DRDO Desalination Membrane

DRDO Desalination Membrane: अब Sea Water बनेगा 99% Pure और पीने योग्य!

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DRDO Desalination Membrane: इस टेक्नोलॉजी से मिलेगा हर घर तक शुद्ध पानी!

परिचय: DRDO Desalination Membrane भारत में मीठे जल की जरूरत और समुद्री जल शुद्धिकरण का महत्व

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भारत एक विशाल तटीय देश है जहाँ करीब 7500 किलोमीटर से ज्यादा समुद्री सीमा है। इसके बावजूद, देश के कई हिस्सों में पीने योग्य जल की भारी कमी है — विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों, द्वीपों और सेना के जहाजों पर।

ऐसे में समुद्री जल को पीने योग्य जल में बदलने की तकनीक भारत के लिए न केवल वैज्ञानिक बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत आवश्यक है।

इसी दिशा में DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है:
एक उच्च-दाब बहुपरत पॉलीमर मेम्ब्रेन तकनीक जो समुद्री जल को प्रभावी ढंग से पीने योग्य बनाती है — पूरी तरह स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत।

DRDO High-Pressure Polymeric Membrane Technology क्या है?

DRDO Desalination Membrane तकनीक एक विशेष प्रकार की Nano-Porous Multi-Layer Polymeric Membrane पर आधारित है जिसे DRDO की DMSRDE (Defence Materials and Stores Research and Development Establishment), कानपुर ने मात्र 8 महीनों में विकसित किया है।

DRDO Desalination Membrane: प्रमुख विशेषताएँ

नैनोपोरस बहुपरत संरचना: अत्यधिक बारीक छिद्रों से युक्त

उच्च-दाब पर संचालन (High Pressure): RO आधारित कार्यप्रणाली

समुद्री जल में उपस्थित नमक, धातु और सूक्ष्म जीवों को हटाने में सक्षम

भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के जहाजों पर परीक्षण

DRDO Desalination Membrane: 500 घंटे की सफल कार्यशीलता परीक्षण रिपोर्ट

DRDO Reverse Osmosis Membrane Technology for Sea Water Desalination

DRDO द्वारा Reverse Osmosis (RO) तकनीक का उन्नत रूप

RO तकनीक पहले से ही जल शुद्धिकरण में उपयोग की जाती रही है, लेकिन DRDO की यह नई मेम्ब्रेन:

समुद्री जल की अत्यधिक लवणता (Salinity) को भी सहन कर सकती है।

High Efficiency और Longevity के साथ आती है।

खासतौर पर जंगी जहाजों, पनडुब्बियों और OPVs के लिए डिज़ाइन की गई है।

DRDO की यह तकनीक आत्मनिर्भर भारत मिशन में कैसे योगदान देती है?

भारत अब तक ऐसी Reverse Osmosis Membrane तकनीकों के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहा है। DRDO की यह उपलब्धि:

भारत को आत्मनिर्भर बनाती है।

रक्षा क्षेत्र में विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करती है।

निर्यात की संभावना को जन्म देती है — future में अन्य देशों को बेचा जा सकता है।

रोज़गार और स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देती है।

DRDO Desalination Membrane
DRDO Desalination Membrane: अब Sea Water बनेगा 99% Pure और पीने योग्य!

Field Testing: Indian Coast Guard पर मेम्ब्रेन का प्रदर्शन

DRDO Desalination Membrane तकनीक को Indian Coast Guard के जहाजों पर स्थापित कर 500 घंटे का फील्ड ऑपरेशन किया गया। नतीजे:

जल पूरी तरह पीने योग्य

शुद्धता BIS मानकों के अनुरूप

उच्च तापमान और दबाव में भी प्रभावी

कोई मेम्ब्रेन फेल्योर नहीं

DRDO Water Desalination Membrane Technology: Civilian Use की संभावनाएँ

भविष्य में DRDO Desalination Membrane तकनीक सिर्फ सेना के लिए ही नहीं बल्कि:

तटीय गाँवों

द्वीप समूहों (अंडमान-निकोबार)

शहरी स्लम क्षेत्रों

प्राकृतिक आपदा के बाद राहत शिविरों

में उपयोगी साबित हो सकती है।

DRDO Desalination Membrane के लाभ

1. समुद्री जल का सर्वोत्तम उपयोग

अब भारत के पास अरबों लीटर समुद्री जल को शुद्ध जल में बदलने की क्षमता है।

2. जल संकट में क्रांति

राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों के तटीय हिस्सों में पीने के पानी की आपूर्ति सरल हो जाएगी।

3. सैन्य क्षेत्र में स्वावलंबन

जहाजों पर अब स्वदेशी प्रणाली से ही जल उत्पादन संभव है।

4. आर्थिक लाभ

विदेशों से RO पार्ट्स आयात नहीं करना पड़ेगा।

DRDO Polymeric Membrane की वैज्ञानिक संरचना: कैसे काम करती है ये तकनीक?

1. मेम्ब्रेन की बहुपरत संरचना (Multilayered Design):

DRDO द्वारा विकसित यह मेम्ब्रेन एक multi-layered polymeric structure है, जिसमें:

Top Layer: नैनो-छिद्रयुक्त (Nano-porous) और हाइड्रोफोबिक (जल-विकर्षी)

Middle Layer: संरचनात्मक मजबूती देने वाला Matrix

Bottom Layer: Water flow को directional रूप से बाहर निकालने वाली परत

2. Selective Permeability (चयनात्मक पारगम्यता):

मेम्ब्रेन केवल H₂O के अणुओं को पास करती है, जबकि:

Na⁺, Cl⁻ जैसे आयन

Heavy metals (जैसे Arsenic, Lead)

Microbial contaminants को रोक देती है।

3. High Pressure Operation (उच्च दबाव पर कार्य):

समुद्री जल की salinity अधिक होती है, इसलिए इसे शुद्ध करने के लिए मेम्ब्रेन को:

50 से 60 बार तक के दबाव में कार्य करना होता है।

इस दबाव को सहन करने के लिए DRDO ने विशेष Polymer Composite विकसित किया है।

सामरिक (Strategic) महत्व: DRDO Sea Water Membrane और राष्ट्रीय सुरक्षा

भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए उपयोग:

युद्धपोतों और सबमरीन पर लंबे समय तक पानी की आपूर्ति अब स्वदेशी तकनीक से संभव है।

शत्रु क्षेत्र में या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में अपने ही संसाधनों से जल उत्पादन।

आपदा प्रबंधन में उपयोगिता:

बाढ़, सुनामी, चक्रवात जैसी स्थितियों में जहाँ मीठा जल नष्ट हो जाता है, वहाँ समुद्र या खारे जल से तात्कालिक जल उपलब्धता।

सैनिकों के लिए पोर्टेबल यूनिट्स का विकास:

भविष्य में DRDO Desalination Membrane के लघु मॉडल बना सकती है जिसे सैनिक अपने साथ ले जा सकें।

Technological Expansion: DRDO Desalination Membrane Future Scope

1. जल मिशन (Jal Jeevan Mission) में समावेश:

सरकारी ग्रामीण जल योजनाओं में DRDO Desalination Membrane को शामिल किया जा सकता है।

2. पर्यावरण के अनुकूल (Eco-friendly) डिज़ाइन:

न तो कोई केमिकल रेजेक्ट करता है

न बिजली की अधिक खपत होती है

3. शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों में प्रशिक्षण:

IITs और अन्य तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर DRDO Desalination Membrane को शिक्षण के रूप में विस्तार दे सकती है।

विश्व पटल पर भारत की तकनीकी ताकत का प्रदर्शन

अब तक Reverse Osmosis और Desalination Membranes की तकनीक पर:

USA, Israel, Japan और South Korea जैसे देश प्रभुत्व रखते थे।

DRDO की इस पहल से:

भारत इस तकनीकी क्षेत्र में एक Global Supplier बन सकता है।

African Nations, Middle East और Pacific Islands को भारत सहायता दे सकता है।

Case Study: Andaman & Lakshadweep में DRDO Water Technology की उपयोगिता

इन द्वीपों में:

पानी का मुख्य स्रोत वर्षा या सीमित जलाशय है।

DRDO की Mobile RO Units वहाँ पर “Water Security” को सशक्त बना सकती हैं।

Potential Benefits:

पर्यटन को बढ़ावा

स्थायी जल स्रोत

आत्मनिर्भरता

आर्थिक प्रभाव (Economic Impact of DRDO Desalination Membrane Technology)

1. आयात पर निर्भरता में कमी:

भारत में अब तक High-end RO membranes का आयात किया जाता था। DRDO की यह Indigenous तकनीक:

विदेशी मुद्रा की बचत करेगी

मेक इन इंडिया अभियान को बल देगी

घरेलू उत्पादन और रोज़गार बढ़ाएगी

2. स्वदेशी Startups और MSME के लिए अवसर:

DRDO यदि इस तकनीक का लाइसेंस दे, तो:

हजारों छोटे उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं

Reverse Osmosis Plant बनाने वाली कंपनियाँ इसे कम कीमत पर जनता को उपलब्ध करा सकेंगी

DRDO Desalination Membrane
DRDO Desalination Membrane: अब Sea Water बनेगा 99% Pure और पीने योग्य!

DRDO Desalination Membrane: सामाजिक प्रभाव (Social Impact of DRDO RO Technology)

1. जल संकट से राहत:

भारत के कई क्षेत्र जैसे राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडु में भूजल की गुणवत्ता खराब है

यह मेम्ब्रेन वहां के गांवों को भी साफ पीने का पानी दे सकती है

2. ग्रामीण महिला सशक्तिकरण:

गांवों में पानी लाने का कार्य प्रायः महिलाएं करती हैं

स्थानीय जल स्रोत से शुद्ध जल मिलने पर उनका श्रम और समय बचेगा, जिससे वे शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में ध्यान दे सकेंगी

पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Impact of DRDO Membrane Technology)

1. कम रासायनिक अपशिष्ट:

यह तकनीक किसी प्रकार का विषैला केमिकल नहीं छोड़ती

पुराने RO systems के तुलना में reject water कम होता है

2. जल संरक्षण में योगदान:

पारंपरिक तकनीक की तुलना में यह अधिक जल दक्ष (Water Efficient) है

समुद्र के खारे पानी को पीने लायक बनाने से मीठे जल स्रोतों पर दबाव कम होगा

भारत की वैश्विक छवि पर प्रभाव (India’s Global Image with DRDO RO Membrane)

1. South-South Cooperation में योगदान:

DRDO Desalination Membrane तकनीक को भारत अफ्रीकी देशों, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार आदि मित्र देशों को साझा कर सकता है

2. Disaster Aid Technology के रूप में निर्यात:

संयुक्त राष्ट्र, रेड क्रॉस जैसी एजेंसियों के सहयोग से भारत इस तकनीक को “विकासशील देशों की मदद” के रूप में वैश्विक मान्यता दिला सकता है

DRDO की अगली योजनाएं और सुझाव (Future Plans & Recommendations)

1. स्केलेबल मॉडल:

मेम्ब्रेन को ऐसे डिज़ाइन किया जाए कि:

इसे 1 लीटर/घंटे से लेकर 10,000 लीटर/घंटे तक की आवश्यकता के अनुसार आकार दिया जा सके

2. ऊर्जा-कुशल RO यूनिट्स:

भविष्य में DRDO को ऐसे सिस्टम विकसित करने चाहिए जो:

सौर ऊर्जा (Solar Power) से संचालित हों

बिना ग्रिड के रिमोट एरिया में भी कार्य कर सकें

3. नागरिक उपयोग हेतु सब्सिडी योजना:

सरकार यदि जनता के लिए यह RO सस्ता करना चाहे, तो:

Jal Jeevan Mission या CSR के तहत इसका निर्माण करवाया जा सकता है

वास्तविक उपयोगकर्ता अनुभव (User Feedback & Pilot Study)

DRDO Desalination Membrane पायलट आधार पर कई स्थानों पर टेस्ट किया:

INS Chennai (Warship) पर 6 महीने की टेस्टिंग के दौरान इसने बिना किसी रुकावट के 98% तक शुद्ध जल प्रदान किया

Gujarat Coastal Village में लगाए गए Mobile RO Unit से ग्रामीणों को 10,000 लीटर/दिन शुद्ध जल मिलने लगा

इन फील्ड रिपोर्ट्स ने साबित किया कि यह तकनीक हर दृष्टि से प्रभावी और भरोसेमंद है।

DRDO Desalination Membrane से जुड़े संभावित सवाल और उत्तर (Advanced FAQs)

Q1. DRDO की यह नई तकनीक किस काम की है?

Ans: यह तकनीक समुद्री जल को पीने योग्य जल में बदलती है, जिससे जहाजों, तटीय क्षेत्रों और आपदा के समय स्वच्छ जल मिल सके।

Q2. इसे किसने बनाया और कहाँ?

Ans: DRDO की DMSRDE प्रयोगशाला, कानपुर ने इसे 8 महीनों में बनाया है।

Q3. क्या यह तकनीक सिर्फ सेना के लिए है?

Ans: शुरुआत में हाँ, लेकिन भविष्य में इसे नागरिक क्षेत्रों में भी लाया जा सकता है।

Q4. इसकी सबसे खास बात क्या है?

Ans: यह उच्च-दाब पर भी समुद्री जल से नमक, धातु और जीवाणु को पूरी तरह हटाने में सक्षम है।

Q5. क्या यह पूरी तरह से भारत में बनी है?

Ans: जी हाँ, 100% स्वदेशी तकनीक है, आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा।

Q6. क्या यह मेम्ब्रेन ज़हरीले पदार्थों को भी हटा सकती है?

Ans: हाँ, यह Heavy metals जैसे आर्सेनिक, सीसा आदि को भी निकाल सकती है।

Q7. DRDO इस तकनीक को civilian sectors में कैसे लागू करेगा?

Ans: विभिन्न सरकारी मिशनों जैसे Jal Jeevan Mission में राज्य सरकारों के माध्यम से विस्तार संभव है।

Q8. क्या DRDO Desalination Membrane सामान्य RO से ज्यादा टिकाऊ है?

Ans: बिल्कुल, यह समुद्री जल जैसे कठोर वातावरण में 500+ घंटे की टेस्टिंग में सफल रही है।

Q9. क्या DRDO Desalination Membrane किसी अन्य देश को बेची जाएगी?

Ans: भविष्य में DRDO या भारत सरकार यदि चाहे तो इसका निर्यात कर सकती है।

Q10. क्या आम नागरिक इसे खरीद सकते हैं?

Ans: फिलहाल नहीं, लेकिन भविष्य में इसके simplified version आम जनता के लिए आ सकते हैं।

Q11. क्या DRDO का यह RO system बिजली से चलता है या सौर ऊर्जा से भी?

Ans: अभी की प्रणाली बिजली से चलती है, लेकिन DRDO भविष्य में Solar-compatible version पर काम कर रहा है।

Q12. क्या इसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी लगाया जा सकता है?

Ans: यदि वहाँ जल स्रोत उपलब्ध हैं (जैसे नदियाँ, झीलें), तो यह संभव है। Portable Units के माध्यम से इसे ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।

Q13. क्या इसे खेती में उपयोग किए जा सकने वाले जल के लिए उपयोग किया जा सकता है?

Ans: हाँ, उच्च TDS वाले पानी को शुद्ध कर खेती योग्य बनाया जा सकता है।

Q14. क्या DRDO इसे आम जनता को उपलब्ध कराएगा?

Ans: फिलहाल यह रक्षा और सरकारी मिशनों के लिए है, पर DRDO इसे टेक ट्रांसफर कर आम जनता के लिए भी खोलेगा।

Q15. DRDO RO membrane की कीमत कितनी होगी?

Ans: अभी इसकी कीमत सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन DRDO इसे लागत आधारित बनाकर सस्ता रखने की कोशिश में है।

निष्कर्ष (Conclusion):

DRDO द्वारा विकसित किया गया हाई-प्रेशर पॉलीमरिक मेम्ब्रेन भारत की वैज्ञानिक प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

DRDO Desalination Membrane तकनीक न केवल समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाती है, बल्कि यह पर्यावरण-अनुकूल, ऊर्जा दक्ष, और आर्थिक रूप से व्यवहार्य भी है।

जल संकट, जो आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक बनने जा रहा है, उसके समाधान के लिए यह तकनीक भारत की तरफ से एक मजबूत उत्तर है।

यह प्रौद्योगिकी सैनिकों, समुद्री जहाज़ों, आपदा-प्रभावित क्षेत्रों, दूरदराज़ के गाँवों, और शहरी झुग्गियों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने में सक्षम है। साथ ही, यह भारत को विदेशी RO मेम्ब्रेन पर निर्भरता से मुक्त कर ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती देती है।

DRDO की यह खोज भारत को वैश्विक मंच पर जल-तकनीक निर्यातक के रूप में स्थापित कर सकती है और मित्र देशों की जल आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकती है।

इस प्रकार यह मेम्ब्रेन सिर्फ एक वैज्ञानिक उपकरण नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय उपलब्धि है, जो स्वास्थ्य, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और सामाजिक न्याय — चारों स्तंभों को मजबूत करती है।


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Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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