मिशन मौसम, राष्ट्रीय सेना दिवस, महाकुम्भ 2025, मकर सक्रांति आदि से जुड़े सभी महत्वपूर्ण कर्रेंट अफेयर
मिशन मौसम का शुभारंभ
भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मौसम विभाग की 150वीं वर्ष गांठ के अवसर पर मिशन मौसम की शुरुआत की है.
इस मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर 2024 में 2 वर्षों के लिए 2000 करोड रुपए के बजट के साथ स्वीकृति प्रदान की थी यह मिशन भारत को मौसम के लिए तैयार और जलवायु स्मार्ट राष्ट्र बनाने में मदद करेगा.
मिशन मौसम के मुख्य उद्देश्य
* उन्नत यंत्रों के साथ नई पीढ़ी के राडार और उपग्रह प्रणाली की शुरुआत करना
* मौसम के प्रबंधन के लिए नई तकनीकों का विकास करना
* मौसम के लिए क्षमता निर्माण और जागरूकता को बढ़ाना
* मौसम और जलवायु से संबंधित प्रक्रियाओं में सुधार करना और पूर्व अनुमान क्षमताओं का विस्तार करना
* अंतिम छोर तक सतर्कता के लिए अत्याधुनिक प्रसार करके उस प्रणाली का विकास करना
* आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करते हुए एक उन्नत पृथ्वी प्रणाली मॉडल को विकसित करना
* उच्च प्रदर्शन करने वाले सुपर कंप्यूटरो का कार्यान्वयन Click here
महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर पहला अमृत स्नान
14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के शुभ पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे हैं महाकुंभ 2025 का प्रथम अमृत स्नान संपन्न हुआ.
इस पावन अवसर पर 3 करोड़ 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई. जिससे महाकुंभ के पहले दो दिनों में ही श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 5 करोड़ से अधिक हो गई है जो की बहुत बड़ी संख्या है.
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है इसकी अपनी अलग महत्वता है इस त्यौहार को मनाए जाने के पीछे है बताया जाता है कि यह त्यौहार सूर्य देवता के मकर राशि में प्रवेश करने के लिए मनाया जाता है.
जो की सनातन धर्म में बड़ा शुभ माना जाता है वहीं दूसरी और यह त्यौहार सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का संकेत देता है. हिंदू धर्म में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि इस अवसर पर जो कोई भी पवित्र नदियों में स्नान करता है.
उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके लिए मोक्ष का द्वार खुल जाता है. जब सूर्य उत्तरायण होता है तो दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है जिसे जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार होता है.
महाकुंभ 2025 की विशेषताएं
* महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 वर्षों में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होता है जहां पर गंगा जमुना सरस्वती जैसी तीन पवित्र नदियों का संगम होता है जिसको त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है.
* यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है जिसमें देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु इस पावन अवसर पर शामिल होकर आस्था की डुबकी लगाते हैं और अपने पापों से छुटकारा पाते हैं तथा अपने लिए मोक्ष का द्वार खोलते हैं.
• महाकुंभ 2025 में विभिन्न तिथियों पर अमृत स्नान का आयोजन करेंगे जिनमें मकर संक्रांति का स्नान एक विशेष महत्व रखता है.
सेना दिवस 2025
भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है यह दिवस 1949 में फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा के भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ के बनने की याद में आयोजित किया जाता है.
इस दिवस के अवसर पर हम अपने सैनिकों की असाधारण वीरता और अटूट समर्पण को सलाम करते हैं.
सेना दिवस परेड 2025
सेना दिवस 2025 के अवसर पर परेड का आयोजन पहली बार महाराष्ट्र के पुणे में किया जाएगा जो भारतीय सेना की दक्षिणी कमान का मुख्यालय है. यह परेड बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर में आयोजित होगी.
जिसमें मार्चिंग टुकड़िया, मशीनीकृत स्तंभ, ड्रोन और रोबोटिक्स जैसी हैवी तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा किया जाएगा. इससे पहले साल 2023 में यह परेड बेंगलुरु में तथा 2024 में यह परेड लखनऊ में आयोजित हुई थी. Read more…
सेना का प्रमुख दौरा
नवंबर 2024 में थल सेना के दक्षिणी कमान का दौरा थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया था और 2025 में होने वाली सेना दिवस परेड की समीक्षा की थी. उन्होंने सेवानिवृत्त सैनिकों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया था.
अपनी सेना को जानो नामक प्रदर्शनी
जनवरी 2025 में महाराष्ट्र के पुणे में अपनी सेना को जानो नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा जहां नागरिक उन्नत हथियारों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे सैनिकों से बातचीत कर सकेंगे यह पहल सैनिकों और नागरिकों के बीच एक संबंध को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाई गई है.