Dr. Salunkhe CID Forensic Magic: कैसे विज्ञान बना अपराध सुलझाने का हथियार
भूमिका
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Toggleटेलीविज़न की दुनिया में CID एक ऐसा शो था, जिसने लगभग दो दशकों तक भारत के करोड़ों दर्शकों का दिल जीता। पर इस शो की सफलता केवल ACP प्रद्युमन या दया जैसे किरदारों तक सीमित नहीं रही। एक ऐसा किरदार था जो अपराध सुलझाने के विज्ञान की पहचान बन गया — Dr. R.P. Salunkhe।
Dr. Salunkhe कौन हैं?
Dr. Salunkhe का किरदार निभाया नरेंद्र गुप्ता ने, जो एक कुशल रंगमंच कलाकार और दूरदर्शन से जुड़े अनुभवी अभिनेता रहे हैं।
वे इस शो में एक फॉरेंसिक साइंटिस्ट के रूप में काम करते हैं — उनका किरदार CID टीम को सबूतों को वैज्ञानिक तरीके से जांचने और सच्चाई तक पहुंचने में मदद करता है।
नरेंद्र गुप्ता: पर्दे के पीछे का आदमी
न्म और पृष्ठभूमि
नरेंद्र गुप्ता का जन्म राजस्थान के जयपुर में हुआ था। वे एक ऐसे परिवार से आते हैं जहाँ पढ़ाई को प्राथमिकता दी जाती थी।
थिएटर की शुरुआत
उन्होंने जयपुर के थिएटर ग्रुप्स में भाग लिया और यहीं से उनके अभिनय करियर की नींव रखी गई। उनकी आवाज़ की गहराई और चेहरे के भावों पर उनकी पकड़ उन्हें बाकियों से अलग बनाती है।
पहली टेलीविज़न उपस्थिति
उन्होंने टेलीविज़न पर काम की शुरुआत 1980 के दशक में की। लेकिन असली लोकप्रियता मिली 2000 के दशक में CID के जरिए।
Dr. Salunkhe: एक किरदार जो विज्ञान को लोकप्रिय बनाता है
Dr. Salunkhe CID की उस चौकड़ी का हिस्सा थे जिसमें ACP प्रद्युमन, अभिजीत और दया शामिल थे। लेकिन उनकी भूमिका थोड़ी हटके थी — वे ‘थिंकिंग ब्रेन’ थे। उनका किरदार:
अपराध स्थल से छोटे-से-छोटे सुराग को ढूंढता।
शवों के पोस्टमार्टम से अपराध के समय और तरीका जानता।
डीएनए, खून, फिंगरप्रिंट जैसे वैज्ञानिक तरीकों से अपराधी को पकड़वाता।
संवाद शैली:
“ACP, यह कोई मामूली केस नहीं है।”
“देखिए, बॉडी पर इंजेक्शन का निशान है।”
इन वाक्यों से उन्होंने एक ऐसा ट्रेंड शुरू किया, जो युवाओं को विज्ञान की ओर आकर्षित करता था।
शो में डॉ. सालुंखे का महत्व
1. तर्क और विज्ञान की ताकत:
हर एपिसोड में जब केस उलझ जाता था, तभी डॉ. सालुंखे स्क्रीन पर आते और विज्ञान के माध्यम से जवाब निकालते।
2. साइंस को ग्लैमराइज करना:
भारत में पहली बार किसी TV शो में वैज्ञानिक इतने आकर्षक और समझदार दिखाए गए।
3. ह्यूमर + लॉजिक:
उनके किरदार में हल्का व्यंग्य और व्यावसायिक कटाक्ष हमेशा बना रहता था, जिससे केस की गंभीरता में भी मनोरंजन मिलता।
शो से गायब होना और फैंस की प्रतिक्रिया
एक समय ऐसा भी आया जब डॉ. सालुंखे को शो से हटा दिया गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी वापसी की मांग ज़ोरों पर थी।
कुछ ट्विटर ट्रेंड्स भी चले:
#BringBackSalunkhe
#RealCIDNeedsSalunkhe
निर्माताओं को मजबूरन उन्हें वापस लाना पड़ा, क्योंकि CID को केवल इंस्पेक्टर की ज़रूरत नहीं थी, उसे एक वैज्ञानिक की जरूरत थी।
CID 2.0 में वापसी: 2024–25 की ताज़ा जानकारी
2024 में CID को एक नया रूप मिला — CID Season 2, जिसे Sony TV और Netflix दोनों पर प्रसारित किया जा रहा है।
नवीनतम अपडेट:
Dr. Salunkhe की वापसी अब नए अवतार में हुई है: अधिक गंभीर, अधिक रिसर्च आधारित, और नई तकनीकों के साथ।
प्रोमो में उन्हें AI और डिजिटल फॉरेंसिक के संदर्भ में बात करते दिखाया गया है।
उनके किरदार को अब एक Mentor Scientist के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

5 कारण क्यों Dr. Salunkhe भारतीय टीवी के सबसे बेहतरीन वैज्ञानिक किरदार हैं
1. Authenticity: उनके संवाद और व्यवहार एक असली वैज्ञानिक की तरह लगते हैं।
2. Problem Solver: जब सब निराश हो जाते, Salunkhe रास्ता दिखाते।
3. Curiosity Booster: उन्होंने कई छात्रों को विज्ञान और Forensics पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
4. Calm Under Pressure: उन्होंने हमेशा बिना गुस्से के सटीक जवाब दिए।
5. Iconic Style: लैब कोट, magnifying glass और गंभीर नजरें — सब मिलकर उन्हें एक ब्रांड बनाती हैं।
फॉरेंसिक साइंस: CID के माध्यम से भारत में रुचि का विस्फोट
CID और Dr. Salunkhe के किरदार की वजह से ही भारत में पहली बार फॉरेंसिक साइंस एक आम शब्द बन गया।
परिणामस्वरूप:
NCERT ने बाद में विज्ञान की किताबों में फॉरेंसिक उदाहरण देने शुरू किए।
स्टूडेंट्स ने क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन को करियर की तरह देखना शुरू किया।
अवॉर्ड और सम्मान
हालांकि नरेंद्र गुप्ता को बहुत से टेलीविजन अवॉर्ड्स नहीं मिले, लेकिन वे दर्शकों के दिलों में हमेशा सुपरस्टार रहे हैं।
उनका सबसे बड़ा अवॉर्ड — “भारतीय बच्चों को विज्ञान की तरफ प्रेरित करना” माना जाता है।
Dr. Salunkhe का विकास: शुरुआती एपिसोड से 2025 तक
पहला प्रवेश
Dr. Salunkhe पहली बार 2002 में CID में दिखाई दिए। उस वक्त उनका किरदार केवल एक एक्सपर्ट सलाहकार की तरह था। लेकिन जैसे-जैसे शो में केस जटिल होते गए, उनका महत्व बढ़ता गया।
किरदार का ग्राफ
2002–2005: तकनीकी मदद, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फॉरेंसिक डिटेल्स
2006–2010: मुख्य केस ब्रेकर, जिनकी रिपोर्ट पर ही सच्चाई सामने आती
2011–2016: किरदार में थोड़ा मज़ाकिया अंदाज़, ACP और दया से तीखी नोकझोंक
2017–2018: शो के आखिरी सालों में उनका रोल थोड़ा सीमित हुआ
2024–2025 CID 2.0: अब वे एक Mentor Forensic Officer के रूप में लौटे हैं, जो नई टीम को ट्रेन कर रहे हैं
विज्ञान बनाम अपराध: CID का फॉरेंसिक दर्शन
Dr. Salunkhe का किरदार एक मिसाल था कि केवल बंदूकें और मुक्के नहीं, बल्कि माइक्रोस्कोप और डीएनए भी अपराध सुलझा सकते हैं।
उनकी लैब में प्रयोग:
- DNA मैचिंग
Poison Analysis
Time of Death Estimation
Weapon Trace Detection5. Fingerprint Verification
Blood Spatter Analysis
उनके संवादों में “यह खून ताजा है… 4 घंटे से ज़्यादा पुराना नहीं हो सकता” जैसी बातों ने वैज्ञानिक प्रक्रिया को आम दर्शक के लिए रोचक बना दिया।
अभिनय की बारीकियाँ: नरेंद्र गुप्ता की कलात्मक पकड़
Dr. Salunkhe को यादगार बनाने में जितनी भूमिका उनकी लैब की है, उतनी ही उनके अभिनय कौशल की भी।
उनकी विशिष्टताएँ:
सधी हुई आवाज़: गंभीर और प्रोफेशनल
संयमित शरीर भाषा: हाथ में कलम या स्लाइड, और आंखों में गहराई
चेहरे पर आत्मविश्वास: जैसे उन्हें पहले से पता हो कि सच्चाई क्या है
संवादों में तुक और वजन:
> “ACP, ये खून इंसान का नहीं… ये इंसानियत का है जो मरा है।”
ACP प्रद्युमन और Dr. Salunkhe: टकराव और तालमेल
CID के दर्शकों को इन दोनों के बीच की मजेदार नोकझोंक खूब भाती थी।
जहाँ ACP एक आदेशात्मक अधिकारी थे, वहीं Dr. Salunkhe हर बात पर वैज्ञानिक तर्क पेश करते।
उदाहरण:
ACP: “Salunkhe, जल्दी बताओ ये कैसे हुआ!”
Dr. Salunkhe: “ACP, विज्ञान में जल्दी का कोई विकल्प नहीं होता!”
प्रशंसकों की नज़र में डॉ. सालुंखे
Dr. Salunkhe केवल एक किरदार नहीं रहे — वह एक प्रतीक बन गए। सोशल मीडिया, फोरम्स और ब्लॉग्स पर आज भी लोग उनके संवाद, उनके केस और उनके स्टाइल पर चर्चा करते हैं।
फैंस की प्रतिक्रियाएँ:
“अगर CID की आत्मा ACP हैं, तो दिमाग Dr. Salunkhe।”
“मैंने उन्हीं की वजह से फॉरेंसिक साइंस में करियर चुना।”
“उनकी हर एंट्री एपिसोड में उम्मीद का संकेत होती थी।”

CID के 10 सबसे दमदार एपिसोड्स जिनमें डॉ. सालुंखे की भूमिका मुख्य रही
1. “Khooni Chhaya” – जहां उन्होंने गंध के आधार पर अपराधी का पता लगाया
2. “CID vs CID” – जब टीम का एक सदस्य ही संदिग्ध बना
3. “Dead Body Without Organs” – जिसमें अंग-तस्करी का बड़ा रैकेट सामने आया
4. “The Return of the Killer” – जिसमें पुराने केस की कड़ी जुड़ी
5. “Lab Mein Murder” – खुद सालुंखे ही एक केस का शिकार बने
6. “Maut Ka Zahar” – जिसमें उन्होंने एक अज्ञात ज़हर की पहचान की
7. “Khooni Tattoo” – forensic ink analysis द्वारा solve हुआ केस
8. “ACP Ka Kidnap” – सालुंखे ने clues से ACP को ट्रैक किया
9. “Salunkhe Ki Wapsi” – जब वे लंबी गैरहाज़िरी के बाद लौटे
10. “CID in Future” – जहाँ उन्होंने AI forensic simulation का इस्तेमाल किया
Dr. Salunkhe और शिक्षा: विज्ञान में नई लहर
CID देखने के बाद हजारों छात्रों ने पहली बार “फॉरेंसिक साइंस” शब्द सुना और समझा। कई स्कूलों और कॉलेजों में यह विषय लोकप्रिय हुआ।
प्रभाव:
कॉलेजों में Forensic Science में दाखिलों में वृद्धि
YouTube और Google पर “DNA test कैसे होता है?” जैसे सर्च ट्रेंड
बच्चों ने खेल-खेल में “CID-CID” खेलना शुरू किया — microscope और fingerprint kits के साथ
CID की वापसी और भविष्य की उम्मीदें
2024–25 में CID की वापसी केवल एक शो की वापसी नहीं है — ये उन किरदारों की वापसी है जो एक पीढ़ी के नायक बन गए थे।
Dr. Salunkhe अब केवल forensic scientist नहीं — mentor, guide और inspiration बन चुके हैं।
निष्कर्ष: विज्ञान, बुद्धि और प्रेरणा का पर्याय — डॉ. सालुंखे
डॉ. आर.पी. सालुंखे सिर्फ एक टेलीविज़न कैरेक्टर नहीं, बल्कि भारतीय दर्शकों की वैज्ञानिक सोच का प्रतीक बन गए हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि किसी अपराध को सुलझाने के लिए सिर्फ हथियार नहीं, ज्ञान, सूझबूझ और विज्ञान की भी जरूरत होती है।
उनकी गंभीर मुस्कान, सटीक संवाद, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने न केवल केस सुलझाए, बल्कि लाखों युवाओं के करियर की दिशा भी तय की।
नरेंद्र गुप्ता द्वारा निभाया गया यह किरदार टीवी स्क्रीन से बाहर निकलकर लाखों दिलों में बस गया है। आज भी जब कोई बच्चा कहता है, “मैं बड़ा होकर फॉरेंसिक साइंटिस्ट बनूंगा”, तो उसके ज़ेहन में डॉ. सालुंखे की छवि ही होती है।
CID जैसे शो बहुत आते हैं, लेकिन Dr. Salunkhe जैसे किरदार विरले होते हैं — जो मनोरंजन के साथ शिक्षा, और ड्रामे के साथ तर्क को जोड़ने का काम करते हैं।
भविष्य में चाहे CID जैसे शोज़ कितनी भी बार लौटें, एक बात तय है — जब भी पर्दे पर कोई सफेद कोट पहने वैज्ञानिक आएगा, Dr. Salunkhe का नाम ज़रूर याद किया जाएगा।
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