फातिमा शेख : भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका

फातिमा शेख : भारत की पहली Best मुस्लिम महिला शिक्षिका 1831, जाने उनके जीवन से जुड़े तथ्य

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कौन है फातिमा शेख जिन्हे कहा जाता है भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका

फातिमा शेख के चर्चा में रहने का कारण

परिचय : भारत की पहली महिला मुस्लिम शिक्षिका के रूप में जानी जाने वाली फातिमा शेख एक प्रतिष्ठित समाज सुधारक और महिला शिक्षा की प्रबल समर्थक थी.

वे सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले की साथी थी क्योंकि इन्होंने भी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किए हैं ऐसा माना जाता है कि सावित्रीबाई फुले ने महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अलग से एक विद्यालय की स्थापना की थी.

फातिमा शेख : भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका
फातिमा शेख : भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका

इन सभी ने मिलकर नारी शिक्षा एवं दलित शिक्षा को भी बढ़ावा दिया था. उनका योगदान आज भी देश में सराहनीय हैं जो आज के वर्तमान प्रदर्शय को एक अलग पहचान देता है.

उनके जीवन पर एक नजर

फातिमा शेख का जन्म साल 1831 में महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था उनके दौर में महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता था उसे समय ऐसा माना जाता था कि महिलाएं शिक्षा के लिए नहीं बनी है .

फातिमा शेख ने इसका विरोध किया जिसके लिए उन्होंने महिला शिक्षा और दलित शिक्षा को बढ़ावा दिया. Read more..

फातिमा शेख के महत्वपूर्ण योगदान

फातिमा शेख ने सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर साल 1848 में भारत का पहला बालिका विद्यालय स्थापित किया था इन्होंने न केवल महिलाओं को शिक्षित करने के लिए नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया.

बल्कि दलित वर्ग में वंचित पुरुष और महिलाओं को भी शिक्षा से अवगत कराया जिससे उन्हें भविष्य में एक नहीं पहचान मिली. उसके इन्हीं योगदान के कारण उनकी याद में विशेष दिवस मनाए जाते हैं.

फातिमा शेख : भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका
फातिमा शेख : भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका

यह सब उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए किया जाता है आज के समय में भारत सरकार भी महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी शिक्षा को लेकर भी उन्हें बढ़ावा दे रही है.

फातिमा शेख के नाम पर सम्मान और एक नई पहचान

वर्तमान समय में फातिमा शेख के नाम पर कई संस्थाओं के नाम उनके नाम पर परिवर्तित किए हैं तथा उन्हें सम्मानित करने के लिए प्रत्येक वर्ष अलग-अलग जगह विविध प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं उनकी याद में आज भी भारत सरकार विशेष दिवस का आयोजन करता है.

वर्तमान समय में उनकी प्रासंगिकता

फातिमा शेख आज भी महिलाओं को शिक्षा के लिए मोटिवेट करती है जिससे कि भविष्य में एक नई ऊर्जा के साथ एक नई सामाजिक पहचान बनाकर एक नए समाज को स्थापित कर सके.

महिला शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किया गया योगदान आज भी सराहनीय हैं आज सरकार भी महिलाओं की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कार्यक्रम चल रही है जिसके कारण वर्तमान प्रदर्शय में भारत में महिला शिक्षा का प्रतिशत बड़ा है. Click here

फातिमा शेख की चर्चा में रहने का कारण

उनके बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई चर्चा की जा रही है युवा उनके द्वारा की गई योगदान से मोटिवेट हो रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा मिल रही है जिसे नई पीढ़ी एक नई जागरूकता पैदा कर रही है.

उनके समकालीन जुड़े कुछ विरासत मुद्दे

उनकी विरासत को आज नारी शिक्षा से जोड़कर देखा जा रहा है उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयास जिनसे आज देश में नारी शिक्षा को नई पहचान मिली है उन्होंने महिला शिक्षा के साथ-साथ गरीब दलित वर्ग की महिलाओं को भी शिक्षित किया है जिससे समाज में उनका स्तर काफी सुधरा है.

निष्कर्ष

इनका योगदान आज भी पूरे राष्ट्र के लिए सराहनीय है क्योंकि उन्होंने महिला शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं जिसमें उनका महत्वपूर्ण प्रयास महाराष्ट्र के पुणे में सावित्रीबाई फुले के साथ स्थापित किया गया पहला महिला बालिका विद्यालय था .

इसी के साथ उनका एक महत्वपूर्ण प्रयास है कि उन्होंने गरीबों और दलित वर्गों को भी शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिस कारण आज भी देश उनके इस योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखता है.

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