भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की सूची में जगह मिलेगी?

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भारत के 6 नए धरोहर स्थल: क्या बनेगा यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज?

भारत के 6 नए धरोहर: हाल ही में, भारत के छह स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है। यह कदम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की संस्तुति पर उठाया गया है, जो देश के स्मारकों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्था है। इन स्थलों का चयन उनकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं के आधार पर किया गया है, जो भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हैं।

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भारत के 6 नए धरोहर: अस्थायी सूची में शामिल स्थल

1. सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व (मध्य प्रदेश)

भारत के 6 नए धरोहर: सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण वन्यजीव अभयारण्य है, जो सरीसृपों सहित हिमालयी क्षेत्र की 26 प्रजातियों और नीलगिरि क्षेत्रों की 42 प्रजातियों का घर है। यह बाघों के लिए संरक्षित सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहाँ बाघों की सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है। यहां की विविध जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

2. वाराणसी के घाट (उत्तर प्रदेश)

भारत के 6 नए धरोहर: वाराणसी के घाट 14वीं शताब्दी के हैं, लेकिन अधिकांश का पुनर्निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा शासकों के सहयोग से किया गया। ये घाट हिंदू पौराणिक कथाओं में विशेष महत्त्व रखते हैं, विशेष रूप से स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के संपन्न करने में। गंगा नदी के किनारे स्थित ये घाट आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं।

3. हायर बेनकल का महापाषाण स्थल (कर्नाटक)

भारत के 6 नए धरोहर: यह स्थल लगभग 2,800 वर्ष पुराना है और सबसे बड़ी प्रागैतिहासिक महापाषाण बस्तियों में से एक है, जहाँ कुछ अंत्येष्टि स्मारक अभी भी मौजूद हैं। यहां ग्रेनाइट के ताबूतों वाले स्मारक हैं, जो नवपाषाण कालीन स्मारकों के अत्यंत मूल्यवान संग्रह के रूप में विश्व धरोहर स्थल की मान्यता के लिए प्रस्तावित किया गया था।

4. मराठा सैन्य वास्तुकला (महाराष्ट्र)

भारत के 6 नए धरोहर: महाराष्ट्र में 17वीं शताब्दी के मराठा राजा छत्रपति शिवाजी के समय के 12 किले शामिल हैं, जैसे शिवनेरी, रायगढ़, तोरणा, राजगढ़, साल्हेर-मुल्हेर, पन्हाला, प्रतापगढ़, लोहागढ़, सिंधुदुर्ग, पद्मदुर्ग, विजयदुर्ग और कोलाबा। ये किले रॉक-कट सुविधाओं, पहाड़ियों और ढलानों पर परतों में परिधि की दीवारों के निर्माण, मंदिरों, महलों, बाजारों, आवासीय क्षेत्रों तथा मध्ययुगीन वास्तुकला के लगभग हर रूप सहित वास्तुकला के विभिन्न रूपों में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

5. नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेताघाट, जबलपुर (मध्य प्रदेश)

भारत के 6 नए धरोहर: भेड़ाघाट, जिसे भारत का ग्रांड कैन्यन कहा जाता है, जबलपुर जिले का एक शहर है। यहां नर्मदा नदी के दोनों ओर संगमरमर की सौ फीट ऊँची चट्टानें और उनके विभिन्न रूप भेड़ाघाट की खासियत हैं। नर्मदा घाटी में विशेष रूप से जबलपुर के भेड़ाघाट-लमेताघाट क्षेत्र में डायनासोर के कई जीवाश्म पाए गए हैं। नर्मदा नदी संगमरमर की चट्टानों से होकर गुजरती है और अंत में एक झरने के रूप में नीचे गिरती है, जिसका नाम धुआँधार जलप्रपात है।

6. कांचीपुरम के मंदिर (तमिलनाडु)

भारत के 6 नए धरोहर: कांचीपुरम अपनी आध्यात्मिकता, शांति और रेशम के लिए जाना जाता है। यह वेगावती नदी के तट पर स्थित है। इस ऐतिहासिक शहर में कभी 1,000 मंदिर थे, जिनमें से अब केवल 126 (108 शैव और 18 वैष्णव) ही शेष बचे हैं। इसे पल्लव राजवंश ने 6वीं और 7वीं शताब्दी के बीच अपनी राजधानी बनाया। ये मंदिर द्रविड़ शैलियों का एक अच्छा उदाहरण हैं।

भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की सूची में जगह मिलेगी?
भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की सूची में जगह मिलेगी?

भारत के 6 नए धरोहर:अस्थायी सूची का महत्त्व

भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को के संचालनात्मक दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी स्मारक या स्थल को विश्व विरासत स्थल की सूची में अंतिम रूप से शामिल करने से पहले उसे एक वर्ष के लिए अस्थायी सूची में रखना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य स्थलों के संरक्षण और प्रबंधन की योजना बनाना है, ताकि उनकी विशिष्टता और अखंडता को बनाए रखा जा सके। भारत के अब तक कुल 48 स्थल इस अस्थायी सूची में शामिल किए गए हैं।

भारत के 6 नए धरोहर: विश्व विरासत स्थल की प्रक्रिया

भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में विभिन्न क्षेत्रों या वस्तुओं को अंकित किया गया है, जो सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण को बढ़ावा देता है। इसमें तीन प्रकार के स्थल शामिल हैं: सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित। भारत में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 43 विरासत धरोहर स्थल (35 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित) हैं, जिनमें जयपुर शहर (राजस्थान) सबसे नया है।

भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की प्रक्रिया और मानदंड

भारत के 6 नए धरोहर: किसी भी स्थल को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए कुछ मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है। यूनेस्को के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी सांस्कृतिक या प्राकृतिक स्थल को सूचीबद्ध करने के लिए उसे निम्नलिखित मानदंडों में से कम से कम एक को पूरा करना चाहिए:

1. सांस्कृतिक मानदंड:

स्थल को असाधारण सार्वभौमिक मूल्य (Outstanding Universal Value – OUV) होना चाहिए।

यह स्थल किसी सांस्कृतिक परंपरा, सभ्यता, या ऐतिहासिक घटना से संबंधित होना चाहिए।

इसमें असाधारण स्थापत्य, कला, या तकनीकी नवाचार का प्रमाण होना चाहिए।

यह किसी जीवित परंपरा या ऐतिहासिक संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण होना चाहिए।

2. प्राकृतिक मानदंड:

इसमें प्राकृतिक सौंदर्य या उत्कृष्ट प्राकृतिक घटनाओं का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

स्थल में जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र का अनूठा उदाहरण होना चाहिए।

यह विलुप्तप्राय प्रजातियों का महत्वपूर्ण आवास होना चाहिए।

3. मिश्रित मानदंड:

यदि कोई स्थल उपरोक्त दोनों श्रेणियों में आता है, तो उसे मिश्रित धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी जाती है।

भारत के 6 नए धरोहर: भारत में विश्व धरोहर स्थलों की सूची और महत्त्व

भारत में कुल 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 35 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं। ये स्थल भारत की समृद्ध विरासत, वास्तुकला, कला, इतिहास और पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भारत के 6 नए धरोहर: कुछ प्रमुख विश्व धरोहर स्थल:

ताजमहल (उत्तर प्रदेश) – मुगलकालीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण।

खजुराहो के मंदिर (मध्य प्रदेश) – प्राचीन हिंदू और जैन मंदिरों का समूह।

कोणार्क का सूर्य मंदिर (ओडिशा) – 13वीं शताब्दी का ऐतिहासिक मंदिर।

कुतुब मीनार (दिल्ली) – भारत का सबसे ऊँचा ईंटों से बना मीनार।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम) – एक सींग वाले गैंडों का प्रमुख निवास स्थान।

संडकफू-फालुट ट्रेल (सिक्किम) – जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य का स्थल।

भारत के 6 नए धरोहर: भारत की अस्थायी सूची में अन्य प्रमुख स्थल:

महाबलीपुरम के पल्लव मंदिर (तमिलनाडु)

मेघालय के जीवित जड़ पुल (लिविंग रूट ब्रिज)

जंतर मंतर, दिल्ली

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का जैवमंडल

भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल होने के फायदे

1. संरक्षण और संवर्धन:

जब कोई स्थल यूनेस्को की अस्थायी सूची में आता है, तो उसके संरक्षण और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाते हैं।

इससे सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।

2. पर्यटन को बढ़ावा:

विश्व धरोहर सूची में शामिल होने से पर्यटन में बढ़ोतरी होती है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।

वाराणसी के घाटों, खजुराहो मंदिरों और ताजमहल की लोकप्रियता इसी का उदाहरण है।

3. स्थानीय समुदायों का विकास:

इससे स्थानीय कारीगरों, गाइडों, दुकानदारों और अन्य व्यवसायों को रोजगार के अवसर मिलते हैं।

भारत में कई गांव और शहर केवल पर्यटन के कारण आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं।

4. अंतरराष्ट्रीय पहचान और सम्मान:

यूनेस्को की सूची में शामिल होने से भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलती है।

यह भारतीय इतिहास और विरासत के प्रति दुनिया का ध्यान आकर्षित करता है।

भारत के 6 नए धरोहर: संरक्षण में चुनौतियाँ और समाधान

चुनौतियाँ:

कई ऐतिहासिक स्थलों को शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण नुकसान हो रहा है।

प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक धरोहर स्थलों को खतरा है।

स्थानीय प्रशासन और सरकारों के पास उचित रखरखाव के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते।

संभावित समाधान:

अधिक पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन नीति अपनाई जाए।

स्थलों के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए सरकारी योजनाओं और निधियों का सही उपयोग किया जाए।

स्थानीय समुदायों को इन स्थलों के संरक्षण में शामिल किया जाए।

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और भारत से संबंधित टॉप 10 सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले प्रश्नों के विस्तृत उत्तर नीचे दिए गए हैं:

भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की सूची में जगह मिलेगी?
भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की सूची में जगह मिलेगी?

1. यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची क्या है?

उत्तर: यूनेस्को (UNESCO – United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) की विश्व धरोहर सूची एक अंतरराष्ट्रीय सूची है, जिसमें दुनिया भर के सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित महत्व के स्थलों को शामिल किया जाता है। इन स्थलों को उनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक या पारिस्थितिकीय महत्व के आधार पर संरक्षित और संरक्षित किया जाता है।

यूनेस्को किसी भी स्थल को तब विश्व धरोहर घोषित करता है जब वह असाधारण सार्वभौमिक मूल्य (Outstanding Universal Value – OUV) के मानकों को पूरा करता है। इस सूची में शामिल होने से स्थल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान, संरक्षण के लिए अनुदान और पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

2. भारत में कुल कितने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं?

उत्तर: भारत में वर्तमान में 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जो निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित हैं:

सांस्कृतिक स्थल (Cultural Sites): 35

प्राकृतिक स्थल (Natural Sites): 7

मिश्रित स्थल (Mixed Sites – सांस्कृतिक + प्राकृतिक): 1

इन स्थलों में ताजमहल, अजंता-एलोरा गुफाएँ, कुतुब मीनार, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान और पश्चिमी घाट शामिल हैं।

3. भारत में 2024 में यूनेस्को की अस्थायी सूची में जोड़े गए 6 नए स्थल कौन-कौन से हैं?

उत्तर: 2024 में भारत के निम्नलिखित 6 स्थल यूनेस्को की अस्थायी (Tentative) सूची में जोड़े गए हैं:

1. मोडेरा का सूर्य मंदिर (गुजरात) – 11वीं शताब्दी का सूर्य मंदिर, जो सौर ऊर्जा से संचालित है।

2. पाटन का रानी की वाव (गुजरात) – प्राचीन बावड़ी, जिसे जल प्रबंधन और स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण माना जाता है।

3. मार्कंडा मंदिर परिसर (महाराष्ट्र) – इसे “विदर्भ का खजुराहो” कहा जाता है।

4. मुंगेर किला (बिहार) – मध्यकालीन किला, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

5. नीमराना का किला (राजस्थान) – ऐतिहासिक किला, जो राजस्थान के स्थापत्य कला का एक शानदार उदाहरण है।

6. मध्य प्रदेश के रॉक शेल्टर (भीमबेटका से अलग क्षेत्र) – यह स्थल प्राचीन मानव सभ्यता के चित्रों और अवशेषों को दर्शाता है।

4. भारत का पहला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कौन सा था?

उत्तर: भारत में 1983 में पहली बार यूनेस्को द्वारा ताजमहल, आगरा किला और अजंता-एलोरा गुफाओं को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी। ये स्थल अपनी अनूठी स्थापत्य कला, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक मूल्य के कारण सूची में शामिल किए गए थे।

5. यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के चयन की प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की चयन प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:

1. नामांकन (Nomination): प्रत्येक देश अपने संभावित स्थलों की सूची यूनेस्को को भेजता है।

2. मूल्यांकन (Evaluation): ICOMOS (International Council on Monuments and Sites) और IUCN (International Union for Conservation of Nature) द्वारा साइट का मूल्यांकन किया जाता है।

3. निर्णय (Decision): यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति वार्षिक बैठक में समीक्षा के बाद स्थलों का चयन करती है।

4. सूची में प्रवेश (Inscription): यदि स्थल चयनित होता है, तो इसे विश्व धरोहर सूची में जोड़ा जाता है।

6. भारत के सबसे महत्वपूर्ण यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कौन-कौन से हैं?

उत्तर: भारत के सबसे महत्वपूर्ण यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल हैं:

1. ताजमहल (उत्तर प्रदेश) – विश्व प्रसिद्ध प्रेम का प्रतीक।

2. जयपुर शहर (राजस्थान) – वास्तुकला और शहरी नियोजन का बेहतरीन उदाहरण।

3. खजुराहो के मंदिर (मध्य प्रदेश) – प्राचीन हिंदू और जैन मंदिर।

4. सांची स्तूप (मध्य प्रदेश) – गौतम बुद्ध से संबंधित प्राचीन स्थल।

5. महाबलीपुरम के रथ मंदिर (तमिलनाडु) – पल्लव राजवंश द्वारा निर्मित ऐतिहासिक स्थल।

6. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम) – एक सींग वाले गैंडों का प्रमुख निवास स्थान।

7. संगीत और नृत्य की परंपराएँ (कुंभ मेला – अमूर्त धरोहर) – भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा।

7. भारत में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage) कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: यूनेस्को न केवल भौतिक धरोहर स्थलों को सूचीबद्ध करता है, बल्कि कुछ सांस्कृतिक परंपराओं और कलाओं को भी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता देता है। भारत की प्रमुख अमूर्त धरोहरें हैं:

  1. कुंभ मेला
  2. योग और आयुर्वेदिक परंपराएँ
  3. रमायण गायन परंपरा
  4. वाराणसी का शास्त्रीय संगीत
  5. बुद्ध महायान परंपरा

8. क्या कोई भारतीय शहर यूनेस्को द्वारा “सृजनशील शहर (Creative City)” घोषित किया गया है?

उत्तर: हाँ, भारत के निम्नलिखित शहरों को यूनेस्को के “सृजनशील शहर नेटवर्क” में शामिल किया गया है:

1. जयपुर (2015) – हस्तशिल्प और लोक कला के लिए।

2. वाराणसी (2015) – संगीत के लिए।

3. चेन्नई (2017) – संगीत के लिए।

4. मुंबई (2019) – फिल्म उद्योग के लिए।

5. हैदराबाद (2019) – पाक कला (गैस्ट्रोनॉमी) के लिए।

6. श्रीनगर (2021) – क्राफ्ट और लोक कला के लिए।

9. भारत के किन स्थलों को भविष्य में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किए जाने की संभावना है?

उत्तर: भारत के कई स्थल अभी यूनेस्को की अस्थायी सूची में हैं और भविष्य में उन्हें पूर्ण विश्व धरोहर स्थल घोषित किया जा सकता है। इनमें शामिल हैं:

  1. गंगा के किनारे वाराणसी के घाट
  2. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का जैवमंडल
  3. लेह पैलेस (लद्दाख)
  4. माजुली द्वीप (असम)
  5. शेरशाह सूरी मार्ग (ग्रैंड ट्रंक रोड)

10. यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के संरक्षण के लिए भारत क्या कदम उठा रहा है?

उत्तर: भारत सरकार यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है:

  1. राष्ट्रीय धरोहर संरक्षण कार्यक्रम (National Heritage Conservation Program)
  2. एएसआई (Archaeological Survey of India) द्वारा स्थलों का रखरखाव
  3. स्मार्ट सिटी मिशन में धरोहर संरक्षण को बढ़ावा
  4. स्थलों पर पर्यटन नियंत्रण और प्रदूषण प्रबंधन
  5. स्थानीय समुदायों की भागीदारी

निष्कर्ष: भारत के 6 नए धरोहर

भारत के 6 नए धरोहर: यूनेस्को की अस्थायी सूची में छह नए भारतीय स्थलों का शामिल होना भारत के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व को दर्शाता है। यह न केवल इन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि पर्यटन और स्थानीय विकास को भी बढ़ावा देगा। भारत की विश्व धरोहर स्थलों की संख्या बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हमारी धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक संरक्षित रह सके।


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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