Banana Products से अब हर घर में कमाई! NRCB का Online Store बना नई उम्मीद!
प्रस्तावना: क्यों खास है ये पहल?
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Toggleभारत में Banana केवल एक फल नहीं, बल्कि करोड़ों किसानों की आजीविका और पोषण का मुख्य आधार है। लेकिन अब समय है कि केले को केवल ताजा फल के रूप में नहीं, बल्कि एक मूल्यवर्धित उत्पाद के रूप में देखा जाए।
इसी सोच को मूर्त रूप दे रहा है ICAR – National Research Centre for Banana (NRCB) तिरुचिरापल्ली, जो एक ऑनलाइन स्टोर लॉन्च करने जा रहा है।
यह स्टोर सिर्फ एक डिजिटल दुकान नहीं है, बल्कि यह भारतीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में एक मॉडल उदाहरण बनने की क्षमता रखता है।

ICAR-NRCB: एक परिचय
ICAR-NRCB भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाला विशेष संस्थान है जो विशेष रूप से केले पर अनुसंधान करता है। यह संस्थान न केवल नई किस्मों के विकास में अग्रणी है, बल्कि केले से बनने वाले उत्पादों की तकनीक विकसित करने और उसे उद्योगों और किसानों तक पहुँचाने का कार्य भी करता है।
निदेशक डॉ. आर. सेल्वराजन की अगुवाई में यह संस्थान अब एक कदम और आगे बढ़ा है — एक ऑनलाइन स्टोर की शुरुआत करके, जो न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देगा, बल्कि किसानों को भी बाज़ार से सीधा जोड़ेगा।
ऑनलाइन स्टोर: क्या होगा खास?
इस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर केवल केले आधारित चिप्स या जैम नहीं होंगे, बल्कि बहुत ही विविध और अभिनव उत्पाद होंगे। इनमें शामिल हैं:
केले का जैम, जूस, अचार
केले का आटा (gluten-free विकल्प के रूप में)
केले के रेशों से बने इको-फ्रेंडली उत्पाद जैसे बैग, चटाई आदि
केले की पत्तियों से बनी प्लेट्स और पैकेजिंग मटीरियल
सौंदर्य प्रसाधन (banana peel based cream, face packs)
स्वास्थ्य अनुपूरक (banana extract capsules, iron-rich banana powder)
यह सभी उत्पाद NRCB द्वारा प्रमाणित होंगे, जिससे ग्राहकों को भरोसा मिलेगा और उत्पादकों को पहचान।
किसानों के लिए लाभ
1. सीधा बाजार संपर्क
इस स्टोर के माध्यम से किसान अपने उत्पादों को सीधे बेच पाएंगे। इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी और अधिक मुनाफा किसानों को मिलेगा।
2. लाइसेंसिंग सिस्टम
NRCB किसानों और स्टार्टअप्स को टेक्नोलॉजी लाइसेंस देगा, जिससे वे केले आधारित उत्पाद बनाने की प्रक्रिया को अपनाकर उद्यमी बन सकेंगे।
3. स्थानीय से वैश्विक तक पहुंच
कई किसान अपने गांव या जिले तक ही सीमित रहते हैं, लेकिन यह प्लेटफॉर्म उन्हें देशभर और विदेशों तक पहुंच प्रदान करेगा।
उद्योग और स्टार्टअप के लिए अवसर
यह पहल नए स्टार्टअप्स के लिए भी बहुत बड़ा अवसर लेकर आई है। कोई भी इच्छुक युवा या महिला उद्यमी, NRCB से तकनीक लेकर, अपना उत्पादन यूनिट शुरू कर सकता है। कुछ उदाहरण:
“Banana Wellness” – स्वास्थ्य उत्पादों पर फोकस
“FiberCraft” – केले के रेशे से बनने वाले उत्पाद
“Kela Kitchen” – केले से बनने वाले स्नैक्स और इंस्टेंट फूड
स्वास्थ्य और पोषण में केले की भूमिका
ICAR-NRCB द्वारा विकसित की गई नई किस्में जैसे कावेरी कंचन, कावेरी वामन आदि न केवल उपज में बेहतर हैं, बल्कि पोषण में भी भरपूर हैं। इनमें बीटा-कैरोटीन, आयरन, और फाइबर अधिक मात्रा में होते हैं।
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली किस्में: डायबिटीज के रोगियों के लिए आदर्श
हाई आयरन बनाना फ्लोर: बच्चों और महिलाओं के लिए पूरक आहार
Banana: पैकेजिंग और ब्रांडिंग में नवाचार
NRCB केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है। यह संस्थान उत्पादों की पैकेजिंग, लेबलिंग, ब्रांड नाम चयन और मार्केटिंग में भी स्टार्टअप्स की मदद कर रहा है।
इको-फ्रेंडली पैकिंग
QR कोड आधारित ट्रेसबिलिटी
FSSAI मानकों के अनुरूप तैयारी
Banana उपभोक्ताओं के लिए क्या खास रहेगा?
गुणवत्तापूर्ण उत्पाद: NRCB द्वारा प्रमाणित
स्वदेशी उत्पाद: लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा
ईको-फ्रेंडली विकल्प: केले के रेशे और पत्तियों से बने उत्पाद
सपोर्ट टू फार्मर्स: खरीदारी के साथ-साथ किसान का समर्थन
Banana भविष्य की योजनाएं
NRCB की योजना है कि आने वाले समय में:
यह ऑनलाइन स्टोर मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट करे (हिंदी, तमिल, तेलुगु, अंग्रेजी आदि)
इंटरनेशनल डिलीवरी सिस्टम शुरू हो
स्टार्टअप्स और MSMEs को जोड़ने के लिए विशेष योजना लाई जाए
एक उदाहरण: एक महिला उद्यमी की कहानी
तमिलनाडु की एक महिला किसान “लक्ष्मी अम्मा” ने NRCB से केले से अचार और फ्लोर बनाने की ट्रेनिंग ली। आज वह अपने ब्रांड “Lakshmi’s Naturals” के तहत महीने में ₹50,000 तक की बिक्री करती हैं।
सरकारी सहयोग और योजनाएं
इस पूरे अभियान को सफल बनाने के लिए NRCB को सरकार की विभिन्न योजनाओं का सहयोग मिल रहा है:
PMFME (Prime Minister Formalization of Micro Food Processing Enterprises)
Mudra Yojana (Loan Support)
PM-Kisan Digital E-NAM Integration
Banana रोजगार सृजन की नई दिशा
1. गांव-गांव में मिनी प्रोसेसिंग यूनिट्स
NRCB द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और तकनीकी लाइसेंस की मदद से अब गांवों में छोटे स्तर पर केले आधारित प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित की जा सकती हैं। इससे युवाओं, महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को रोजगार मिलेगा।
2. डिजिटल स्किल्स और मार्केटिंग
ऑनलाइन स्टोर से जुड़ने के लिए युवाओं को ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग, पेमेंट गेटवे संचालन, और कस्टमर हैंडलिंग जैसे कार्यों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये स्किल्स आज के डिजिटल युग में अत्यंत आवश्यक हैं।
3. लॉजिस्टिक सपोर्ट और पैकेजिंग वर्कफोर्स
केले आधारित उत्पादों को बेहतर पैकेजिंग और सुरक्षित लॉजिस्टिक्स की जरूरत होगी। इससे पैकर्स, ड्राइवर, स्टोर मैनेजर जैसे नए रोजगार भी तैयार होंगे।
Banana निर्यात की अपार संभावनाएं
भारत का Banana कई देशों में निर्यात होता है, लेकिन प्रसंस्कृत उत्पादों की हिस्सेदारी बहुत कम है। NRCB के इस स्टोर के ज़रिए:
केले का आटा (banana flour) को यूरोप और अमेरिका में gluten-free विकल्प के रूप में भेजा जा सकता है।
केले के चिप्स, बार और हेल्थ ड्रिंक्स की मांग खाड़ी देशों, जापान और रूस में है।
फाइबर और इको-फ्रेंडली पैकेजिंग से पर्यावरण जागरूक बाजारों में विशेष पहचान बन सकती है।
NRCB निर्यातकों के लिए विशेष प्रशिक्षण भी चला रहा है ताकि वे आवश्यक FSSAI, APEDA, और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन को पूरा कर सकें।
प्रौद्योगिकी और अनुसंधान का योगदान
ICAR-NRCB का मुख्य कार्य वैज्ञानिक अनुसंधान है। इस पहल में इन आधुनिक तकनीकों का भी समावेश है:
Post-Harvest Technology: फलों को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए आधुनिक विधियां।
Banana Fiber Extraction Machine: स्वदेशी मशीन जिससे बिना रासायनिक प्रक्रिया के रेशा निकाला जाता है।
Bio-fortified Banana Varieties: पोषण से भरपूर केले की किस्में जैसे ‘Nutribite’।
QR Based Traceability: उपभोक्ता QR कोड स्कैन करके जान सकते हैं कि उत्पाद कहां उगा, कैसे बना।
महिलाओं की भागीदारी
NRCB की यह पहल विशेष रूप से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम है:
स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता दी जा रही है।
महिला किसान और गृहिणियां छोटी यूनिट लगाकर महीने में ₹30,000 से ₹70,000 की आय कर रही हैं।
कई महिला स्टार्टअप्स ब्रांड बना रही हैं जैसे “Banana Beauty”, “Green Peel”.

शिक्षा और प्रशिक्षण का विस्तार
ICAR-NRCB केवल उत्पादन नहीं, बल्कि उद्यमिता शिक्षा को भी बढ़ावा दे रहा है:
2 दिन से लेकर 7 दिन तक के ट्रेनिंग प्रोग्राम
तकनीकी लाइसेंस पर सब्सिडी
ऑनलाइन वेबिनार और ई-लर्निंग कोर्स
एक उदाहरण:
2024 में NRCB द्वारा आयोजित एक ट्रेनिंग कार्यक्रम में बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तराखंड से आए किसानों और युवाओं ने भाग लिया। इनमें से कई ने अब अपना छोटा व्यवसाय शुरू कर दिया है।
सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी
यह डिजिटल स्टोर सिर्फ NRCB की नहीं, बल्कि सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से ही सफल होगा:
नेफेड, FPOs, MSME मंत्रालय से गठजोड़
अमेज़न, फ्लिपकार्ट, JioMart जैसे प्लेटफॉर्म से एकीकरण की योजना
CSR फंडिंग से महिला स्वयं सहायता समूहों को सहयोग
Banana नवीनतम अपडेट (2025)
- मई 2025 तक NRCB का ऑनलाइन स्टोर पूरी तरह तैयार है और बीटा टेस्टिंग शुरू हो चुकी है।
- 100+ से अधिक लाइसेंस धारक किसानों और स्टार्टअप्स को जोड़ लिया गया है।
- 5 नई केले आधारित उत्पाद रेंज को लॉन्च किया गया है – जिनमें आइसक्रीम बेस, डिहाइड्रेटेड स्लाइस और फेस वॉश शामिल हैं।
- NRCB मोबाइल ऐप पर भी काम चल रहा है जो जून 2025 तक उपलब्ध होगा।
Banana आर्थिक प्रभाव का अनुमान
वर्ष 2026 तक इस उद्योग से ₹500 करोड़ से अधिक का बाजार बनने की उम्मीद
कम से कम 50,000 नए रोजगार की संभावना
किसानों की आय में 30-40% तक की वृद्धि
निष्कर्ष: भारतीय Banana उद्योग का नया युग
ICAR-NRCB द्वारा शुरू किया गया यह ऑनलाइन स्टोर न केवल कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह किसानों, उद्यमियों और उपभोक्ताओं के लिए नए अवसर भी पैदा कर रहा है।
मुख्य उपलब्धियां और प्रभाव:
किसानों को सीधा बाज़ार: अब किसान अपने केले और उसके उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक बेच सकेंगे, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिलेगा।
नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा: NRCB की तकनीकी लाइसेंसिंग से छोटे उद्यमी और महिलाएं केले से नए उत्पाद बनाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
भारत का Banana, वैश्विक स्तर पर: निर्यात बढ़ने से भारतीय केले और उससे बने उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत होगी।
रोजगार और नवाचार: इस पहल से लाखों लोगों को नए रोजगार मिलेंगे, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
भविष्य की संभावनाएं:
आने वाले वर्षों में, यह स्टोर एक “वन-स्टॉप डिजिटल मार्केटप्लेस” बन सकता है, जहाँ भारत के विभिन्न हिस्सों से केले से बने उत्पाद बेचे जाएंगे। सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से यह पहल भारत के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
Banana अब सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि नया व्यवसाय, नई अर्थव्यवस्था और एक नई क्रांति का प्रतीक बन चुका है। NRCB की यह पहल किसानों और उद्यमियों के लिए “डिजिटल युग में खेती का स्वर्ण अवसर” है, जिससे भारत का केला उद्योग वैश्विक स्तर पर एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
“अब भारतीय Banana सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि समृद्धि का स्रोत भी बनेगा!”
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