
योजना को कारगर बनाने में राज्य सरकारों की सक्रिय सहभागिता बेहद जरूरी है। केंद्र और राज्य के बीच जॉइंट एक्शन प्लान बनाया जाएगा।
राज्य सरकारें करेंगी:
जिला स्तर पर क्रियान्वयन समिति की निगरानी
स्थानीय आवश्यकता के अनुसार योजना में लचीलापन
राज्य की कृषि नीतियों को योजना से जोड़ना

योजना की निगरानी और मूल्यांकन
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए मल्टी-लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा:
साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट
तिमाही मूल्यांकन और सर्वेक्षण
निति आयोग और कृषि विशेषज्ञों द्वारा निरंतर विश्लेषण
किसानों से फीडबैक सिस्टम
संभावित चुनौतियाँ और समाधान
चुनौती समाधान
जल की कमी वर्षा जल संचयन, ड्रिप सिंचाई प्रणाली
किसानों की तकनीकी जानकारी की कमी प्रशिक्षण शिविर, मोबाइल हेल्पलाइन
क्रेडिट पहुँच की कठिनाई किसान क्रेडिट कार्ड को सरल बनाना
योजनाओं का समन्वय एकीकृत पोर्टल, जिला योजना समन्वयक
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का भविष्य और दीर्घकालिक प्रभाव
यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, किसान सशक्तिकरण और टिकाऊ कृषि विकास के दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।
इसके प्रभाव होंगे:
किसानों की आय में 2-3 गुना वृद्धि
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन
खाद्यान्न आयात पर निर्भरता में कमी
हरित क्रांति जैसी दूसरी क्रांति की शुरुआत
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का सार
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक दूरदर्शी और समन्वित पहल है, जिसका उद्देश्य है देश के 100 पिछड़े जिलों में कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करना। यह योजना न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि किसानों को समग्र रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
इस योजना के माध्यम से:
किसानों को सिंचाई, भंडारण, बीज, वित्त और बाज़ार तक सीधी पहुँच मिलेगी,
11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का तालमेल करके एकीकृत विकास संभव होगा,
आधुनिक तकनीकों और नवाचारों का प्रयोग करके टिकाऊ कृषि को बल मिलेगा,
और सबसे अहम – देश के कृषि तंत्र को नीचे से ऊपर तक मज़बूत बनाया जाएगा।
कृषि केवल अन्न उत्पादन नहीं, बल्कि रोज़गार, पोषण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जलवायु स्थिरता से जुड़ा आधार है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इस आधार को फिर से मज़बूती देने का प्रयास है।
यदि यह योजना निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह भारत के पिछड़े जिलों को खाद्यान्न से भरपूर, आर्थिक रूप से मजबूत और तकनीकी रूप से उन्नत बना देगी।
इसलिए, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को केवल एक सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि हर भारतीय किसान की आशा और उन्नति की नींव के रूप में देखा जाना चाहिए
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