Faizan Zaki’s की जीत: जुनून और मेहनत से बनी स्पेलिंग बी चैंपियनशिप की कहानी
भूमिका: फ़ैज़ान ज़की- एक शब्द प्रेमी बालक की सफलता की दास्तान”
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Toggle2025 का स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी फाइनल अमेरिका के राष्ट्रीय मंच पर एक अद्भुत क्षण लेकर आया, जब एक मुस्कुराता हुआ, आत्मविश्वास से भरा 12 साल का भारतीय-अमेरिकी बालक मंच पर खड़ा हुआ। नाम था — फ़ैज़ान ज़की।
उसने जब मंच पर ‘éclaircissement’ शब्द को न केवल शुद्ध उच्चारण में बोला, बल्कि बेहद सहज भाव से उसकी स्पेलिंग भी बता दी, तो मानो सैकड़ों दर्शकों की साँसें थम गईं।
एक पल बाद तालियों की गूंज, मुस्कराता चेहरा और 52,500 डॉलर का इनाम — यह पल सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक जुनून की कहानी थी।
फैज़ान की जड़ें और पारिवारिक वातावरण
फ़ैज़ान ज़की का जन्म एलन, टेक्सास (अमेरिका) में हुआ था, लेकिन उनके परिवार की जड़ें भारत से जुड़ी हैं। उनके पिता ज़की अनवर और माँ अर्शिया क़ादरी मूल रूप से भारत से ताल्लुक रखते हैं और एक शिक्षित, प्रेरणादायक वातावरण में फैज़ान को बड़ा किया।
उनका परिवार ऐसा नहीं था जो सिर्फ किताबों तक सीमित सोच रखता हो। उन्होंने फ़ैज़ान को हर चीज़ सीखने और जानने की आज़ादी दी — फिर चाहे वो स्पेलिंग हो, रूबिक क्यूब्स हों, भाषा हो या जीवन की कोई भी बात।
पढ़ाई की शुरुआत और विशेषता
फ़ैज़ान की पढ़ाई की शुरुआत ही असाधारण रही। महज़ दो साल की उम्र में उन्होंने पढ़ना शुरू कर दिया था। एक ओर जहां ज़्यादातर बच्चे उस उम्र में सिर्फ रंगों और खिलौनों से परिचित होते हैं, वहीं फैज़ान को शब्दों से प्यार हो गया था।
उनके माता-पिता ने कभी उन्हें किसी विशेष दिशा में जबरन नहीं ढकेला। लेकिन जैसे ही उन्होंने देखा कि फैज़ान की रुचि शब्दों, ध्वनियों और उनकी उत्पत्ति में है, उन्होंने उसका भरपूर समर्थन किया।
क्या है खास फैज़ान में?
फ़ैज़ान को सिर्फ रटने में विश्वास नहीं है। उन्हें शब्दों की जड़ों (roots), लैटिन और ग्रीक व्युत्पत्ति, उच्चारण, और उनके इतिहास में गहरी रुचि है। यही कारण है कि वह किसी शब्द को बस याद नहीं करते, बल्कि उसकी “कहानी” समझते हैं।
2024 में, उन्होंने पहली बार स्क्रिप्स बी के फाइनल राउंड में भाग लिया था और दूसरे स्थान पर रहे। उस समय उन्होंने कहा था — “मैंने हार नहीं मानी, बल्कि सीखा है कि अगले साल और बेहतर बनकर आऊँगा।”
एक दिमागी खिलाड़ी: रूबिक क्यूब्स का शौक
फ़ैज़ान की दूसरी सबसे बड़ी रुचि है — रूबिक क्यूब्स। उन्हें न केवल स्पीड में हल करने में मज़ा आता है, बल्कि वे इसके ज़रिए अपनी एकाग्रता और दिमागी संतुलन भी बढ़ाते हैं। 2024 में, उन्होंने अपने इनाम की राशि में से $1,500 एक स्पेशल रूबिक क्यूब पर खर्च किए थे।
उनकी ये रुचियाँ दर्शाती हैं कि वह सिर्फ एक ‘स्पेलर’ नहीं, बल्कि एक गंभीर, बहुआयामी सोच रखने वाले छात्र हैं, जो हर क्षेत्र में खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं।

“जुनून, धैर्य और मुस्कान: कैसे फैज़ान ज़की बना 2025 का चैंपियन”
पिछली हार से सीखी रणनीति
2024 की स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में जब फैज़ान ज़की द्वितीय स्थान पर रहे, तब उनके चेहरे पर मुस्कान थी, लेकिन आंखों में एक लक्ष्य चमक रहा था। उन्होंने मंच से उतरते हुए कहा था —
“हार एक मौका है सीखने का — मैं वापस आऊँगा और जीतूंगा।”
और सच में, उन्होंने वही किया।
उस हार के बाद, फैज़ान ने अपने अभ्यास में कुछ बड़े बदलाव किए। उन्होंने सिर्फ शब्दों की लिस्ट याद नहीं की, बल्कि:
शब्दों की उत्पत्ति पर ध्यान दिया (Etymology)।
अलग-अलग भाषाओं से आए शब्दों को समझा – जैसे फ्रेंच, लैटिन, ग्रीक, जर्मन आदि।
दैनिक अभ्यास का समय दोगुना किया — सुबह स्कूल से पहले और रात को सोने से पहले।
उनकी माँ अर्शिया ने बताया कि फैज़ान ने एक-एक दिन में 500 से अधिक शब्दों का अध्ययन किया, और हर शब्द के पीछे की कहानी को जाना।
2025 की प्रतियोगिता: तैयारी से फाइनल तक
2025 की स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में देश भर से आए 245 प्रतिभागियों के बीच फैज़ान सबसे छोटे प्रतिभागियों में से एक थे। लेकिन आत्मविश्वास, तैयारी और भाषा की समझ में वह सबसे आगे थे।
हर राउंड के बाद उनके उत्तर और उनके चेहरे की मुस्कान दर्शकों को प्रभावित करती गई। लोग उनकी सादगी और कॉन्फिडेंस के फैन हो गए। उनके उच्चारण में स्पष्टता, समझदारी और आत्मशक्ति साफ दिखती थी।
फाइनल राउंड का नाटकीय क्षण
फाइनल में सिर्फ दो प्रतियोगी बचे थे। एक ओर था 14 वर्षीय अनुभवी प्रतियोगी, और दूसरी ओर फैज़ान ज़की।
विरोधी ने एक शब्द में गड़बड़ी की — “Schistorrhachis” को गलत बताया।
अब बारी थी फैज़ान की।
उन्हें शब्द दिया गया: “Éclaircissement”
यह शब्द फ्रेंच भाषा से आता है और इसका मतलब होता है — “स्पष्टीकरण”।
मंच पर एक पल को सन्नाटा छा गया।
Faizan Zaki’s ने आंखें बंद कीं, हल्की-सी मुस्कुराहट दी, और बोला —
“É-C-L-A-I-R-C-I-S-S-E-M-E-N-T”
जज ने पुष्टि की — “That is correct.”
पूरा मंच तालियों की गूंज से भर गया। Faizan Zaki’s, 12 वर्ष का वह बच्चा, जिसने हार से सीखकर जीत को अपनी बनाई — 2025 Scripps National Spelling Bee Champion बन चुका था।
जीत के बाद का माहौल
Faizan Zaki’s के चेहरे पर आत्मविश्वास की वही हल्की मुस्कान थी, जो पूरे प्रतियोगिता के दौरान उनके साथ रही। उन्होंने मीडिया से कहा:
“मैं शब्दों से प्यार करता हूँ, और यही मेरा असली पुरस्कार है। ये ट्रॉफी, ये चेक — ये बोनस हैं, असली जीत वो है जो मैंने खुद को हर दिन सुधार कर पाई।”
उन्होंने पुरस्कार में:
$50,000 कैश प्राइज जीता।
Scripps Cup Trophy अपने नाम की।
और साथ में मिली Merriam-Webster की एक साल की सदस्यता, Encyclopedia Britannica की भी सब्सक्रिप्शन।
परिवार की भूमिका
उनकी माँ ने इंटरव्यू में कहा:
“हमने कभी Faizan Zaki’s पर ज़ोर नहीं डाला। वो खुद शब्दों से खेलना चाहता था, खुद सीखना चाहता था। हमने बस उसका साथ दिया।”
उनके पिता ज़की अनवर ने बताया कि Faizan Zaki’s की सबसे बड़ी ताकत है उसका संतुलन — वह हर चीज़ में मस्ती ढूंढ लेता है। स्पेलिंग को भी उसने ‘खेल’ की तरह लिया।
फैज़ान ज़की: एक ‘स्पेलिंग चैंपियन’ से बढ़कर
हालांकि Faizan Zaki’s को दुनिया ने एक स्पेलिंग चैंपियन के रूप में देखा, लेकिन उनके भीतर कई और प्रतिभाएं हैं जो उन्हें अन्य बच्चों से अलग बनाती हैं।
उनका IQ स्तर औसत से कहीं ऊपर है। वह सिर्फ शब्द याद नहीं रखते, बल्कि शब्दों के पीछे की संरचना, इतिहास और व्याकरणिक पैटर्न को गहराई से समझते हैं।
उनके अनुसार:
> “शब्द मेरे लिए बस अक्षरों का समूह नहीं हैं। वो इतिहास, संस्कृति और इंसानी सोच के दर्पण हैं।”
रूबिक क्यूब्स में महारत
Faizan Zaki’s को बचपन से ही रूबिक क्यूब्स में गहरी रुचि है। वे न केवल इसे 10 सेकंड से भी कम समय में सुलझा लेते हैं, बल्कि उन्होंने इसके मल्टी-लेयर वर्ज़न (4×4, 5×5) में भी कई प्रतियोगिताएं जीती हैं।
उनकी इस रुचि का फायदा स्पेलिंग बी में भी मिला क्योंकि:
इससे लॉजिकल थिंकिंग तेज़ होती है
डायवर्जेंट थिंकिंग (विकल्पों के ज़रिए हल ढूंढना) की शक्ति बढ़ती है
और फोकस बनाए रखने की क्षमता विकसित होती है
उनके रूम में 100 से ज़्यादा तरह के पज़ल्स हैं और वह दिन में कम-से-कम 1 घंटा अपने “ब्रेन टाइम” को इस शौक के लिए निकालते हैं।
Faizan Zaki’s: टेक्नोलॉजी से लगाव
Faizan Zaki’s को AI, Programming और Memory Hacks में भी गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने खुद से Python भाषा सीखी है और स्पेलिंग बी के लिए एक AI-सहायता प्राप्त रिवीजन ऐप भी डिज़ाइन किया है, जो उन्हें कठिन शब्दों के अभ्यास में मदद करता है।
उनकी ये जिज्ञासा उन्हें एक “भविष्य का वैज्ञानिक” भी बना सकती है।
भारतीय-अमेरिकी बच्चों की स्पेलिंग बी में धाक क्यों?
यह सिर्फ Faizan Zaki’s की बात नहीं है। पिछले दो दशकों से स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी के मंच पर भारतीय-अमेरिकी बच्चों का दबदबा रहा है। 1999 से लेकर 2025 तक 22 से अधिक बार भारतीय मूल के बच्चे विजेता बने हैं।
आखिर ऐसा क्यों है?
1. भाषा की संस्कृति से जुड़ाव
भारतीय समुदाय का अंग्रेजी से गहरा रिश्ता है। भारत में पहले से अंग्रेजी शिक्षा की व्यवस्था है और अमेरिका में आकर यह और मजबूत होती है।

2. शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
भारतीय माता-पिता शिक्षा को सबसे बड़ी पूंजी मानते हैं। वे बच्चों को अकैडमिक और प्रतिस्पर्धात्मक स्तर पर पूरी तरह प्रोत्साहित करते हैं।
3. प्रवासी मानसिकता
अमेरिका में बसे भारतीय माता-पिता जानते हैं कि उन्हें दोहरी मेहनत करनी है — अपनी पहचान बनाने के लिए और बच्चों को श्रेष्ठ बनाने के लिए।
4. सांस्कृतिक आयोजनों में भागीदारी
भारतीय समुदाय स्थानीय मंदिरों, हिंदी स्कूलों, संस्कृतियों के मेलों में बच्चों को प्रस्तुत करता है, जिससे उनमें आत्मविश्वास और प्रस्तुति कला का विकास होता है।
Faizan Zaki’s के बारे में क्या खास है?
Faizan Zaki’s सिर्फ विजेता नहीं हैं, वह इस चलन का सबसे अच्छा प्रतिनिधि बन चुके हैं। उनका स्नेही स्वभाव, सीखने की भूख और जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता उन्हें दूसरों से अलग बनाती है।
उनका मानना है:
> “मेरे जैसे कई बच्चे हैं, जिन्हें मौका मिला तो वे भी चैंपियन बन सकते हैं। बस उन्हें यह विश्वास दिलाना ज़रूरी है कि वे कर सकते हैं।”
Faizan Zaki’s का भविष्य: सपने अब उड़ान पर हैं
Faizan Zaki’s का विजेता बनना केवल एक प्रतिस्पर्धा जीतना नहीं है — यह उनके जीवन की एक ऐसी छलांग है, जिसने उनके लिए असंख्य नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं।
वह अब अमेरिका भर में स्कूलों, संस्थानों और मीडिया मंचों पर बुलाए जा रहे हैं ताकि वे अपने अनुभव और प्रेरणा साझा कर सकें।
शैक्षिक लक्ष्य:
Faizan Zaki’s का लक्ष्य है:
MIT या Stanford जैसे विश्व प्रसिद्ध संस्थानों में प्रवेश लेना
भाषाविज्ञान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में शोध करना
बच्चों के लिए एक gamified spelling app विकसित करना जिससे पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि मज़ा बनाया जा सके
> “मैं चाहता हूँ कि सीखना कभी डर का विषय न बने। जब हम खेलते-खेलते सीखते हैं, तो हमें यह कभी नहीं भूलता।”
— Faizan Zaki’s
मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस:
उन्होंने यह भी बताया कि इस स्पर्धा की तैयारी के दौरान उन्हें कभी-कभी तनाव और अकेलापन भी महसूस हुआ। लेकिन माता-पिता, शिक्षक और दोस्तों का साथ उन्हें संतुलन में बनाए रखने में मददगार रहा।
वे अब इस पर ज़ोर दे रहे हैं कि:
बच्चों पर प्रेशर नहीं डाला जाए, बल्कि गाइड किया जाए
प्रतिस्पर्धाओं को जीवन-मरण का प्रश्न नहीं, बल्कि सीखने का अनुभव समझा जाए
भारतीय-अमेरिकी समुदाय पर असर
Faizan Zaki’s की यह जीत पूरे भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का विषय है।
सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व
उनकी जीत ने यह दिखा दिया कि:
विविधता में भी प्रतिभा की समानता है
भारतीय मूल के बच्चे अमेरिका में गर्व से अपनी पहचान बना सकते हैं
ऐसे मंचों पर विजयी होना केवल बच्चों की नहीं, संस्कृति और मूल्य-परंपरा की भी विजय होती है
युवा रोल मॉडल
आज अमेरिका में बसे हजारों भारतीय परिवार फैज़ान ज़की को रोल मॉडल के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने यह साबित किया कि:
सीखने की ललक किसी भी पृष्ठभूमि से आ सकती है
मेहनत का कोई विकल्प नहीं
और संवेदनशील, विनम्र और जिज्ञासु होना ही सच्ची चैंपियनशिप है
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