भारत में इंटरनेट यूजर्स की क्रांति: 250 मिलियन से 974 मिलियन तक का सफर
भूमिका
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Toggle21वीं सदी की सबसे बड़ी क्रांति अगर कोई है, तो वो है डिजिटल क्रांति। और जब हम भारत की बात करते हैं, तो यह क्रांति किसी चमत्कार से कम नहीं है।
एक ऐसा देश, जो कभी टेलीफोन और डायल-अप इंटरनेट के दौर में पीछे था, आज लगभग एक अरब इंटरनेट उपभोक्ताओं के साथ दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है।
भारत सरकार के संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में घोषणा की कि भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स की संख्या अब 250 मिलियन से बढ़कर 974 मिलियन हो चुकी है — यानी महज़ कुछ वर्षों में चार गुना से अधिक की वृद्धि।
इस वृद्धि की पीछे क्या कारण हैं? यह वृद्धि कैसे संभव हुई? और आगे क्या संभावनाएं हैं?
इंटरनेट की शुरुआत — जब एक क्लिक में 10 मिनट लगते थे
90 के दशक का भारत, जब इंटरनेट नया-नया आया था, उस समय फोन लाइन से जुड़कर इंटरनेट चलाना एक विशेष अनुभव होता था। स्पीड होती थी 56 kbps, और एक वेबसाइट खोलने में कई मिनट लगते थे।
1995 में VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड) के ज़रिए इंटरनेट सेवा शुरू हुई। पहले कुछ सालों में यह केवल महानगरों तक सीमित रहा।
लेकिन 2004 के बाद, जब मोबाइल टेक्नोलॉजी सस्ती होने लगी, और BSNL जैसे सरकारी उपक्रमों ने ग्रामीण इलाकों तक ब्रॉडबैंड पहुंचाना शुरू किया, तब इंटरनेट पहली बार आम जनता के घरों तक पहुंचा।
250 मिलियन से 974 मिलियन — यह सफर हुआ कैसे?
1. सस्ते डेटा प्लान्स: जियो का धमाका
2016 में Reliance Jio की एंट्री ने भारतीय इंटरनेट मार्केट को पूरी तरह बदल दिया।
जहां पहले 1 GB डेटा के लिए 250-300 रुपये चुकाने पड़ते थे,
वहीं जियो ने फ्री इंटरनेट और कॉलिंग देकर प्रतिस्पर्धा को नई दिशा दी।
इसके बाद एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया जैसे ऑपरेटरों ने भी डाटा प्लान्स को बहुत सस्ता कर दिया।
2. स्मार्टफोन की पहुंच
आज 90% से अधिक भारतीय इंटरनेट यूज़र मोबाइल से इंटरनेट चलाते हैं। इसका कारण है:
चीनी मोबाइल कंपनियों जैसे Xiaomi, Realme, Vivo ने स्मार्टफोन को ₹5000-₹10000 की रेंज में उपलब्ध कराया।
इससे गांव और छोटे शहरों में भी इंटरनेट पहुंच सका।
3. डिजिटल इंडिया अभियान
2015 में शुरू किया गया डिजिटल इंडिया मिशन आज उस सपने को साकार कर रहा है, जिसमें हर नागरिक को डिजिटल दुनिया से जोड़ा जा रहा है।
CSC (कॉमन सर्विस सेंटर),
भारतनेट प्रोजेक्ट,
ग्रामीण ब्रॉडबैंड योजनाओं ने इस क्रांति को मजबूती दी।
ग्रामीण भारत की डिजिटल उड़ान
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज कुल इंटरनेट यूज़र्स में से 55% ग्रामीण भारत से हैं।
गांवों में इंटरनेट का उपयोग केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है।
अब किसान मंडी के रेट, छात्र ऑनलाइन क्लास, दुकानदार ऑनलाइन ऑर्डर और महिलाएं स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच रही हैं।
पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण डेटा उपभोग दर में 300% से अधिक वृद्धि हुई है।
इंटरनेट से पैदा हुए नए युग
1. शिक्षा में बदलाव
COVID-19 महामारी ने दिखाया कि शिक्षा अब स्कूल की दीवारों में सीमित नहीं रही।
Byju’s, Unacademy, Vedantu, Physics Wallah जैसी कंपनियों ने डिजिटल लर्निंग को सुलभ बनाया।
सरकारी स्तर पर DIKSHA, Swayam, e-Pathshala जैसे प्लेटफॉर्म्स ने गरीब छात्रों को भी ऑनलाइन शिक्षा दी।

2. रोजगार और स्टार्टअप
आज लाखों लोग घर बैठे फ्रीलांसिंग, ब्लॉगिंग, यूट्यूबिंग, डिजिटल मार्केटिंग, ऐप डेवलपमेंट आदि से कमाई कर रहे हैं।
इंटरनेट ने लाखों स्टार्टअप्स को जन्म दिया — जैसे Zerodha, Udaan, Meesho, Dream11 आदि।
3. ई-गवर्नेंस
सरकारी सेवाएं अब ऑनलाइन हो गई हैं:
आधार,
डिजिलॉकर,
ई-श्रम कार्ड,
ऑनलाइन राशन कार्ड,
पासपोर्ट सेवा
यानी सरकार अब सिर्फ राजधानी में नहीं, आपकी उंगलियों पर है।
डेटा खपत का विस्फोट
2024 के आंकड़ों के अनुसार, एक औसत भारतीय हर महीने 20 GB से अधिक डेटा उपयोग कर रहा है।
वीडियो कंटेंट (YouTube, Reels),
ऑनलाइन गेमिंग (PUBG, Free Fire),
वीडियो कॉलिंग और लाइव क्लासेस
ने डेटा की खपत को बढ़ाया है।
5G और भविष्य
5G टेक्नोलॉजी अब भारत में लॉन्च हो चुकी है। इसके माध्यम से:
डाउनलोड स्पीड 1 Gbps तक जा रही है।
IoT (Internet of Things), Smart Cities, Self-driving Cars का सपना साकार हो रहा है।
2025 तक 5G यूज़र्स की संख्या 500 मिलियन से ऊपर होने की संभावना है।
डेटा सेंटर और साइबर सुरक्षा
जैसे-जैसे डेटा बढ़ा, भारत में डेटा सेंटर इंडस्ट्री का विस्तार हुआ:
दिल्ली-NCR, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे शहरों में बड़े डेटा हब बन रहे हैं।
डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग अब देश के भीतर हो रही है।
साथ ही साइबर सिक्योरिटी अब राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गई है।
CERT-In जैसी एजेंसियाँ इंटरनेट सुरक्षा पर निगरानी रख रही हैं।
उत्तर पूर्व भारत की डिजिटल प्रगति — एक छुपी हुई क्रांति
संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में यह भी बताया कि उत्तर पूर्व भारत में भी इंटरनेट की पहुंच और उपयोग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
क्यों यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है?
उत्तर पूर्व भारत (असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम) लंबे समय तक भौगोलिक और तकनीकी रूप से पीछे रहा।
लेकिन अब:
भारतनेट और BSNL ने यहां फाइबर कनेक्टिविटी को मजबूत किया है।
गांवों में CSC सेंटरों के ज़रिए डिजिटल सेवाएं दी जा रही हैं।
शिक्षा और हेल्थकेयर में टेलीमेडिसिन और ई-लर्निंग से बदलाव दिख रहा है।
डिजिटल समावेशन की ओर कदम
सरकार का फोकस है कि हर ग्राम पंचायत तक इंटरनेट पहुंचे। वर्तमान में 1.94 लाख पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा चुका है।
महिला सशक्तिकरण और इंटरनेट
इंटरनेट आज सिर्फ पुरुषों का माध्यम नहीं, बल्कि महिलाओं की ताकत भी बन चुका है।
ग्रामीण इलाकों में महिलाएं अब YouTube पर खाना बनाना, सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी टिप्स आदि के चैनल चला रही हैं।
Self Help Groups (SHGs) अब डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन मार्केटिंग से जुड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान (PMDISHA) के तहत लाखों महिलाएं डिजिटल साक्षर बनी हैं।
भारत बनाम दुनिया — एक तुलनात्मक दृष्टिकोण
देश इंटरनेट यूजर्स जनसंख्या के प्रतिशत में
भारत 974 मिलियन+ ~70%
चीन 1.1 अरब ~78%
अमेरिका 311 मिलियन ~91%
जापान 116 मिलियन ~93%
हालांकि भारत अभी भी प्रतिशत के मामले में पीछे है, लेकिन कुल यूजर्स में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और अगले 3 वर्षों में नंबर 1 बनने की संभावना है।

इंटरनेट के खतरे — नई चुनौतियाँ
जैसे-जैसे इंटरनेट का विस्तार हुआ, वैसे-वैसे कई चुनौतियां भी सामने आईं:
1. फेक न्यूज़ और अफवाहें
WhatsApp, Facebook और YouTube जैसे प्लेटफार्म्स पर गलत जानकारी और अफवाहों का तेजी से फैलाव होता है, जिससे सामाजिक तनाव पैदा होता है।
2. डेटा प्राइवेसी और धोखाधड़ी
साइबर क्राइम में वृद्धि
OTP फ्रॉड, बैंकिंग धोखाधड़ी
बच्चों का ऑनलाइन शोषण
इसलिए भारत सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 लागू किया है।
इंटरनेट पर आधारित नई सेवाएं
आज हर क्षेत्र में इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है। कुछ प्रमुख सेवाएं:
1. डिजिटल भुगतान (UPI)
भारत में UPI ट्रांजैक्शन हर महीने 1200 करोड़ से अधिक हो चुके हैं। PhonePe, Paytm, Google Pay जैसे ऐप्स ने कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा दिया।
2. OTT और मनोरंजन
Netflix, Amazon Prime, Hotstar, JioCinema पर हर दिन करोड़ों लोग फिल्में और सीरीज़ देख रहे हैं।
3. हेल्थटेक
eSanjeevani से लाखों लोगों ने डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श लिया।
टेलीमेडिसिन ने गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को आसान बनाया।
आने वाला कल — 6G, AI और डिजिटल भारत 2.0
भारत अब 5G से आगे सोच रहा है।
6G की तैयारी:
प्रधानमंत्री मोदी ने 2023 में 6G विजन डॉक्यूमेंट लॉन्च किया।
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक वह 6G तकनीक में अग्रणी देश बने।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एकीकरण
स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, कानून जैसे क्षेत्रों में AI के ज़रिए प्रभावी निर्णय और सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
निष्कर्ष: डिजिटल युग की भारतीय क्रांति
भारत की इंटरनेट यात्रा एक तकनीकी विकास की गाथा है, लेकिन यह केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है। यह देश के सपनों की, आत्मनिर्भरता की और नए भारत की कहानी है।
250 मिलियन से 974 मिलियन इंटरनेट यूजर्स तक पहुँचना सिर्फ संख्या की छलांग नहीं, बल्कि हर भारतीय की सोच, जीवनशैली और अवसरों में बदलाव की मिसाल है।
जहाँ पहले दूर-दराज़ के गाँवों तक सड़क पहुँचना मुश्किल था, आज वहाँ 4G और 5G सिग्नल पहुँच चुके हैं।
जहाँ पहले सरकारी योजनाएं सिर्फ अखबारों तक सीमित थीं, आज आम नागरिक मोबाइल ऐप्स और पोर्टल्स के ज़रिए सीधा लाभ ले रहे हैं।
महिलाएं, किसान, विद्यार्थी, व्यापारी — सब आज इंटरनेट से जुड़कर सशक्त हो रहे हैं।
डिजिटल इंडिया सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन बन चुका है।
आज भारत:
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है।
UPI के जरिए दुनिया को डिजिटल पेमेंट का मॉडल दे रहा है।
6G, AI और साइबर सिक्योरिटी में ग्लोबल लीडर बनने की ओर बढ़ रहा है।
अब सवाल सिर्फ यह नहीं कि इंटरनेट कितनों तक पहुँचा —
अब सवाल यह है कि हम इंटरनेट के जरिए कितनों को ऊपर उठा पाए?
भारत की डिजिटल क्रांति अभी प्रारंभिक अवस्था में है। आने वाला समय भारत को न केवल तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि इसे ज्ञान, समावेशन और नवाचार का विश्वगुरु भी बनाएगा।
“जहां डिवाइस है, वहां दिशा है। जहां डेटा है, वहां दिक्कतें भी दूर हैं। और जहां डिजिटल है, वहां देश का भविष्य है।”
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