7th Khelo India Youth Games 2025: बिहार की मेजबानी में भारत को खेलों में सुपरपावर बनाने वाला ऐतिहासिक कदम!

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7th Khelo India Youth Games 2025: यह सिर्फ गेम्स नहीं, भारत की नई उड़ान है!

भूमिका: जब खेलों ने फिर से रचा इतिहास

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4 मई 2025 की तारीख को भारतीय खेल इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से Khelo India Youth Games के सातवें संस्करण का उद्घाटन किया।

यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं था, बल्कि यह युवाओं के सपनों को पहचान देने वाला एक महापर्व था। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अपने संदेश में कहा, “खेल अब सिर्फ मैदान की सीमाओं तक नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की नींव बन चुके हैं।”

इस बार की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसकी मेज़बानी – बिहार कर रहा हैं। वो राज्य, जो वर्षों से खेल अवसंरचना और संसाधनों की कमी से जूझता रहा, अब देश के सबसे बड़े युवा खेल आयोजन की मेज़बानी कर रहा है।

7th Khelo India Youth Games 2025: बिहार की मेजबानी में भारत को खेलों में सुपरपावर बनाने वाला ऐतिहासिक कदम!
7th Khelo India Youth Games 2025: बिहार की मेजबानी में भारत को खेलों में सुपरपावर बनाने वाला ऐतिहासिक कदम!

बिहार: खेल क्रांति की नई भूमि

Khelo India Youth Games 2025 का आयोजन पटना, राजगीर, गया, भागलपुर और बेगूसराय जैसे शहरों में हो रहा है। ये वही शहर हैं, जो आमतौर पर अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब वे भारत के खेल मानचित्र पर चमक रहे हैं। पहली बार बिहार के स्टेडियमों में इतने बड़े स्तर पर हजारों खिलाड़ी अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं।

राजगीर जैसे ऐतिहासिक नगर में अब खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जैसी आधुनिक सुविधा विकसित हो चुकी है। पटना में बन रही स्पोर्ट्स सिटी आने वाले समय में पूरे उत्तर भारत के लिए खेल हब बन सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी का उद्घाटन भाषण: प्रेरणा का स्त्रोत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा:

“खेल ना सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि चरित्र निर्माण में भी इनकी अहम भूमिका है। आप युवा खिलाड़ी हैं, लेकिन आने वाले समय में आप देश के नेतृत्वकर्ता भी होंगे।”

उन्होंने खेलों के ज़रिए सामाजिक बदलाव की बात की, और कहा कि सरकार की नीतियाँ अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि गांव और छोटे शहरों में खेल प्रतिभाओं को तलाश रही हैं।

खिलाड़ियों का उमंग और आत्मविश्वास

इस वर्ष के Khelo India Youth Games में 28 से अधिक खेलों में 6000+ एथलीट भाग ले रहे हैं। इनमें से कई खिलाड़ी पहली बार बिहार आए हैं, लेकिन उनमें उत्साह और आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है।

छत्तीसगढ़ की 16 वर्षीय तैराक आर्या मिश्रा कहती हैं –

“मैं पहली बार बिहार आई हूँ। यहां की व्यवस्था और स्थानीय लोगों का उत्साह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। लगता ही नहीं कि हम किसी नए राज्य में हैं।”

राजस्थान के कबड्डी कोच दिलीप झा बताते हैं –

“बिहार ने जिस तरह इस आयोजन को संभाला है, वह अनुकरणीय है। इससे स्थानीय युवाओं में भी खेलों के प्रति रुचि बढ़ेगी।”

पारंपरिक और स्वदेशी खेलों को पहचान

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विशेष तौर पर उन भारतीय पारंपरिक खेलों का ज़िक्र किया जिन्हें इस आयोजन में स्थान दिया गया है – मल्लखंभ, योगासन, कलारीपयट्टू, गतका, खो-खो आदि।

यह पहल भारत की “वोकल फॉर लोकल” सोच को खेल क्षेत्र में भी लागू करती है। मल्लखंभ जैसे खेल आज गांवों से निकलकर अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पहुंचने लगे हैं।

भारत की ओलंपिक 2036 तैयारी: युवा नींव पर भविष्य की इमारत

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत की 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की इच्छा को दोहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब सिर्फ पदक जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक खेल मंचों पर नेतृत्व की भूमिका में आना चाहता है।

इसके लिए सरकार ने टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS), खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट जैसी योजनाएं शुरू की हैं, जो गांव के बच्चों को भी ओलंपिक जैसे मंचों तक पहुंचा सकती हैं।

Khelo India Youth Games अवसंरचना में ऐतिहासिक निवेश

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि देश का खेल बजट पिछले 10 वर्षों में तीन गुना से अधिक हो चुका है। 2014 में जहां यह लगभग ₹1000 करोड़ था, वहीं 2025 में यह बढ़कर ₹4000 करोड़ से अधिक हो गया है।

बिहार में ही 30 से अधिक खेलो इंडिया केंद्र खुल चुके हैं, जहां मुफ्त कोचिंग, पोषण, उपकरण और विशेषज्ञ ट्रेनिंग दी जा रही है। यह बदलाव केवल भौतिक अवसंरचना में नहीं है, बल्कि मानसिकता और सोच में भी है।

उभरते सितारे: जब सपनों को पंख मिलते हैं

Khelo India Youth Games की सबसे बड़ी सफलता है – गली, मोहल्ले और गांव से खिलाड़ियों की पहचान।

एक ताज़ा उदाहरण है – बिहार के समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी, जो महज़ 14 साल की उम्र में क्रिकेट की दुनिया में चमक रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक टी-20 टूर्नामेंट में 35 गेंदों पर शतक लगाकर सबका ध्यान खींचा। प्रधानमंत्री ने उनके नाम का ज़िक्र करते हुए कहा कि वैभव की कहानी हर युवा को प्रेरणा दे सकती है।

Khelo India Youth Games क्षेत्र में नए करियर विकल्प

खेल अब सिर्फ खिलाड़ी बनने तक सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्पोर्ट्स साइंस, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, ई-स्पोर्ट्स, फिजियोथेरेपी, एनालिटिक्स, स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भी अपार अवसर हैं।

इसके लिए देशभर में खेल विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है, जैसे कि बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, जो आने वाले समय में देशभर के छात्रों के लिए उत्कृष्ट केंद्र बनेगा।

नारी शक्ति का उदय: बेटियां भी खेल मैदान की नायिका

Khelo India Youth Games 2025 में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी 40% से अधिक है। यह सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का संकेत है।

गया की बॉक्सर प्रिया सिंह कहती हैं –

“पहले कहा जाता था कि लड़कियां खेलों में नहीं टिकतीं, अब कहा जा रहा है कि बेटियां ही पदक ला रही हैं।”

लोकल से ग्लोबल: गांव के युवाओं की विश्व मंच तक यात्रा

आज भारत के कई खिलाड़ी जो Khelo India Youth Games जैसे मंच से निकले थे, अब अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उदाहरण के लिए:

नीरज चोपड़ा, जो अब विश्व स्तर पर भाला फेंक (Javelin) में भारत का नाम रौशन कर चुके हैं, उन्होंने भी युवा खेल स्कीम से ही शुरुआत की थी।

मेघा शर्मा, जो कि झारखंड के एक छोटे गांव से निकलीं और अब अंतरराष्ट्रीय हॉकी की प्रमुख खिलाड़ी बन चुकी हैं, कहती हैं –
“अगर खेलो इंडिया न होता, तो शायद मैं अब भी खेतों में काम कर रही होती।”

Khelo India Youth Games 2025 के आयोजन से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब “लोकल टैलेंट को ग्लोबल प्लेटफॉर्म” देने की दिशा में प्रतिबद्ध है।

स्वास्थ्य और फिटनेस को नई दिशा: फिट इंडिया मूवमेंट का असर

प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की थी, जिसका प्रभाव आज स्पष्ट दिखता है। अब न केवल खिलाड़ी, बल्कि आम नागरिक भी फिटनेस टेस्ट, योग अभ्यास, रनिंग क्लब्स और अन्य गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं।

Khelo India Youth Games की हर प्रतियोगिता से पहले फिटनेस अवेयरनेस रैली निकाली गई, जिसमें स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय संस्थानों ने भाग लिया। इससे खेल अब जन आंदोलन बन चुका है।

खेल-पर्यटन का संगम: बिहार की नई पहचान

Khelo India Youth Games के ज़रिए बिहार में खेल-पर्यटन (Sports Tourism) को भी बढ़ावा मिला है।
राजगीर, जो कभी महात्मा बुद्ध और महावीर की तपोभूमि था, अब अंतरराष्ट्रीय खेल पर्यटकों का केंद्र बन रहा है।

खिलाड़ियों के साथ आए हजारों अभिभावकों और कोचों ने बिहार की सांस्कृतिक धरोहर – नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला, गंगा घाट, बुद्ध स्मारक आदि का भी दौरा किया। इससे स्थानीय पर्यटन को जबरदस्त प्रोत्साहन मिला है।

खेलों में सामाजिक समावेशिता: हर वर्ग, हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व

Khelo India Youth Games 2025 में आदिवासी क्षेत्रों, पिछड़े जिलों और सीमावर्ती राज्यों के बच्चों की भागीदारी भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

सरकार की खेलो इंडिया ट्राइबल टैलेंट हंट स्कीम ने छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, नागालैंड, मणिपुर जैसे क्षेत्रों से प्रतिभाओं को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है।

इसके अलावा, दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए भी पैरा गेम्स का आयोजन किया गया है, जो भारत के समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है।

मीडिया और डिजिटल कवरेज: हर युवा तक खेल भावना की पहुँच

Khelo India Youth Games 2025 की डिजिटल और मीडिया कवरेज पहले के मुकाबले कहीं अधिक प्रभावशाली रही।

DD Sports, Hotstar, YouTube, Jio TV, MyGov App जैसे माध्यमों से हर मुकाबला लाखों लोगों तक लाइव पहुँचा।

इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स पर खिलाड़ियों के हाइलाइट्स ट्रेंड में रहे।

इससे युवा खिलाड़ियों को सेलिब्रिटी जैसा अनुभव मिला और उनका आत्मविश्वास आसमान छूने लगा।

रोजगार सृजन में खेलों की भूमिका

इस आयोजन के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं, जैसे:

इवेंट मैनेजमेंट

ग्राउंड स्टाफ

टेलीकास्ट टेक्नीशियन

मेडिकल और फिटनेस एक्सपर्ट

सुरक्षा सेवाएं

लोकल गाइड और होटल इंडस्ट्री

इसके अलावा, स्थानीय हस्तशिल्प और व्यंजनों की बिक्री से भी स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा मिला है।

राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा: पदक की दौड़ नहीं, गर्व की बात

Khelo India Youth Games अब सिर्फ पदक की गिनती नहीं, बल्कि राज्य की नीतियों की परीक्षा भी बन चुका है।

हर राज्य अब अपने खिलाड़ियों को उच्चतम सुविधाएं देने की होड़ में है। इस बार भी महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों ने कड़ी टक्कर दी।

बिहार जैसे राज्य, जो पहले खेल तालिका में पीछे रहते थे, अब टॉप 10 में आने की कोशिश में हैं – यह मानसिकता का सबसे बड़ा बदलाव है।

बिहार सरकार और केंद्र ने मिलकर महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष कैंप और आवास सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।

डिजिटल इंडिया और खेल: टेक्नोलॉजी का शानदार उपयोग

इस बार Khelo India Youth Games को डिजिटल रूप से MyGov और Khelo India App पर भी लाइव किया जा रहा है। इससे देश के हर कोने से लोग अपने पसंदीदा खिलाड़ी को देख और समर्थन कर सकते हैं।

इसके अलावा AI-बेस्ड एनालिटिक्स, परफॉर्मेंस ट्रैकिंग सिस्टम और वर्चुअल कोचिंग प्लेटफॉर्म भी लागू किए गए हैं।

भविष्य की दिशा: खेलो इंडिया के नए आयाम

प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन भाषण में साफ किया कि आने वाले समय में Khelo India Youth Games सिर्फ एक आयोजन नहीं रहेगा, बल्कि हर गाँव, हर स्कूल, हर ज़िले की जीवनशैली बन जाएगा। इसके तहत:

हर जिले में Khelo India Centres of Excellence (KISCE) की स्थापना की जा रही है।

हर ब्लॉक में मिनी स्टेडियम्स और आउटडोर फिटनेस जोन बनाए जा रहे हैं।

ग्रामीण और आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए टैलेंट स्काउटिंग अभियान शुरू हुआ है।

यह सब भारत को 2047 तक विश्व की टॉप स्पोर्ट्स महाशक्ति बनाने के मिशन का हिस्सा है।

शिक्षा में खेलों का एकीकरण: अब खेल भी करियर है

अब CBSE और कई राज्य बोर्ड्स ने स्कूली शिक्षा में खेलों को मुख्य विषय के रूप में शामिल करना शुरू कर दिया है। साथ ही:

NEP 2020 (नई शिक्षा नीति) के तहत खेलों को सह-अकादमिक नहीं, बल्कि मुख्य दक्षता क्षेत्र माना गया है।

विश्वविद्यालयों में खेल छात्रवृत्ति और स्पोर्ट्स कोटा में बढ़ोतरी की गई है।

खेल विश्वविद्यालय जैसे कि स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, मणिपुर ने नई पीढ़ी को पेशेवर प्रशिक्षण देना शुरू किया है।

खेलों में तकनीक का भविष्य: डेटा, AI और एनालिटिक्स

Khelo India Youth Games 2025 में डेटा एनालिटिक्स, AI बेस्ड परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग, ड्रोन कैमरा कवरेज, और वर्चुअल ट्रेनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग हुआ।

खिलाड़ियों की गति, सहनशक्ति, एक्यूरेसी, रिकवरी आदि का डाटा National Sports Repository में सुरक्षित किया जा रहा है।

इससे भारत का अपना खेल डेटा बैंक बन रहा है, जो आने वाले समय में कोचिंग और टैलेंट हंटिंग में मदद करेगा।

लड़कियों की भागीदारी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

2025 के Khelo India Youth Games में लड़कियों की भागीदारी पहली बार 45% से अधिक रही, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

बेटियों को खास प्रशिक्षण केंद्र, सुरक्षा सुविधा, खेल किट और पोषण सहायता दी गई।

महिला कोचों की नियुक्ति और मेंस्ट्रुअल हेल्थ अवेयरनेस जैसी पहल ने लड़कियों को आत्मनिर्भर और प्रेरित बनाया।

यह “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ” मिशन को ज़मीन पर उतारने की मिसाल है।

7th Khelo India Youth Games 2025: बिहार की मेजबानी में भारत को खेलों में सुपरपावर बनाने वाला ऐतिहासिक कदम!
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खेल नीति में बदलाव की तैयारी: राज्य से राष्ट्र की नीति

Khelo India Youth Games के अनुभवों के आधार पर भारत सरकार एक नई राष्ट्रीय खेल नीति (National Sports Policy 2025) की तैयारी कर रही है, जिसमें मुख्य बिंदु होंगे:

हर नागरिक के लिए खेल अनिवार्यता – स्कूल से वयस्क तक

खिलाड़ियों की सामाजिक सुरक्षा – बीमा, पेंशन, मेडिकल सहायता

कोचिंग रिवोल्यूशन – तकनीकी और व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिए विदेशी एक्सपर्ट्स को जोड़ा जाएगा

खेल क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा – CSR (Corporate Social Responsibility) फंड का इस्तेमाल खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में

राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समागम का मंच

Khelo India Youth Games सिर्फ स्पर्धा नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता का सबसे बड़ा मंच बन गया है। अलग-अलग राज्यों, भाषाओं, संस्कृतियों, और पहनावे के खिलाड़ी जब एक मंच पर आते हैं, तो भारत की विविधता में एकता साकार होती है।

बिहार के लोक नृत्य, मिथिला चित्रकला, पारंपरिक व्यंजन और हस्तशिल्प की विशेष प्रदर्शनी ने खिलाड़ियों और दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहराई से रूबरू कराया।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरक सोच: युवा ही राष्ट्र का भविष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वीडियो संबोधन में कहा:

> “खेल केवल शरीर नहीं, बल्कि चरित्र बनाते हैं। जो मैदान में जीतेगा, वही जीवन में आगे बढ़ेगा। देश को नायक चाहिए, और खेल ये नायक बनाते हैं।”

यह सोच ही खेलों के प्रति सकारात्मक क्रांति का मूल है, जिसमें युवा, गाँव, राज्य, नीति और राष्ट्र – सब एक सूत्र में बंधे हैं।

निष्कर्ष: Khelo India Youth Games 2025 – एक नए भारत की प्रेरणा

Khelo India Youth Games 2025 सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि नए भारत के आत्मविश्वास, एकता और उन्नति का प्रतीक बन चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह आयोजन एक ऐसी क्रांति का हिस्सा बन गया है, जो देश के हर बच्चे को खेलों के माध्यम से न केवल स्वस्थ बना रहा है, बल्कि नेतृत्व, अनुशासन और सफलता के पथ पर भी अग्रसर कर रहा है।

इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब केवल ओलंपिक में पदक गिनने वाला देश नहीं रहेगा, बल्कि खेलों को जीवनशैली और राष्ट्र निर्माण का आधार बना चुका है।

“जो खेलेगा वो खिलेगा” – यह अब केवल नारा नहीं, बल्कि हर भारतीय युवा की पहचान बन रहा है।

Khelo India Youth Games 2025 ने यह स्पष्ट किया कि भारत का भविष्य अब मैदान में है, और यह मैदान सिर्फ खिलाड़ियों के नहीं, बल्कि भारत के हर युवा, हर गाँव, हर सपने के हैं।

“खेलो भारत, बढ़ो भारत!”
“युवा शक्ति, खेल शक्ति!”
“खेल है तो कल है!”


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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