प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 : महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं ने किया स्नान?
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Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 का आज पहला स्नान है | जो पौष पूर्णिमा सोमवार के दिन इस महाकुंभ मेले का शुभारंभ हुआ भारत का महाकुंभ मेला एक विशाल धार्मिक मेला है जो कि हर 12 साल मे पवित्र नदियों गंगा-यमुना, गोदावरी तथा कावेरी के संगम स्थल पर लगता था |
लेकिन अब यूपी की इस संगम नगरी में इस मेले का भव्य और दिव्य आगाज बना हुआ है यह महाकुंभ मेला प्रयागराज मे गंगा यमुना के संगम स्थल पर लगा है महाकुंभ के शुरू होने से लाखो श्रद्धालुओं ने स्नान किया | Click here…

इस महाकुंभ में इस बार 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है जिसमें आज 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आज डुबकी लगाई |
क्यों है महाकुंभ इतना खास?
• धार्मिक महत्व : इस मेले में स्नान करने से हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्त करने का शुभ अवसर माना जाता है.
• विश्वास : इस मेले को लाखों लोग मानते हैं , जो भी इस मेले में स्नान करने उसके पाप नष्ट हो जाते हैं.
• संस्कृति : यह मेल भारत की संस्कृति और परंपराओं का प्रतिक माना जाता है.
• एकता : इस प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 में सभी धर्मों और जातियों के लोग यहां पर एक साथ आते हैं.

महाकुंभ 2025 की मुख्य विशेषताएं ?
• पौष पूर्णिया से शुरू : यह महाकुंभ 2025 पौष पूर्णिमा दिन सोमवार से शुरू हुआ.
• शाही स्नान : इस मेले में कई शाही स्नान होते हैं , और इसमें लाखों लोग भाग भी लेते हैं.
• धार्मिक अनुष्ठान : इस मेल में आए हुए साधु-संतों द्वारा अनुष्ठान किए जाते हैं.
• सांस्कृतिक कार्यक्रम : इसमें लेकर अंतर्गत संगीत, नृत्य , और नाटक और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
12 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे संगम
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगे इस महाकुंभ में संगम क्षेत्र में भी भीड़ अधिक हुई और वहां पर आए हुए श्रद्धालुओं को 12 किलोमीटर पैदल चलकर गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तक पहुंचना पड रहा है. Read More…
तथा सभी श्रद्धालुओं के चेहरे पर एक विश्वास का अनोखा रंग चमक रहा है इस मेले में स्नान के दौरान सभी श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार तथा भजन कीर्तन से वहां का माहौल एक दिव्या बना दिया है.

विदेशी भक्तों का उत्साह
महाकुंभ 2025 मेले में विदेश से आए हुए श्रद्धालुओं की भी उपस्थित बहुत ज्यादा है तथा विदेशी भक्त भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से प्रभावित होकर इस मेले मे पहुंचे।
विदेशी भक्तों ने इस मेले मे स्नान के बाद “जय श्री राम” और “हर हर गंगे” के जोर – शोर से जयकारे लगाए।
सुरक्षा और व्यवस्था का इंतजाम
उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने महाकुंभ के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजाम बड़े सख्त किए है | इस मेले मे तो 5000 पुलिसकर्मी, 2000 स्वास्थ्य कर्मी और 4000 स्वयंसेवक है इस मेले में आए हुए सभी श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैनात कर रखे हैं
महाकुंभ 2025 मेले के संगम क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों से कड़ी निगरानी की हुई है , और जगह-जगह हेल्प डेस्क बनाए गए।
महाकुंभ की भव्यता
विश्व मे महाकुंभ को सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। ओर इसका आयोजन प्रयागराज मे हर 12 साल बाद होता है। भारतीय पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ में संगम में स्नान करने से हमारे पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भक्तों की भावना
इस महाकुंभ मे आए हुए श्रद्धालुओं का कहना है इस मेले में स्नान करना उनका सबसे बड़ा सौभाग्य है इतने भीषण ठंड के बावजूद भी इस मेले में भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ इस मेले के संगम में पवित्र स्नान कर श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना करने कर बाद वहां का प्रसाद ग्रहण करते हैं
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 का पहला स्नान और भारतीय परंपरा और संस्कृत का प्रतीक नहीं बल्कि और यह भी देशभर के लोगों को जोड़ने का एक भव्य आयोजन भी है |
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