Google Prompting Essentials: 9 घंटे की High Skill ट्रेनिंग मे सीखें AI से बात करने की Ultimate तकनीक 2025 में

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Google Prompting Essentials: AI Experts की Secret Prompting Skills अभी सीखें!

परिचय: क्या है Google Prompting Essentials और क्यों है ये ज़रूरी?

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21वीं सदी का सबसे बड़ा तकनीकी वरदान अगर कोई है, तो वो है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। लेकिन क्या AI खुद से कोई करिश्मा कर सकता है? नहीं। असली जादू होता है Prompting में – यानी AI से सवाल पूछने या उसे निर्देश देने की कला।

“Google Prompting Essentials” कोर्स, गूगल का वो प्रयास है जो आपको इसी कला में निपुण बनाता है। चाहे आप एक स्टूडेंट हों, टीचर, कंटेंट क्रिएटर, बिज़नेस प्रोफेशनल या रिसर्चर – आज हर क्षेत्र में AI का इस्तेमाल हो रहा है।

लेकिन अगर आपको नहीं पता कि AI से सही सवाल कैसे पूछे जाएं, तो आप इसके असली फायदों से वंचित रह जाएंगे।

गूगल ने वर्षों के रिसर्च और अपने अनुभव को समेटकर इस 9-घंटे के प्रशिक्षण में वो सब सिखाने की कोशिश की है, जो आपको AI के इस युग में सफल बना सकता है।

Google Prompting Essentials कोर्स का मकसद – बातचीत की कला को तकनीक से जोड़ना

यह Google Prompting Essentials केवल टेक्निकल स्किल्स सिखाने के लिए नहीं है। Google Prompting Essentials का असली फोकस है “सोचने” और “पूछने” की प्रक्रिया को समझाना।

हम अक्सर मानते हैं कि सवाल पूछना आसान है, लेकिन AI से पूछने के लिए आपको सटीक, स्पष्ट और उद्देश्यपूर्ण प्रॉम्प्ट तैयार करना आना चाहिए।

गूगल का ये कोर्स सिखाता है:

कौन-से शब्द प्रॉम्प्ट में असर डालते हैं?

अलग-अलग टोन और भाषा का क्या असर पड़ता है?

कैसे एक ही सवाल को कई तरीकों से पूछकर बेहतर जवाब निकाले जा सकते हैं?

Google Prompting Essentials कोर्स की संरचना – 9 घंटे में सोच का विस्तार

Google Prompting Essentials कोर्स को एक प्रॉपर सीखने की जर्नी की तरह डिज़ाइन किया गया है। हर सेक्शन एक अलग सोच की खिड़की खोलता है:

(क) प्रॉम्प्टिंग का विज्ञान – ये कैसे काम करता है?

यहाँ आपको सिखाया जाता है कि AI मॉडल कैसे काम करते हैं और उन्हें “प्रॉम्प्ट” देने का मतलब क्या होता है। यह भाग टेक्निकल टर्म्स में नहीं उलझाता बल्कि रोज़मर्रा की भाषा में समझाता है कि कैसे GPT जैसे मॉडल सोचते हैं।

(ख) क्लासिकल प्रॉम्प्ट्स से मॉडर्न एप्लिकेशन तक

सिंगल-शॉट बनाम मल्टी-शॉट प्रॉम्प्टिंग

कंटेक्स्ट बिल्डिंग और फॉलो-अप क्वेरी का महत्व

रोल प्ले प्रॉम्प्टिंग यानी AI को रोल असाइन करना (जैसे: “तुम अब एक साइंटिस्ट हो, मुझे न्यूटन लॉ समझाओ”)

(ग) प्रैक्टिकल सेशन – सीखो, आज़माओ, सुधारो

हर थ्योरी के बाद आपको लाइव डेमो देखने को मिलते हैं, साथ में रियल-टाइम क्विज़ और प्रैक्टिस एक्सरसाइज़ भी होती हैं। यह भाग कोर्स को इंटरएक्टिव बनाता है और आपके प्रॉम्प्टिंग स्किल्स को तुरंत मजबूत करता है।

Google Prompting Essentials: 9 घंटे की High Skill ट्रेनिंग मे सीखें AI से बात करने की Ultimate तकनीक 2025 में
Google Prompting Essentials: 9 घंटे की High Skill ट्रेनिंग मे सीखें AI से बात करने की Ultimate तकनीक 2025 में

क्यों ये Google Prompting Essentials कोर्स बाकी से अलग है?

गूगल का यह Google Prompting Essentials कोर्स किसी रेगुलर कोर्स की तरह केवल जानकारी नहीं देता। इसकी सबसे खास बात है इसका थॉट प्रोसेस बिल्डिंग अप्रोच। यानी ये आपको सिर्फ स्किल्स नहीं देता, बल्कि आपकी सोच को नया आकार देता है।

इसमें बताया गया है कि AI की ताकत का असली मतलब तब निकलता है जब इंसान और मशीन के बीच संवाद “स्मार्ट” हो। स्मार्टनेस सिर्फ मशीन की नहीं, इंसान की सोच और समझदारी की भी ज़रूरत है।

किसे करना चाहिए यह Google Prompting Essentials कोर्स?

आप सोच रहे होंगे, “क्या ये मेरे लिए है?” जवाब है — अगर आप AI का यूज़ करना चाहते हैं, तो हाँ, ये आपके लिए है। विशेष रूप से ये कोर्स निम्न लोगों के लिए बेहद उपयोगी है:

स्टूडेंट्स – असाइनमेंट में मदद, रिसर्च, कोडिंग और टॉपिक एक्सप्लोरेशन के लिए

शिक्षक – टेक्स्ट जनरेशन, क्विज़ डिजाइनिंग और टीचिंग मटीरियल बनाने के लिए

कंटेंट क्रिएटर्स – स्क्रिप्ट्स, आर्टिकल, सोशल मीडिया पोस्ट बनाने में

बिज़नेस प्रोफेशनल्स – ईमेल, मार्केटिंग कॉपी, रिपोर्ट, डेटा इंटरप्रिटेशन में

फ्रीलांसर्स और स्टार्टअप्स – आईडिया जनरेशन, ब्रांडिंग और पर्सनल असिस्टेंट टूल्स के रूप में

प्रभावी प्रॉम्प्टिंग की तकनीकें – सिर्फ सवाल नहीं, सोच का तरीका

AI से बात करना सिर्फ “सवाल पूछना” नहीं होता, बल्कि एक सोचने और समझाने की प्रक्रिया होती है। Google का यह कोर्स यह बताता है कि अगर आप प्रॉम्प्ट सही ढंग से नहीं देते, तो सबसे स्मार्ट AI भी आपके लिए कुछ खास नहीं करेगा।

(क) स्पष्टता (Clarity) का महत्व

AI को इंसान की तरह संदर्भ नहीं समझ आता। उसे हर निर्देश स्पष्ट और सीधा चाहिए। उदाहरण:

गलत: “मुझे गणित पढ़ाओ।”

सही: “मैं 9वीं कक्षा का छात्र हूँ, कृपया मुझे पायथागोरस प्रमेय को एक आसान उदाहरण के साथ समझाइए।”

स्पष्ट प्रॉम्प्ट से उत्तर ज्यादा उपयोगी और लक्षित मिलते हैं।

(ख) निर्देश का विस्तार (Instruction Elaboration)

कभी-कभी एक ही लाइन में प्रॉम्प्ट देना कम होता है। विस्तार से निर्देश देना ज्यादा सटीक उत्तर दिला सकता है।

उदाहरण:
“आप एक इतिहास शिक्षक हैं, मुझे मुगल साम्राज्य की नीति और प्रशासनिक ढांचे पर 500 शब्दों में UPSC स्तर पर उत्तर दीजिए।”

(ग) AI को भूमिका देना (Role Assignment)

AI से अधिक प्रासंगिक उत्तर पाने के लिए आप उसे एक भूमिका दे सकते हैं। जैसे:

“मान लीजिए आप एक डॉक्टर हैं…”

“आप एक SEO एक्सपर्ट हैं, मुझे बताइए…”

“आप एक इंटरव्यू लेने वाले हैं, मुझे एक मॉक इंटरव्यू दीजिए…”

यह AI को संदर्भ और टोन समझने में मदद करता है।

गलतियाँ जो अक्सर लोग करते हैं – और कैसे बचें?

Google Prompting Essentials कोर्स में बताया गया है कि प्रॉम्प्टिंग की शुरुआत करने वाले कई लोग कुछ सामान्य गलतियाँ करते हैं:

(1) अस्पष्ट प्रॉम्प्ट्स देना

जैसे: “मुझे इसके बारे में बताओ।” — यह vague होता है। AI को नहीं पता कि “इस” से क्या मतलब है।

(2) बहुत अधिक निर्देश एक साथ देना

AI को बहुत सारे काम एक साथ देना, जैसे: “मुझे यह समझाओ, फिर उदाहरण दो, फिर तुलना करो, फिर इसे कहानी में बदलो…” — इससे जवाब गड़बड़ा सकता है।

हल: प्रॉम्प्ट को भागों में तोड़ें।

(3) फीडबैक न देना

AI को सही दिशा में लाने के लिए आपको फीडबैक देना जरूरी होता है। जैसे:

“यह उत्तर बहुत कठिन है, इसे सरल बनाओ।”

“अच्छा है, पर उदाहरण जोड़ो।”

“इसे हिंदी में समझाओ।”

AI संवाद में जितना सुधार करते हैं, उत्तर उतने बेहतर होते जाते हैं।

Google Prompting Essentials: 9 घंटे की High Skill ट्रेनिंग मे सीखें AI से बात करने की Ultimate तकनीक 2025 में
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प्रॉम्प्टिंग का मनोविज्ञान – इंसान की सोच का प्रतिबिंब

Google इस कोर्स में बताता है कि AI एक दर्पण की तरह है – जैसा पूछेंगे, वैसा ही जवाब देगा। मतलब? अगर आप जिज्ञासा, विश्लेषण और स्पष्ट सोच से सवाल करेंगे, तो AI भी गहराई से जवाब देगा।

यहाँ कुछ बेहतरीन मनोवैज्ञानिक संकेत दिए गए हैं:

मान लीजिए…” से शुरू करें — कल्पना की शक्ति जोड़ती है

“सोचिए आप…” — रोल प्ले एन्हांस करता है

“मेरे स्टूडेंट के लिए…” — पर्सनल टच से टोन बदलता है

AI से सवाल पूछते समय आपकी सोच की संरचना ही उसके उत्तर की दिशा तय करती है।

व्यावहारिक अभ्यास और केस स्टडीज़ – थ्योरी से रियल वर्ल्ड तक

Google के इस कोर्स की सबसे बड़ी ताकत है इसके “Live Practical Prompts”। इसमें आपको सिखाया जाता है कि आप खुद AI से कैसे अलग-अलग स्टाइल में बातचीत करें।

कुछ उदाहरण जिन पर केस स्टडी आधारित हैं:

केस 1: कंटेंट क्रिएटर के लिए

प्रॉम्प्ट: “एक सोशल मीडिया पोस्ट तैयार करो जो किसी उत्पाद को युवाओं के लिए आकर्षक बनाए।”

केस 2: टीचर के लिए

प्रॉम्प्ट: “10वीं कक्षा के बच्चों को धातु और अधातु का अंतर तीन उदाहरणों के साथ समझाओ।”

केस 3: बिज़नेस उपयोग

प्रॉम्प्ट: “मेरे प्रोडक्ट के लिए एक ईमेल मार्केटिंग ड्राफ्ट तैयार करो, जिसमें 3 CTA हों और एक इमोशनल हुक हो।”

प्रमाणपत्र और Google Prompting Essentials कोर्स कम्प्लीशन के फायदे

इस कोर्स को पूरा करने के बाद Google की ओर से एक ऑफिशियल डिजिटल सर्टिफिकेट मिलता है जो आपको पेशेवर स्तर पर भी मजबूत बनाता है।

क्या फायदे हैं इस सर्टिफिकेट के?

रिज़्यूमे में एक अहम स्किल जोड़ता है

AI टूल्स के साथ प्रभावी काम करने की पहचान

फ्रीलांस, एजुकेशन, IT और कॉर्पोरेट सेक्टर में वैल्यू बढ़ाता है

निष्कर्ष – Prompting एक स्किल नहीं, भविष्य की भाषा है

AI अब भविष्य नहीं, वर्तमान है। और इसमें संवाद करने की कला यानी Prompting एक ऐसी भाषा है जिसे हर किसी को सीखना चाहिए।

Google का यह “Google Prompting Essentials” कोर्स न सिर्फ AI से बेहतर बात करना सिखाता है, बल्कि आपकी सोच को भी एक नई दिशा देता है।


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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