Atal Pension Yojana: कैसे 7.65 करोड़ लोगों ने चुनी सुरक्षित और सम्मानजनक वृद्धावस्था?

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Atal Pension Yojana: जानिए वो 5 राज़ जो इसे भारत की सबसे भरोसेमंद योजना बनाते हैं!

भूमिका: जब बुढ़ापा सताए, तो अटल योजना काम आए

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हर इंसान की एक उम्र होती है जब वो अपने शरीर से ज्यादा मेहनत नहीं कर सकता। ऐसे में सबसे जरूरी चीज होती है – वित्तीय सुरक्षा, यानी आर्थिक मजबूती।

भारत जैसे देश में, जहां करोड़ों लोग असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं – जैसे दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, ड्राइवर, घरेलू सहायक आदि – उनके पास ना तो पीएफ होता है, ना पेंशन। ऐसे में एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा योजना की जरूरत हमेशा महसूस की जाती रही है।

इसी जरूरत को समझते हुए भारत सरकार ने 1 जून 2015 को एक ऐसी योजना शुरू की जिसने अब तक करोड़ों भारतीयों के भविष्य को थाम रखा है – अटल पेंशन योजना।

2025 की शुरुआत में यह योजना 7.65 करोड़ सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार कर गई है – जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। आखिर ऐसा क्या है इस योजना में, जो करोड़ों लोगों का भरोसा जीत पाई है? आइए, जानते हैं पूरी कहानी – बिल्कुल गहराई में।

योजना का उद्देश्य: बुज़ुर्गों को सम्मानजनक जीवन देना

अटल पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य था – असंगठित क्षेत्र के लोगों को 60 साल की उम्र के बाद नियमित मासिक पेंशन देना, जिससे वे बुढ़ापे में दूसरों पर निर्भर न रहें।

इसका निर्माण इस सोच पर किया गया कि,

> “बुढ़ापा बोझ नहीं, सम्मान का समय होना चाहिए।”

सरकार का लक्ष्य यह भी था कि ज्यादा से ज्यादा लोग पेंशन संस्कृति से जुड़ें ताकि समाज में समान आर्थिक अवसर पैदा हो सकें।

7.65 करोड़ का आंकड़ा: आखिर क्या रहा सफलता का राज?

1. आसान प्रक्रिया और पहुंच

इस योजना में जुड़ना बहुत ही सरल है। न तो किसी भारी-भरकम दस्तावेज़ की ज़रूरत है, न ही कोई तकनीकी अड़चन। एक सामान्य बचत खाता, आधार और मोबाइल नंबर से ही आप योजना से जुड़ सकते हैं।

2. कम प्रीमियम – बड़ी राहत

ज्यादा लोग इस योजना से इसलिए जुड़ पाए क्योंकि इसमें हर महीने की प्रीमियम राशि बेहद कम है – ₹42 से शुरू होकर ₹210 तक। यानी एक सामान्य मजदूर भी आसानी से इसमें योगदान कर सकता है।

3. गारंटीड रिटर्न का भरोसा

यह एक गारंटीड पेंशन योजना है। सब्सक्राइबर को 60 साल की उम्र के बाद ₹1000 से ₹5000 तक की मासिक पेंशन मिलती है, जो सरकार द्वारा सुनिश्चित है।

4. परिवार की सुरक्षा

अगर सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाती है, तो उसका जीवनसाथी भी पेंशन प्राप्त करता है, और दोनों के न रहने पर नामांकित व्यक्ति को पूरा कॉर्पस (जमा राशि) मिल जाती है।

5. जागरूकता अभियान

सरकार ने टीवी, रेडियो, पोस्टर, ग्राम पंचायत, बैंक इत्यादि के ज़रिए इस योजना के बारे में जानकारी दी, जिससे गांव और छोटे शहरों तक इसकी पहुंच बनी।

कौन-कौन जुड़ सकता है इस योजना से?

भारत का कोई भी नागरिक

आयु सीमा: 18 से 40 वर्ष

सक्रिय बचत खाता आवश्यक

नामांकन आवश्यक (परिवार में किसी को नामित करना होता है)

पेंशन विकल्प और योगदान तालिका

पेंशन राशि चुनने पर, हर व्यक्ति की उम्र के अनुसार योगदान तय होता है। उदाहरण के लिए:

यदि आपने 18 साल की उम्र में योजना शुरू की और ₹5000 की मासिक पेंशन चाहते हैं, तो आपका मासिक योगदान करीब ₹210 रहेगा।

वहीं 35 साल की उम्र में ₹2000 पेंशन के लिए ₹297 देना होगा।

नोट: ये राशि बैंक के माध्यम से ऑटो-डिडक्ट होती है।

Atal Pension Yojana: कैसे 7.65 करोड़ लोगों ने चुनी सुरक्षित और सम्मानजनक वृद्धावस्था?
Atal Pension Yojana: कैसे 7.65 करोड़ लोगों ने चुनी सुरक्षित और सम्मानजनक वृद्धावस्था?

बुढ़ापे में कैसे मददगार है यह योजना?

1. सुनिश्चित मासिक आय

60 वर्ष की उम्र के बाद व्यक्ति को एक निश्चित मासिक पेंशन मिलने लगती है। यह राशि जीवनभर मिलती है, जिससे कोई बुजुर्ग व्यक्ति भी सम्मानपूर्वक जीवन जी सकता है।

2. आत्मनिर्भरता की भावना

बुजुर्ग दूसरों पर निर्भर नहीं रहते। उन्हें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता।

3. परिवार को सहारा

अगर पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी/पति को उसी राशि में पेंशन मिलती है। यानी ये योजना सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं, पूरे परिवार की आर्थिक सुरक्षा बन जाती है।

4. वित्तीय अनुशासन और बचत की आदत

मासिक योगदान के कारण व्यक्ति में बचत की आदत बनती है, जो भविष्य के लिए बेहतर साबित होती है।

2025 में योजना में क्या नए बदलाव या प्रगति आई है?

1. डिजिटल नामांकन को बढ़ावा

अब APY में डिजिटल माध्यम से नामांकन आसान हो गया है – जैसे इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप, और आधार आधारित KYC।

2. महिलाओं की भागीदारी बढ़ी

2025 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 48% सब्सक्राइबर्स महिलाएं हैं, जो योजना की समावेशिता को दर्शाता है।

3. ग्रामीण क्षेत्र में जबरदस्त विस्तार

PMJDY (जन धन योजना) के बैंक खातों से जुड़ाव और सरकारी प्रोत्साहन के कारण गांवों में भी अब लोग APY से जुड़ रहे हैं।

4. जागरूकता शिविरों की संख्या बढ़ी

सरकार ने राज्य स्तर पर हजारों कैम्प आयोजित किए ताकि असंगठित क्षेत्र के लोगों को योजना से जोड़ा जा सके।

बैंक और सरकार की भूमिका

बैंक इस योजना को प्रमोट करने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

सरकार हर साल समीक्षा करती है और जरूरत पड़ने पर दिशा-निर्देशों में बदलाव करती है।

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) इसके क्रियान्वयन की निगरानी करते हैं।

अटल पेंशन योजना (APY) बनाम अन्य पेंशन योजनाएं: कौन है आपके लिए बेहतर?

1. योजना का उद्देश्य

Atal Pension Yojana खासतौर पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बनाई गई है ताकि उन्हें वृद्धावस्था में निश्चित मासिक पेंशन मिल सके। इसका उद्देश्य है – कम आय वालों को आर्थिक सुरक्षा देना।

NPS (National Pension System) सभी नागरिकों के लिए खुली है, खासकर नौकरीपेशा और उच्च आय वर्ग के लिए उपयुक्त। इसका उद्देश्य है – रिटायरमेंट के लिए बड़ी पूंजी इकट्ठा करना।

EPS (Employees’ Pension Scheme) केवल संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है, जिनका EPF कटता है। यह कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के योगदान से बनती है।

PM-SYM (Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan Yojana) भी असंगठित श्रमिकों के लिए है, लेकिन इसमें सरकार पेंशन का पूरा प्रबंधन करती है।

2. योगदान (Monthly Investment)

APY में योगदान व्यक्ति की उम्र और चुनी गई पेंशन राशि पर निर्भर करता है। न्यूनतम ₹42 से ₹210 तक मासिक जमा करना होता है।

NPS में निवेश की कोई तय सीमा नहीं है। आप जितना चाहें, उतना निवेश कर सकते हैं। यह योजना लचीलापन देती है।

EPS में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 8.33% हिस्सा जमा होता है, और यह कटौती स्वतः होती है।

PM-SYM में भी APY जैसा ही योगदान है – 18 वर्ष की उम्र में ₹55 और 40 वर्ष में ₹200 तक मासिक निवेश करना होता है।

Atal Pension Yojana
Atal Pension Yojana: कैसे 7.65 करोड़ लोगों ने चुनी सुरक्षित और सम्मानजनक वृद्धावस्था?

3. Atal Pension Yojana राशि और गारंटी

Atal Pension Yojana में पेंशन राशि तय होती है – ₹1000 से ₹5000 प्रति माह तक, जो जीवनभर मिलेगी। इसे सरकार गारंटी करती है।

NPS में पेंशन राशि तय नहीं होती। यह इस पर निर्भर करती है कि आपने कितनी राशि निवेश की और उस पर कितना रिटर्न मिला। गारंटी नहीं होती।

EPS में पेंशन की गणना एक तय फॉर्मूले से होती है, लेकिन यह भी कम आय वालों के लिए उपयोगी होती है। यह भी निश्चित होती है लेकिन राशि कम होती है।

PM-SYM में भी ₹3000 तक की गारंटी पेंशन सरकार देती है, लेकिन यह APY जितनी लोकप्रिय और स्थिर नहीं है।

4. सरकार की भागीदारी

APY में सरकार ने शुरुआती वर्षों में कुछ योगदान भी दिया था (2015 से 2020 तक)। इसके अलावा, सरकार Atal Pension Yojana राशि की गारंटी भी देती है।

NPS में सरकार कोई गारंटी नहीं देती, सिर्फ नियम तय करती है। यह पूरी तरह बाजार आधारित है।

EPS में सरकार और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है, लेकिन पूरी प्रक्रिया EPFO के तहत चलती है।

PM-SYM में सरकार पूरी पेंशन का प्रबंधन करती है, लेकिन इसमें लोकप्रियता और सुविधा दोनों ही कम हैं।

5. टैक्स लाभ

Atal Pension Yojana में निवेश पर 80CCD(1) और 80CCD(1B) के तहत टैक्स छूट मिल सकती है।

NPS में 80C के अलावा 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 तक अतिरिक्त छूट मिलती है – यह टैक्स लाभ के लिहाज से सबसे बेहतर योजना है।

EPS और PM-SYM में प्रत्यक्ष रूप से टैक्स छूट बहुत सीमित या नगण्य होती है।

6. लचीलापन और नियंत्रण

APY में एक बार Atal Pension Yojana चुन लेने के बाद उसे बदलना कठिन होता है, और योजना से बाहर निकलने के विकल्प सीमित हैं।

NPS में लचीलापन अधिक है – आप निवेश बढ़ा सकते हैं, बंद कर सकते हैं, आंशिक निकासी भी कर सकते हैं।

EPS पूरी तरह आपके नियोक्ता पर निर्भर है, इसमें व्यक्ति का नियंत्रण बहुत कम होता है।

PM-SYM में भी लचीलापन कम है – एक बार जुड़ने के बाद नियमित योगदान जरूरी होता है।

7. लोकप्रियता और अपनाने की दर

Atal Pension Yojana 2025 तक 7.65 करोड़ से अधिक खातों के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली पेंशन योजना बन गई है।

NPS खासकर उच्च शिक्षित और नौकरीपेशा वर्ग में लोकप्रिय है, लेकिन इसकी पहुंच आम जन तक सीमित है।

EPS सिर्फ संगठित क्षेत्र में ही लागू होती है, इसलिए इसका दायरा सीमित है।

PM-SYM अभी भी ज्यादा लोगों तक नहीं पहुंच सकी है, और इसका क्रियान्वयन उतना प्रभावी नहीं है।

Atal Pension Yojana में जुड़ने की प्रक्रिया: Step-by-Step

अभी तक आपने जाना कि Atal Pension Yojana क्या है, इसके लाभ क्या हैं, लेकिन एक आम व्यक्ति के लिए यह जानना जरूरी है कि इसमें जुड़ना कितना आसान है। चलिए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं:

स्टेप 1: बैंक खाता होना जरूरी

किसी भी राष्ट्रीयकृत, निजी या ग्रामीण बैंक में सक्रिय बचत खाता (Saving Account) जरूरी है।

यदि आपके पास जनधन खाता है, तो भी आप इससे जुड़ सकते हैं।

स्टेप 2: APY फॉर्म भरना

बैंक से Atal Pension Yojana का फॉर्म प्राप्त करें या बैंक की वेबसाइट से डाउनलोड करें।

उसमें अपना नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, नामांकित व्यक्ति का विवरण आदि भरें।

स्टेप 3: पेंशन राशि का चयन

आपको ₹1000, ₹2000, ₹3000, ₹4000 या ₹5000 में से कोई एक राशि चुननी होगी जो 60 साल के बाद मासिक पेंशन के रूप में मिलेगी।

स्टेप 4: ऑटो-डेबिट की सहमति

आपकी चुनी गई राशि हर महीने अपने आप बैंक खाते से कटेगी।

आप इसे मासिक, त्रैमासिक या छमाही आधार पर भी चुन सकते हैं।

स्टेप 5: पुष्टि और पंजीकरण

बैंक आपको एक Reference Number और पंजीकरण की पुष्टि देगा।

आप इस रजिस्ट्रेशन की जानकारी बैंक या ऑनलाइन पोर्टल पर देख सकते हैं।

पेंशन फंड का प्रबंधन कैसे होता है?

Atal Pension Yojana का प्रबंधन करता है –

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA), जो एक स्वायत्त निकाय है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित बातें आती हैं:

सभी निवेश सरकारी गारंटी के अंतर्गत किए जाते हैं।

आपकी राशि सुरक्षित निवेश विकल्पों में लगाई जाती है, जिससे रिटर्न सुनिश्चित किया जा सके।

सरकार यदि आवश्यक समझे, तो किसी वर्ष में सहायता राशि भी दे सकती है।

अगर समय पर भुगतान न हो तो क्या होगा?

यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। कई बार व्यक्ति के खाते में पर्याप्त राशि न होने पर किस्त नहीं कट पाती, ऐसे में:

1. जुर्माना लगता है:

यदि महीने की किस्त ₹100 से कम है, तो ₹1 जुर्माना लगेगा।

₹101-₹500 के लिए ₹2 और ₹501 से अधिक के लिए ₹5 तक का जुर्माना लगाया जाता है।

2. खाता बंद भी हो सकता है:

6 महीनों तक लगातार भुगतान न होने पर खाता फ्रीज़ कर दिया जाता है।

12 महीनों तक भुगतान न होने पर खाता बंद किया जा सकता है।

3. समाधान क्या है?

समय पर खाता चेक करें, उसमें पर्याप्त राशि रखें।

मोबाइल अलर्ट चालू रखें ताकि समय पर सूचना मिलती रहे।

क्या कोई बीच में योजना छोड़ सकता है?

हां, लेकिन यह केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही संभव है:

1. सब्सक्राइबर की मृत्यु:

ऐसी स्थिति में जीवनसाथी को पेंशन मिलती है।

यदि जीवनसाथी भी न हो, तो पूरा कॉर्पस नामांकित व्यक्ति को मिल जाता है।

2. गंभीर बीमारी या आपातकालीन कारण:

सरकार ने कुछ चुनिंदा मामलों में Atal Pension Yojana से बाहर निकलने की अनुमति दी है, लेकिन पूरी प्रक्रिया बैंक के माध्यम से की जाती है।

टैक्स लाभ क्या मिलता है?

Atal Pension Yojana में किया गया निवेश धारा 80CCD(1) के तहत आयकर से छूट योग्य है।

इसका लाभ आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्ति ही उठा सकते हैं।

कैसे पता करें कि आपका Atal Pension Yojana खाता सक्रिय है?

PFRDA द्वारा एक पोर्टल जारी किया गया है जहां आप अपने खाते की स्थिति देख सकते हैं।

आप क्या देख सकते हैं?

आपके खाते में कितनी राशि जमा हुई है

अगली किस्त की तारीख

आपकी पेंशन राशि

पंजीकरण की पुष्टि

Atal Pension Yojana: सामाजिक बदलाव की रीढ़

1. सम्मानजनक वृद्धावस्था की दिशा में कदम

भारत जैसे देश में, जहां परिवार व्यवस्था धीरे-धीरे परमाणु परिवार में बदल रही है, वृद्ध जनों के लिए आर्थिक निर्भरता एक गंभीर मुद्दा बन गया है। अटल पेंशन योजना ने इस परिस्थिति में एक सम्मानजनक विकल्प दिया है:

बुजुर्ग अब अपने बेटों या परिवार पर निर्भर नहीं रहेंगे।

पेंशन एक नियमित और सुनिश्चित आय का स्रोत बनती है।

2. महिला सशक्तिकरण में भूमिका

कई घरेलू महिलाएं भी Atal Pension Yojana में जुड़ी हैं, खासकर वे जो घरेलू कामकाज करती हैं लेकिन आय नहीं होती। पति के नाम पर खाता खोलकर नामिनी बनाया जाता है या खुद भी योजना से जुड़ती हैं, जिससे:

महिला की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

पेंशन उनके आत्म-सम्मान को बढ़ाती है।

Atal Pension Yojana: असंगठित क्षेत्र में क्रांति

1. रेहड़ी-पटरी वाले, मजदूर, छोटे कारीगर अब सिस्टम में शामिल

पहले जिनकी कोई पहचान नहीं थी, न PF था, न पेंशन – अब वे लोग सरकारी सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क का हिस्सा बन रहे हैं।

Atal Pension Yojana उन्हें मुख्यधारा से जोड़ती है।

इससे आर्थिक समावेशन (financial inclusion) बढ़ रहा है।

Atal Pension Yojana के 7.65 करोड़ आंकड़े का असली मतलब क्या है?

यह संख्या सिर्फ एक सरकारी आंकड़ा नहीं है, यह दर्शाता है कि:

लोगों में भविष्य की चिंता और जागरूकता बढ़ी है।

सरकार की योजनाओं में अब जनता की आस्था बढ़ रही है।

यह भारत के सामाजिक सुरक्षा ढांचे को बदलने की क्रांति है।

सरकार की नई रणनीतियाँ: भविष्य में क्या बदलाव आ सकते हैं?

1. डिजिटल इंटरफेस का विस्तार

जल्द ही UPI आधारित अटल पेंशन भुगतान पोर्टल लॉन्च किया जाएगा, जिससे लोग गूगल पे, फोन पे आदि से भी भुगतान कर सकें।

2. MSME और ई-श्रम पोर्टल के साथ इंटीग्रेशन

सरकार MSME सेक्टर के कर्मचारियों और ई-श्रम कार्ड धारकों को स्वचालित रूप से योजना से जोड़ने की तैयारी कर रही है।

3. पेंशन राशि का संशोधन

यह विचार चल रहा है कि ₹5000 की अधिकतम राशि को ₹7500 या ₹10000 तक किया जाए, ताकि महंगाई को ध्यान में रखा जा सके।

विशेष ध्यान देने योग्य बातें: यदि आप APY से जुड़े हैं या जुड़ना चाहते हैं

हमेशा अपने खाते में न्यूनतम आवश्यक राशि बनाए रखें ताकि किस्त कट सके।

यदि आप मोबाइल नंबर बदलते हैं, तो बैंक को जरूर सूचना दें।

हर वर्ष अपने APY खाते का statement जरूर चेक करें।

यदि परिवार की स्थिति में बदलाव हो (जैसे मृत्यु, तलाक, बच्चा) तो नामांकित व्यक्ति का नाम अपडेट करें।

क्यों यह Atal Pension Yojana सबसे अधिक भरोसेमंद है?

1. सरकारी गारंटी

आपको जो पेंशन तय की गई है, वह सरकार द्वारा पूरी तरह गारंटीकृत है। यदि कहीं कोई निवेश में कमी आती है, तब भी सरकार आपके लाभ की भरपाई करेगी।

2. न्यूनतम योगदान, अधिकतम लाभ

₹42 प्रति माह से लेकर ₹210 तक का योगदान और बदले में ₹1000 से ₹5000 तक की मासिक जीवनभर पेंशन – इससे बेहतर कोई पेंशन योजना भारत में नहीं है।

भविष्य की संभावनाएं: क्या Atal Pension Yojana और भी मज़बूत होगी?

1. ₹10,000 पेंशन विकल्प की मांग

अब तक अधिकतम ₹5000 मासिक पेंशन विकल्प है, लेकिन कई सामाजिक संगठनों और नीति विशेषज्ञों की राय है कि इसे ₹10,000 तक बढ़ाया जाए, ताकि महंगाई के अनुसार बुजुर्गों को वास्तविक लाभ मिले।

2. असंगठित क्षेत्र के डेटा से जुड़ाव

सरकार अब विभिन्न असंगठित क्षेत्र के पोर्टलों से APY को जोड़ने की योजना बना रही है, जैसे ई-श्रम कार्ड, जिससे लक्ष्य समूह को सीधे जोड़ना आसान होगा।

3. AI आधारित ट्रैकिंग सिस्टम

2025 में सरकार ने AI सिस्टम की बात कही है जिससे यह पता चल सकेगा कि किस राज्य, जिले या वर्ग में Atal Pension Yojana की पहुंच कम है – ताकि वहां और ज़ोर दिया जा सके।

निष्कर्ष: Atal Pension Yojana – आत्मनिर्भर वृद्धावस्था की गारंटी

Atal Pension Yojana भारत सरकार की उन सबसे सफल और दूरगामी योजनाओं में से एक है, जिसने असंगठित क्षेत्र के करोड़ों लोगों को सुरक्षित, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर वृद्धावस्था की दिशा में सशक्त किया है।

7.65 करोड़ से अधिक लोगों का इससे जुड़ना यह प्रमाणित करता है कि लोग अब भविष्य को लेकर जागरूक हो रहे हैं और सरकारी योजनाओं पर भरोसा कर रहे हैं।

Atal Pension Yojana न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि सामाजिक रूप से भी एक बड़ा बदलाव लाती है—जहाँ बुजुर्ग अब दूसरों पर निर्भर नहीं रहते, महिलाएं सशक्त होती हैं और छोटे कामगार भी आर्थिक मुख्यधारा का हिस्सा बनते हैं।

न्यूनतम निवेश, सरकारी गारंटी और आसान प्रक्रिया इसे हर वर्ग के लिए आकर्षक बनाती है।

भविष्य की योजनाएं जैसे डिजिटलीकरण, लाभ की सीमा बढ़ाना और MSME/ई-श्रम के साथ इंटीग्रेशन इसे और व्यापक बना रही हैं।

आज जरूरत इस बात की है कि हम सभी मिलकर इस योजना को घर-घर तक पहुँचाएँ, ताकि भारत का हर नागरिक अपनी वृद्धावस्था को सुरक्षित और सम्मानजनक बना सके।

अटल सोच, Atal Pension Yojana – एक सशक्त भारत की नींव।


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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