भारत के अनुसंधान इकोसिस्टम के शशक्तिकरण के संबंध में भारत के मुख्य प्रयास
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Toggleभारत के अनुसंधान इकोसिस्टम ,क्या है’One Nation One Subscription” भारत देश प्राचीन काल से ही प्राचीन ज्ञान और समृद्ध परंपरा की भूमि रही है, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में भी भारत ने अपनी प्राचीन परंपरा को बनाते हुए नए-नए केंद्र खोज हैं.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!• वहीं अगर गणित और भूगोल की बात करें तो इन दोनों ही क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है जो देश की बौद्धिक विरासत के रूप में आज भी विद्यमान हैं.

साल 2022 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लाल किले की प्राचीर से भारत की गौरवशाली विरासत और अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को भविष्य में नया आकार देने के लिए प्राचीन अनुसंधान एवं नवाचार में किए गए योगदानों को याद किया गया.
क्या है “जय अनुसंधान” ?
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्र को समर्पित करते हुए अमृतकाल के इस दौर में अनुसंधान और विकास को पोषित करते हुए अनुसंधान के क्षेत्र में विभिन्न क्षमताओं की महत्व पर जोर दिया तथा इसी के साथ जय अनुसंधान नारे के तहत अनुसंधान और नवाचार से जुड़े कार्यक्रमों पर पर ध्यान केंद्रित किया.
एक जीवंत और अनुसंधान इकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का महत्व
अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का महत्व बहुत सराहनीय रहा जिसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से जुड़े मुख्य प्रयासों जैसे नवाचार के क्षेत्र में और अनुसंधान के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदानों को पहचानना है,
जिससे सतत विकास लक्ष्य 4 के तहत अच्छी एवं गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा का कायाकल्प करना है. इस नीति का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति को विकसित करना है |
जो जो न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाएगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत को एक नया मंच प्रदान करेगी.
• बीते 25 नवंबर 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा शैक्षिक विकास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गई जिसको “वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन” नाम दिया गया.
क्या है “वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन” ?
इस पहल का मुख्य उद्देश्य देश के सरकारी उच्च शिक्षा संस्थान और केंद्र सरकार के सभी अनुसंधान एवं विकास केंद्रो के सभी छात्रों, शिक्षकों, अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने वाले शोधकर्ताओं को और वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले विद्वानों की पत्रिकाओं और लेखों तक पहुंच को सुगम बनाना है. जिससे शोध करते समय ज्ञान से जुड़ी बाधाओं को दूर किया जा सके.
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का लक्ष्य भारत के शैक्षणिक और अनुसंधान से जुड़े हुए समुदायों वैश्विक अनुसंधानों से लैस करना जिससे नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सके.

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के संदर्भ में क्या है भारत@2047 विजन ?
इस योजना के तहत लक्ष्य है 2047 तक भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की महत्वाकांक्षा को पूरा करना है केंद्र सरकार की यह पहल भारत@2047 विकासशील भारत के रूप में प्रमुख घटक है |
जो इसे विकसित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस प्रकार के प्रयासों से अपनी प्राचीन समृद्ध विरासत का निर्माण कर रहा है.और जाने

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना में किए गए मुख्य प्रावधान:
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा, सामाजिक विज्ञान, वित्त और लेख जैसे विषयों से जुड़े लगभग 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षको और शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा.
इस योजना के तहत 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों से जुड़ी 30000 से अधिक पत्रिकाओं तक पहुंच संभव हो सकेगी.
Tier 2 और Tier 3 प्रकार के शहरों के संस्थानों के लिए अनुसंधान कार्य करने हेतु एक समावेशी पहुंच प्रदान करना जिससे सभी तक एक सुनिश्चित ज्ञान पहुंच सके.
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य:
विविध संस्थाओं का समावेश: किसी योजना के तहत यह सुनिश्चित करना है कि चाहे वे संस्थान किसी भी भौगोलिक स्थिति में हो उनको वैश्विक स्तरीय शैक्षिक अनुसंधान तक पहुंच सुगम बनाना है.
वैश्विक अनुसंधान भागीदारी: भारत@2047 का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर शैक्षणिक और अनुसंधान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुख्य विद्वानों के पत्रिकाओं और लेखों तक पहुंच सुगम बनाना है.

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के संदर्भ में आवंटित राशि
सरकार के द्वारा पीएम वन नेशनल वन सब्सक्रिप्शन योजना के लिए कुल 6000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. जो की 3 वर्षों 2025, 2026, 2027 के लिए होगी.
Note: वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन से जुड़े लाभार्थी लेखको को चयनित करके अच्छी गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में प्रकाशनो के लिए प्रतिवर्ष 150 करोड रुपए की राशि आवंटित की जाएगी.
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