ISSF World Cup Munich 2025: भारत की 36 सदस्यीय निशानेबाजी टीम की कमान संभालेंगे मनु भाकर, सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाले
भूमिका: ISSF विश्व कप और भारत की उम्मीदें
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!निशानेबाजी (Shooting) हमेशा से भारत की ओलंपिक खेलों में सबसे भरोसेमंद स्पर्धा रही है। चाहे अभिनव बिंद्रा का 2008 बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक हो या 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजों का शानदार प्रदर्शन — इस खेल ने देश को गौरवान्वित किया है।
अब 2025 का आईएसएसएफ (ISSF – International Shooting Sport Federation) विश्व कप म्यूनिख भारत के लिए एक और बड़ा अवसर लेकर आया है।
यह आयोजन न केवल पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय शूटिंग टूर्नामेंट है, बल्कि यह भी देखेगा कि भारत आने वाले वर्षों के लिए किस दिशा में जा रहा है।
भारत का 36 सदस्यीय निशानेबाजी दल इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा है, जो अनुभव और युवा जोश का आदर्श मिश्रण है।
🇩🇪 म्यूनिख: निशानेबाजी का विश्व स्तरीय मंच
जर्मनी का म्यूनिख शहर वर्षों से ISSF विश्व कप का आयोजन करता आ रहा है। इसकी आधुनिकतम सुविधाएं, तकनीकी सटीकता और आयोजन की गुणवत्ता इसे दुनिया के शीर्ष शूटिंग इवेंट स्थलों में स्थान देती हैं।
2025 का संस्करण भी इसी परंपरा का हिस्सा है, जहां अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग सिस्टम, थ्री-पोजीशन रेंज, और एयर राइफल व पिस्टल रेंज उपलब्ध हैं।
म्यूनिख ISSF इवेंट्स के लिए केवल एक वेन्यू नहीं है — यह एक प्रशिक्षण और मानसिक दृढ़ता की परीक्षा भी है।
🇮🇳 भारतीय दल: 36 खिलाड़ियों की ताकत
भारत ने 2025 के इस टूर्नामेंट के लिए 36 सदस्यीय दल को भेजा है, जिसमें अनुभवी चैंपियनों के साथ-साथ कई उभरते सितारे भी शामिल हैं।
यह टीम ना केवल पदक की दावेदार है, बल्कि भविष्य के ओलंपिक और एशियन गेम्स जैसे आयोजनों के लिए भी संभावनाओं की प्रयोगशाला बन सकती है।
नेतृत्वकर्ता: तीन स्टार निशानेबाज
इस दल का नेतृत्व कर रहे हैं तीन ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया:
1. मनु भाकर – भारत की सबसे भरोसेमंद महिला पिस्टल निशानेबाज। पेरिस 2024 में उन्होंने मिक्स्ड टीम और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीते।
2. सरबजोत सिंह – पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक विजेता। उनकी स्थिरता और मानसिक संतुलन उन्हें विश्व स्तरीय खिलाड़ी बनाते हैं।
3. स्वप्निल कुसाले – 50 मीटर थ्री पोजीशन राइफल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया। वे तकनीक और अनुशासन के प्रतीक हैं।
इन तीनों खिलाड़ियों के अनुभव से पूरी टीम को न केवल रणनीति में मदद मिलेगी, बल्कि मानसिक समर्थन भी मिलेगा।
टीम की संरचना: अनुभव और नवाचार का संगम
भारतीय टीम को विभिन्न स्पर्धाओं में विभाजित किया गया है:
एयर राइफल
पुरुष वर्ग में अनुभवी और युवा निशानेबाज जैसे दिव्यांश पंवार, अर्जुन बाबुता
महिला वर्ग में इलावेनिल वालारिवन और रामिता जैसे खिलाड़ी शामिल हैं
एयर पिस्टल
सरबजोत सिंह और वरुण तोमर जैसे युवा और तेज दिमाग वाले खिलाड़ी
मनु भाकर और ईशा सिंह महिला वर्ग की मुख्य उम्मीदें हैं
50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन
पुरुष वर्ग में स्वप्निल कुसाले और अंशुल चौधरी
महिला वर्ग में तेजस्विनी सावंत और सौरभ चौधरी की बहन रिया चौधरी जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी
मिक्स्ड टीम इवेंट
इस इवेंट में भारत की उम्मीदें विशेष हैं क्योंकि पिछले वर्षों में मिक्स्ड इवेंट में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन रहा है।

भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन – निशानेबाजी में एक झलक
भारत ने ISSF विश्व कप के इतिहास में कई बार टॉप 3 में अपनी जगह बनाई है। 2019 में भारत ने रिकॉर्ड 21 पदक जीते थे जिसमें 9 स्वर्ण शामिल थे। भारत ने लगातार 2021 और 2022 में भी कई स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए।
मनु भाकर, सरबजोत, इलावेनिल, दिव्यांश, और राही सरनोबत जैसे खिलाड़ियों ने भारत को विश्व स्तरीय निशानेबाजी राष्ट्र बना दिया है। म्यूनिख 2025 इस ऐतिहासिक प्रगति को आगे बढ़ाने का सुनहरा मौका है।
तैयारी और प्रशिक्षण: जीत का तंत्र
भारतीय निशानेबाजों ने इस विश्व कप की तैयारी के लिए करणी सिंह शूटिंग रेंज, दिल्ली और गुरुग्राम के निजी ट्रेनिंग बेस में कई सप्ताह का प्रशिक्षण लिया है। कोचिंग टीम में:
सौरभ चौधरी जैसे पूर्व खिलाड़ियों का मार्गदर्शन
जर्मन और कोरियाई तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से टारगेटिंग सिस्टम का उच्चस्तरीय अभ्यास
मानसिक कोच और स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट की मदद से एकाग्रता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
1. मनु भाकर – भारत की सबसे चमकती निशानेबाज
शुरुआत और पृष्ठभूमि:
मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले में 2002 में हुआ। शुरुआत में वह मुक्केबाज़ी और मार्शल आर्ट में सक्रिय रहीं। लेकिन जब उन्होंने निशानेबाजी की दुनिया में कदम रखा, तो पूरे भारत का ध्यान उनकी ओर गया।
प्रमुख उपलब्धियाँ:
पेरिस ओलंपिक 2024: मिक्स्ड टीम एयर पिस्टल में कांस्य पदक, व्यक्तिगत इवेंट में फाइनल में स्थान
ISSF वर्ल्ड कप: 9 से अधिक गोल्ड, 4 सिल्वर, 6 ब्रॉन्ज
यूनिवर्सिटी गेम्स 2023: गोल्ड मेडल
कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: गोल्ड
ताकत और रणनीति:
मनु की सबसे बड़ी ताकत है उनकी मानसिक एकाग्रता और प्रेशर में टिके रहने की क्षमता। वह आमतौर पर प्रतियोगिता के शुरुआती शॉट्स में मध्यम स्कोर के बाद अंतिम राउंड में ज़बरदस्त वापसी के लिए जानी जाती हैं।
म्यूनिख 2025 में संभावनाएं:
मनु वर्तमान में विश्व रैंकिंग में टॉप 5 में हैं। म्यूनिख की रेंज उन्हें सूट करती है क्योंकि यहां वह पहले भी गोल्ड जीत चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वह क्वालिफाइंग में पहले तीन स्थानों में आती हैं, तो वह पोडियम पर निश्चित दिखाई देती हैं।
2. सरबजोत सिंह – शांत व्यक्तित्व, घातक सटीकता
प्रोफ़ाइल:
हरियाणा के अंबाला जिले से आने वाले सरबजोत सिंह ने 2019 में जूनियर कैटेगरी से शुरुआत की और कुछ ही सालों में सीनियर वर्ग में अपना परचम लहराया। उनके शांत चेहरे के पीछे छिपी होती है तेज सोच और टारगेट पर ज़बरदस्त नियंत्रण।
उपलब्धियाँ:
पेरिस ओलंपिक 2024: पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक
ISSF वर्ल्ड कप: 5 गोल्ड, 3 सिल्वर
एशियन गेम्स 2022: टीम इवेंट में गोल्ड
ISSF जूनियर वर्ल्ड कप: लगातार दो बार व्यक्तिगत गोल्ड
टेक्निकल ताकत:
सरबजोत का रिलीज टाइम (Trigger Response) बहुत तेज़ है
उनकी पोजिशनिंग और सांस नियंत्रण पर नियंत्रण उन्हें दूसरों से अलग बनाता है
प्रैक्टिस के दौरान वह ड्राई फायरिंग पर खास ध्यान देते हैं
म्यूनिख 2025 में पदक की संभावनाएं:
उन्होंने हाल ही में कोरिया में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में 588/600 का स्कोर किया था, जो उन्हें किसी भी इंटरनेशनल इवेंट में शीर्ष 3 में ला सकता है। म्यूनिख में उनकी फॉर्म को देखते हुए स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
3. स्वप्निल कुसाले – भारत का सटीक राइफलिस्ट
पृष्ठभूमि:
महाराष्ट्र के बीड जिले से आने वाले स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। वे जूनियर से सीनियर तक पूरे सफर में खुद को हर स्तर पर साबित कर चुके हैं।
प्रमुख रिकॉर्ड:
पेरिस ओलंपिक 2024: कांस्य पदक – 50 मीटर थ्री पोजीशन में
ISSF वर्ल्ड कप 2022 और 2023: 4 गोल्ड, 3 सिल्वर
नेशनल रिकॉर्ड: 1183/1200 स्कोर – अब तक का सर्वश्रेष्ठ भारतीय स्कोर

तकनीकी विशेषता:
कुशन पॉज़िशन, प्रोन स्टांस, और नीलिंग शॉट्स में शानदार संतुलन
अपनी फिटनेस और बैक स्ट्रेन्थ पर विशेष काम करते हैं, क्योंकि यह पोजीशन शूटिंग में बेहद जरूरी होता है
पदक की संभावना:
स्वप्निल की सबसे बड़ी ताकत है अंतिम शॉट तक मानसिक दृढ़ता बनाए रखना। वे तकनीकी रूप से इतने सक्षम हैं कि खराब शुरुआत को भी वे पॉडियम तक ले जा सकते हैं। म्यूनिख 2025 में वह राइफल कैटेगरी में गोल्ड के लिए सबसे प्रबल खिलाड़ी हैं।
ISSF: तीनों की टीम वर्क क्षमता – भारत की असली ताकत
मिक्स्ड और टीम इवेंट में तालमेल
मनु और सरबजोत की जोड़ी मिक्स्ड एयर पिस्टल में दुनिया की सबसे खतरनाक जोड़ियों में गिनी जाती है। वहीं स्वप्निल और अंशुल की राइफल टीम ने हाल ही में ISSF एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीता।
इन तीनों का अनुभव, एक-दूसरे को पढ़ने की क्षमता, और मानसिक समर्थन भारत को टीम इवेंट में कम से कम दो पदक दिला सकता है।
निष्कर्ष: ISSF विश्व कप म्यूनिख 2025 में भारत की पदक उम्मीदों की नई उड़ान
भारत की निशानेबाजी अब सिर्फ एक खेल नहीं रह गई है — यह एक राष्ट्र की उम्मीद, युवाओं की प्रेरणा, और विश्व मंच पर भारत की सटीकता और दृढ़ता का प्रतीक बन चुकी है। ISSF विश्व कप म्यूनिख 2025 इसी भावना का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है।
36 सदस्यीय भारतीय दल, जिसमें मनु भाकर, सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाले जैसे अनुभवी पदक विजेता नेतृत्व कर रहे हैं, केवल पदक जीतने नहीं जा रहे — वे जा रहे हैं भारत को एक निशानेबाजी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने।
तीन मुख्य बातें जो इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाएंगी:
1. अनुभव + युवा ऊर्जा का संतुलन
भारत की टीम में ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ युवा प्रतिभाओं का संगम है, जो आने वाले ओलंपिक और एशियन गेम्स में देश के लिए आधारशिला तैयार करेगा।
2. तकनीकी, मानसिक और रणनीतिक तैयारी
आधुनिक प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक समर्थन और अंतरराष्ट्रीय कोचिंग ने भारत को अब केवल प्रतिभाशाली नहीं, बल्कि तकनीकी रूप से सक्षम टीम बना दिया है।
3. विश्व मंच पर भारत की स्थिति मज़बूत करना
अगर भारत इस विश्व कप में 6–8 पदक जीतने में सफल रहता है, तो वह चीन, कोरिया और अमेरिका जैसे देशों के समकक्ष स्थायी रूप से खड़ा हो सकता है।
🇮🇳 भारत की दिशा – भविष्य की ओर
मनु, सरबजोत और स्वप्निल केवल व्यक्तिगत पदकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी युवा पीढ़ी को यह दिखाने जा रहे हैं कि सपने कैसे सटीक निशानों से पूरे होते हैं। म्यूनिख में होने वाला हर शॉट, हर पॉइंट, और हर पदक भारत के लिए भविष्य के खेल-आधारित गौरव का बीज होगा।
ISSF विश्व कप म्यूनिख 2025 न केवल प्रतिस्पर्धा का मैदान है — यह संघर्ष, समर्पण और सफलता की असली परीक्षा है। भारत इस बार सिर्फ हिस्सा नहीं ले रहा है — भारत जीतने निकला है।
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