Foxconn Devanahalli Plant: भारत में जून से शुरू होगी iPhone की मैन्युफैक्चरिंग!
परिचय
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Toggleभारत अब केवल एक उपभोक्ता बाज़ार नहीं रह गया है, बल्कि वह वैश्विक टेक्नोलॉजी उत्पादन में एक अहम कड़ी बनता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है
Apple के सबसे भरोसेमंद मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर Foxconn द्वारा बेंगलुरु के निकट देवनहल्ली में स्थापित की गई विशाल यूनिट, जो जून 2025 से iPhone की शिपमेंट शुरू करने जा रही है। यह केवल एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी महत्वाकांक्षा की नींव है।
भारत में iPhone निर्माण का उदय: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
Apple ने 2017 में भारत में iPhone का उत्पादन शुरू किया था। शुरुआत में यह सीमित मात्रा में था और केवल कुछ पुराने मॉडल जैसे iPhone SE, iPhone 6s आदि बनाए जाते थे।
लेकिन धीरे-धीरे भारत में न केवल उत्पादन बढ़ा बल्कि नए मॉडल भी यहीं बनने लगे।
Foxconn, Pegatron और Wistron जैसे ताइवानी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स ने Apple के साथ मिलकर भारत को iPhone निर्माण का हब बना दिया है।
आज यह संभव हो पाया है क्योंकि केंद्र सरकार की “Make in India” और PLI (Production Linked Incentive) जैसी योजनाओं ने विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित किया।
Foxconn Devanahalli Plant का भारतीय मेगा प्रोजेक्ट
स्थान और निवेश
देवनहल्ली, जो बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है, तकनीकी निवेश के लिए एक आदर्श जगह बन चुकी है। Foxconn की फैक्ट्री लगभग 300 एकड़ भूमि पर फैली हुई है, जिसमें कुल निवेश ₹21,911 करोड़ का है।
Foxconn Devanahalli Plant Apple के फ्लैगशिप iPhone मॉडल बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है, विशेष रूप से iPhone 16 सीरीज। यहाँ से उत्पादन होने वाले iPhones का बड़ा हिस्सा अमेरिका, यूरोप और मध्य एशिया जैसे बाजारों में निर्यात किया जाएगा।
जून 2025 की तैयारी: पहला शिपमेंट और भविष्य की दिशा
Foxconn की योजना है कि जून 2025 तक यहां से पहला iPhone शिपमेंट किया जाए। प्रारंभिक चरण में लगभग 1 लाख यूनिट्स तैयार की जाएंगी, और धीरे-धीरे यह संख्या दिसंबर 2028 तक सालाना 2 करोड़ iPhones तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा जब अमेरिका जैसे तकनीकी महाशक्ति को मेड इन इंडिया iPhones शिप किए जाएंगे।
रोज़गार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
Foxconn Devanahalli Plant के निर्माण और संचालन से करीब 50,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।
इसमें न केवल इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे, बल्कि उत्पादन लाइन पर काम करने वाले कर्मचारी, सुरक्षा कर्मी, परिवहन चालक, केटरिंग स्टाफ आदि भी शामिल होंगे।
Foxconn Devanahalli Plant ने बेंगलुरु के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रियल एस्टेट की कीमतों में 30-40% तक की वृद्धि की है। कई मल्टीनेशनल कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में आने की योजना बना रही हैं।
सरकारी समर्थन और योजनाएँ
कर्नाटक सरकार ने Foxconn को ₹6,970 करोड़ की सब्सिडी और टैक्स लाभ दिए हैं। इसमें शामिल हैं:
भूमि की लागत पर 25% की सब्सिडी
संयंत्र और मशीनरी पर 20% की पूंजीगत सब्सिडी
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की 100% छूट
बिजली, जल आपूर्ति और सड़क कनेक्टिविटी के लिए विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर विकास
इसके अलावा केंद्र सरकार की PLI योजना के तहत भी Foxconn को उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन मिलेंगे।

वैश्विक दृष्टिकोण: क्यों भारत बना Apple का पसंदीदा देश
Apple लंबे समय से चीन पर निर्भर रहा है, लेकिन कोविड-19 के दौरान चीन में लॉकडाउन और यूएस-चीन ट्रेड वॉर ने उन्हें अपनी आपूर्ति श्रृंखला को विविधतापूर्ण बनाने के लिए मजबूर किया।
भारत न केवल लागत के लिहाज से अनुकूल है, बल्कि यहाँ की युवा आबादी, अंग्रेजी भाषी श्रमबल और राजनीतिक स्थिरता ने Apple को यहाँ दीर्घकालिक निवेश के लिए प्रेरित किया।
Apple की योजना है कि 2025 तक अपने कुल iPhone प्रोडक्शन का लगभग 25% भारत में शिफ्ट कर दे।
तकनीक और गुणवत्ता मानकों की चुनौती
Apple के लिए गुणवत्ता से कोई समझौता संभव नहीं है। Foxconn ने भारत में उसी मानक की उत्पादन इकाई स्थापित की है जैसी चीन में है।
यहां अत्याधुनिक clean rooms, robotic arms, AI से नियंत्रित quality checks और fully automated assembly lines लगाई जा रही हैं।
इसके लिए भारत में हजारों इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे Apple के कठोर मानकों को पूरा कर सकें।
सामाजिक और पारिस्थितिक जिम्मेदारी
Foxconn ने इस प्रोजेक्ट के तहत ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफाइड फैक्ट्री निर्माण का वादा किया है। यहाँ:
100% सोलर एनर्जी और रेनवॉटर हार्वेस्टिंग का उपयोग
कचरे का पुनर्चक्रण
महिला कर्मचारियों के लिए विशेष आवास और सुरक्षा प्रावधान
स्थानीय गांवों में स्किल डेवलपमेंट केंद्र की स्थापना
इन्हें शामिल किया गया है ताकि यह परियोजना केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी उत्तरदायी हो।
भविष्य की संभावनाएँ: क्या भारत बनेगा अगला सिलिकॉन वैली?
Foxconn Devanahalli Plant एक शुरुआत है। इसके बाद Apple अपने अन्य उत्पादों जैसे iPads, MacBooks, और Apple Watch के उत्पादन को भी भारत में शुरू कर सकता है।
इससे प्रेरित होकर अन्य वैश्विक टेक कंपनियाँ जैसे Google, Microsoft, Tesla भी भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना बना रही हैं।
स्थानीय चुनौती: भूमि अधिग्रहण और ग्रामीण विरोध
हालांकि परियोजना व्यापक रूप से स्वागत योग्य रही है, लेकिन कुछ स्थानीय किसान भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता और उचित मुआवज़े की मांग कर रहे हैं।
सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वैकल्पिक योजनाओं और पुनर्वास नीतियों पर काम कर रही है।
Apple की रणनीति में भारत की भूमिका: सिर्फ निर्माण नहीं, एक रणनीतिक धुरी
Apple सिर्फ भारत को एक “सस्ता निर्माण केंद्र” नहीं मानता, बल्कि इसे एक स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित कर रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं:
1. तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन बाज़ार – भारत Apple के लिए एक विशाल उपभोक्ता बाज़ार भी है, जहाँ मध्यम वर्ग की क्रयशक्ति बढ़ रही है।
2. कुशल श्रमबल – भारतीय इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी स्नातकों की गुणवत्ता अब वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुकी है।
3. स्थिर लोकतंत्र – चीन की तरह अचानक नियमों में बदलाव या सेंसरशिप का डर नहीं।
4. भविष्य की सप्लाई चेन का निर्माण – Apple अब सिंगल देश डिपेंडेंसी से बाहर आना चाहता है।
Foxconn Devanahalli Plant: एक टेक्नोलॉजी सिटी की कल्पना
यह फैक्ट्री केवल एक भवन नहीं है, बल्कि इसे एक “मिनी स्मार्ट सिटी” की तरह डिजाइन किया गया है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
वर्कर्स हॉस्टल्स जो 70,000 से ज्यादा कर्मचारियों को ठहरा सकें।
इन-हाउस ट्रेन्डिंग सेंटर जहाँ इंजीनियरों और तकनीशियनों को Apple मानकों पर प्रशिक्षण मिलेगा।
मेडिकल, फूड, फिटनेस और रिक्रिएशन सुविधाएं, ताकि कर्मचारी संतुलित जीवन जी सकें।
इको-फ्रेंडली डिज़ाइन, जो कार्बन फुटप्रिंट को न्यूनतम रखने पर केंद्रित है।
अन्य निवेशकों के लिए प्रेरणा
Foxconn की यह परियोजना एक बेंचमार्क बन गई है, जिससे कई अन्य कंपनियाँ प्रेरित हो रही हैं। उदाहरण के तौर पर:
Pegatron ने चेन्नई में अपना विस्तार शुरू किया है।
Tata Electronics भी Hosur (तमिलनाडु) में Apple के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर रहा है।
Lava, Dixon Technologies, और Optiemus जैसी भारतीय कंपनियाँ भी स्मार्टफोन असेंबली में Apple का समर्थन कर रही हैं।
इन सबका सामूहिक असर यह है कि भारत अब केवल “मेड इन इंडिया” नहीं, बल्कि “डिज़ाइन्ड इन इंडिया” की ओर बढ़ रहा है।
प्रभाव: शिक्षा, स्किल और स्टार्टअप इकोसिस्टम
Foxconn जैसे निवेश के आने से भारत में उच्च शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट में भी तेजी आई है। कई इंजीनियरिंग कॉलेजों ने Apple और Foxconn Devanahalli Plant के साथ साझेदारी कर नए कोर्स शुरू किए हैं जैसे:
स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन प्रोडक्शन
रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन
वहीं दूसरी ओर, यह स्टार्टअप्स को भी प्रेरित कर रहा है — खासकर वे जो हार्डवेयर, क्वालिटी टेस्टिंग, इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई चेन और ऑटोमेशन के क्षेत्र में हैं।
Apple की दीर्घकालिक योजना: भारत में R&D भी?
अब तक Apple की अनुसंधान और विकास (R&D) यूनिट मुख्यतः अमेरिका और चीन में रही हैं। लेकिन अब चर्चा है कि:
बेंगलुरु में एक Apple Innovation Lab स्थापित हो सकती है
जहां भारतीय इंजीनियर नए फीचर्स, हार्डवेयर डिजाइन और प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी पर काम करेंगे
यदि ऐसा होता है, तो यह भारत के लिए सिर्फ निर्माण नहीं, बल्कि नवाचार (Innovation) में भी वैश्विक स्थान बनाने का अवसर होगा।
स्थानीय स्तर पर उठती चुनौतियाँ
किसी भी बड़ी परियोजना के साथ चुनौतियाँ भी आती हैं। Foxconn की Foxconn Devanahalli Plant को भी इसका सामना करना पड़ रहा है:
स्थानीय किसानों का विरोध – भूमि अधिग्रहण और मुआवज़े को लेकर विवाद।
प्रशिक्षण में समय और लागत – Apple के गुणवत्ता मानकों पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में लंबा समय लगता है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर की मांग – सड़कों, बिजली, जल, ट्रांसपोर्ट और इंटरनेट की विश्वस्तरीय जरूरतें।
सरकार और Foxconn मिलकर इन समस्याओं का समाधान निकाल रहे हैं ताकि प्रोजेक्ट समय पर शुरू हो सके।
क्या भारत बन पाएगा iPhone Superpower?
Apple के लिए भारत एक लंबी दूरी की रेस है। यह कोई 1-2 साल का प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि आने वाले 10 से 20 साल की रणनीति है। अगर सब कुछ योजनानुसार चला, तो:
भारत में Apple के 5-6 बड़े प्रोडक्शन हब बन सकते हैं
भारत एशिया में Apple का सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बन सकता है
यहां बने iPhone दुनियाभर में Apple की साख और भारत की तकनीकी ताकत को दर्शाएंगे

एक राष्ट्रीय गौरव का क्षण
जब Foxconn Devanahalli Plant से पहला iPhone कंटेनर जून 2025 में अमेरिका के लिए रवाना होगा, तो वह सिर्फ एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं होगा – वह भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और भविष्य का प्रतीक होगा।
Foxconn’s Devanahalli iPhone Unit – FAQs in Hindi
Q1. Foxconn Devanahalli Plant क्या है?
उत्तर: Foxconn Devanahalli Plant Apple iPhones का निर्माण करने वाली एक अत्याधुनिक फैक्ट्री है जो बेंगलुरु के पास, कर्नाटक के देवनहल्ली में स्थित है। यह भारत में iPhone निर्माण को बड़े स्तर पर शुरू करने वाली प्रमुख यूनिट है।
Q2. इस यूनिट का निर्माण कब शुरू हुआ और यह कब तक शुरू हो जाएगी?
उत्तर: Foxconn Devanahalli Plant का निर्माण कार्य वर्ष 2023 में शुरू हुआ था और इसके पहले iPhone शिपमेंट जून 2025 तक वैश्विक बाजारों में जाने की उम्मीद है।
Q3. Foxconn Devanahalli Plant में कितने लोगों को रोज़गार मिलेगा?
उत्तर: Foxconn Devanahalli Plant में अनुमानतः 50,000 से 70,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसमें इंजीनियर, तकनीशियन, सप्लाई चेन वर्कर आदि शामिल होंगे।
Q4. क्या Foxconn Devanahalli Plant में पूरी तरह iPhone बनाए जाएंगे?
उत्तर: जी हां, यह एक एंड-टू-एंड असेंबली यूनिट है जहाँ iPhone के विभिन्न पुर्जों को जोड़कर फुल-फ्लेज्ड iPhones तैयार किए जाएंगे। साथ ही, भविष्य में यहां पर कुछ कंपोनेंट्स का उत्पादन भी शुरू हो सकता है।
Q5. इस फैक्ट्री की लागत कितनी है?
उत्तर: Foxconn Devanahalli Plant में लगभग ₹13,600 करोड़ से अधिक निवेश की योजना बनाई है। यह अब तक का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण निवेशों में से एक है।
Q6. भारत में iPhone निर्माण का क्या लाभ है?
उत्तर:
भारत में iPhone निर्माण से कई फायदे हैं:
रोजगार सृजन
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
लोकल सप्लाई चेन का विकास
मेक इन इंडिया को बढ़ावा
भारत का वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनना
Q7. Apple ने भारत में निर्माण क्यों चुना, चीन को क्यों नहीं बढ़ाया?
उत्तर: चीन में बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक जोखिमों, अमेरिकी-चीन व्यापार युद्ध, और सिंगल कंट्री डिपेंडेंसी को कम करने के लिए Apple ने भारत को वैकल्पिक निर्माण केंद्र के रूप में चुना है।
Q8. क्या भविष्य में Apple की R&D यूनिट भी भारत में आ सकती है?
उत्तर: जी हां, ऐसी चर्चाएं हैं कि Apple बेंगलुरु में एक Innovation & Research Lab शुरू करने की योजना बना रहा है। इससे भारत को केवल निर्माण केंद्र नहीं, बल्कि नवाचार केंद्र बनने का भी अवसर मिलेगा।
Q9. क्या स्थानीय उद्योगों को भी इससे लाभ होगा?
उत्तर: बिलकुल। Foxconn Devanahalli Plant के साथ जुड़ने वाले हजारों स्थानीय MSMEs (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को सप्लाई चेन का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा जिससे उनकी आमदनी, तकनीक और अवसर बढ़ेंगे।
Q10. क्या इससे भारत में iPhone सस्ते होंगे?
उत्तर: हालांकि शुरू में इसका सीधा असर कीमतों पर नहीं होगा, लेकिन लंबी अवधि में भारत में मैन्युफैक्चरिंग से टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी में कमी आने की संभावना है, जिससे iPhone भारतीय ग्राहकों के लिए थोड़े सस्ते हो सकते हैं।
Q11. Foxconn Devanahalli Plant से भारत के किन राज्यों को प्रेरणा मिली है?
उत्तर: Foxconn Devanahalli Plant के निवेश के बाद तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं।
Q12. क्या महिला श्रमिकों के लिए भी अवसर होंगे?
उत्तर: हां, Foxconn Devanahalli Plant में महिला कर्मचारियों के लिए अलग से हॉस्टल, सुरक्षा और ट्रेनिंग सुविधाएं तैयार की गई हैं। Apple की नीति है कि निर्माण यूनिट्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़े।
Q13. इस प्रोजेक्ट की निगरानी कौन कर रहा है?
उत्तर: यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम और कर्नाटक सरकार की IT नीति के अंतर्गत आता है। इसकी निगरानी Foxconn के वरिष्ठ अधिकारी, Apple टीम और राज्य सरकार कर रही है।
Q14. क्या इससे अन्य ब्रांड्स भी भारत में निर्माण शुरू करेंगे?
उत्तर: जी हां, Apple का भारत में निर्माण शुरू करना Samsung, Google, Xiaomi जैसी कंपनियों को भी भारत में निर्माण और निवेश बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।
Q15. यह यूनिट पर्यावरण के लिए कितनी अनुकूल है?
उत्तर: Foxconn Devanahalli Plant ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफाइड बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें सौर ऊर्जा, जल पुनर्चक्रण, और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उपाय शामिल हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारत अब वैश्विक स्तर पर केवल एक उपभोक्ता बाजार नहीं, बल्कि एक विश्वसनीय निर्माण केंद्र (manufacturing hub) बनने की दिशा में अग्रसर है। Foxconn Devanahalli Plant इसका एक सशक्त प्रमाण है।
Apple जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी का भारत में iPhone निर्माण शुरू करना यह दर्शाता है कि अब देश में उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स के निर्माण की पूरी क्षमता है।
इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी तकनीकी समृद्धि का अवसर प्राप्त होगा।
इससे कर्नाटक को एक नई पहचान मिलेगी और बेंगलुरु एक टेक्नोलॉजी हब से मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनने की ओर बढ़ेगा।
Apple का भारत में निर्माण को प्राथमिकता देना, चीन-आधारित निर्भरता को कम करने की रणनीति का हिस्सा है, लेकिन भारत को यह अवसर केवल इसलिए मिला क्योंकि यहाँ पर नीतिगत स्थिरता, कुशल श्रमबल, और तेजी से विकसित होता बुनियादी ढांचा मौजूद है।
साथ ही, “मेक इन इंडिया”, “डिजिटल इंडिया” और PLI जैसी योजनाओं ने विदेशी कंपनियों को आकर्षित किया है।
जहाँ एक ओर iPhone निर्माण से भारत की वैश्विक व्यापार में स्थिति मज़बूत होगी, वहीं दूसरी ओर यह देश के युवाओं के लिए कौशल विकास और नवाचार के नए द्वार खोलेगा।
इससे तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में चीन, वियतनाम जैसे देशों को टक्कर देने की स्थिति में आ जाएगा।
अंततः, Foxconn की देवनहल्ली यूनिट एक फैक्ट्री से कहीं बढ़कर है — यह भारत के भविष्य की एक झलक है, जहाँ टेक्नोलॉजी, रोजगार, और आत्मनिर्भरता का त्रिकोण देश को विश्व मंच पर एक नई ऊँचाई पर ले जाने को तैयार है।
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