Kami Rita: एवरेस्ट का बादशाह — 31 बार चढ़ाई का बेमिसाल कीर्तिमान!
परिचय: एक नाम जो एवरेस्ट का पर्याय बन चुका है
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Toggleजब भी कोई “माउंट एवरेस्ट” का नाम सुनता है, तो आंखों के सामने एक कठिन, बर्फीला और चुनौतीपूर्ण पर्वत नजर आता है, जिसे पार करना सिर्फ़ सपनों जैसी बात लगती है।
लेकिन नेपाल के एक छोटे से गाँव में जन्मे एक साधारण से इंसान ने इस असाधारण कार्य को 31 बार कर दिखाया है — उनका नाम है Kami Rita शेर्पा।
यह कोई सामान्य रिकॉर्ड नहीं, बल्कि इंसानी हिम्मत, मेहनत, दृढ़ संकल्प और परंपरा का ऐसा संगम है जिसे पूरी दुनिया सलाम करती है।
शुरुआती जीवन: ऊंचाइयों की ओर पहला कदम
Kami Rita का जन्म 12 जनवरी 1970 को नेपाल के सोलुखुम्बु जिले के थामे गांव में हुआ था। ये वही क्षेत्र है जहाँ एवरेस्ट की छाया हर समय बनी रहती है और हर घर में कोई न कोई पर्वतारोहण से जुड़ा होता है।
उनके पिता भी एक एवरेस्ट गाइड थे। गरीबी, साधनों की कमी और शिक्षा की अनुपलब्धता के बावजूद Kami Rita के अंदर कुछ बड़ा कर दिखाने की आग थी। उन्होंने बहुत कम उम्र से ही ऊँचाई वाले इलाकों में काम करना शुरू कर दिया।
करियर की शुरुआत: एक पोर्टर से विश्व रिकॉर्ड तक
1992 में, उन्होंने एक पोर्टर (सामान ढोने वाला) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। फिर 1994 में पहली बार एवरेस्ट की चढ़ाई की — और यह सिलसिला थमा नहीं।
उन्होंने हर साल एवरेस्ट पर चढ़ाई की, सिवाय उन वर्षों के जब मौसम या भूकंप के कारण पर्वतारोहण प्रतिबंधित कर दिया गया।
31वीं बार एवरेस्ट फतह: 2025 की ऐतिहासिक सुबह
27 मई 2025 को, कामी रीता ने 31वीं बार माउंट एवरेस्ट की चोटी पर कदम रखकर न केवल अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि मानव इतिहास में एक ऐसा अध्याय लिखा जो शायद कभी दोहराया न जा सके।
इस बार उन्होंने 22 सदस्यीय भारतीय सेना के अभियान का हिस्सा बनकर, दक्षिण-पूर्व रिज से सफल चढ़ाई की।
यह एवरेस्ट की 8,849 मीटर ऊँचाई को 31वीं बार छूने वाला एकमात्र इंसान बनना था — और Kami Rita ने इसे कर दिखाया।
क्यों खास है यह उपलब्धि?
एवरेस्ट पर एक बार चढ़ना ही एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
लेकिन 31 बार चढ़ना? यह एक महाकाव्य जैसा है।
ऊंचाई, ऑक्सीजन की कमी, -40 डिग्री का तापमान और भूस्खलन जैसे खतरों के बावजूद यह करना किसी लोहे के हौसले का काम है।
केवल एवरेस्ट ही नहीं, ये भी फतेह किया
Kami Rita का रिकॉर्ड सिर्फ एवरेस्ट तक सीमित नहीं है। उन्होंने कुल मिलाकर 40 बार 8000 मीटर से ऊँची चोटियों पर चढ़ाई की है। इनमें शामिल हैं:
K2 (8,611 मीटर) – दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची और सबसे खतरनाक चोटी
ल्होत्से (8,516 मीटर)
चो ओयू (8,188 मीटर)
मनास्लु (8,163 मीटर)
व्यक्तिगत जीवन: सादगी में ही शक्ति है
Kami Rita एक साधारण जीवन जीते हैं।
उनकी पत्नी लाक्पा जांगमु और दो बच्चे हैं।
वो काठमांडू में रहते हैं लेकिन हर साल एवरेस्ट के लिए निकल जाते हैं।
उन्होंने अपने बच्चों को पर्वतारोहण से दूर रखने का फैसला किया है ताकि वे एक सुरक्षित और शिक्षित जीवन जी सकें।
Kami Rita शेर्पा समुदाय: पर्वतों के असली नायक
Kami Rita शेर्पा समुदाय बिना प्रचार-प्रसार के हर साल हजारों पर्वतारोहियों को सुरक्षित एवरेस्ट तक पहुंचाते हैं। ये लोग रस्सियां बिछाते हैं, सीढ़ियां लगाते हैं, खाना पकाते हैं और सबसे खतरनाक रास्तों से होते हुए दूसरों को सफल बनाते हैं।
Kami Rita समुदाय की प्रेरणा हैं। उन्होंने शेर्पाओं की अनदेखी और अनसुनी मेहनत को दुनिया के सामने लाकर रख दिया है।
जलवायु परिवर्तन और खतरे
Kami Rita ने कई बार यह चिंता जताई है कि:
एवरेस्ट अब पहले जैसा नहीं रहा।
ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं।
बर्फ के नीचे दबे शव अब सतह पर नजर आने लगे हैं।
खतरे बढ़ गए हैं, लेकिन पर्वतारोहण का आकर्षण कम नहीं हुआ।
उनकी अपील है कि पर्वतारोहण को और सुरक्षित, नियंत्रित और पर्यावरण-संवेदनशील बनाया जाए।

पुरस्कार और सम्मान
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
नेपाल सरकार द्वारा विशेष सम्मान
नेशनल/इंटरनेशनल मीडिया द्वारा बार-बार फीचर किया गया
डॉक्यूमेंट्रीज़ में प्रमुख रूप से शामिल
परंतु फिर भी, कामी रीता का कहना है, “हमारा असली इनाम है, जब हर पर्वतारोही सुरक्षित वापस लौटे।”
उनकी जिंदगी से क्या सीखें?
1. लगातार प्रयास करें: कभी मत रुकिए, कामी रीता की तरह।
2. अपने डर से लड़ें: माउंट एवरेस्ट से बड़ा कोई डर नहीं।
3. जड़ से जुड़े रहें: इतनी ऊँचाइयों पर पहुंचकर भी उन्होंने कभी अपने गाँव और संस्कृति को नहीं छोड़ा।
4. सादगी सबसे बड़ी ताकत है
आने वाली पीढ़ियों के लिए संदेश
Kami Rita युवा शेर्पाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं और उन्हें यह सिखा रहे हैं कि पर्वतारोहण सिर्फ चोटी पर पहुंचना नहीं है, बल्कि एक ज़िम्मेदारी भी है — अपने साथियों की सुरक्षा की, पर्यावरण की, और परंपराओं की।
भविष्य की योजनाएं
Kami Rita का कहना है कि जब तक शरीर साथ देगा, वो एवरेस्ट पर चढ़ते रहेंगे। लेकिन उनकी लंबी योजना है:
युवा गाइड्स को प्रशिक्षित करना
पर्वतारोहण के मानक सुधारना
शेर्पा समुदाय के अधिकारों की रक्षा
कामी रीता की उपलब्धियों की तुलना अन्य प्रसिद्ध पर्वतारोहियों से
एडमंड हिलेरी और तेन्जिंग नोर्गे
1953 में माउंट एवरेस्ट पर पहली बार चढ़ने वाले सर एडमंड हिलेरी और तेन्जिंग नोर्गे ने इतिहास रचा था, लेकिन वे केवल एक बार चढ़े। वहीं कामी रीता ने 31 बार चढ़कर ये दिखा दिया कि आज की पीढ़ी का साहस और स्थिरता कितनी ऊँचाई पर है।
अपा शेर्पा और फूरबा ताशी
अपा शेर्पा ने 21 बार और फूरबा ताशी ने 21 बार एवरेस्ट फतह किया, जो लंबे समय तक एक रिकॉर्ड था। पर कामी रीता ने इन्हें पीछे छोड़ते हुए एवरेस्ट पर चढ़ाई की परिभाषा ही बदल दी।
कामी रीता की सफलता के पीछे की कड़ी मेहनत
1. पर्वतारोहण की तैयारी
कामी रीता की तैयारी महीनों चलती है। इसमें कार्डियो ट्रेनिंग, ऊँचाई पर रहने की आदत डालना, ऑक्सीजन प्रैक्टिस, और मानसिक दृढ़ता शामिल है।
2. न्यूट्रिशन और डाइट
उनका खाना ऊर्जा देने वाला और हल्का होता है, जिसमें दाल भात, याक दूध, और ऊँचाई पर मिलने वाली स्थानीय जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं।
कामी रीता का योगदान नई पीढ़ी के लिए
कामी रीता आज सिर्फ पर्वतारोही नहीं बल्कि एक “मेंटॉर” भी हैं। वे नेपाल में युवाओं को पर्वतारोहण में प्रशिक्षित कर रहे हैं और यह बता रहे हैं कि कैसे सीमित संसाधनों से भी कोई एवरेस्ट जैसी ऊंचाई छू सकता है।
कामी रीता पर डॉक्यूमेंट्री और किताबें
1. डॉक्यूमेंट्री:
Netflix, Discovery और BBC जैसी इंटरनेशनल मीडिया संस्थाएं कामी रीता की यात्रा पर डॉक्यूमेंट्री बना चुकी हैं।
2. किताबें:
“Path to the Summit” नामक पुस्तक में उनकी जिंदगी का पूरा विवरण है, जिसे पर्वतारोहण की दुनिया में ‘बाइबिल’ माना जा रहा है।
कामी रीता के प्रेरणादायक कथन (Quotes)
“हर बार जब मैं एवरेस्ट पर चढ़ता हूँ, मैं नेपाल का झंडा सबसे ऊँचाई पर लहराता हूँ।”
“जो लोग सोचते हैं कि असंभव कुछ होता है, वे मुझे नहीं जानते।”
“मेरी चढ़ाई सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, मेरी पहचान है।”

आने वाली पीढ़ी के लिए संदेश
कामी रीता युवाओं से कहते हैं —
“अपने डर को पहचानो, उसे अपनाओ, और फिर उससे ऊपर उठो। चाहे वो जिंदगी हो या पर्वत — जीत उन्हीं की होती है जो डटे रहते हैं।”
भारत-नेपाल संबंध और शेर्पा समुदाय
Kami Rita की उपलब्धि नेपाल की ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप की प्रेरणा है। भारत और नेपाल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते में शेर्पा समुदाय ने एक पुल की भूमिका निभाई है।
FAQs: Kami Rita शेर्पा और उनका एवरेस्ट रिकॉर्ड
Q1. Kami Rita शेर्पा कौन हैं?
Ans: Kami Rita शेर्पा एक प्रसिद्ध नेपाली पर्वतारोही हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर 31 बार चढ़ाई करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। वे शेर्पा समुदाय से हैं और दशकों से पर्वतारोहण में सक्रिय हैं।
Q2. Kami Rita ने माउंट एवरेस्ट कितनी बार चढ़ा है?
Ans: 2025 में, उन्होंने 31वीं बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की, जो किसी भी पर्वतारोही द्वारा सबसे अधिक बार एवरेस्ट पर चढ़ने का रिकॉर्ड है।
Q3. कामी रीता पहली बार एवरेस्ट कब चढ़े थे?
Ans: कामी रीता ने पहली बार माउंट एवरेस्ट पर 1994 में चढ़ाई की थी। तब से वे हर साल एवरेस्ट और अन्य पर्वतों पर चढ़ते आ रहे हैं।
Q4. कामी रीता किस गांव से हैं?
Ans: वे नेपाल के थामे गांव (Thame Village), सोलूखुम्बु जिले से हैं, जो एवरेस्ट क्षेत्र में स्थित है और शेर्पा समुदाय का प्रमुख केंद्र है।
Q5. Kami Rita का पेशा क्या है?
Ans: Kami Rita एक पेशेवर माउंटेन गाइड हैं। वे अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहण टीमों को माउंट एवरेस्ट और अन्य ऊँचाई वाले पर्वतों पर सुरक्षित चढ़ाई करवाने में मदद करते हैं।
Q6. क्या Kami Rita ने केवल एवरेस्ट पर ही चढ़ाई की है?
Ans: नहीं, उन्होंने K2, चो ओयू, ल्होत्से, मनास्लु और अन्य 8000 मीटर से ऊपर के पर्वतों पर भी सफल चढ़ाई की है।
Q7. क्या Kami Rita को कोई राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला है?
Ans: हां, Kami Rita को नेपाल सरकार द्वारा कई बार सम्मानित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें पर्वतारोहण की दुनिया में एक लिविंग लेजेंड माना जाता है।
Q8. Kami Rita की उम्र क्या है?
Ans: 2025 तक, Kami Rita की उम्र लगभग 55 वर्ष है, लेकिन उनकी ऊर्जा और दृढ़ता आज भी युवाओं को प्रेरित करती है।
Q9. क्या Kami Rita रिटायर होने वाले हैं?
Ans: फिलहाल, उन्होंने रिटायरमेंट की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है। उनका मानना है कि जब तक शरीर साथ देगा, वे चढ़ाई जारी रखेंगे।
Q10. Kami Rita का सपना क्या है?
Ans: Kami Rita का सपना है कि वे शेर्पा समुदाय को वैश्विक पहचान दिलाएं और नेपाल के युवाओं को पर्वतारोहण के क्षेत्र में प्रशिक्षित करके आत्मनिर्भर बनाएं।
निष्कर्ष: Kami Rita — एवरेस्ट से ऊँचा हौसला
Kami Rita शेर्पा केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक जीवित प्रेरणा हैं। उन्होंने 31 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर जो कीर्तिमान स्थापित किया है, वह न केवल नेपाल बल्कि पूरी मानवता के लिए गर्व की बात है।
वे उस जज़्बे का प्रतीक हैं, जो कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों में भी हार नहीं मानता।
उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता ऊँचाई की मोहताज नहीं होती, बल्कि सोच, समर्पण और मेहनत की होती है।
एक साधारण शेर्पा परिवार में जन्म लेकर, कामी रीता ने अपने जुनून को इतना ऊँचा बना दिया कि आज उनका नाम दुनिया के हर कोने में सम्मान से लिया जाता है।
जहाँ अधिकतर लोग एवरेस्ट की चढ़ाई को एक सपना मानते हैं, वहाँ कामी रीता ने इसे 31 बार पूरा करके यह साबित कर दिया कि इंसान की इच्छाशक्ति अगर अडिग हो, तो कोई भी पहाड़ बहुत ऊँचा नहीं होता।
वे आज केवल एवरेस्ट के शिखर पर नहीं हैं, बल्कि विश्व की प्रेरणाओं के शिखर पर हैं।
उनका जीवन, उनका संघर्ष और उनकी सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर है। वे न केवल पर्वतों को जीतते हैं, बल्कि दिलों को भी। वास्तव में, कामी रीता का हौसला एवरेस्ट से भी ऊँचा है।
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