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Parasakthi: आखिर क्यों हो रही है हर तरफ चर्चा? जानिए चौंकाने वाला कारण!

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Parasakthi: क्यों है सुर्खियों में? जानिए इसके पीछे की पूरी सच्चाई!

परिचय-पराशक्ति’ (Parasakthi) एक ऐतिहासिक तमिल फिल्म है, जो साल 1952 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म अपने समय में न केवल एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक क्रांति का प्रतीक भी बनी।

इस तमिल फ़िल्म का निर्देशन कृष्णन-पंजू की जोड़ी ने किया था। इस फिल्म की स्क्रिप्ट को एम. करुणानिधि ने लिखा था , जो आगे चलकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बने। इस फिल्म में शिवाजी गणेशन (Shivaji Ganesan) और एस. एस. राजेंद्रन ने मुख्य भूमिका निभाई.

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यह फिल्म न केवल एक मनोरंजन का साधन थी, बल्कि इसमें समाज की कुरीतियों, धार्मिक आडंबरों और जातिवाद पर तीखा प्रहार किया गया था। यही मुख्य कारण था कि यह फिल्म विवादों में भी रही।

हाल ही में, यह फिल्म एक बार फिर से चर्चा में आई है। इसके चर्चा मे आने के पीछे कई ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक कारण देखे जा रहे हैं. Read more…

तमिल फ़िल्म पराशक्ति’ का ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व

भारतीय तमिल सिनेमा के इतिहास में ‘पराशक्ति’ फ़िल्म एक मील का पत्थर साबित हुई है। यह फिल्म भारत की स्वतंत्रता के बाद भारतीय समाज में फैली व्याप्त असमानता, ब्राह्मणवादी परंपराओं और धार्मिक आडंबरों की आलोचना करती है.

पराशक्ति फिल्म का ऐतिहासिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह उस समय के द्रविड़ आंदोलन (Dravidian Movement) के विचारों को बड़े पर्दे पर लेकर आई। इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे समाज के आम नागरिकों को धर्म और जातिवाद के नाम पर शोषित किया जाता है.

इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट इतनी प्रभावशाली थी कि आज भी इसके संवाद तमिल सिनेमा के सबसे चर्चित संवादों में गिने जाते हैं.

पराशक्ति फिल्म की कहानी और इसके मुख्य पात्र

पराशक्ति फिल्म की कहानी एक मध्यमवर्गीय तमिल परिवार के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है, जो विभाजन और गरीबी की मार झेल रहा है। इस कहानी के मुख्य पात्र हैं:

* गुणासेकरण (Shivaji Ganesan) – एक शिक्षित युवा है , जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता है.

* कुंदमबाई (S. Varalakshmi) – एक महिला हैं, जो पुरुष-प्रधान समाज की सच्चाई से संघर्ष करती रहती है.

* चिन्नैया (S. S. Rajendran) – यह गुणासेकरण का छोटा भाई हैं, जो परिस्थितियों के कारण पुजारी बन जाता है.

इस फ़िल्म की कहानी में दिखाया गया है कि कैसे एक गरीब परिवार को समाज की विषमताओं से लड़ना पड़ता है और धर्म के नाम पर होने वाले शोषण से बचने का प्रयास करता है.

पराशक्ति तमिल फ़िल्म का द्रविड़ आंदोलन से संबंध

‘पराशक्ति’ सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के विचारों का प्रचार करने का एक माध्यम भी थी.

द्रविड़ आंदोलन का मुख्य उद्देश्य:

•समाज मे फैली ब्राह्मणवादी व्यवस्था का विरोध करना.

•समाज के अंदर सामाजिक समानता स्थापित करना.

•समाज के भीतर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करना.

•समाज मे फैले अंधविश्वास और धार्मिक आडंबरों को समाप्त करना.

इस फ़िल्म में यह दिखाया गया हैं कि कैसे मंदिरों और धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर उनके साथ अन्याय किया जाता है। इस फ़िल्म मे एक पुजारी द्वारा महिला के शोषण का दृश्य भी शामिल था, जिसने इसे और विवादास्पद मुद्दा बना दिया है.

इस फ़िल्म पर विवाद और सेंसरशिप मुद्दा

‘पराशक्ति’ फ़िल्म अपने समय मे विवादास्पद संवादों और दृश्यों के कारण सेंसर बोर्ड के निशाने पर आ गई थी.

इस फिल्म में दिखाया यह गया था कि कैसे एक गरीब महिला मंदिर में मदद मांगने जाती है, लेकिन उसे गरीब समझकर अपमानित किया जाता है.

इस फ़िल्म मे ब्राह्मणवाद और अंधविश्वास पर कठोर टिप्पणियां की गई थीं, जो इसके मुख्य विवाद का कारण बना था.

भारत के कई धार्मिक संगठनों ने इस फ़िल्म पर आपत्ति जताई और इसे हिंदू धर्म के खिलाफ प्रचार बताया है.

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हालांकि, इस फ़िल्म के विवादसपद रहने के बावजूद भी तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी (C. Rajagopalachari) ने फिल्म को रिलीज़ होने दिया, जिस कारण यह फ़िल्म एक ऐतिहासिक फिल्म बन गई.

पराशक्ति फिल्म के वर्तमान मे चर्चा का मुख्य कारण

हाल ही में, तमिल फ़िल्म ‘पराशक्ति’ फिर से चर्चा में आई है। इसके चर्चा मे रहने के पीछे कई कारण बताये जा रहे हैं:

1. आज के डिजिटल युग में नई पीढ़ी की रुचि

अब जब पुरानी फिल्मों को डिजिटल रूप में दिखाया जा रहा है, तो आज की युवा पीढ़ी इस फिल्म को देखकर उसकी प्रासंगिकता को समझ रही है।

2. इस फ़िल्म के राजनीतिक संदर्भ

इस फ़िल्म मे द्रविड़ राजनीति और सामाजिक सुधारों पर एक बार फिर से नए सिरे से चर्चा हो रही है, जिसमें ‘पराशक्ति’ फ़िल्म का विशेष उल्लेख किया जाता है.

3. भारतीय तमिल सिनेमा के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान

इस फिल्म को इतिहासकार और समीक्षक तमिल सिनेमा की सबसे प्रभावशाली फिल्मों में से एक मानते हैं. Click here 

पराशक्ति’ फ़िल्म की विरासत और इसके प्रभाव

•इस फिल्म ने शिवाजी गणेशन और एस. एस. राजेंद्रन को सुपरस्टार बना दिया।

* इस फ़िल्म मे एम. करुणानिधि के संवाद लेखन ने उन्हें तमिल राजनीति में एक मजबूत आधार दिया।

* फिल्म ने द्रविड़ आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद की तथा आज की वह युवा पीढ़ी को जागरूक करने में मदद मिली.

* इस फ़िल्म के आने से तमिल सिनेमा में सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्मों का एक नया दौर शुरू हुआ.

‘पराशक्ति’ ने साबित कर दिया कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का एक शक्तिशाली माध्यम भी हो सकता है। Parasakthi

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