विश्व TB दिवस 2025: ‘हां, हम टीबी खत्म कर सकते हैं!’ जानें थीम, चुनौतियां और समाधान!
हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस (World Tuberculosis Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य टीबी (तपेदिक) के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसके रोकथाम व इलाज को बढ़ावा देना है। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 24 मार्च 1882 को डॉ. रॉबर्ट कॉच ने तपेदिक के बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) की खोज की थी। इस खोज ने टीबी के निदान और उपचार के लिए रास्ता खोला और इसे नियंत्रित करने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
Table of the Post Contents
Toggleटीबी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में से एक है, जिससे हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। हालांकि, यह रोग पूरी तरह से इलाज योग्य और रोके जाने योग्य है, बशर्ते कि समय पर उचित उपचार मिले और लोग इसके प्रति जागरूक हों।
विश्व TB दिवस 2025 की थीम
हर साल, विश्व टीबी दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। 2025 की थीम है – “हां, हम क्षय रोग का खात्मा कर सकते हैं: प्रतिबद्धता, निवेश और परिणामी प्रयास” (Yes! We Can End TB: Commitment, Investment, and Collective Effort)।
इस थीम का महत्व:
1. प्रतिबद्धता: वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर सरकारों, संगठनों, वैज्ञानिकों और आम जनता की सहभागिता से ही टीबी का उन्मूलन संभव है।
2. निवेश: टीबी की जांच, उपचार, शोध और जागरूकता अभियानों में अधिक निवेश की आवश्यकता है ताकि नए उपचार और वैक्सीन विकसित की जा सकें।
3. परिणामी प्रयास: सभी स्तरों पर ठोस कार्रवाई और रणनीतियों को लागू करके इस बीमारी को जड़ से खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
TB क्या है?
टीबी (Tuberculosis) एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन यह शरीर के अन्य अंगों जैसे किडनी, रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में भी फैल सकती है। इसे आमतौर पर तपेदिक के नाम से जाना जाता है।
TB के प्रकार
1. सक्रिय टीबी (Active TB):
इसमें व्यक्ति में स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं और वह संक्रमण को दूसरों में फैला सकता है।
इसका तुरंत इलाज आवश्यक होता है।
2. निष्क्रिय टीबी (Latent TB):
इस स्थिति में शरीर में TB बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं, लेकिन वे सक्रिय नहीं होते।
व्यक्ति को कोई लक्षण नहीं होते और यह दूसरों को संक्रमित नहीं करता, लेकिन यह भविष्य में सक्रिय हो सकता है।
3. दवा-प्रतिरोधी टीबी (Drug-Resistant TB):
यह TB का एक गंभीर रूप है जिसमें बैक्टीरिया सामान्य दवाओं का प्रभावी ढंग से जवाब नहीं देते।
इसका इलाज लंबा और जटिल होता है।
TB के लक्षण
टीबी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और प्रारंभ में हल्के हो सकते हैं। प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
तीन सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी आना
खांसी के साथ खून आना
सीने में दर्द
बुखार और रात को पसीना आना
अत्यधिक थकान महसूस होना
वजन में अचानक कमी होना
भूख न लगना
TB का कारण
टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस नामक बैक्टीरिया से होती है। यह हवा के माध्यम से फैलता है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या थूकता है।
TB कैसे फैलता है?
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अधिक समय बिताने से
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में (जैसे HIV/AIDS रोगी, कुपोषित व्यक्ति)
TB की रोकथाम
टीबी को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
1. बीसीजी (BCG) टीकाकरण: बच्चों को टीबी से बचाने के लिए Bacillus Calmette-Guérin (BCG) वैक्सीन दी जाती है।
2. स्वच्छता का ध्यान रखें: संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें और अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
3. सही पोषण: पौष्टिक भोजन का सेवन करें जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत हो।
4. संक्रमित व्यक्ति का उपचार: TB रोगी को पूरा इलाज कराना चाहिए ताकि संक्रमण और न फैले।
5. खांसने और छींकने के शिष्टाचार का पालन करें: संक्रमित व्यक्ति को मास्क पहनना चाहिए और खांसते समय मुंह ढकना चाहिए।
TB का निदान
TB की पहचान के लिए कई परीक्षण किए जाते हैं:
1. माइक्रोस्कोपी टेस्ट (Sputum Test): मरीज के बलगम की जांच की जाती है।
2. टीबी स्किन टेस्ट (Mantoux Test): त्वचा पर एक खास दवा का इंजेक्शन दिया जाता है और प्रतिक्रिया देखी जाती है।
3. जीन एक्सपर्ट टेस्ट: यह आधुनिक तकनीक से टीबी के बैक्टीरिया की पहचान करता है।
4. सीने का एक्स-रे और सीटी स्कैन: फेफड़ों में संक्रमण की पुष्टि के लिए।
टीबी का उपचार
टीबी का इलाज DOTS (Directly Observed Treatment, Short-Course) नामक योजना के तहत किया जाता है।
टीबी के लिए दी जाने वाली मुख्य दवाएं:
Isoniazid (INH)
Rifampicin (RMP)
Pyrazinamide (PZA)
Ethambutol (EMB)
उपचार के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:
1. पूरा कोर्स लें: दवाइयों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरा करना बहुत जरूरी है।
2. नियमित जांच कराएं: इलाज के दौरान डॉक्टर से संपर्क बनाए रखें।
3. भोजन का ध्यान रखें: प्रोटीन और विटामिन से भरपूर आहार लें।
टीबी उन्मूलन की दिशा में वैश्विक प्रयास
संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDGs) के तहत 2030 तक टीबी समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
WHO की “END TB STRATEGY” का उद्देश्य 2035 तक टीबी से होने वाली मौतों को 95% तक कम करना है।
भारत सरकार की “राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम” (NTEP) 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य लेकर चल रही है।
टीबी उन्मूलन में सरकार और समाज की भूमिका
टीबी जैसी गंभीर बीमारी को खत्म करने के लिए सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं ही नहीं, बल्कि सरकार, समाज, गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और आम जनता की भी अहम भूमिका होती है। जब सभी स्तरों पर एक समन्वित प्रयास किया जाता है, तभी टीबी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

1. सरकार की भूमिका
भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) टीबी के उन्मूलन के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रहे हैं।
(A) राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP)
भारत में टीबी नियंत्रण के लिए यह सबसे बड़ा सरकारी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य है:
2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना।
मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा देना।
टीबी के मरीजों को पोषण सहायता प्रदान करना।
(B) निक्षय पोषण योजना
टीबी मरीजों को उचित पोषण देने के लिए ₹500 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाती है।
यह राशि सीधा मरीज के बैंक खाते में भेजी जाती है।
(C) टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान
यह जागरूकता अभियान लोगों को टीबी के प्रति सतर्क करने के लिए चलाया गया है।
इसमें टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
(D) मुफ्त जांच और दवा वितरण
सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीबी जांच और दवा उपलब्ध कराई जाती है।
मोबाइल टीबी वैन और डिजिटल एक्स-रे सेंटर ग्रामीण इलाकों में शुरू किए गए हैं।
2. समाज की भूमिका
टीबी को हराने में समाज की भागीदारी भी बेहद जरूरी है।
(A) जागरूकता फैलाना
टीबी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में सही जानकारी देना।
टीबी से जुड़े मिथकों को दूर करना, जैसे कि यह छूने से फैलता है।
(B) मरीजों के प्रति भेदभाव खत्म करना
कई बार टीबी मरीजों को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जिससे वे इलाज अधूरा छोड़ देते हैं।
मरीजों को मानसिक और सामाजिक समर्थन देना बहुत जरूरी है।
(C) पोषण और स्वास्थ्य पर ध्यान देना
कमजोर इम्यूनिटी टीबी के फैलने का एक बड़ा कारण है।
टीबी मरीजों को संतुलित आहार और पौष्टिक भोजन देना चाहिए।
3. गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की भूमिका
कई NGOs टीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, जैसे कि:
STOP TB PARTNERSHIP: यह WHO से जुड़ा एक वैश्विक संगठन है जो टीबी के खिलाफ काम करता है।
REACH NGO: यह टीबी मरीजों की सहायता और पोषण वितरण में मदद करता है।
THE UNION: यह संगठन टीबी अनुसंधान और नीतिगत बदलाव के लिए काम करता है।
टीबी से जुड़े प्रमुख मिथक और सच्चाई
मिथक 1: टीबी सिर्फ गरीबों की बीमारी है।
सच्चाई: टीबी किसी को भी हो सकती है, चाहे वह अमीर हो या गरीब।
मिथक 2: टीबी छूने से फैलता है।
सच्चाई: टीबी केवल हवा में मौजूद बैक्टीरिया से फैलता है, न कि शारीरिक संपर्क से।
मिथक 3: अगर लक्षण कम हो जाएं तो दवा बंद कर देनी चाहिए।
सच्चाई: पूरी दवा कोर्स पूरा करना बहुत जरूरी है, वरना बैक्टीरिया दवा-प्रतिरोधी हो सकते हैं।
भविष्य में टीबी उन्मूलन के लिए चुनौतियाँ
टीबी खत्म करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
1. दवा-प्रतिरोधी टीबी (MDR-TB) का बढ़ता खतरा
कुछ मामलों में बैक्टीरिया सामान्य दवाओं का असर नहीं लेते, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है।
मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB) और एक्सट्रीम ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (XDR-TB) तेजी से फैल रहे हैं।
2. गरीबी और कुपोषण
कमजोर इम्यूनिटी के कारण गरीब और कुपोषित लोगों में टीबी का खतरा अधिक रहता है।
पोषण संबंधी योजनाओं को और मजबूत करने की जरूरत है।
3. टीबी का जल्दी पता न चल पाना
कई मरीज शुरुआत में लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बीमारी बढ़ जाती है।
प्रारंभिक जांच सुविधाओं को मजबूत करना जरूरी है।
4. टीबी वैक्सीन का सीमित प्रभाव
बीसीजी वैक्सीन केवल बच्चों को सीमित सुरक्षा देती है, लेकिन वयस्कों के लिए प्रभावी टीका अभी नहीं है।
नई और अधिक प्रभावी वैक्सीन विकसित करने की आवश्यकता है।
टीबी उन्मूलन के लिए संभावित समाधान
- नई टीबी वैक्सीन का विकास और शोध में निवेश बढ़ाना।
गांवों और दूर-दराज के इलाकों में टीबी जांच और इलाज की सुविधाओं का विस्तार करना।
टीबी मरीजों को पोषण सहायता और मानसिक समर्थन देना।
सभी स्तरों पर जागरूकता अभियान चलाना।
टीबी उन्मूलन में तकनीक और अनुसंधान की भूमिका
टीबी के उन्मूलन के लिए सिर्फ जागरूकता और सरकारी नीतियाँ ही काफी नहीं हैं, बल्कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक अनुसंधान भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
1. टीबी की जल्दी पहचान के लिए नई तकनीकें
पहले टीबी का पता लगाने में हफ्तों का समय लग जाता था, लेकिन अब नई तकनीकों की मदद से इसे कुछ घंटों में ही डायग्नोज किया जा सकता है।
(A) जीनएक्सपर्ट (GeneXpert) तकनीक
यह एक अत्याधुनिक मॉलिक्यूलर टेस्टिंग तकनीक है, जो सिर्फ 2 घंटे में टीबी की पुष्टि कर सकती है।
यह मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB) को भी पहचानने में सक्षम है।
(B) ट्रूनेट (Truenat) टेस्ट
यह पोर्टेबल मशीन की मदद से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में टीबी की जांच करने में मदद करता है।
30 मिनट के भीतर टीबी और MDR-TB की पहचान कर सकता है।
(C) डिजिटल एक्स-रे और AI आधारित निदान
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एक्स-रे विश्लेषण टीबी के शुरुआती लक्षणों को पहचानने में मदद करता है।
इससे ग्रामीण और गरीब इलाकों में टीबी की स्क्रीनिंग तेज और प्रभावी हो सकती है।
2. टीबी के इलाज में नई दवाइयाँ और वैक्सीन
(A) बेडाक़्विलीन और डेलामैनिड (Bedaquiline & Delamanid) जैसी नई दवाएँ
पहले MDR-TB का इलाज लंबा और दर्दनाक होता था, लेकिन ये नई दवाएँ टीबी के इलाज को तेज और प्रभावी बनाती हैं।
WHO इन दवाओं को हाई-रिस्क टीबी मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर देने की सिफारिश करता है।
(B) टीबी की नई वैक्सीन पर शोध
बीसीजी (BCG) वैक्सीन बचपन में कुछ हद तक सुरक्षा देती है, लेकिन यह वयस्कों में ज्यादा प्रभावी नहीं होती।
अब वैज्ञानिक MTBVAC, VPM1002, और M72 जैसी नई वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जो टीबी के खिलाफ अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं।
3. डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन का उपयोग
मोबाइल ऐप्स जैसे ‘निक्षय ऐप’ मरीजों को दवा का रिमाइंडर भेजते हैं, जिससे वे इलाज बीच में न छोड़ें।
टेलीमेडिसिन की मदद से दूर-दराज के मरीज डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं।
टीबी उन्मूलन में अंतरराष्ट्रीय प्रयास
टीबी सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है। इसलिए कई वैश्विक संस्थाएँ मिलकर इसे खत्म करने के लिए काम कर रही हैं।
1. WHO की END TB STRATEGY (टीबी खत्म करने की रणनीति)
WHO ने 2030 तक टीबी के मामलों को 90% तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
यह रणनीति तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:
1. टीबी की रोकथाम और इलाज
2. नवाचार और शोध को बढ़ावा
3. सरकारों की मजबूत नीतियाँ
2. ग्लोबल फंड टू फाइट TB, AIDS, और मलेरिया
यह संगठन गरीब देशों को टीबी के खिलाफ वित्तीय सहायता देता है।
यह नई दवाओं और टीकों के विकास में भी निवेश करता है।
3. UN का संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय सम्मेलन (UNHLM) on TB
2018 में UN ने टीबी को खत्म करने के लिए 13 अरब डॉलर सालाना निवेश करने का संकल्प लिया था।
भारत सहित कई देशों ने टीबी उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाने का वादा किया।
टीबी मुक्त भारत के लिए भविष्य की रणनीतियाँ
भारत सरकार और विभिन्न संस्थाएँ 2025 तक टीबी को समाप्त करने के लिए निम्नलिखित रणनीतियाँ अपना रही हैं:
1. ‘टीबी मुक्त पंचायत’ अभियान
ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर टीबी उन्मूलन के प्रयासों को तेज किया जा रहा है।
गांवों में टीबी की स्क्रीनिंग, पोषण सपोर्ट और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
2. निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की भागीदारी
भारत में कई टीबी मरीज सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी डॉक्टरों से इलाज कराते हैं।
सरकार अब निजी क्षेत्र को भी टीबी रिपोर्टिंग और मुफ्त इलाज में शामिल कर रही है।
3. टीबी मरीजों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
टीबी के कारण कई मरीज नौकरी और आर्थिक संकट का सामना करते हैं।
सरकार अब रोजगार सुरक्षा, बीमा और पोषण योजनाओं को और मजबूत करने की योजना बना रही है।
टीबी उन्मूलन के लिए हमें क्या करना चाहिए?
व्यक्तिगत स्तर पर
अगर खांसी 2 हफ्ते से ज्यादा बनी रहे तो तुरंत जांच कराएँ।
इलाज को पूरा करें, भले ही लक्षण पहले ही ठीक हो जाएँ।
टीबी मरीजों से भेदभाव न करें, उन्हें सहयोग दें।
सामुदायिक स्तर पर
गांवों और कस्बों में टीबी जागरूकता अभियान चलाएँ।
टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार और मानसिक सहयोग दें।
किसी भी संदिग्ध मरीज को जांच के लिए प्रेरित करें।
सरकार के स्तर पर
टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में अधिक निवेश करें।
नई वैक्सीन और दवाओं के शोध को तेज करें।
गरीब और वंचित वर्ग तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाएँ।

विश्व टीबी दिवस 2025 (24 मार्च) पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
1. विश्व टीबी दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर: विश्व टीबी दिवस हर वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है।
2. विश्व टीबी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका उद्देश्य लोगों को टीबी (तपेदिक) की गंभीरता के बारे में जागरूक करना, इसकी रोकथाम और इलाज को बढ़ावा देना है।
3. वर्ष 2025 के विश्व टीबी दिवस की थीम क्या है?
उत्तर: “हां, हम क्षय रोग का खात्मा कर सकते हैं: प्रतिबद्धता, निवेश और परिणामी प्रयास”
4. 24 मार्च को ही विश्व टीबी दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: 24 मार्च 1882 को डॉ. रॉबर्ट कॉख (Dr. Robert Koch) ने टीबी के कारक जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) की खोज की थी। इसलिए, इस दिन को टीबी उन्मूलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए चुना गया।
5. टीबी रोग किस जीवाणु के कारण होता है?
उत्तर: टीबी रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।
6. टीबी का मुख्य रूप से कौन सा अंग प्रभावित करता है?
उत्तर: टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों (Pulmonary TB) को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों जैसे कि हड्डियों, मस्तिष्क, गुर्दे, आंतों और रीढ़ की हड्डी में भी फैल सकता है।
7. तपेदिक (टीबी) कितने प्रकार की होती है?
उत्तर: टीबी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
1. सक्रिय टीबी (Active TB): इस अवस्था में व्यक्ति बीमार होता है और रोग के लक्षण प्रकट होते हैं। यह संक्रामक होती है।
2. निष्क्रिय टीबी (Latent TB): इस अवस्था में शरीर में टीबी बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं, लेकिन वे निष्क्रिय होते हैं और कोई लक्षण नहीं दिखाते। यह संक्रामक नहीं होती, लेकिन बाद में सक्रिय हो सकती है।
8. टीबी के मुख्य लक्षण क्या हैं?
उत्तर: लगातार तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी रहना
बलगम या खून के साथ खांसी
रात में पसीना आना
वजन घटना और भूख न लगना
तेज बुखार और ठंड लगना
अत्यधिक थकान और कमजोरी
9. टीबी का इलाज कैसे किया जाता है?
उत्तर: टीबी का इलाज DOTS (Directly Observed Treatment, Short-course) पद्धति के तहत किया जाता है। इसमें छह महीने या अधिक समय तक एंटी-टीबी ड्रग्स (Anti-TB Drugs) दी जाती हैं, जैसे कि:
Rifampicin (RIF)
Pyrazinamide (PZA)
Ethambutol (EMB)
10. टीबी से बचाव के लिए कौन सा टीका लगाया जाता है?
उत्तर: टीबी से बचाव के लिए बीसीजी (BCG – Bacillus Calmette-Guérin) टीका लगाया जाता है, जो नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद दिया जाता है।
11. दवा प्रतिरोधी टीबी (MDR-TB) क्या होती है?
उत्तर: मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB) वह स्थिति होती है जिसमें टीबी बैक्टीरिया सामान्य एंटी-टीबी दवाओं जैसे Isoniazid (INH) और Rifampicin (RIF) के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं, जिससे इलाज कठिन हो जाता है।
12. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा टीबी उन्मूलन का लक्ष्य क्या है?
उत्तर: WHO ने वर्ष 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसके लिए End TB Strategy नामक योजना लागू की गई है, जिसका उद्देश्य:
2030 तक टीबी से होने वाली मृत्यु दर में 90% की कमी
टीबी के मामलों में 80% की कमी
किसी भी टीबी प्रभावित परिवार पर किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ न पड़ना
13. भारत सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं?
उत्तर:
- राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP – National Tuberculosis Elimination Program)
“TB मुक्त भारत” अभियान
“निक्षय पोषण योजना” – इसमें टीबी रोगियों को हर महीने 500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
“आयुष्मान भारत योजना” – टीबी रोगियों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है।
14. भारत सरकार का टीबी उन्मूलन का लक्ष्य क्या है?
उत्तर: भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जो वैश्विक लक्ष्य (2030) से 5 साल पहले का लक्ष्य है।
15. टीबी रोग की पुष्टि करने के लिए कौन-कौन से परीक्षण किए जाते हैं?
उत्तर:
1. स्पुटम टेस्ट (Sputum Test) – बलगम की जांच कर बैक्टीरिया की उपस्थिति की पुष्टि की जाती है।
2. मंटू टेस्ट (Mantoux Tuberculin Skin Test – TST) – त्वचा पर इंजेक्शन द्वारा टीबी की पहचान की जाती है।
3. GeneXpert टेस्ट – यह टीबी और MDR-TB की पहचान के लिए एक तेज़ और सटीक परीक्षण है।
4. सीने का एक्स-रे (Chest X-ray) – फेफड़ों में टीबी संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है।
16. टीबी संक्रमण फैलता कैसे है?
उत्तर: टीबी संक्रमण हवा के माध्यम से फैलता है, जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है, तो टीबी बैक्टीरिया हवा में फैल जाते हैं और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
17. टीबी रोगियों को भोजन में किन चीजों का सेवन करना चाहिए?
उत्तर:
टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार लेना चाहिए, जिसमें शामिल हैं:
प्रोटीन युक्त आहार (दूध, दही, पनीर, अंडे, दालें)
हरी सब्जियां और ताजे फल
सूखे मेवे और नट्स
आयरन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ
18. टीबी से संबंधित “निक्षय मित्र” योजना क्या है?
उत्तर: “निक्षय मित्र” योजना के तहत लोग या संस्थान टीबी मरीजों को पोषण और दवाओं की सहायता देकर उनकी मदद कर सकते हैं।
19. भारत में टीबी के सबसे ज्यादा मामले किन राज्यों में पाए जाते हैं?
उत्तर: भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में टीबी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।
20. टीबी उन्मूलन के लिए हमें क्या प्रयास करने चाहिए?
उत्तर:
टीबी लक्षणों की पहचान कर समय पर इलाज शुरू करना
टीबी मरीजों को समाज में भेदभाव से बचाना
टीबी रोगियों को पूरा इलाज कराने के लिए प्रोत्साहित करना
स्वस्थ जीवनशैली और पोषण का ध्यान रखना
यह प्रश्नोत्तरी टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम में सहायक होगी।
निष्कर्ष: क्या हम टीबी को हरा सकते हैं?
टीबी एक गंभीर बीमारी है, लेकिन यह पूरी तरह से इलाज योग्य और रोके जाने योग्य है।
यदि समय पर जांच और इलाज मिले, तो इससे बचा जा सकता है।
2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब सरकार, समाज और स्वास्थ्य संगठनों के प्रयास मिलकर काम करेंगे।
हमें “हां, हम क्षय रोग का खात्मा कर सकते हैं” के नारे को सच करना होगा और इस बीमारी को हमेशा के लिए मिटाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा।
बिल्कुल! यदि सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास किए जाएँ, तो टीबी को खत्म किया जा सकता है।
सरकार, समाज, वैज्ञानिक अनुसंधान और वैश्विक सहयोग से टीबी का उन्मूलन संभव है।
अगर हम सभी “हाँ, हम क्षय रोग का खात्मा कर सकते हैं!” थीम को साकार करने के लिए एकजुट हों, तो 2025 तक टीबी मुक्त भारत कोई असंभव लक्ष्य नहीं है।
अब समय आ गया है कि हम सभी टीबी के खिलाफ एकजुट होकर इस बीमारी को इतिहास बना दें!
Related
Discover more from News & Current Affairs ,Technology
Subscribe to get the latest posts sent to your email.