BIS के नए नियम: भारतीय उत्पादों की सुरक्षा या व्यापार पर असर?

BIS के नए नियम: भारतीय उत्पादों की सुरक्षा या व्यापार पर असर?

Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp

BIS के नए नियम अब अनिवार्य: भारतीय बाजार में बड़ा बदलाव आने वाला है?

BIS के नए नियम: भारत में विभिन्न क्षेत्रों के लिए उच्च गुणवत्ता बनाए रखने और उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए मानकीकरण (Standardization) की एक सशक्त प्रणाली है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) इस प्रणाली का प्रमुख अंग है, जिसे भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत स्थापित किया गया है। BIS का उद्देश्य गुणवत्ता मानकों को विकसित करना, उन्हें अद्यतन करना और यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त हों।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

वर्तमान में, लगभग 23,000 भारतीय मानक लागू हैं, जो विभिन्न उद्योगों और उत्पाद श्रेणियों को कवर करते हैं। इनमें से कुछ मानकों को अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि अन्य को स्वैच्छिक रूप से अपनाया जा सकता है। अनिवार्य मानकों को लागू करने का उद्देश्य जनता की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, अनुचित व्यापार प्रथाओं की रोकथाम, और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

भारत सरकार का प्रत्येक मंत्रालय और संबंधित विनियामक निकाय गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (Quality Control Order – QCO) के माध्यम से यह सुनिश्चित करता है कि कुछ विशेष उत्पादों को अनिवार्य BIS प्रमाणन के अंतर्गत लाया जाए। यह प्रमाणन सुनिश्चित करता है कि उत्पाद भारतीय मानकों के अनुरूप हैं और उनकी गुणवत्ता से संबंधित कोई समझौता नहीं किया गया है।

BIS के नए नियम: गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) और अनिवार्य BIS प्रमाणन

गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) एक सरकारी अधिसूचना होती है जिसके माध्यम से सरकार किसी विशेष उत्पाद को BIS प्रमाणन के तहत लाने का निर्णय लेती है। BIS से प्रमाणित उत्पादों पर ISI मार्क होता है, जो यह दर्शाता है कि उत्पाद गुणवत्ता मानकों का पालन कर रहा है।

भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विनियामकों द्वारा अब तक 187 QCO जारी किए गए हैं, जो कुल 769 उत्पादों को कवर करते हैं। इन उत्पादों को BIS प्रमाणन के अंतर्गत लाने का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और टिकाऊ उत्पाद प्रदान करना है।

BIS के नए नियम: QCO जारी करने के पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. जनता की सुरक्षा – ऐसे उत्पाद जो स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं, उन्हें BIS प्रमाणन के तहत लाना आवश्यक होता है।

2. पर्यावरण की सुरक्षा – पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले उत्पादों के लिए कठोर मानक तय किए जाते हैं।

3. अनुचित व्यापार प्रथाओं की रोकथाम – बाजार में निम्न गुणवत्ता वाले या नकली उत्पादों की बिक्री को रोकने के लिए BIS प्रमाणन अनिवार्य किया जाता है।

4. राष्ट्रीय सुरक्षा – कुछ उत्पादों का उपयोग रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी मामलों में किया जाता है, इसलिए इनकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।

नवीनतम दो प्रमुख QCO

हाल ही में भारत सरकार द्वारा दो महत्वपूर्ण QCO जारी किए गए हैं, जो विद्युत उपकरणों और मशीनरी की सुरक्षा से संबंधित हैं। ये आदेश सुनिश्चित करते हैं कि इन उत्पादों की गुणवत्ता विश्व स्तरीय मानकों के अनुरूप हो और उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद प्राप्त हों।

1. घरेलू, वाणिज्यिक एवं समान विद्युत उपकरणों की सुरक्षा (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2024

इस QCO को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा जारी किया गया है। इसके तहत निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:

ऐसे सभी घरेलू, वाणिज्यिक, या समान विद्युत उपकरण, जिनका रेटेड वोल्टेज 250V सिंगल फेज AC या 415V थ्री फेज AC से अधिक नहीं है, BIS प्रमाणन के अंतर्गत आएंगे।

यदि कोई विद्युत उपकरण पहले से किसी अन्य QCO के अंतर्गत नहीं आता, तो उसे भी इस नए QCO के तहत अनिवार्य प्रमाणन लेना होगा।

इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में बेचे जाने वाले सभी विद्युत उपकरण सुरक्षित और विश्वसनीय हों, जिससे विद्युत दुर्घटनाओं और आग लगने जैसी घटनाओं में कमी लाई जा सके।

2. मशीनरी और विद्युत उपकरण सुरक्षा (सर्वव्यापी तकनीकी विनियमन) आदेश, 2024

इस QCO को भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है और इसके तहत निम्नलिखित नियम शामिल हैं:

मशीनरी और विद्युत उपकरणों की 20 श्रेणियों और उनकी उप-असेंबली/घटकों को BIS के नए नियम अनिवार्य प्रमाणन में शामिल किया गया है।

इस आदेश का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक उपकरणों की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाना है, जिससे औद्योगिक दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और भारतीय उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके।

BIS के नए नियम: ISO/IEC मानकों के साथ BIS का समायोजन

ग्लोबल मार्केट में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए BIS भारतीय मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।

कुल 22,689 भारतीय मानकों में से 10,300 मानकों में ISO/IEC मानकों के तत्व मौजूद हैं।

अब तक 9,616 भारतीय मानकों (93.3%) को मौजूदा ISO/IEC मानकों के अनुरूप बना दिया गया है।

इसका सीधा लाभ यह हुआ है कि भारतीय उत्पादों की वैश्विक बाजार में स्वीकार्यता बढ़ी है, जिससे भारतीय कंपनियों को निर्यात बढ़ाने में मदद मिली है।

BIS के नए नियम: भारतीय मानकों के कार्यान्वयन में मंत्रालयों की भूमिका

BIS अधिनियम, 2016 के अनुसार, विभिन्न मंत्रालय और विभाग BIS के साथ मिलकर QCO जारी करते हैं। मंत्रालयों की मुख्य भूमिकाएं निम्नलिखित हैं:

1. BIS के नए नियम के साथ परामर्श करना – संबंधित मंत्रालय BIS के साथ मिलकर उन उत्पादों की पहचान करते हैं जिनका अनिवार्य प्रमाणन आवश्यक है।

2. QCO जारी करना – मंत्रालय यह निर्णय लेते हैं कि किन उत्पादों पर QCO लागू किया जाए और इसके लिए अधिसूचना जारी करते हैं।

3. उद्योगों को अनुपालन के लिए प्रेरित करना – सरकार उद्योगों को BIS प्रमाणन प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि बाजार में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध हों।

4. BIS अधिनियम, 2016 का अनुपालन सुनिश्चित करना – मंत्रालय यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी अनिवार्य उत्पादों पर BIS प्रमाणन का पालन किया जाए।

BIS के नए नियम: भविष्य के मानको के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

1. BIS के नए नियम की अनिवार्यता से उद्योगों और उपभोक्ताओं पर प्रभाव

अनिवार्य BIS प्रमाणन के चलते भारतीय उद्योगों को उच्च गुणवत्ता मानकों का पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे घरेलू उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होता है।

इससे नकली और घटिया उत्पादों की बिक्री पर रोक लगती है, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित और टिकाऊ सामान मिलता है।

भारतीय उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मानकों (ISO/IEC) के अनुरूप बन रहे हैं, जिससे निर्यात में वृद्धि की संभावना बढ़ जाती है।

हालांकि, छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए प्रमाणन प्रक्रिया और अनुपालन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं, जिसके लिए सरकार आसान लाइसेंसिंग और तकनीकी सहायता की योजनाएँ चला रही है।

2. अनिवार्य QCO का अनुपालन सुनिश्चित करने की चुनौतियाँ

भारत में अभी भी कई अनियमित विनिर्माण इकाइयाँ और असंगठित बाजार हैं, जहाँ BIS प्रमाणन की सख्ती से निगरानी करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

नकली ISI मार्क वाले उत्पादों की संख्या बढ़ रही है, जिससे प्रमाणन की विश्वसनीयता बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।

भारत सरकार और BIS द्वारा नियमित निरीक्षण, उत्पाद परीक्षण और बाजार निगरानी की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी उत्पाद मानकों का पालन कर रहे हैं।

सरकारी एजेंसियों और निजी संगठनों को प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना होगा ताकि उद्योग और उपभोक्ता BIS के नए नियम के महत्व को समझें।

BIS के नए नियम: भारतीय उत्पादों की सुरक्षा या व्यापार पर असर?
BIS के नए नियम: भारतीय उत्पादों की सुरक्षा या व्यापार पर असर?

3. BIS के नए नियम और आत्मनिर्भर भारत अभियान

भारत सरकार के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों के तहत BIS प्रमाणन को मजबूत किया जा रहा है ताकि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जाए।

BIS के नए नियम लागू करने से विदेशी कंपनियों को भी भारतीय मानकों के अनुसार उत्पादन करना होगा, जिससे भारतीय निर्माताओं को घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा में लाभ मिलेगा।

उच्च गुणवत्ता मानकों के कारण भारतीय कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकती हैं और “वोकल फॉर लोकल” अभियान को मजबूती मिलेगी।

सरकार विभिन्न क्षेत्रों में PLI (Production Linked Incentive) स्कीम के माध्यम से कंपनियों को गुणवत्ता मानकों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

4. पर्यावरणीय और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए BIS मानकों का महत्व

BIS के नए नियम यह सुनिश्चित करता है कि उत्पादों में हानिकारक रसायन, रेडिएशन, या अन्य खतरनाक तत्वों की मात्रा सीमित हो।

प्लास्टिक, ई-कचरा, और प्रदूषणकारी उत्पादों के लिए कड़े BIS मानक लागू किए जा रहे हैं ताकि पर्यावरणीय क्षति को कम किया जा सके।

खाद्य उत्पादों और पैकेजिंग में BIS प्रमाणन की सख्ती से जाँच की जा रही है ताकि खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

चिकित्सा उपकरणों, दवाओं और कॉस्मेटिक्स पर अनिवार्य मानकों का क्रियान्वयन स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

5. भविष्य में BIS मानकों का विस्तार और डिजिटलाइजेशन

BIS अब “E-BIS” प्लेटफॉर्म पर डिजिटल प्रमाणन, ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू कर रहा है ताकि प्रमाणन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके।

आगामी वर्षों में अधिक उत्पाद श्रेणियों को अनिवार्य BIS प्रमाणन के दायरे में लाया जाएगा, जिससे भारतीय बाजार में केवल उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद ही उपलब्ध हों।

सरकार AI (Artificial Intelligence) और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से बाजार में उत्पादों की गुणवत्ता निगरानी करने की योजना बना रही है।

BIS अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ तालमेल बढ़ाकर भारत को “ग्लोबल क्वालिटी हब” बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।

निष्कर्ष: BIS के नए नियम

BIS के नए नियम: भारतीय मानक प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए सरकार BIS प्रमाणन को अनिवार्य बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।

अब तक 187 QCO जारी किए गए हैं, जिनमें 769 उत्पाद शामिल हैं।

विद्युत उपकरणों और मशीनरी के लिए नवीनतम QCO जारी किए गए हैं।

93.3% भारतीय मानकों को ISO/IEC मानकों के अनुरूप बना दिया गया है।

इसका प्रभाव यह होगा कि भारतीय उपभोक्ताओं को सुरक्षित, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलेंगे, औद्योगिक सुरक्षा बढ़ेगी, और भारतीय उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगे।


Discover more from Aajvani

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Picture of Sanjeev

Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

Leave a Comment

Top Stories

Index

Discover more from Aajvani

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading