Kempegowda International Airport Breaks All Records! पहली बार हुआ ऐसा चमत्कार
भूमिका: एक साधारण शुरुआत से ऐतिहासिक उपलब्धि तक
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Toggleबेंगलुरु, जिसे भारत का “सिलिकॉन वैली” कहा जाता है, अब केवल आईटी उद्योग के लिए ही नहीं, बल्कि विमानन क्षेत्र में भी अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है।
वर्ष 2008 में जब Kempegowda International Airport (KIA) ने पहली बार उड़ान भरी थी, तब शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि आने वाले वर्षों में यह हवाई अड्डा भारत के सबसे तेजी से बढ़ते और नवाचार से भरपूर हवाई अड्डों में से एक बन जाएगा।
2025 में, इस एयरपोर्ट ने एक ऐसा मील का पत्थर हासिल किया है, जो आज तक इसकी यात्रा में कभी नहीं हुआ था — स्थापना के 17 वर्षों बाद पहली बार इसे मुनाफा हुआ।
केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे की पृष्ठभूमि: शुरुआत, उद्देश्य और चुनौतियाँ
केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेंगलुरु शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर देवनहल्ली में स्थित है। इसकी शुरुआत उस समय हुई जब बेंगलुरु का पुराना हवाई अड्डा (HAL) बढ़ते यात्री भार को संभालने में असमर्थ हो गया था।
सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) का अनूठा मॉडल
KIA भारत के पहले हवाई अड्डों में से था जिसे Public-Private Partnership मॉडल पर बनाया गया। इसकी संचालक कंपनी है BIAL (Bangalore International Airport Limited), जिसमें सरकार और निजी निवेशक दोनों की भागीदारी है।
शुरुआती वर्षों की चुनौतियाँ
यात्री वृद्धि की सही अनुमान न हो पाना
लंबी दूरी पर स्थित होने के कारण यात्रा में असुविधा
सीमित सार्वजनिक परिवहन
भारी परिचालन लागत
इन चुनौतियों के बावजूद, एयरपोर्ट ने कभी अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों से समझौता नहीं किया।
रिकॉर्ड लाभ की कहानी: ₹510 करोड़ की ऐतिहासिक कमाई
अब आते हैं उस खबर पर, जिसने इस एयरपोर्ट को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया — ₹510 करोड़ का शुद्ध लाभ। इस लाभ की घोषणा मई 2025 में की गई और यह पहली बार था कि एयरपोर्ट ने अपने सारे खर्च निकालकर सकारात्मक कमाई दर्ज की।
1. लाभ के स्रोत
a. यात्री वृद्धि
कोविड-19 के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में बड़ी तेजी आई, जिसका सीधा असर एयरपोर्ट की आमदनी पर पड़ा।
b. टर्मिनल 2 का संचालन
2022 में खोले गए टर्मिनल 2 ने यात्रियों की संख्या दोगुनी कर दी। इससे ज्यादा एयरलाइनों को स्लॉट मिला और राजस्व में बढ़ोतरी हुई।
c. माल परिवहन
नया कार्गो टर्मिनल आने के बाद माल ढुलाई से होने वाली आय में भारी इज़ाफा हुआ।
d. व्यावसायिक क्षेत्र (Airport City)
रेस्टोरेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, और ऑफिस स्पेस से मिली आमदनी ने भी मुनाफे में योगदान दिया।

हरियाली और नवाचार: एशिया का पहला लेवल 5 कार्बन-न्यूट्रल एयरपोर्ट
जहां एक ओर KIA ने आर्थिक सफलता पाई, वहीं दूसरी ओर उसने पर्यावरणीय मोर्चे पर भी नई ऊंचाइयाँ छुईं। यह एशिया का पहला हवाई अड्डा बना जिसे ACI (Airport Council International) से लेवल 5 कार्बन मान्यता प्राप्त हुई।
1. नेट-ज़ीरो लक्ष्य पहले ही हासिल
2030 तक नेट ज़ीरो की जो योजना थी, उसे KIA ने 2023 में ही पूरा कर लिया।
- 95% ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी
इस उपलब्धि को पाने के लिए हवाई अड्डे ने सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, वर्षा जल संचयन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया।
IV. वैश्विक पुरस्कार और मान्यता
एक के बाद एक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर KIA की सराहना की गई:
ACI ग्रीन एयरपोर्ट अवॉर्ड (2025)
सेफ्टी एक्सीलेंस गोल्ड अवार्ड
World’s Best Airport Staff Service – South Asia (Skytrax)
ACI-ASQ Awards for Passenger Satisfaction
यह न केवल एयरपोर्ट के इन्फ्रास्ट्रक्चर को दर्शाता है, बल्कि उसके प्रबंधन की दक्षता और भविष्य दृष्टि को भी उजागर करता है।
यात्री अनुभव में क्रांति: ‘टचलेस ट्रैवल’ और डिजिटलीकरण
KIA ने कोविड के बाद यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी। इसके लिए कई पहल की गईं:
1. डिजी यात्रा (DigiYatra)
चेहरे की पहचान के ज़रिए बिना टच किए चेक-इन और सुरक्षा जांच संभव हुई।
2. स्मार्ट टर्मिनल
IoT सेंसर, स्मार्ट लाइटिंग, और स्वचालित बैगेज हैंडलिंग सिस्टम ने पूरी प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया।
यात्रियों के लिए वेलनेस ज़ोन, मेडिटेशन स्पेस, और योग एरिया
यह भारत में पहली बार था जब किसी हवाई अड्डे ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी अनुभव का हिस्सा बनाया।
हवाई अड्डे से जुड़ी कनेक्टिविटी की नई तस्वीर
1. मेट्रो परियोजना
KIA को शहर से जोड़ने के लिए एक नई मेट्रो लाइन पर तेज़ी से कार्य चल रहा है। 2026 तक यह लाइन पूरी होने की उम्मीद है।
2. उपनगरीय रेल
रेलवे स्टेशन को हवाई अड्डे से जोड़ने की योजना भी अंतिम चरण में है, जिससे सस्ती और तेज़ पहुंच संभव होगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
केवल लाभ कमाना ही इस हवाई अड्डे का उद्देश्य नहीं रहा, बल्कि इसने हजारों लोगों को रोज़गार दिया और बेंगलुरु की वैश्विक छवि को और मजबूत किया।
1. 50,000+ नौकरियाँ
सीधा और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसरों में जबरदस्त वृद्धि हुई।
2. MSME को बढ़ावा
एयरपोर्ट परिसर में काम कर रहे छोटे कारोबारियों को नए प्लेटफ़ॉर्म मिले।
3. CSR और ग्रामीण भागीदारी
KIA के CSR प्रोग्राम के तहत स्कूल, स्वास्थ्य शिविर और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाए गए।
भविष्य की योजनाएं: भारत का अगला वैश्विक एविएशन हब?
KIA की हालिया प्रगति कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक मास्टर प्लान का हिस्सा है जिसे अगले दशक में चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा।
1. टर्मिनल 3 की योजना
वर्तमान टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 की क्षमताएं आगामी वर्षों में यात्रियों की संख्या को पूरी तरह संभाल नहीं पाएंगी। इसलिए:
टर्मिनल 3 की योजना पर BIAL तेजी से काम कर रही है
यह टर्मिनल पूरी तरह डिजिटल-फर्स्ट और ग्रीन बिल्डिंग होगा
अनुमानित लागत: ₹10,000 करोड़ से अधिक
अनुमानित यात्री क्षमता: 30 मिलियन प्रति वर्ष (अकेले T3 की)
2. एयरोसिटी और एयरोस्पेस पार्क
केवल एयरपोर्ट पर फोकस न करके, KIA अब Airport City और Aerospace Tech Park विकसित कर रहा है।
कार्यालय, होटेल, एक्सपो सेंटर्स और सम्मेलन भवन तैयार होंगे
ISRO, HAL, DRDO जैसे संस्थानों को निजी एविएशन कंपनियों के साथ जोड़ा जाएगा
यह क्षेत्र डिफेंस एविएशन और सिविल एयरोस्पेस इनोवेशन का केंद्र बन सकता है
चुनौतियाँ: सफलता की उड़ान में बाधाएँ भी मौजूद हैं
भले ही मुनाफा और अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली हो, पर कुछ चुनौतियाँ अब भी सामने हैं:
1. अत्यधिक यात्री भार
2025 की शुरुआत में ही एयरपोर्ट ने वर्षाना 40 मिलियन यात्रियों का आंकड़ा पार कर लिया है। यदि ढांचा जल्द न बढ़ाया गया, तो भीड़भाड़, देरी और सेवा स्तर गिर सकते हैं।
2. टोल और ट्रैफिक समस्या
Kempegowda International Airport बेंगलुरु शहर से 40 किमी दूर स्थित है, और वहां तक पहुँचने के लिए यात्रियों को भारी टोल और ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है। यह अनुभव को प्रभावित करता है।
3. प्रतियोगिता
हैदराबाद और दिल्ली जैसे हवाई अड्डे भी तेजी से उभर रहे हैं
अगर Kempegowda International Airport नवाचार और सुविधा में निरंतर निवेश नहीं करता, तो प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकता है
4. जल संकट
बेंगलुरु में जल संकट पहले से मौजूद है। इतने बड़े हवाई अड्डे को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए जल संरक्षण तकनीकों पर और ज़ोर देना होगा।
राष्ट्रीय विमानन क्षेत्र में Kempegowda International Airport की भूमिका
Kempegowda International Airport की सफलता केवल एक हवाई अड्डे की नहीं है — यह भारत के बढ़ते एविएशन क्षेत्र की कहानी का हिस्सा है। आइए देखें, इसने देश पर क्या असर डाला:
1. एयरलाइनों की प्राथमिकता
Air India, Indigo, Vistara, Emirates जैसी कंपनियों ने बेंगलुरु को अपने मुख्य केंद्रों (Hubs) में शामिल किया है। यह शहर की कनेक्टिविटी को विश्व स्तर पर ले जाता है।
2. साउथ इंडिया का गेटवे
KIA अब न सिर्फ कर्नाटक, बल्कि तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के लाखों यात्रियों का प्राथमिक विकल्प बन चुका है।
3. रोजगार और निवेश का केंद्र
BIAL और उससे जुड़े कारोबारी हब के कारण 1000 से अधिक कंपनियों ने आसपास निवेश किया है।
यात्रियों की प्रतिक्रियाएँ और अनुभव
बिना यात्रियों की संतुष्टि के कोई एयरपोर्ट सफल नहीं हो सकता। आइए जानते हैं कि आम यात्रियों का अनुभव कैसा रहा:
1. पॉजिटिव अनुभव:
स्वच्छता और हरियाली: यात्रियों ने एयरपोर्ट की स्वच्छता और हरियाली की सराहना की
फास्ट सिक्योरिटी चेक: टचलेस और डिजिटलीकृत सुरक्षा जांच ने प्रक्रिया आसान बनाई
पार्किंग और पिकअप ज़ोन: अब बेहतर और सुव्यवस्थित
2. नकारात्मक पहलू:
महंगा फूड और शॉपिंग: एयरपोर्ट परिसर में वस्तुएं महंगी हैं
लंबी दूरी और किराया: शहर से एयरपोर्ट तक टैक्सी का किराया बहुत अधिक होता है
अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से Kempegowda International Airport की स्थिति
आज जब दुनिया भर में विमानन उद्योग नई दिशा में जा रहा है, Kempegowda International Airport ने अपनी मौजूदगी मजबूत की है।
Singapore Changi, Dubai और Doha जैसे एयरपोर्ट्स के साथ KIA अब तुलना में आता है
‘स्मार्ट एयरपोर्ट्स’ क्लब में भारत की पहली बड़ी एंट्री
संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल्स (SDG) के अनुसार कार्य कर रहा है

शिक्षा और अनुसंधान में योगदान
BIAL ने बेंगलुरु की संस्थाओं के साथ मिलकर एविएशन, मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग से जुड़े शोध प्रोजेक्ट शुरू किए हैं:
IIMB, NLSIU, और IISc जैसे संस्थानों से साझेदारी
छात्रों को इनोवेशन लैब्स में काम करने का मौका
“Airport Innovation Challenge” जैसे प्रोग्राम
महिला सशक्तिकरण और समावेश
Kempegowda International Airport ने कर्मचारियों और सेवा प्रदाताओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है:
महिला चालकों की नियुक्ति
महिला-विशेष सुरक्षा और हेल्थ सुविधा
“She Toilets”, “Baby Feeding Zone” जैसी सुविधाएं
BIAL का प्रबंधन दर्शन: लाभ से परे सोच
Bangalore International Airport Limited (BIAL) का जो प्रबंधन मॉडल है, वह केवल व्यावसायिक लाभ के पीछे नहीं भागता, बल्कि वह एक “Public Private Partnership (PPP)” के सफल उदाहरण के रूप में सामने आया है। इसके प्रबंधन की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं:
1. दीर्घकालिक दृष्टिकोण
BIAL के निवेशक तात्कालिक लाभ से अधिक भविष्य की स्थिति को प्राथमिकता देते हैं। इसी कारण Terminal 2 जैसे बड़े निवेश लाभ आने से पहले ही किए गए।
2. Stakeholder Engagement
यह केवल यात्रियों या कर्मचारियों का एयरपोर्ट नहीं है — यह किसानों, ग्रामीणों, पर्यावरणविदों, और नीति निर्माताओं का भी है। BIAL हर निर्णय से पहले सभी हितधारकों को शामिल करता है।
3. Innovation-Driven Management
हर समस्या का हल तकनीक से नहीं, समझदारी से किया गया। चाहे वह Terminal का डिज़ाइन हो या कार्बन उत्सर्जन को घटाने की रणनीति, BIAL ने नवाचार को केंद्र में रखा।
नीति निर्माताओं के लिए सुझाव: क्यों हर शहर को Kempegowda International Airport जैसी सोच अपनानी चाहिए?
1. सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करें:
यदि पारदर्शिता और जवाबदेही हो, तो PPP मॉडल सबसे सफल हो सकता है।
2. मास्टर प्लान आधारित विकास हो:
बेतरतीब शहरीकरण और हवाई अड्डों के विस्तार से परे, एक स्पष्ट 10–15 वर्षों का ब्लूप्रिंट होना चाहिए।
3. ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दें:
पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन, वर्षा जल संचयन, और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत — ये भविष्य हैं।
4. हर एयरपोर्ट को केवल ट्रांजिट नहीं, अनुभव केंद्र बनाएं:
जैसे Kempegowda International Airport आज केवल हवाई अड्डा नहीं, बल्कि एक ‘Airport City’ है।
नागरिक की भूमिका: हम क्या कर सकते हैं?
1. स्थायी यात्रा को प्रोत्साहित करें:
एयरपोर्ट तक पहुँचने के लिए सार्वजनिक परिवहन या EV टैक्सियों का उपयोग करें।
2. सकारात्मक फीडबैक और सुझाव दें:
यात्रियों के सुझाव ही किसी भी सेवा को बेहतर बनाते हैं। BIAL विशेष रूप से फीडबैक पर कार्रवाई करता है।
3. अपने आसपास Kempegowda International Airport जैसी सफलता की प्रेरणा फैलाएं:
स्कूलों, कॉलेजों, या लोकसभा/नगर परिषद के कार्यक्रमों में ऐसे मॉडलों की जानकारी दें।
Kempegowda International Airport – ऐतिहासिक लाभ पर आधारित FAQs
Q1. क्या Kempegowda International Airport ने पहली बार लाभ कमाया है?
उत्तर: हाँ, 2023-24 में बेंगलुरु के Kempegowda International Airport (KIA) ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार लाभ कमाया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि पहले वर्षों में एयरपोर्ट लगातार घाटे में रहा था।
Q2. यह लाभ कितना था और किसने घोषित किया?
उत्तर: Bangalore International Airport Limited (BIAL), जो कि इस एयरपोर्ट का संचालन करता है, ने वर्ष 2023-24 में लगभग ₹720 करोड़ का लाभ दर्ज किया। यह लाभ BIAL के आधिकारिक वित्तीय रिपोर्ट द्वारा घोषित किया गया।
Q3. यह लाभ क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
Kempegowda International Airport का लाभ इसलिए विशेष है क्योंकि:
यह भारत के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स में से एक बन चुका है।
यह लाभ स्थायित्व, दक्षता और रणनीतिक निवेश का संकेत है।
यह पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल की सफलता को दर्शाता है।
Q4. लाभ के मुख्य कारण क्या थे?
उत्तर:
यात्री संख्या में बढ़ोतरी (5 करोड़ से अधिक यात्री)
कार्गो ट्रैफिक में वृद्धि
Terminal 2 के संचालन से अतिरिक्त राजस्व
गैर-एविएशन आय (जैसे रिटेल, पार्किंग, फूड कोर्ट, लॉजिस्टिक्स)
Q5. क्या COVID-19 का असर अब खत्म हो गया है एयरपोर्ट के लिए?
उत्तर: COVID-19 के दौरान भारी नुकसान उठाने वाले Kempegowda International Airport ने अब रिकवरी पूरी कर ली है। 2022 के बाद से यात्रियों की संख्या तेज़ी से बढ़ी और एयरलाइन गतिविधियाँ सामान्य से भी अधिक हो गई हैं।
Q6. कौन इसका संचालन करता है?
उत्तर:
Kempegowda International Airport का संचालन Bangalore International Airport Limited (BIAL) करता है। इसमें मुख्य भागीदार हैं:
Fairfax India Holdings (कनाडा)
Siemens Projects Ventures
कर्नाटक सरकार और भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण (AAI)
Q7. क्या Terminal 2 का कोई असर इस लाभ पर पड़ा?
उत्तर: हाँ, Terminal 2 (जिसे “Garden Terminal” कहा जाता है) ने नया रेवेन्यू चैनल खोला। इसने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्री दोनों को आकर्षित किया और एयरपोर्ट की सेवा क्षमता को दोगुना कर दिया।
Q8. क्या Kempegowda International Airport पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है?
उत्तर: बिलकुल। KIA भारत का पहला 100% सौर ऊर्जा से संचालित एयरपोर्ट है। Terminal 2 का डिज़ाइन प्राकृतिक वेंटिलेशन और हरित संरचनाओं पर आधारित है।
Q9. Kempegowda International Airport किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित हुआ है?
उत्तर:
Kempegowda Airport को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें शामिल हैं:
Skytrax द्वारा “Best Airport in South Asia”
ACI द्वारा “Customer Experience Award”
LEED Platinum सर्टिफिकेट (T2 के लिए)
Q10. यह उपलब्धि अन्य भारतीय एयरपोर्ट्स के लिए क्या संदेश देती है?
उत्तर: Kempegowda International Airport की यह सफलता बताती है कि यदि दीर्घकालिक सोच, रणनीतिक निवेश और पारदर्शी प्रबंधन हो, तो कोई भी एयरपोर्ट वैश्विक मानकों पर कामयाब हो सकता है।
Q11. क्या आम नागरिक को इसका कोई लाभ है?
उत्तर: हाँ, बेहतर कनेक्टिविटी, रोजगार के अवसर, क्षेत्रीय विकास, और अधिक सुविधाएं — ये सभी नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचाते हैं।
Q12. क्या सरकार की कोई भूमिका रही इस लाभ में?
उत्तर: कर्नाटक सरकार और केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण, नीतिगत सहयोग, और बुनियादी ढांचे के विकास में सक्रिय भूमिका निभाई है। PPP मॉडल की सफलता में सरकार की भागीदारी अहम रही।
Q13. क्या भविष्य में और विस्तार की योजना है?
उत्तर: हाँ, BIAL अगले चरण में Terminal 3, MRO हब (Maintenance, Repair & Overhaul), और एक मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) पर काम कर रहा है।
Q14. क्या Kempegowda International Airport सिर्फ एक हवाई अड्डा है?
उत्तर: नहीं, यह अब एक “Airport City” की तरह विकसित हो रहा है, जहाँ होटल, व्यवसायिक क्षेत्र, लॉजिस्टिक्स हब और पर्यटन स्थल बनाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
बेंगलुरु का Kempegowda International Airport (KIA) अपनी स्थापना के बाद पहली बार 2023-24 में मुनाफे में आया, जो भारत के विमानन इतिहास में एक मील का पत्थर है।
यह न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक भी है कि सुनियोजित रणनीति, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP मॉडल), और सतत नवाचार किसी भी संस्थान को घाटे से उबारकर वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिला सकते हैं।
Kempegowda International Airport की यह सफलता COVID-19 जैसी वैश्विक आपदा से उबरने, यात्री सुविधाओं को उच्च स्तर तक पहुंचाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार व्यवहार अपनाने की भी कहानी है।
Terminal 2 जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे, 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित संचालन, और रिकॉर्ड यात्री व कार्गो ट्रैफिक ने इसे एक स्मार्ट, हरित और लाभदायक एयरपोर्ट के रूप में स्थापित कर दिया है।
इस उपलब्धि ने भारत के अन्य हवाई अड्डों को भी प्रेरणा दी है कि गुणवत्ता, पारदर्शिता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाकर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा की जा सकती है।
आम जनता, सरकार, निवेशक और प्रबंधन सभी ने मिलकर इस सफलता को संभव बनाया है।
Kempegowda International Airport अब केवल एक एयरपोर्ट नहीं रहा, यह भारत की उड़ान, उम्मीद और उन्नति का प्रतीक बन गया है।
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